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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#27
SP मेरी काबिलियत जानता था ,और मेरा शुभचिंतक भी था,और ईमानदार भी ,इसलिए हमारी अच्छी पटती थी ,
“ह्म्म्म तुम समझदार हो अभी लेकिन सम्हलकर ,और हा जंहा तक अब्दुल की बात है साले ने रंग दिखाना शुरू कर दिया है,खबरे आनी शुरू हो गई है की वो फिर से अपने गैंग को तैयार कर रहा है,पुलिस वालो और अधिकारियों को खरीद रहा है,और फिर से हथियार ,जुआ सट्टा ,अवैध शराब और ड्रग्स का धंधा जमाना चाहता है ,और अब तो वो भूमाफिया भी बनने के फिराक में है ,कमाई के लिए हर गोरखधंधा करेगा वो अब ..”
“हम्म ..”मैंने एक गहरी सांस ली
“वो तो मुझे पता था ही की बंसल के कमजोर पड़ने के बाद अब्दुल ताकतवर बन जाएगा और उसके सभी धंधे खुद ही सम्हालने लगेगा ,हमने अपना काम ईमानदारी से किया है सर बस इसी चीज की खुसी है की रात में चैन से सो तो पाते है,और बिना ऑर्डर के करे भी तो क्या करे,या किसी के कम्प्लेन का वेट करते है..”
“लेकिन तुम अपने मुखबिरों के टच में रहो,उसे अभी रोका जा सकता है अगर वो बढ़ गया तो फिर से रोकना मुश्किल हो जाएगा..”
मैंने सर हा में हिलाया और दोनो फिर से अंदर चले गए,
रोहित और मोना अभी किचन में थे,हम दोनो आकर अपनी जगह पर बैठ गए,थोड़ी ही देर में खाना भी लग गया….
“क्या तुम रोहित से उतना ही प्यार करती हो जितना मुझसे ..”
मोना चौकी ,अभी वो मेरी बांहो में थी और अभी अभी हम दोनो एक दूसरे में झड़ कर लेटे हुए थे ..
“पागल हो गए हो गए हो क्या क्या बक रहे हो ..”
“जबसे तुम उससे मिली हो तब से तुम मुझसे बहुत कुछ छिपाने लगी हो ,मसलन अब तुम्हारे सभी मेसेज कट चुके होते है “
मोना की आंखे लाल हो चुकी थी,आजतक किसी लड़के के बारे में बात करते हुए मैंने उसे ऐसे हालत में नही देखा था ..
“तुम मुझपर शक कर रहे हो ..”उसकी आवाज में दर्द था 
“नही जान ,मैं तो बस ये कह रहा हु की अगर तुम चाहो तो …..तुम तो मेरी फेंटेसी जानती हो ना “
वो उठ बैठी ,उसके चहरे पर अजीब से भाव आ रहे थे…
“किसी और के बारे में बोलते हो मुझे बुरा नही लगता लेकिन रोहित ..जानते हो ना की वो मेरे लिए कितना इम्पोर्टेन्ट है ,दोस्त है वो मेरा “
उसके इस रिएक्शन से मैं थोड़े देर के लिए चुप हो गया..
“आपकी फेंटेसी के लिए मैं किसी दूसरे मर्द की कल्पना भी कर सकती हु लेकिन रोहित की नही ,किसी और का नाम भी ले सकती हु ,किसी और के बारे में बोलकर आपको जला सकती हु लेकिन रोहित नही,अगर आप चाहो तो किसी का बिस्तर भी गर्म कर दूंगी लेकिन वो रोहित नही होगा ..”
उसके आंखों में आंसू आ चुके थे .मैं प्यार से उसके गालो को सहलाया और अपने सीने से लगा लिया,
“मैंने ऐसा कब कहा जान,मैं तो बस इतना जानता चाहता था की क्या तुम उससे प्यार करती हो ...और मुझे जवाब मिल गया “
वो मेरी ओर आश्चर्य से देखने लगी ….
“तुम इसीलिए रोहित का नाम नही लेना चाहती क्योकि तुम डरती हो की तुम्हारे अंदर वो भावनाएं ना जाग जाए जो तुम अपने सीने में दबाए बैठी हो ...तुम किस्से झूट बोल रही हो जान मुझसे या अपने आप से ..”
वो मुझे आंखे फाडे हुए देख रही थी ...जैसे उसे पता था की मैं जो भी कह रहा हु वो सभी सच ही तो था,
“जान सुनो मेरी बात मैं बस ये कह रहा हु की ऐसे घुट कर रहने से क्या फायदा है ,मैं तुम्हे खुस देखना चाहता हु और तुम ये भी जानती हो की मैं किन चीजों से उत्तेजित होता हु तो ….तो तुम अपनी जिंदगी इस शादी के बोझ के कारण खराब मत करो तुम उसी खुलेपन से अपनी जिंदगी जिओ जैसा जीना चाहती हो ..मैं तुमसे प्यार करता हु और करता रहूंगा ...बाकी तुम्हारी मर्जी मैं तुम्हे किसी भी चीज के लिए फोर्स नही करूंगा “
मैंने फिर से उसके गालो को चूमा ,लेकिन इस बार वो बेहद ही शांत थी,मैं लेटा रहा और वो बैठी हुई किसी सोच में डूबी रही …
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 10-08-2020, 09:20 AM



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