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Adultery बीवी के गुलाम आशिक़
#26
वो तो आपकी मर्जी है सर,लेकिन मुझे लगता है की बेटी का प्यार वापस चाहिए तो थोड़ी ना करके हा करना सही रहेगा “
वो खिलखिला उठा ,
“वेरी गुड तो कहने की जरूरत नही की तुम मेरे साथ हो ..”
“बिल्कुल सर “
“ह्म्म्म तो अब तुम जा सकते हो ,लेकिन जरा बचके ये बात बाहर नही जानी चाहिए “
उसने हम दोनो को घूरा और हम दोनो ने ही सर हिलाया ….नारी का संम्मान सबसे ऊपर होता है,सिर्फ जिस्म की चाह करना उसकी बेज्जती है ,नारी तो प्यार का सागर होती है उससे प्यार करो उसका सम्मान करो ,लेकिन नही लोगो तो बस जिस्म की भूख सताए हुए है ,अरे भई जब लड़की का प्यार ही तुम्हे नही मिला हो तो जिस्म से कैसे सुख भोग सकते हो ,बिना प्यार के किया हुआ सेक्स भी कोई सेक्स होता है क्या...लेकिन लोगो को तो जबरदस्ती करनी है चाहे लड़की को ही क्यो ना हो ..वो तो उन्हें इंसान समझते ही नही ,बेचारी लड़की …”
SP साहब ने पूरा जाम एक ही सांस में पी लिया ,माहौल गमगीन हो चुका था,मैं और रोहित ऐसे नजर गड़ाए बैठे थे मानो कोई गुनाह कर दिया हो ,मोना भी हमारे बीच बैठी चुप थी और किसी सोच में बैठी थी असल में हम सभी के दिमाग में इस खबर के कारण कई विचार चल रहे थे..
आज सुबह की घटना ने समाज को दहला कर रख दिया था,एक नाबालिक लड़की का रेप कर मर्डर कर दिया गया था,कातिल तो पकड़े गए थे लेकिन एक बार फिर से ये सवाल समाज के सामने खड़ा हो चुका था की आखिर क्यो..?
क्यो ऐसी दरिंदगी इस समाज में फैल गई है…आज मेरे घर में रोहित और SP साहब डिनर पर आये थे और यही बात हमारे बीच उठ गई ..
“इन्हें इतनी भी शर्म नही आती जब कहते है की लड़की का बलात्कार उनके कम कपड़े पहनने से होता है..”
मोना ने चिढ़ते हुए कहा ..
“क्या साड़ी और बुर्के पहनी औरतो का बलात्कार नही होता ,ये समाज क्यो नही समझता की बलात्कार की वजह मर्द के शरीर की वासना ही है जो उसके अंदर ही है ,लड़की को देखकर अगर वो वासना जगती है तो उसमे लड़की की क्या गलती है ..”
थोड़ी देर तक सभी चुप ही थे ,
“मुझे लगता है की ये बहस बहुत ही बड़ी है और अगर समाज को बदलना है तो खुद को बदलना होगा,क्योकि हमशे ही तो समाज का निर्माण होता है ना की समाज से हमारा..”
रोहित बोल उठा
“तुम सही हो रोहित लेकिन फिर भी थोड़ी गलती कर रहे हो ,हमसे ही समाज का निर्माण होता है लेकिन फिर भी समाज से ही मनुष्य के सोचने का तरीका निर्धारित होता है ,तो देखा जाए तो दोनो ही एक दूसरे के पूरक हुए ना..मनुष्य समाज को बनाता है फिर समाज मनुष्य को बनाने लगती है ,पहले जो चीजे जरूरतें होती है अब वो मजबूरी बन जाती है …”
मैंने एक गहरी सांस छोड़ी ..
“वो सब छोड़ो यार ,तुम बताओ तुमसे मैं पहली बार मिला रहा हु,तो क्या करते हो “
SP ने रोहित से पूछा 
“जी सर मैं अभी ** कंपनी में हु ,मोना के कालेज का दोस्त हु “
“हा वो तो बतलाया था अभी ने ..तो अभी यार मंत्री जी को क्या गोटी पिलाकर आ गए ,की हमारा सस्पेंसन ऑर्डर ही कैंसल हो गया “
अब वो उद्दे पर थे जिसके कारण हम सभी यंहा बैठे थे ,हमारा सस्पेंसन ऑर्डर का कैंसल होना ..
“कुछ नही बस चाहते है की मैं उनके लिए काम करू ,अब सोच रहा हु की थोड़ी पोलिटिकल सपोर्ट होनी भी जरूरी है ,बंसल भले ही जेल में है लेकिन फिर भी बाहर कुछ पकड़ तो रखता है,हमारे पास भी तो कोई बेकअप होना चाहिए ..”
“हा ये भी सही है ..”SP ने पहले रोहित फिर मोना को देखा फिर मुझे आंखों से इशारा किया,मैं समझ गया था की वो मुझसे अकेले में कोई बात करना चाहते है ..
हम दोनो गैलरी में खड़े थे,और वो दोनो अंदर थे ..
“अभी ये मंत्री बहुत ही कमीने टाइप के होते है ,मेरी मानो तो अभी हमे अब्दुल पर ध्यान देना चाहिए ,”
“वो तो है लेकिन फिर भी सपोर्ट के बिना हम कर ही क्या सकते है ,अब्दुल अभी तक उतना ताकतवर तो हुआ नही है की उससे डरना पड़े ,और सर मंत्री जी कोई रोज तो काम नही देंगे ,जब उन्हें जरूरत होगी तब उनकी मदद कर दूंगा,और अगर उनके खिलाफ भी कुछ मिला तो वो भी जेल में “
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RE: बीवी के गुलाम आशिक़ - by Deadman2 - 10-08-2020, 09:20 AM



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