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Adultery बीवी की पार्टी
#65
मैं रुक गया. मैंने देखा की रेनू थोड़ी सी थकी हुई लग रही थी. मैं उसे ज्यादा परेशान नहीं करना चाहता था. मुझे तो उसको हम दोनों से चुदवाने के लिये मजबूर करना था, सो काम तो हो गया. रेनू ने थोड़ी देर बाद अपनी आँखे खोली और मुझे और राजेश को उसके बदन के पास ऊपर से उसको घूरते हुए देखा.

उसने हम दोनों के हाथ अपने हाथों में लिए और अपनी पोजीशन बदल कर बिस्तर पर खिसक कर सिरहाने पर सर रख कर लेट गयी. उसने मुझे अपनी टांगों की और धक्का दिया. मैं फिर उसकी चूत के पास पहुँच गया. तब रेनू ने मुझे खींच कर मेरा मुंह उसके मुंह से मिलाकर मेर लण्ड को अपने हाथ में लिया और अपनी टांगो को फिर ऊपर करके मेरे लण्ड को अपनी फुद्दी पर रगड़ने लगी. वह मुझसे चुदवाना चाहती थी.


पर मैंने राजेश को खींचा और खुद वहाँ से हट गया. अब राजेश रेनू की टांगो के बीच था. मेरी बीबी समझ गयी की मैं उसे पहले राजेश से चुदवाना चाहता हूँ. राजेश का मुंह मेरी बीबी के मुंह के पास आ गया. दोनों एक दूसरे की आँखों में झांकने लगे.

राजेश झुक कर मेरी बीबी को बड़े जोश से किस करने लगा. राजेश का लंड एकदम लोहे की रॉड जैसा हो गया था और जल रहा था. जिसको चोदने के वह सपने देखता था वो रेनू १० दिन दूसरी बार नंगी उसके नीचे लेटी थी और उससे दुबारा चुदने वाली थी.

रेनू समझ गयी की अब क़यामत की घडी आ गयी है. राजेश का लटकता लण्ड रेनू की फुद्दी पर टकरा रहा था. रेनू ने धीरे से राजेश का मोटा और लंबा लण्ड अपने हाथों में लिया और उसे प्यार से सहलाने लगी.

अचानक वह थोड़ी थम सी गयी और कुछ सोच में पड़ गयी. राजेश ने अपने होंठ रेनू के होंठ से हटाये और पूछा, “क्या बात है जानेमन? क्या सोच रही हो? क्या अब भी शर्मा रही हो?”

तब रेनू राजेश के कानों में फुसफुसाई, “अरे आपका इतना मोटा और लंबा है. मेरा छेद तो छोटा सा है. उस दिन तो मैं नशे में थी तो दर्द बर्दाश्त कर लिया था. ज़रा ध्यान रखियेगा." और फिर रेनू ने राजेश को अपनी बाहों में इतना सख्त जकड़ा और इतने जोश से उसे चुबन करने लगी और राजेश की जीभ को चूसने लगी की मैं तो देखता ही रह गया.

राजेश ने रेनू से कहा, “तुम ज़रा भी चिंता मत करो. मैं पूरा ध्यान रखूँगा.

उस दिन मैंने अपनी बीबी का ये पहलु पहली बार देखा. राजेश ने ध्यान से अपने मोटे और लम्बे लण्ड को रेनू के छेद पर रखा. फिर उसे उसकी फुद्दी के होठों पर प्यार से रगड़ने लगा. मेरी बीबी की चूत में से तो जैसे रस की धार बह रही थी. राजेश का लंड मेरी बीवी के रस से सराबोर हो गया.

राजेश ने धीरे से अपने लण्ड को मेरी बीवी की चूत में थोड़ा घुसाया. रेनू ने भी राजेश के लण्ड को थोड़ा अंदर घुसते हुए महसूस किया. उसे कोई भी दर्द महसूस नहीं हुआ. राजेश की आँखे हर वक्त रेनू के चेहरे पर टिकी हुयी थीं. कहीं रेनू के चहेरे पर थोड़ी सी भी दर्द की शिकन आए तो वह थम जाएगा, यही वह सोच रहा था.
 
राजेश ने राजेश ने थोड़ा और धक्का दे कर अपना लण्ड रेनू की फुद्दी में थोड़ा और घुसेड़ा. अब रेनू को राजेश के लण्ड की मोटाई महसूस होने लगी. फिर भी उसको ज्यादा दर्द नहीं हो रहा था. राजेश ने जब अपना लण्ड थोड़ा और जोर से रेनू की फुद्दी में धकेला तो रेनू के मुंह से आह निकल पड़ी.

रेनू की आह सुनकर राजेश थोड़ी देर थम गया. उसने धीरे से अपना लण्ड थोड़ा निकाला. रेनू को थोड़ी सी राहत हुयी. तब उसकी बात सुन कर मैं तो भौचका ही रह गया.

रेनू: डालिए अंदर. दर्द तो हो रहा है पर यह दर्द भी मीठा है.

राजेश का मोटा लण्ड लगभग आधा अंदर जा चूका था. मेरी बीबी की फुद्दी के दोनों होठ पुरे फुले हुए थे और राजेश के लौड़े को बड़ी सख्ती से अपने में जकड़ा हुआ था.

राजेश के लण्ड और रेनू की फुद्दी के मिलन सतह पर चारों और उनके रस की मलाई फैली हुई थी, ऐसे लग रहा था जैसे एक पिस्टन सिलिंडर से अंदर बाहर होता है तब चारो और आयल फैला हुआ होता है.

मुझे राजेश के मोटे लौड़े को रेनू की छोटी सी फुद्दी में जकड़ा हुआ देख कर आश्चर्य और उत्तेजना दोनों हुए. मेरी प्यारी बीवी की चूत की चमड़ी खिंचकर एकदम पतली हो गयी थी और मुझे डर था की कहीं वह फट न जाय और खून न बहने लगे.

राजेश ने एक और धक्का दिया और मेरे देखते ही देखते उसका तीन चौथाई लण्ड अंदर चला गया. रेनू के माथे  से पसीने की बूंदें टपकने लगीं. पर रेनू के मुह से एक आह भी नही निकली.
 
उसे काफी दर्द हो रहा होगा यह मैं उसके चेहरे के भाव अभिव्यक्ति से अनुभव कर रहा था. वैसे भी, रेनू जब मुझसे भी चुदाई करवाती थी तब भी हमेशा उसे थोड़ी सी परेशानी जरूर महसूस होती थी. खास कर तब जब वह मूड मैं नहीं होती थी, उसकी फुद्दी सुखी होती थी और वह चुदाई करवाते परेशान हो जाती थी.

राजेश का लौड़ा तो मेरे से मोटा था. परेशानी तो उसे जरूर हुयी होगी. पर उसकी फुद्दी रस से सराबोर थी. उपर से राजेश का लौड़ा भी चिकनाई से लथपथ था. उसे दर्द तो हुआ पर शायद उतना नहीं जितना हो सकता था. पर मैंने देखा की राजेश के मोटे और लंबे लण्ड के धीरे धीरे अंदर बाहर होने से अब मेरी बीबी की कामुकता बढ़ रही थी और दर्द उसे मीठा लगने लगा था.

धीरे धीरे चुदाई करते हुए राजेश ने जब देखा की अब रेनू मज़े लेने लगी है तो एक थोड़े जोर का धक्का दे कर उस ने अपना पूरा लण्ड रेनू की चूत में पेल दिया
.
मेरी प्यारी बीवी के मुंह से एक जोरों की चीख निकल गयी. राजेश एकदम रुक गया और जैसे ही अपना लौड़ा निकाल ने लगा था की रेनू बोल पड़ी, “राजेश मत रुकिए. मुझे यह दर्द बहुत अच्छा लग रहा है. अब आप मुझे बगैर रुके चोदिये. मेरे दर्द की परवाह मत करिए. अब मैं बिना रुके चुदना चाहती हूँ.

मेरी शर्मीली बीबी का ये छिनाल रूप मैंने पहली बार देखा. मेरी बीबी राजेश से बिना रुके चुदना चाहती थी. यह मेरी वही बीबी थी जो किसी गैर मर्द के करीब आने से भी डरती थी.
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बीवी की पार्टी - by Rishu - 08-07-2020, 01:09 AM
RE: PARTY - by Rishu - 08-07-2020, 01:21 AM
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RE: बीवी की पार्टी - by Rishu - 10-08-2020, 02:12 AM



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