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Adultery बीवी की पार्टी
#64
राजेश के उंगली से चोदने से रेनू अपने आपको सम्हाल नहीं पा रही थी. रेनू की साँसे जैसे फुफकार मार रही थी. बेड पर वह अपने चूतडो को उछाल के फिर पटक रही थी. उसके दिल की धड़कन की रफ़्तार तेज हो गयी.
मैं जान गया के अब मेरी बीबी झड़ने वाली है. वह कामुकता के चरम पर पहुँच रही थी. उसने मेरा हाथ पकड़ा और मुझे अपने स्तनोँ को चूसने और मलने के लिए इशारा करने लगी.

राजेश ने जब यह देखा तो उसने एक हाथ से रेनू के दूध दबाने शुरू कर दिए. मैं भी उसकी दूसरी चुन्ची पर चिपक गया और उसे चूसने और जोर से दबाने लगा. उस समय न सिर्फ मेरी बीबी बल्कि हम तीनों कामुकता की ज्वाला में जल रहे थे. रेनू तब झड़ने वाली थी.

फिर एक कराह और एक आह्ह की सिसकारी छोड़ते हुए रेनू एकदम ढीली होकर बिस्तर पर ढेर हो गयी. अब उसकी साँसें भी धीमी हो गयी. करीब पांच मिनट तक राजेश की ऊँगली से चुदने पर उत्तेजना के चरम पर पहुँचने के बाद वह बुरी तरह से झड रही थी.
 
कुछ देर बाद उसने मेरे गले में अपनी बाहें डाली और मेरे होठों से होंठ मिलाकर बिना बोले उन्हें चूसने लगी. मुझे ऐसा लग रहा था जैसे इस नए अनुभव के लिए वह मेरा शुक्रिया अदा कर रही थी.

मेरी शादी के इतने साल में यह पहला मौका था जब मेरी बीबी ने आगे बढ़कर मुझे चूमा था वरना ये पहल हमेश मुझे ही करनी पडती थी. उधर वह दूसरे हाथ से राजेश के लण्ड को आराम से सहलाये जा रही थी.

थोड़ी देर बाद रेनू ने अपना मुंह राजेश के लण्ड की ओर किया और धीरे से राजेश की और नजर उठाते हुए उसके लण्ड को चाटने लगी. रेनू ने धीरे धीरे राजेश को लण्ड को मुंह में डालने की कोशिश की और धीरे धीरे वह उसमें इतनी मग्न हो गयी की राजेश के लण्ड को वह बार बार चूमने लगी और जैसे वह उसे छोड़ना ही नहीं चाह रही थी.

राजेश उत्तेजना के शिखर पर पहुँच रहा था. उसी उत्तेजना में उसने रेनू का सर हाथ में लेकर अपना मोटा और लंबा लण्ड रेनू के मुंह में घुसेड़ दिया. रेनू ने अपना मुंह और खोला और राजेश के लण्ड से अपने मुंह को चुदवाने लगी. राजेश का बदन एकदम अकड़ गया था. इस हालत में राजेश अपने आप को ज्यादा देर रोक नहीं पाया और थोड़ी देर में एक आह्हःके साथ उसके लण्ड में से वीर्य का फव्वारा छूटा और मेरी बीबी के मुंह को पूरा भर कर उसके नंगे बदन पर गिरा और फ़ैल गया.

तब मैं मेरी बीबी के चुन्चियो को मेरे दोनों हाथो से दबा रहा था. राजेश का गरमा गरम वीर्य मेरे हाथों को छुआ और मेरी बीबी के चुन्चियो पर जैसे कोई मलाई फैली हो ऐसे फ़ैल गया. वह मलाई धीरे धीरे और भी नीचे टपकने लगी. पता नहीं कितना माल राजेश ने मेरी बीबी के मुंह में भर डाला था.

राजेश के झड़ने पर मैंने देखा तो रेनू थोड़ी निराश सी लग रही थी. मैं समझ गया की शायद उसे इसलिए निराशा हो रही होगी की अब राजेश तो झड़ गया. अब वह उसे चोद नहीं पायेगा. मैं धीरे से रेनू के कान के पास गया और उसके कान में बोला, “डार्लिंग, निराश न हो. वह थोड़े ही अपनी बीबी को चोद रहा है, जो थक जाएगा या ऊब जाएगा? वह तो दुसरे की बीवी को चोदने जा रहा है. और दुसरे की बीवी के लिए उसका लण्ड हमेशा खड़ा रहेगा. उलटा एक बार झड़ जाने से उसका स्टैमिना अब और बढ़ जायेगा. राजेश अब तुम्हें आसानी से नहीं छोड़ेगा. वह अब उस दिन से भी ज्यादा जोर से चोदेगा.

मेरी इतने खुले से ऐसा कहने पर मेरी शर्मीली बीबी शर्म से लाल हो गयी पर अब रेनू को मुझसे कोई संकोच नहीं रहा. रेनू ने राजेश को अपनी बाँहों में लिया और उसके होठों पर चुबन की एक चुस्की लेकर अपने चुन्चियो को राजेश के मुंह में डाल दिया. वह उसे अपने मम्मो को चुसवाना चाहती थी. जैसे ही राजेश ने मेरी बीबी के मम्मो को चूसना शुरू किया तो रेनू के बदन में जोश भर गया और उसने अपने मुंह में मेरा लण्ड लिया.
 
वह मुझे यह महसूस नहीं होने देना चाहता थी, की वह मुझे भूलकर राजेश के पीछे लग गयी है. मैं भी रेनू का सर पकड़ कर उस के मुंह को चोदने लगा. मुझे आज उसके मुंह को चोदने में बहुत आनंद आ रहा था, क्योंकि आज मैं अपनी बीबी की मुंह चुदाई मेरे पडोसी के सामने कर रहा था.

थोड़ी ही देर में मैं भी अपने जोश पर काबू नहीं रख पाया और मैंने मेरी बीबी के मुंह में अपना सारा वीर्य छोड़ दिया. रेनू राजेश के वीर्य का स्वाद तो जानती ही थी. मेरी बीबी मेरा वीर्य भी पहले ही की तरह निगल गयी.
मेरे इतने सालों की शादी में यह पहली बार हुआ की मेरी बीबी मेरे वीर्य को निगल गयी हो.

उस दिन से पहले जब भी रेनू मेरा लण्ड मुंह में लेती तो पहले ही मुंह में वीर्य नहीं छोड़ने की शर्त रख देती थी.
मैं रेनू के इस काम से बहुत खुश हुआ और मैंने राजेश के कानों में बोलाराजेश भाई आज आप रेनू को सेक्स का ऐसा अनुभव कराएं जो उसने पहले कभी किया ना हो?”

राजेश ने मेरी और देखा और मेरा हाथ अपने हाथ में ले कर सख्ती से पकड़ा और बोला, “चिंता न करो. आज इसे उस दिन से ज्यादा मजा दूंगा और उस दिन तो तुम्हारी बीवी नशे में थी. आज देखो पूरे होश में चुदने को तैयार बैठी है.

तब तक रेनू उठ खड़ी हुयी और मेरी गोद मैं बैठ गयी. उसने अपने दोनों पाँव मेरी कमर के दोनों और फैला कर मुझे अपने पाँव में जकड लिया.

मेरे होठ से होठ मिलाकर बोली, “डार्लिंग पूरी दुनिया में तुम शायद गिने चुने लोगों में से होगे जिसने अपनी बीबी को गैर मर्द से चुदवा डाला है पर अगर मुझे इसकी लत पड़ गयी तो तुम क्या करोगे?” ऐसा बोल उसने मुझे पुरे जोश से चूमना शुरू किया.

तब तक राजेश उसके पीछे सरक कर पहुँच गया और मेरे और रेनू के बीच में हाथ डालकर रेनू की चूँचियों को सहलाने और दबाने लगा. रेनू ने राजेश का हाथ पकड़ा और राजेश को अपनी और खिंचा. राजेश रेनू के कूल्हों से अपना लण्ड सटाकर बैठ गया. रेनू की गरम चूत को छूते ही मेरा लण्ड कड़क होने लगा.

वीर्य का फौवारा निकलने पर भी राजेश का लण्ड तो ढीला ही नहीं पड़ा था खैर उस दिन माहौल ही कुछ ऐसा था. मेरा लण्ड भी तो एक बार झड़ने के बाद फिर से कड़क हो गया था.

थोड़ी देर तक मेरी नंगी बीबी को चूमने के बाद मैंने उसे पलंग के किनारे लिटाया और उसे अपनी टांगें नीचे लटकाने को कहा. राजेश तो जैसे रेनू से चिपका हुआ ही था. जब रेनू पलंग के किनारे अपनी टाँगे नीचे लटका के पलंग के ऊपर लेट गयी तो राजेश उसकी छाती पर अपना मुंह रख कर लेट गया. मैं झट से पलंग के नीचे उतरा और अपनी बीबी की टांगो को फैला कर उसकी चूत चाटने लगा.

मेरी जीभ जैसे ही रेनू की चूत में घुसी तो रेनू छटपटाने लगी. मुझे पता था की रेनू की फुद्दी चाटने से या फिर उसको उंगली से चोदने से वह इतनी कामान्ध हो जाती है की बार बार चोदने के लिए गिड़गिड़ाती है. आज मैं उसे इतना उत्तेजित करना चाहता था की वह सारे बंधन तोड़ कर हम दोनों से एक साथ चुदवाए.

मेरी बीबी की छटपटाहट पर ध्यान ना देते हुए मैंने उसकी फुद्दी में एक उंगली डाल कर उसे बड़ी फुर्ती से अंदर बाहर करना शुरू किया. रेनू के छटपटाहट देखते ही बनती थी. वह अपना पूरा बदन हिलाकर अपनी गांड को बेड पर रगड़ रगड़ कर कराह रही थी. उसका उसके बदन पर कोई कण्ट्रोल नहीं था.

वह मुझे कहने लगी, “मनीष उफ्फ्फ डार्लिंग आह्ह्ह्ह ऐसा मत करो. अअब मुझे चोदो. तुम नहीं तो आआझ्ह्ह मुझे राजेश से चुदवाओ पर अह्ह्ह्हह यह मततत्तत आघ्ह्ह्ह करो. मैं पागल हो रहीईईइ हूँ. आआह्ह्ह्ह

मैं रेनू की बात पर ध्यान दिए बगैर, जोर शोर से उसको उंगली से चोद रहा था. तब रेनू ने राजेश का मुंह अपने मुंह पर रखा और उसे जोश चूमने लगी.

मैंने उसे राजेश को यह कहते हुए सुन लिया, “राजेश अपने दोस्त से कहा, मुझे चोदे. आओ तुम भी आ जाओ आज मैं तुम दोनों से चुदवाऊंगी. आज मैं फिर से तुमसे चुदवाऊंगी. पर मनीष मना करो. उसको वहां से हटाओ

जब मैं फिर भी ना रुका तो एकदम रेनू के मुंह से दबी हुयी चीख सी निकल पड़ी, “आह.. ह.. ह.. मनीष.. राजेश..ऐसे बोलते ही रेनू एकदम ढेर सी शिथिल हो कर झड़ गयी.

मैंने आज तक रेनू को इतना जबरदस्त ओर्गास्म करते नहीं देखा था. उसकी बुर में से एक फव्वारा सा छूटा और मेर हाथ और मुंह को उसके रस से भर दिया. रेनू का उस रात शायद चौथा ओर्गास्म था. मैं हैरान रह गया. मेरी बीबी आज तक इतने सालों में ऐसे कभी नहीं झड़ी होगी.
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बीवी की पार्टी - by Rishu - 08-07-2020, 01:09 AM
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