06-03-2019, 02:11 AM
वरुण : प्लीज़ दो ना मुझे टीवी पर कुछ देखना है।
में : में नहीं दे रही और तुम्हें जो करना है कर लो।
दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
कुछ देर वो चुप बैठा फिर अचानक उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिया और मुझे अपनी तरफ खींच लिया में बहुत हैरान थी और में एक झटके में उसकी गोद में आ गई थी। फिर उसने रिमोट ले लिया.. लेकिन मुझे नहीं छोड़ा में अब भी उसकी गोद में ही थी और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी.. उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ रखा था।
में : वरुण यह क्या कर रहे हो?
वरुण : अभी आपने ही तो कहा था ना जो करना है करो लो।
में : बेशरम आने दो पापा को में तुम्हारी.. मैंने उसकी नाक पर ज़ोर से मारा तो उसने मुझे छोड़ दिया और में जैसे तैसे सोफे से उठी और दुपट्टा लेकर वहाँ से जाने लगी। तभी उसने मुझे पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर सोफे पर पटक दिया। मेरी तो चीख निकल गई और उसने बिना समय गवाएं मेरे मुहं पर रुमाल बाँध दिया और फिर मेरे दुपट्टे से मेरे हाथ बाँध दिए। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो पूरी तरह से पागल हो गया था। में उससे छुटने की पूरी कोशिश कर रही थी और में अपने पैर से उसे दूर कर रही थी। फिर मेरा एक पैर उसके लंड पर जाकर लगा तो वो दर्द के मारे वहीं पर बैठ गया और मुझे मौका मिला.. में सोफे से उठी.. लेकिन उसने मुझे पकड़ लिया और फिर सोफे पर पटक दिया।
वरुण : साली तू बहुत लात चलाती है रुक जा।
में : में नहीं दे रही और तुम्हें जो करना है कर लो।
दोस्तों ये कहानी आप कामुकता डॉट कॉम पर पड़ रहे है।
कुछ देर वो चुप बैठा फिर अचानक उसने अपने दोनों हाथ मेरी गांड पर रख दिया और मुझे अपनी तरफ खींच लिया में बहुत हैरान थी और में एक झटके में उसकी गोद में आ गई थी। फिर उसने रिमोट ले लिया.. लेकिन मुझे नहीं छोड़ा में अब भी उसकी गोद में ही थी और में उससे छूटने की कोशिश कर रही थी.. उसने मुझे बहुत मजबूती से पकड़ रखा था।
में : वरुण यह क्या कर रहे हो?
वरुण : अभी आपने ही तो कहा था ना जो करना है करो लो।
में : बेशरम आने दो पापा को में तुम्हारी.. मैंने उसकी नाक पर ज़ोर से मारा तो उसने मुझे छोड़ दिया और में जैसे तैसे सोफे से उठी और दुपट्टा लेकर वहाँ से जाने लगी। तभी उसने मुझे पीछे से मेरी कमर को पकड़ कर सोफे पर पटक दिया। मेरी तो चीख निकल गई और उसने बिना समय गवाएं मेरे मुहं पर रुमाल बाँध दिया और फिर मेरे दुपट्टे से मेरे हाथ बाँध दिए। अब मुझे कुछ समझ नहीं आ रहा था कि में क्या करूं और वो पूरी तरह से पागल हो गया था। में उससे छुटने की पूरी कोशिश कर रही थी और में अपने पैर से उसे दूर कर रही थी। फिर मेरा एक पैर उसके लंड पर जाकर लगा तो वो दर्द के मारे वहीं पर बैठ गया और मुझे मौका मिला.. में सोफे से उठी.. लेकिन उसने मुझे पकड़ लिया और फिर सोफे पर पटक दिया।
वरुण : साली तू बहुत लात चलाती है रुक जा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
