06-03-2019, 01:54 AM
(This post was last modified: 06-03-2019, 01:57 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
तभी कुछ देर बाद नमिता को अपने सामने पूरी नंगी देखकर मुझे दोबारा से जोश आने लगा था और में पीछे से जाकर नमिता को दोबारा फिर से उसके मखमली बदन और उसकी मस्त गांड को चूमने लगा। अब नमिता प्यार से बोल रही थी छोड़ो ना भैया आप यह क्या कर रहे हो? अभी तक मन नहीं भरा क्या आपका? फिर मैंने उसको कहा कि मेरी जान तुमसे मेरा क्या कभी दिल भर सकता है? और अब में उसके पैरों और गांड को चूम रहा था। फिर थोड़ी देर तक उसके पूरे बदन को चूमने के बाद नमिता भी थोड़ी जोश में आ गई, में उसको बोला कि नमिता में इस बार तुम्हारी गांड भी मारूँगा। अब उसने ऐसा करने से साफ मना कर दिया और वो बोली कि नहीं भैया, में नहीं करवाऊँगी मुझे बहुत दर्द होता है। अब मैंने उसको बोला कि नहीं मेरी जान इस बार में धीरे-धीरे करूँगा तुम्हे इस बार दर्द कम होगा, में पूरा पूरा ध्यान रखकर यह काम पूरा करूंगा। फिर बहुत मन्नतें करने के बाद वो बोली कि हाँ ठीक है, लेकिन धीरे-धीरे करना, क्योंकि यह मेरा पहला अनुभव होगा गांड में मैंने पहले कभी नहीं लिया तुम पीछे से चूत मार लो । फिर मैंने उसको कहा कि वो अपने एक पैर को दीवार के सहारे फैला दे। फिर उसने वैसा ही किया और फिर मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखकर और उसकी कमर को ज़ोर से पकड़कर अपने लंड को घुसा दिया और में धक्के देकर उसको चोदने लगा था।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.