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Incest दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा
#10
दूसरे दिन दोपहर को मैं हॉल में बैठकर टीवी देख रहा था . संगीता दीदी मेरे बाजू में बैठकर कुछ कपड़ो को सी रही थी . हमलोग टीवी देख रहे थे और बातें भी कर रहे थे . मैं रिमोट कंट्रोल से एक के बाद एक टीवी के चैनल बदल रहा था क्योंकि दोपहर के समय कोई भी प्रोग्राम मुझे इंटरेस्टिंग नहीं लग रहा था . आखिर मैं एक मराठी चैनल पर रूक गया जिसपर Ad चल रहे थे . रिमोट बाजू में रखकर मैंने सोचा के Ad ख़त्म होने के बाद जो भी प्रोग्राम उस चैनल पर चल रहा होगा वो मैं देखूँगा . Ad ख़त्म हो गये और प्रोग्राम चालू हो गया .

उस प्रोग्राम में वो मुंबई के नजदीकी हिल स्टेशन के बारे में इंफार्मेशन दे रहे थे . पहले उन्होंने महाबलेश्वर के बारे में बताया . फिर वो खंडाला के बारे में बताने लगे . खंडाला के बारे में बताते समय वो खंडाला के हरेभरे पहाड़ , पानी के झरने और प्रकृति से भरपूर अलग अलग लुभावनी जगह के बारे में वीडियो क्लिप्स दिखा रहे थे . कॉलेज के बच्चो की ट्रिप , ऑफिस के ग्रुप्स , प्रेमी युगल और नयी शादीशुदा जोड़ी ऐसे सभी लोग खंडाला जा के कैसे मजा करते है यह वो डाक्यूमेंटरी में दिखा रहे थे .

"कितनी सुन्दर जगह है ना खंडाला !" संगीता दीदी ने टीवी की तरफ देखकर कहा .
"हाँ ! बहुत ही सुन्दर है ! मैं गया हूँ वहां एक दो बार " मैंने जवाब दिया .
"सच ? किसके साथ सागर “ संगीता दीदी ने लाड़ से मुझे पूछा .
"एक बार मेरे कॉलेज के ग्रुप के साथ और दूसरी बार हमारे सोसायटी के लड़कों के साथ “
"तुम्हें तो मालूम है , सागर ." संगीता दीदी ने दुखी स्वर में कहा , "अपनी पुणे -मुंबई बस खंडाला से होकर ही जाती है और जब जब मैं बस से वह से गुजरती हूँ तब तब मेरे मन में इच्छा पैदा होती है की कब मैं यह मनमोहक जगह देख पाऊँगी ."
"क्या कहा रही हो , दीदी ?" मैंने आश्चर्य से उसे पूछा , "तुमने अभी तक खंडाला नहीं देखा है ?"
"नहीं रे , सागर .. मेरा इतना नसीब कहाँ “
"कमाल है , दीदी ! तुम अभी तक वहां गयी नहीं हो ? पुणे से तो खंडाला बहुत ही नजदीक है और जीजू तुझे एक बार भी वहाँ नहीं लेके गए ? मैं नहीं मानता , दीदी “
"तुम मानो या ना मानो ! लेकिन मैं सच कह रही हूँ . तुम्हारे जीजू के पास टाइम भी है क्या मेरे लिए "
संगीता दीदी ने नाराजगी से कहा .
"ओहो! कम ऑन दीदी ! तुम उन्हें पूछो तो सही . हो सकता है वो काम से फुरसत निकालकर तुझे ले जाये खंडाला “
“मैंने बहुत बार उन्हें पूछा है सागर “ संगीता दीदी ने शिकायत भरे स्वर में कहा , "लेकिन हर बार वो दुकान की वजह बताकर नहीं कहते हैं. तुम्हे बताऊँ , सागर ? तुम्हारे जीजू ना , बिलकुल भी रोमांटिक नहीं हैं . अब तुमसे क्या बताऊँ , शादी के बाद हम दोनों हनीमून के लिए भी कही नहीं गए थे . उन्हें रोमांटिक जगह पर जाना पसंद नहीं हैं . उनका कहना हैं कि ऐसी जगह पर जाना याने समय और पैसा दोनों बरबाद करना हैं ।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



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RE: दीदी ने पूरी की भाई की इच्छा - by neerathemall - 06-03-2019, 04:00 AM



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