10-08-2020, 08:10 AM
लगभग दस पंद्रह मिनट के बाद बेल बजी ।
तब तक तनु भी सो गया था तो सीमा मुझे बोली कि तुम इसको लेजाकर गेस्ट रूम में सुला देना ,और अगर देखना हो तो खिड़की खोल लेना में तुमको पानी की बोतल दे देती हूँ बाकी अंदर टॉयलेट तो है ही ।
में उसको एक चपत लगते बोली कि अभी मेरा पति ऊपर ही है, टॉयलेट में क्या करूँगी तुम एन्जॉय कर खुल के ,
और फिर उसके बच्चे को लेकर गेस्ट रूम में आई और उसको सुलाकर खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला तब सीमा गेट खोलने गई।
मेने एक कुर्सी को खिड़की के पास रख और उस पर बैठ कर देखने लगी ।
दिनु काका ने अंदर आते ही पहले तो सीमा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया ।
फिर घर मे चारों तरफ देखा कि कोई है तो नही ।
तो सीमा ने कहा ,--कोई नही है तनु सोया है कमला आज अभी तक नही आई है।
जैसे ही दिनू काका ने सुना उसने सीमा को पकड़ा और उसको घुमा कर उसकी गाँड पर दोनों और एक एक जोरदार थपड मारा ।
सीमा ,--आह....रुको गाउन खोलने दो ऐसे मज़ा नही आता।
मुझे तो बड़ा ताज्जुब हुआ कि ये बूढा जिसकी औकात सीमा जैसी औरत को छूने की भी नही है वो उसकी गाँड पर इतनी जोर से मार दिया और सीमा उल्टा गाउन खोलकर मारने को बोल रही है।
तभी सीमा ने गाउन निकाल दिया पर ये क्या उसने सिर्फ पेंटी पहनी थी ब्रा का कोई नामोनिशान नही था।
उसकी विशाल बूब्स को देखकर मुझे जलन होने लगी कि काश मेरी भी ऐसे बड़े बड़े बूब्स होते फिर उस दिन की मसाज याद आयी कि बूढा बोला था कि उसी ने सीमा के बूब्स को बड़ा किया है और वो जिस तरीके से मेरे बूब्स की जड़ों को खींच रहा था उससे तो निश्चित ही कुछ दिन में मेरी भी साइज 38 -40 की होते देर नही लगेगी ।
पर उसके लिए अमित का माइंड वाश करना पड़ेगा।
तभी मुझे समझ मे आया कि उसके बच्चे की वजह से शायद ब्रा नही पहनती होगी कि बार बार निप्पल चुसवाने को ब्रा का झंझट नही रहे।
पर पेंटी के नाम पर भी सिर्फ एक रस्सी दिख रही थी जो कमर से निकल कर गांड के दरार में घुस गई थी तो मुझे लगा कि थोंग पहनी होगी।
तभी सीमा बूढ़े के सामने झुक गयी और अपनी गाँड को बूढ़े की तरफ कर दी और बोली ,--पापा मारो ना।
दीनू काका के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और वो बोला हां बेटी ये ले ,और वो उसके कूल्हों को पीटने लगा ।
पर सीमा एक बार फिर से खड़ी होकर बोली ,ओह्ह काका आप बोलते हो कि मुझे सेक्स करते समय पापा बोला करो और फिर मारते वक्त आप बेटी समझ कर रहम दिखाने लगते है ,आप को कितनी बार बोला है कि जब मारो तो एक मस्त हसीना समझा करो और फिर अपनी गाँड को दीनू काका की तरफ कर दी।
दीनू काका ने भी इस बार जोर जोर से मारना चालू किया तो सीमा की चीखें निकलने लगी जिसमे दर्द कम और खुशी ज्यादा लगी उसकी गाँड पर लगने वाली थप थप की आवाज पूरे घर मे गूंज रही थी ।
मेने एक बार पीछे मुड़ कर देखा कि कही आवाज सुनकर तनु नही उठ जाए।
सीमा जब खड़ी हुई थी तो उसकि थोंग मुझे दिखाई दी जो सिर्फ उसकी चुत को कवर किये थी और ऐसा लग रहा था जैसे गुलाबी चुत हो जिससे से छेद गायब हो।
उसकी चीखे अब मजे में बदल चुकी थी पर गांड का रंग भी अब सफेद से लाल हो गया था और ऐसा लग रहा था कि उसमे से अभी खून निकलकर बाहर आ जायेगा ।
तभी दीनु काका मारना छोड़कर बोला ,--अरे सीमा बेटी मेरे तो हाथ मे दर्द होने लगा पर तुम आज तक अपने मुंह से नही बोली कि अब छोड़ दो दर्द हो रहा है ।
और उसने सीमा को अपनी और घुमाया तो देखा उसकी थोंग पूरी भीगी हुई थी जैसे उसने भीगी हुई पहनी हो ।
फिर दीनू काका ने उसकी साइड में हाथ डाल कर उसकी थोंग की गांठ खोल दी और उसके सामने बैठकर अपना मुंह उसकी चुत पर लगा दिया और जीभ निकालकर उसकी चुत को अंदर तक चाटने लगा ।
सीमा गरम सांसे छोड़ रही थी और उसकी सिसकिया मुझे सुनाई दे रही थी उसके अपने दोनों हाथ अपने बूब्स पर थे जिनको वो मसल रही थी ।
तभी उसकी नजर खिड़की की तरफ हुई और वो आंख गड़ा कर देखने लगी क्योंकि अंदर लाइट बन्द थी जब उसे में दिखी तो वो मुस्कुरा ने लगी।
जब अंदर से मैने देखा तो मुझे समझ मे आ गया कि वो जान बूझकर ऐसी जगह का चयन की थी जिससे मुझे पूरा लाइव शो दिखे ।
मेरी खुद की हालत खराब हो रही थी गाँड पर चोट सीमा को लग रही थी पर उसका असर मेरी चुत पर पड़ रहा था ।
और मेरा हाथ साड़ी के ऊपर से चुत पर था ।
तभी मेने सोचा कि में किसलिए डर रही हूं कमरा बन्द है सीमा मेरे सामने नंगी होकर चुत चटवा रही है और दिनु काका आज नही तो कल मुझे नंगा देखने ही वाले हैं तो क्यों ना ये कपडे खोलकर आराम से अंगुली करूँ
तब तक तनु भी सो गया था तो सीमा मुझे बोली कि तुम इसको लेजाकर गेस्ट रूम में सुला देना ,और अगर देखना हो तो खिड़की खोल लेना में तुमको पानी की बोतल दे देती हूँ बाकी अंदर टॉयलेट तो है ही ।
में उसको एक चपत लगते बोली कि अभी मेरा पति ऊपर ही है, टॉयलेट में क्या करूँगी तुम एन्जॉय कर खुल के ,
और फिर उसके बच्चे को लेकर गेस्ट रूम में आई और उसको सुलाकर खिड़की को धीरे से थोड़ा सा खोला तब सीमा गेट खोलने गई।
मेने एक कुर्सी को खिड़की के पास रख और उस पर बैठ कर देखने लगी ।
दिनु काका ने अंदर आते ही पहले तो सीमा को हाथ जोड़कर प्रणाम किया ।
फिर घर मे चारों तरफ देखा कि कोई है तो नही ।
तो सीमा ने कहा ,--कोई नही है तनु सोया है कमला आज अभी तक नही आई है।
जैसे ही दिनू काका ने सुना उसने सीमा को पकड़ा और उसको घुमा कर उसकी गाँड पर दोनों और एक एक जोरदार थपड मारा ।
सीमा ,--आह....रुको गाउन खोलने दो ऐसे मज़ा नही आता।
मुझे तो बड़ा ताज्जुब हुआ कि ये बूढा जिसकी औकात सीमा जैसी औरत को छूने की भी नही है वो उसकी गाँड पर इतनी जोर से मार दिया और सीमा उल्टा गाउन खोलकर मारने को बोल रही है।
तभी सीमा ने गाउन निकाल दिया पर ये क्या उसने सिर्फ पेंटी पहनी थी ब्रा का कोई नामोनिशान नही था।
उसकी विशाल बूब्स को देखकर मुझे जलन होने लगी कि काश मेरी भी ऐसे बड़े बड़े बूब्स होते फिर उस दिन की मसाज याद आयी कि बूढा बोला था कि उसी ने सीमा के बूब्स को बड़ा किया है और वो जिस तरीके से मेरे बूब्स की जड़ों को खींच रहा था उससे तो निश्चित ही कुछ दिन में मेरी भी साइज 38 -40 की होते देर नही लगेगी ।
पर उसके लिए अमित का माइंड वाश करना पड़ेगा।
तभी मुझे समझ मे आया कि उसके बच्चे की वजह से शायद ब्रा नही पहनती होगी कि बार बार निप्पल चुसवाने को ब्रा का झंझट नही रहे।
पर पेंटी के नाम पर भी सिर्फ एक रस्सी दिख रही थी जो कमर से निकल कर गांड के दरार में घुस गई थी तो मुझे लगा कि थोंग पहनी होगी।
तभी सीमा बूढ़े के सामने झुक गयी और अपनी गाँड को बूढ़े की तरफ कर दी और बोली ,--पापा मारो ना।
दीनू काका के चेहरे पर मुस्कान आ गयी और वो बोला हां बेटी ये ले ,और वो उसके कूल्हों को पीटने लगा ।
पर सीमा एक बार फिर से खड़ी होकर बोली ,ओह्ह काका आप बोलते हो कि मुझे सेक्स करते समय पापा बोला करो और फिर मारते वक्त आप बेटी समझ कर रहम दिखाने लगते है ,आप को कितनी बार बोला है कि जब मारो तो एक मस्त हसीना समझा करो और फिर अपनी गाँड को दीनू काका की तरफ कर दी।
दीनू काका ने भी इस बार जोर जोर से मारना चालू किया तो सीमा की चीखें निकलने लगी जिसमे दर्द कम और खुशी ज्यादा लगी उसकी गाँड पर लगने वाली थप थप की आवाज पूरे घर मे गूंज रही थी ।
मेने एक बार पीछे मुड़ कर देखा कि कही आवाज सुनकर तनु नही उठ जाए।
सीमा जब खड़ी हुई थी तो उसकि थोंग मुझे दिखाई दी जो सिर्फ उसकी चुत को कवर किये थी और ऐसा लग रहा था जैसे गुलाबी चुत हो जिससे से छेद गायब हो।
उसकी चीखे अब मजे में बदल चुकी थी पर गांड का रंग भी अब सफेद से लाल हो गया था और ऐसा लग रहा था कि उसमे से अभी खून निकलकर बाहर आ जायेगा ।
तभी दीनु काका मारना छोड़कर बोला ,--अरे सीमा बेटी मेरे तो हाथ मे दर्द होने लगा पर तुम आज तक अपने मुंह से नही बोली कि अब छोड़ दो दर्द हो रहा है ।
और उसने सीमा को अपनी और घुमाया तो देखा उसकी थोंग पूरी भीगी हुई थी जैसे उसने भीगी हुई पहनी हो ।
फिर दीनू काका ने उसकी साइड में हाथ डाल कर उसकी थोंग की गांठ खोल दी और उसके सामने बैठकर अपना मुंह उसकी चुत पर लगा दिया और जीभ निकालकर उसकी चुत को अंदर तक चाटने लगा ।
सीमा गरम सांसे छोड़ रही थी और उसकी सिसकिया मुझे सुनाई दे रही थी उसके अपने दोनों हाथ अपने बूब्स पर थे जिनको वो मसल रही थी ।
तभी उसकी नजर खिड़की की तरफ हुई और वो आंख गड़ा कर देखने लगी क्योंकि अंदर लाइट बन्द थी जब उसे में दिखी तो वो मुस्कुरा ने लगी।
जब अंदर से मैने देखा तो मुझे समझ मे आ गया कि वो जान बूझकर ऐसी जगह का चयन की थी जिससे मुझे पूरा लाइव शो दिखे ।
मेरी खुद की हालत खराब हो रही थी गाँड पर चोट सीमा को लग रही थी पर उसका असर मेरी चुत पर पड़ रहा था ।
और मेरा हाथ साड़ी के ऊपर से चुत पर था ।
तभी मेने सोचा कि में किसलिए डर रही हूं कमरा बन्द है सीमा मेरे सामने नंगी होकर चुत चटवा रही है और दिनु काका आज नही तो कल मुझे नंगा देखने ही वाले हैं तो क्यों ना ये कपडे खोलकर आराम से अंगुली करूँ