10-08-2020, 09:18 AM
खाली होने का दर्द क्या होता है ये उस आदमी से पूछो जिसे पहले अपने काम से एक मिनट की भी फुरसत नही मिलती थी और आज वो एकदम खाली बैठा हुआ हो,यही हाल मेरा भी हो रहा था,जासूसी और खतरों से खेलने का कीड़ा लगा बैठा था अब अपनी ही बीवी की जासूसी करके अपनी ही गांड जला रहा था,
लेकिन एक अजीब वाकया मेरे साथ मुझे सीधे कमिश्नर का फोन आया,पहले तो मेरी भी फट के चार हो गई थी ,लेकिन उसके बाद जो उन्होंने बोला उससे और भी फट गई,गृहमंत्री मुझसे मिलना चाहते थे,बंसल(वो मंत्री जिसे मैंने गिरफ्तार करवाया था,अब वो ना तो नेता बचा ना मंत्री तो नाम ही लिख रहा हु) के बारे में कोई बात करनी थी …
मैं दौड़ता हुआ वँहा पहुचा,एक और आश्चर्य था की मुझे वेट भी नही करना पड़ा ,मुझे तुरंत अंदर बुला लिया गया,कमिश्नर साहब पहले ही विराजमान थे,
“आओ आओ अभिषेक ..बहुत सुना है तुम्हारे बारे में “
गृहमंत्री ने बड़े ही प्यार से मुझे बिठाया …
“तो सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के सबसे काबिल जासूस कहलाते हो तुम “
इतना बड़ा कॉम्प्लिमेंट और वो भी इतने बड़े आदमी से मैं थोड़ा शर्मा गया
“बस सर वो ..”
दोनो हल्के से हँसने लगे
“बंसल हमारे लिए भी एक कांटा ही था,उसे गिरफ्तार करवा कर तुमने हम लोगो को भी कई मुसीबत से बचा लिया ,जानते हो ना “
“जी सर “
“तुम्हे कैसे पता ?”
“क्योकि उस फाइल से कुछ चीजे मैंने ही निकाली थी “
दोनो की आंखे बड़ी हो गई और मैं जो इतने देर तक संकोच मे बैठा था थोड़ा फुल गया..
“जासूसी का कीड़ा नही जाएगा क्यो..”
गृहमंत्री के चहरे पर एक कुटिल मुस्कान थी
“मुझे पता था सर की बंसल उस लॉकर को इतने सिक्युरिटी में क्यो रख रहा था ,जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत मुझे हाथ लगे वो सभी आज जेल के अंदर है ,बाकी जो जेल के अंदर नही है या तो उनके खिलाफ पुख्ता सुबूत नही थे ,या उनके गुनाह इतने बड़े नही थे …”
मंत्री जी बेहद ही गंभीर लेकिन चालाकी वाली मुस्कान से मुकुराये ..
“तो हमारे खिलाफ क्या मिला ..”
“कुछ खास नही सर बस ये ..”
मैंने जेब से एक पेन ड्राइव निकाल कर दे दिया..
“मुझे नही लगता की ये कोई ऐसा गुनाह है जिसके लिए एक मंत्री को सजा मिले,अगर इतना नही करेंगे तो काम कैसे करेंगे “
मंत्री जी ने तुरंत ही उसे अपने लेपटॉप में लगाया और राहत की एक गहरी सांस ली..
“तुम समझदार आदमी हो अभिषेक ,तुम्हे तो प्रमोशन मिलना चाहिए “
“थैंक्यू सर ..”
सच में उनके खिलाफ ऐसा कुछ नही था जिसे मैं छुपाता इसलिए उन सबूतो को देकर अपनी थोड़ी अच्छी इमेज बनाना ही मेरा मकसद था ,मेरे ऊपर लगा सस्पेंड भी वो हटवा सकते थे और साथ में प्रमोशन भी मिल सकती थी ..
“अच्छा सुना है तुम बड़े अच्छे जासूस हो कुछ हमारे बारे में भी बतलाओ ..”
मैं चौका
‘क्या सर
“कुछ भी यार ,मुझे देखकर क्या लगता है …”
मैंने उनके चहरे को ध्यान से देखा ,वो मुस्कुरा रहे थे
“लोग आपको जो भी कहे लेकिन आप दिल के बड़े ही नरम आदमी है “
दोनो ही जोरो से हंसे
“अभी से चापलूसी शुरू कर दिया तुमने “कमिश्नर साहब ने कहा
“नही सर बस चहरा देख कर कुछ चीजे पता लग जाती है ..”
“अच्छा ठीक है तो बतलाओ और कुछ “
मैं उनका चहरा ऐसे देख रहा था जैसे कुछ पढ़ रहा हु
“आप अपने परिवार से बेहद प्यार करते है खासकर अपनी बेटी से ..”
मेरी बात सुनकर ही दोनो के चहरे का रंग उड़ गया
“ये क्या बक रहा है ,मंत्री जी को बस एक बेटा है “
कमिश्नर चिल्लाया,उसके चहरे की भी हवाइयां उड़ी हुई थी
“सर मैं जो देख रहा हु बस वही कह रहा हु,ऐसे आपकी बेटी आपको पसंद नही करती “
कमिश्नर फिर से चिल्लाने वाला था लेकिन मंत्री ने उसे इशारे से रोक दिया ..
“ह्म्म्म और बोलो ..”वो एक बेहद गंभीर स्वर में बोलो
“लेकिन उसे अपनी गलती का अहसास होगा वो आपके पास आएगी ,जब उसे प्यार होगा तो वो भी आपकी मजबूरी को समझ पाएगी ,और शायद आप भी उसकी मजबूरी को समझ पाओगे ..यही समय होगा जब आपको एक फैसला करना होगा ,हा या ना का फैसला ..एक फैसला आपकी बाकी के जीवन को प्रभावित करेगा ..”
उनके आंखों में आंसू था …
“सच बता की तुझे कैसे पता की मेरी कोई बेटी है ..”
“आपके चहरे में लिखा हुआ है ..”
वो हँस पड़े
“चुतिया समझ के रखा है ,एक झपडी में रहने वाले से आज एक गृहमंत्री बन गया हु ,ऐसे ही नही बन गया बेटे ..”
कमिश्नर दुविधा में हम दोनो को देख रहा था ,
मैंने एक गहरी सांस ली …
“बस पता है ये मत पूछिये की कैसे ..”
“ह्म्म्म तो ये भी पता होगा की मुझे वो हा या ना का फैसला कैसे करना है ..”
मैंने ना में सर हिलाया
“ये तो पता होगा की किसके लिए करना है ..”
मैंने हा में सर हिलाया
“तो इतने दिन घर में बैठ कर तुम मक्खी नही मार रहे हो ,बड़े पहुचे हुए चीज हो तुम मान गया तुम्हे ..”
कमिश्नर अब भी बेहद ही कंफ्यूज था ..
“बस ये बताओ की ना में फैसला करू की हा में ..”
््
लेकिन एक अजीब वाकया मेरे साथ मुझे सीधे कमिश्नर का फोन आया,पहले तो मेरी भी फट के चार हो गई थी ,लेकिन उसके बाद जो उन्होंने बोला उससे और भी फट गई,गृहमंत्री मुझसे मिलना चाहते थे,बंसल(वो मंत्री जिसे मैंने गिरफ्तार करवाया था,अब वो ना तो नेता बचा ना मंत्री तो नाम ही लिख रहा हु) के बारे में कोई बात करनी थी …
मैं दौड़ता हुआ वँहा पहुचा,एक और आश्चर्य था की मुझे वेट भी नही करना पड़ा ,मुझे तुरंत अंदर बुला लिया गया,कमिश्नर साहब पहले ही विराजमान थे,
“आओ आओ अभिषेक ..बहुत सुना है तुम्हारे बारे में “
गृहमंत्री ने बड़े ही प्यार से मुझे बिठाया …
“तो सिक्युरिटी डिपार्टमेंट के सबसे काबिल जासूस कहलाते हो तुम “
इतना बड़ा कॉम्प्लिमेंट और वो भी इतने बड़े आदमी से मैं थोड़ा शर्मा गया
“बस सर वो ..”
दोनो हल्के से हँसने लगे
“बंसल हमारे लिए भी एक कांटा ही था,उसे गिरफ्तार करवा कर तुमने हम लोगो को भी कई मुसीबत से बचा लिया ,जानते हो ना “
“जी सर “
“तुम्हे कैसे पता ?”
“क्योकि उस फाइल से कुछ चीजे मैंने ही निकाली थी “
दोनो की आंखे बड़ी हो गई और मैं जो इतने देर तक संकोच मे बैठा था थोड़ा फुल गया..
“जासूसी का कीड़ा नही जाएगा क्यो..”
गृहमंत्री के चहरे पर एक कुटिल मुस्कान थी
“मुझे पता था सर की बंसल उस लॉकर को इतने सिक्युरिटी में क्यो रख रहा था ,जिनके खिलाफ पुख्ता सबूत मुझे हाथ लगे वो सभी आज जेल के अंदर है ,बाकी जो जेल के अंदर नही है या तो उनके खिलाफ पुख्ता सुबूत नही थे ,या उनके गुनाह इतने बड़े नही थे …”
मंत्री जी बेहद ही गंभीर लेकिन चालाकी वाली मुस्कान से मुकुराये ..
“तो हमारे खिलाफ क्या मिला ..”
“कुछ खास नही सर बस ये ..”
मैंने जेब से एक पेन ड्राइव निकाल कर दे दिया..
“मुझे नही लगता की ये कोई ऐसा गुनाह है जिसके लिए एक मंत्री को सजा मिले,अगर इतना नही करेंगे तो काम कैसे करेंगे “
मंत्री जी ने तुरंत ही उसे अपने लेपटॉप में लगाया और राहत की एक गहरी सांस ली..
“तुम समझदार आदमी हो अभिषेक ,तुम्हे तो प्रमोशन मिलना चाहिए “
“थैंक्यू सर ..”
सच में उनके खिलाफ ऐसा कुछ नही था जिसे मैं छुपाता इसलिए उन सबूतो को देकर अपनी थोड़ी अच्छी इमेज बनाना ही मेरा मकसद था ,मेरे ऊपर लगा सस्पेंड भी वो हटवा सकते थे और साथ में प्रमोशन भी मिल सकती थी ..
“अच्छा सुना है तुम बड़े अच्छे जासूस हो कुछ हमारे बारे में भी बतलाओ ..”
मैं चौका
‘क्या सर
“कुछ भी यार ,मुझे देखकर क्या लगता है …”
मैंने उनके चहरे को ध्यान से देखा ,वो मुस्कुरा रहे थे
“लोग आपको जो भी कहे लेकिन आप दिल के बड़े ही नरम आदमी है “
दोनो ही जोरो से हंसे
“अभी से चापलूसी शुरू कर दिया तुमने “कमिश्नर साहब ने कहा
“नही सर बस चहरा देख कर कुछ चीजे पता लग जाती है ..”
“अच्छा ठीक है तो बतलाओ और कुछ “
मैं उनका चहरा ऐसे देख रहा था जैसे कुछ पढ़ रहा हु
“आप अपने परिवार से बेहद प्यार करते है खासकर अपनी बेटी से ..”
मेरी बात सुनकर ही दोनो के चहरे का रंग उड़ गया
“ये क्या बक रहा है ,मंत्री जी को बस एक बेटा है “
कमिश्नर चिल्लाया,उसके चहरे की भी हवाइयां उड़ी हुई थी
“सर मैं जो देख रहा हु बस वही कह रहा हु,ऐसे आपकी बेटी आपको पसंद नही करती “
कमिश्नर फिर से चिल्लाने वाला था लेकिन मंत्री ने उसे इशारे से रोक दिया ..
“ह्म्म्म और बोलो ..”वो एक बेहद गंभीर स्वर में बोलो
“लेकिन उसे अपनी गलती का अहसास होगा वो आपके पास आएगी ,जब उसे प्यार होगा तो वो भी आपकी मजबूरी को समझ पाएगी ,और शायद आप भी उसकी मजबूरी को समझ पाओगे ..यही समय होगा जब आपको एक फैसला करना होगा ,हा या ना का फैसला ..एक फैसला आपकी बाकी के जीवन को प्रभावित करेगा ..”
उनके आंखों में आंसू था …
“सच बता की तुझे कैसे पता की मेरी कोई बेटी है ..”
“आपके चहरे में लिखा हुआ है ..”
वो हँस पड़े
“चुतिया समझ के रखा है ,एक झपडी में रहने वाले से आज एक गृहमंत्री बन गया हु ,ऐसे ही नही बन गया बेटे ..”
कमिश्नर दुविधा में हम दोनो को देख रहा था ,
मैंने एक गहरी सांस ली …
“बस पता है ये मत पूछिये की कैसे ..”
“ह्म्म्म तो ये भी पता होगा की मुझे वो हा या ना का फैसला कैसे करना है ..”
मैंने ना में सर हिलाया
“ये तो पता होगा की किसके लिए करना है ..”
मैंने हा में सर हिलाया
“तो इतने दिन घर में बैठ कर तुम मक्खी नही मार रहे हो ,बड़े पहुचे हुए चीज हो तुम मान गया तुम्हे ..”
कमिश्नर अब भी बेहद ही कंफ्यूज था ..
“बस ये बताओ की ना में फैसला करू की हा में ..”
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