09-08-2020, 11:56 AM
देवर -भौजाई
![[Image: Holi-64a471cddb23733181fcb79379ea25a8.jpg]](https://i.ibb.co/RCz8pn8/Holi-64a471cddb23733181fcb79379ea25a8.jpg)
" एकदम सही बोलती हो " और वहीँ बरामदे में बैठी उन्होंने उनकी दोनों भौजाइयों को ललकारा , जो बात मैंने कही थी वही दुहराकर
" दो दो भौजाइयां , और अभी तक देवर के पाजामे का नाड़ा नहीं खुला "
और कम्मो ने अपने हाथ में कालिख उन्हें दिखा के मली और चिढ़ाया ,
"जउन रंग तोहरे मुंहवा क उहे पिछवाड़े क "
और पाजामे के अंदर पिछवाड़े से डाल दिया , ...
![[Image: Holi-1122download.jpg]](https://i.ibb.co/7yV3VZZ/Holi-1122download.jpg)
और मेरी जेठानी गाढ़े नीले रंग की भरी बाल्टी लेकर उनके पास ले जाके रख दिया , ... उनके तो दोनों हाथ कस के पीछे बंधे थे ,
मेरी सास को लगा शायद वो बैठी रहेंगी तो मामला उससे ज्यादा नहीं बढ़ेगा , तो वो उठ कर अंदर जाने लगी ,
लेकिन तभी मेरी निगाह भांग के गोले पर पड़ी , ... भांग वाली गुझिया तो बनी ही नहीं , ...
और वो मेरी बात समझ गयीं , कम्मो की ओर इशारा कर के बोलीं ,
शाम को तुम दोनों मिल के बना लेना , लेकिन डबल भांग , सिंगल भाग वाली गुझिया अलग अलग गोंठना भी , अलग डिब्बे में भी रख देना , मैं कमरे में चलती हूँ , थोड़ी देर आराम कर लेती हूँ , ...
![[Image: Gujhiya-2-download.jpg]](https://i.ibb.co/mTJPXFx/Gujhiya-2-download.jpg)
और शायद मेरी जेठानियाँ उनके जाने का ही इन्तजार कर रही थीं ,
पाजामा फाड़ते खूंटे की ओर इशारा करते कम्मो मेरी जेठानी से बोली ,
" इहो बहुत गरमाइल हौ तानी इसको भी ठंडा कर दें ,... "
![[Image: holi-012.jpg]](https://i.ibb.co/M9T98gX/holi-012.jpg)
" एकदम " जेठानी बोलीं ,
और कम्मो ने गाढ़ा नीला बाल्टी का रंग कुछ देर तो पजामे के ऊपर से सीधे उनके खूंटे पर डाला , फिर पाजामा खिंच कर सीधे खूंटे पर पाजामे के अंदर गाढ़ा नीला रंग ,
" अरे एकर असली गर्मी तो गुड्डी रानी एंकर बहिन बुझाएंगी , ... "
मेरी जेठानी उनके पेट पर रंग लगाते बोलीं ,
![[Image: remote-image-13596-0.jpg]](https://i.ibb.co/q5hPKwW/remote-image-13596-0.jpg)
और कम्मो , पाजामे के अंदर धीमे धीमे रंग डालते सीधे अपने देवर से बोली
" घबड़ा जिन , एही फागुन में , एही आंगन में तोहरी बहिन को नंगे कर के नचवाऊंगी और तोहें चढ़ाउंगी अपने सामने , ... "
![[Image: remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg]](https://i.ibb.co/L6KbRQm/remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg)
और उनकी भौजाई , मेरी जेठानी ने एक पैकेट पूरा का पूरा सूखा बैगनी रंग , खोल कर उनके पाजामे के अंदर सीधे डाल दिया और बोला
" और क्या जंगल में मोर नाचा किसने देखा , एकदम हम सबके सामने फटेगी उसकी इसी होली में इसी पिचकारी से , पूरा सफ़ेद रंग डाल उसके अंदर , ... "
सास चली गयी थीं और अब मैं भी खुल के बोल रही थी
" एकदम दीदी आपने तो अपने देवर के मन की बात कर दी , आखिर इनका पुराना माल है , नेवान तो इन्हे ही करना चाहिए। "
![[Image: Teej-114413751-976010929535876-346473023...6419-n.jpg]](https://i.ibb.co/fpVjXBS/Teej-114413751-976010929535876-3464730239878236419-n.jpg)
" और एक बार तू बस फाड़ दा ओकर फिर तो तोहार जितने सार हैं , हम सबके भाई ,... चोद चोद कर तोहरी बहिन की चूत अगली होली तक भोंसड़ा कर देंगे , ... "
कम्मो पूरी बाल्टी का रंग एक बार में इनके पाजामे में खाली करती बोली।
लेकिन बात के चक्कर में इनकी भौजाइयों ने शायद ये नहीं देखा की इनके देवर ने अपने हाथ छुड़ा लिए और जब कम्मो बाल्टी एक बार फिर से नल में लगाने गयी , उन्होंने पीछे से पकड़ लिया , ...
मेरी जेठानी कुछ देर के लिए मेरे पास आ गयीं , सब सामान हटा के बरामदे से स्टोर में रखने के लिए , और आंगन में पीछे से उन्होंने कम्मो को उन्होंने दबोच रखा था अबकी हाथ सीधे जोबन पर था और हलके हलके वो दबा रहे थे , मसल रहे थे
मैं और दीदी ( इनकी भाभी ) बरामदे से खड़े देखते मुस्करा रहे थे ,
फागुन सच में लग गया था।
जो इनकी रगड़ाई हुयी थी उसका सूद मूल के साथ अपनी भौजाई की कड़ी कड़ी चूँची ब्लाउज के ऊपर से रगड़ रगड़ के वसूल कर रहे थे वो ,
और कम्मो भी मान गयी मैं एकदम मेरी गाँव वाली भाभियों के टक्कर की , एकदम इनकी सलहजों की तरह ,
और मैं समझ रही थी की कम्मो के मोटे मोटे चूतड़ क्या कर रहे थे ,
उनके पाजामा फाड़ते खूंटे को वो अपने चूतड़ से रगड़ रही थी , मसल रही थी , ... और साथ में होली की रंगीन गालियां ,
" अरे स्साले बहनचोद , गुड्डी रंडी के भंडुए , ... आपन पिचकारी आपन बहिनी के लिए बचा के रखे हो का , ... अरे अबकी फागुन में चोदवाउंगी ओह छिनार को , अगर नहीं फाड़ी देवर जी तूने मेरी ननद की न तो हम तोहार गाँड़ फ़ाड़ के रख देंगे , ... "
और साथ में बरामदे में से मैं और उनकी भाभी भी साथ दे रहे थे
" अरे उस गुड्डी छिनार की गाँड़ भी खूब मारने लायक है , एहि फागुन में उसकी चूत और गाँड़ दोनों फट जानी चाहिए , " मैं भी अब खुल के बोल रही थी , और जेठानी जी ने जोड़ा
![[Image: holi-sofia.jpg]](https://i.ibb.co/GnfnfC0/holi-sofia.jpg)
' नहीं तो हम सब उसकी तीनो भौजाई , यह फागुन में मुट्ठी डाल के उसकी बुर गाँड़ फाड़ेंगे , सोच लो देवर जी तोहैं अपने खूंटे से उसकी चूत गाँड़ फाड़नी है या हम लोगो की मुट्ठी से "
जवाब उन्होंने इतनी कस के कम्मो के जोबन को मसल के दिया की चट चट ब्लाउज के दो बटन टूट गए ,
और तब तक मेरी जेठानी एक बार फिर देवर की रगड़ाई करने , ... बाल्टी में पानी भर गया था , और जेठानी ने पूरे दो पैकेट मुर्गा छाप गाढ़ा लाल रंग घोल के रंग बनाया , अपने हाथ में कालिख के साथ कडुवा तेल मिलाकर रंग , और पहुँच गयी अपने देवर की रगड़ाई को
घण्टे भर से ज्यादा होली चली , खूब मस्ती लेकिन मुझे सिर्फ एक बात का अफ़सोस रहा , बल्कि दो बात का
दो दो भौजाइयां और मुर्गा बाहर नहीं निकला , ...
और उनका हाथ भी उनकी कम्मो भौजी के ब्लाउज के अंदर नहीं घुसा , बस ऊपर से रगड़ा रगड़ी , ...
मुझे ये बात ठीक नहीं लगी , होली में भौजी के चोली के अंदर हाथ न घुसे तो कोई भी भौजाई बुरा मान जाएगी , खास तौर से कम्मो ऐसी मस्त भौजाई ,
लेकिन चलिए आज फागुन का पहला दिन था , पर मैंने अपनी मन की बात कम्मो से भी कही , और उनसे भी रात को ,
लेकिन शाम को अचानक मेरी सास और जेठानी को जाना पड़ा ,
कोमल
![[Image: Holi-64a471cddb23733181fcb79379ea25a8.jpg]](https://i.ibb.co/RCz8pn8/Holi-64a471cddb23733181fcb79379ea25a8.jpg)
" एकदम सही बोलती हो " और वहीँ बरामदे में बैठी उन्होंने उनकी दोनों भौजाइयों को ललकारा , जो बात मैंने कही थी वही दुहराकर
" दो दो भौजाइयां , और अभी तक देवर के पाजामे का नाड़ा नहीं खुला "
और कम्मो ने अपने हाथ में कालिख उन्हें दिखा के मली और चिढ़ाया ,
"जउन रंग तोहरे मुंहवा क उहे पिछवाड़े क "
और पाजामे के अंदर पिछवाड़े से डाल दिया , ...
![[Image: Holi-1122download.jpg]](https://i.ibb.co/7yV3VZZ/Holi-1122download.jpg)
और मेरी जेठानी गाढ़े नीले रंग की भरी बाल्टी लेकर उनके पास ले जाके रख दिया , ... उनके तो दोनों हाथ कस के पीछे बंधे थे ,
मेरी सास को लगा शायद वो बैठी रहेंगी तो मामला उससे ज्यादा नहीं बढ़ेगा , तो वो उठ कर अंदर जाने लगी ,
लेकिन तभी मेरी निगाह भांग के गोले पर पड़ी , ... भांग वाली गुझिया तो बनी ही नहीं , ...
और वो मेरी बात समझ गयीं , कम्मो की ओर इशारा कर के बोलीं ,
शाम को तुम दोनों मिल के बना लेना , लेकिन डबल भांग , सिंगल भाग वाली गुझिया अलग अलग गोंठना भी , अलग डिब्बे में भी रख देना , मैं कमरे में चलती हूँ , थोड़ी देर आराम कर लेती हूँ , ...
![[Image: Gujhiya-2-download.jpg]](https://i.ibb.co/mTJPXFx/Gujhiya-2-download.jpg)
और शायद मेरी जेठानियाँ उनके जाने का ही इन्तजार कर रही थीं ,
पाजामा फाड़ते खूंटे की ओर इशारा करते कम्मो मेरी जेठानी से बोली ,
" इहो बहुत गरमाइल हौ तानी इसको भी ठंडा कर दें ,... "
![[Image: holi-012.jpg]](https://i.ibb.co/M9T98gX/holi-012.jpg)
" एकदम " जेठानी बोलीं ,
और कम्मो ने गाढ़ा नीला बाल्टी का रंग कुछ देर तो पजामे के ऊपर से सीधे उनके खूंटे पर डाला , फिर पाजामा खिंच कर सीधे खूंटे पर पाजामे के अंदर गाढ़ा नीला रंग ,
" अरे एकर असली गर्मी तो गुड्डी रानी एंकर बहिन बुझाएंगी , ... "
मेरी जेठानी उनके पेट पर रंग लगाते बोलीं ,
![[Image: remote-image-13596-0.jpg]](https://i.ibb.co/q5hPKwW/remote-image-13596-0.jpg)
और कम्मो , पाजामे के अंदर धीमे धीमे रंग डालते सीधे अपने देवर से बोली
" घबड़ा जिन , एही फागुन में , एही आंगन में तोहरी बहिन को नंगे कर के नचवाऊंगी और तोहें चढ़ाउंगी अपने सामने , ... "
![[Image: remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg]](https://i.ibb.co/L6KbRQm/remote-image-13596-0-jpg-ho.jpg)
और उनकी भौजाई , मेरी जेठानी ने एक पैकेट पूरा का पूरा सूखा बैगनी रंग , खोल कर उनके पाजामे के अंदर सीधे डाल दिया और बोला
" और क्या जंगल में मोर नाचा किसने देखा , एकदम हम सबके सामने फटेगी उसकी इसी होली में इसी पिचकारी से , पूरा सफ़ेद रंग डाल उसके अंदर , ... "
सास चली गयी थीं और अब मैं भी खुल के बोल रही थी
" एकदम दीदी आपने तो अपने देवर के मन की बात कर दी , आखिर इनका पुराना माल है , नेवान तो इन्हे ही करना चाहिए। "
![[Image: Teej-114413751-976010929535876-346473023...6419-n.jpg]](https://i.ibb.co/fpVjXBS/Teej-114413751-976010929535876-3464730239878236419-n.jpg)
" और एक बार तू बस फाड़ दा ओकर फिर तो तोहार जितने सार हैं , हम सबके भाई ,... चोद चोद कर तोहरी बहिन की चूत अगली होली तक भोंसड़ा कर देंगे , ... "
कम्मो पूरी बाल्टी का रंग एक बार में इनके पाजामे में खाली करती बोली।
लेकिन बात के चक्कर में इनकी भौजाइयों ने शायद ये नहीं देखा की इनके देवर ने अपने हाथ छुड़ा लिए और जब कम्मो बाल्टी एक बार फिर से नल में लगाने गयी , उन्होंने पीछे से पकड़ लिया , ...
मेरी जेठानी कुछ देर के लिए मेरे पास आ गयीं , सब सामान हटा के बरामदे से स्टोर में रखने के लिए , और आंगन में पीछे से उन्होंने कम्मो को उन्होंने दबोच रखा था अबकी हाथ सीधे जोबन पर था और हलके हलके वो दबा रहे थे , मसल रहे थे
मैं और दीदी ( इनकी भाभी ) बरामदे से खड़े देखते मुस्करा रहे थे ,
फागुन सच में लग गया था।
जो इनकी रगड़ाई हुयी थी उसका सूद मूल के साथ अपनी भौजाई की कड़ी कड़ी चूँची ब्लाउज के ऊपर से रगड़ रगड़ के वसूल कर रहे थे वो ,
और कम्मो भी मान गयी मैं एकदम मेरी गाँव वाली भाभियों के टक्कर की , एकदम इनकी सलहजों की तरह ,
और मैं समझ रही थी की कम्मो के मोटे मोटे चूतड़ क्या कर रहे थे ,
उनके पाजामा फाड़ते खूंटे को वो अपने चूतड़ से रगड़ रही थी , मसल रही थी , ... और साथ में होली की रंगीन गालियां ,
" अरे स्साले बहनचोद , गुड्डी रंडी के भंडुए , ... आपन पिचकारी आपन बहिनी के लिए बचा के रखे हो का , ... अरे अबकी फागुन में चोदवाउंगी ओह छिनार को , अगर नहीं फाड़ी देवर जी तूने मेरी ननद की न तो हम तोहार गाँड़ फ़ाड़ के रख देंगे , ... "
और साथ में बरामदे में से मैं और उनकी भाभी भी साथ दे रहे थे
" अरे उस गुड्डी छिनार की गाँड़ भी खूब मारने लायक है , एहि फागुन में उसकी चूत और गाँड़ दोनों फट जानी चाहिए , " मैं भी अब खुल के बोल रही थी , और जेठानी जी ने जोड़ा
![[Image: holi-sofia.jpg]](https://i.ibb.co/GnfnfC0/holi-sofia.jpg)
' नहीं तो हम सब उसकी तीनो भौजाई , यह फागुन में मुट्ठी डाल के उसकी बुर गाँड़ फाड़ेंगे , सोच लो देवर जी तोहैं अपने खूंटे से उसकी चूत गाँड़ फाड़नी है या हम लोगो की मुट्ठी से "
जवाब उन्होंने इतनी कस के कम्मो के जोबन को मसल के दिया की चट चट ब्लाउज के दो बटन टूट गए ,
और तब तक मेरी जेठानी एक बार फिर देवर की रगड़ाई करने , ... बाल्टी में पानी भर गया था , और जेठानी ने पूरे दो पैकेट मुर्गा छाप गाढ़ा लाल रंग घोल के रंग बनाया , अपने हाथ में कालिख के साथ कडुवा तेल मिलाकर रंग , और पहुँच गयी अपने देवर की रगड़ाई को
घण्टे भर से ज्यादा होली चली , खूब मस्ती लेकिन मुझे सिर्फ एक बात का अफ़सोस रहा , बल्कि दो बात का
दो दो भौजाइयां और मुर्गा बाहर नहीं निकला , ...
और उनका हाथ भी उनकी कम्मो भौजी के ब्लाउज के अंदर नहीं घुसा , बस ऊपर से रगड़ा रगड़ी , ...
मुझे ये बात ठीक नहीं लगी , होली में भौजी के चोली के अंदर हाथ न घुसे तो कोई भी भौजाई बुरा मान जाएगी , खास तौर से कम्मो ऐसी मस्त भौजाई ,
लेकिन चलिए आज फागुन का पहला दिन था , पर मैंने अपनी मन की बात कम्मो से भी कही , और उनसे भी रात को ,
लेकिन शाम को अचानक मेरी सास और जेठानी को जाना पड़ा ,
कोमल