06-03-2019, 01:54 AM
फिर मैंने उसको कहा कि मेरी जान बस थोड़ी देर में तुम्हे भी मजा आने लगेगा और यह बात उसको कहकर में उसके ऊपर लेटकर उसके गुलाबी निप्पल को चूसने लगा और उसके बूब्स को दबाने लगा, लेकिन फिर भी नमिता अपने सर को हिला रही थी और मुझे अपने हाथों से पकड़कर हटाने की कोशिश कर रही थी और वो लगातार आहहह, ऊहह्ह्ह कर रही थी। अब मेरा आधा लंड नमिता की चूत में था और फिर मुझसे बर्दाश्त नहीं हुआ और तभी मैंने नमिता की कमर को अपने दोनों हाथों से पकड़कर ज़ोर से एक जबरदस्त धक्का लगा दिया। दोस्तों इस बार मेरा पूरा लंड नमिता की चूत में घुस गया, मैंने तुरंत अपने एक हाथ से उसके मुँह को दबा दिया, जिसकी वजह से नमिता की आवाज अंदर ही दबकर रह गई। फिर मैंने देखा कि अब उस दर्द की वजह से नमिता की आँखों से आसूं गिर रहे थे और वो ज़ोर-ज़ोर से अपनी कमर को हिला रही थी शायद उस वजह से मेरा लंड उसकी चूत से बाहर निकल जाए। फिर मैंने झुककर उसके आंसू को चूस लिया और फिर अपने होंठो को उसके होंठो से लगाकर उसके होंठो को चूसने लगा और थोड़ी देर तक ऐसे ही करने के बाद मैंने अपने लंड को बाहर निकालकर एक ज़ोर का धक्का लगा दिया, जिसकी वजह से मेरा लंड नमिता की चूत में जड़ तक घुस गया।
<p>अब मेरे लंड के बाल और उसकी चूत के बाल एकदम सट गये थे। फिर में पूरे जोश में धक्के देकर नमिता की चुदाई करने लगा था जिसकी वजह से नमिता के मुँह से सिर्फ़ सिसकियाँ निकल रही थी। अब वो आह्ह्ह्ह ऊहहहह ऊऊईईईईई किए जा रही थी और में उसको ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी चूत में अपने लंड को आगे पीछे किए जा रहा था। फिर मैंने करीब पांच मिनट तक लगातार चोदने के बाद मैंने देखा कि अब मुझे नमिता थोड़ी सी शांत नजर आ रही थी और वो अपनी दोनों आँखों को बंद करके आहह्ह्ह्ह ऊहह्ह्ह किए जा रही थी। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और नमिता की कमर को पकड़कर उसको कुतिया वाले आसन में कर दिया। अब नमिता अपने घुटनों के बल मेरे सामने कुतिया बन गई थी, क्योंकि अब में नमिता को उसकी गांड की तरफ से चोदना चाहता था जिसकी वजह में अब उसकी रसभरी गांड का भी असली मजा ले सकूँ। फिर उसके बाद में नमिता रानी की चूत में अपना लंड घुसाकर उसको पूरी रफ़्तार में चोदने लगा था और उसको चोदते समय मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा रहा था और मेरे आंड उसकी गोरी-गोरी गांड से छू रहे थे। अब में उस समय बिल्कुल हैवान के जैसा महसूस कर रहा था, करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना रस नमिता की चूत में ही डाल दिया।
अब में लगातार उन धक्कों की वजह से पूरी तरह से थक गया था, में नमिता के पास में जमीन पर लेट गया था और नमिता भी अपनी दोनों आँखों को बंद करके लेटी हुई थी। फिर मैंने लेटे हुए ही सोचा कि मैंने यह क्या कर दिया? अब पता नहीं नमिता क्या करेगी? तभी इतने में नमिता मेरी तरफ मुड़कर बोली कि भैया आप बहुत बेदर्दी की तरफ से करते हो क्या आपको धीरे धीरे करने में मज़ा नहीं आता? अब में यह बात सुनकर बड़ा हैरान था, क्योंकि मुझे लगा कि वो मुझे डांटेगी, लेकिन उसने अपनी तरफ से बिल्कुल भी नाराजगी गुस्सा नहीं दिखाया। फिर वो बोली कि भैया मुझे पता था कि रात को मेरे सो जाने के बाद आप हर कभी मेरे साथ यह सब करते हो और जब आप सेक्सी फिल्म देखते थे, तब मैंने भी छुपकर बहुत बार देखी। दोस्तों इस बात पर मैंने उसको पूछा कि तो तुमने कुछ बताया क्यों नहीं? नमिता कहने लगी कि भैया मुझे भी आपके साथ वो सब करने में बड़ा मस्त मज़ा आता था और यह बात कहकर वो मुझसे लिपट गई और मेरे गालों पर चुम्मा करने लगी। फिर थोड़ी देर में हम दोनों को ठंड लगने लगी और अब पानी भी हल्का-हल्का बरस रहा था और इसलिए हम दोनों सीढ़ियों पर आकर टावल से अपने बदन को साफ करने लगे।
<p>अब मेरे लंड के बाल और उसकी चूत के बाल एकदम सट गये थे। फिर में पूरे जोश में धक्के देकर नमिता की चुदाई करने लगा था जिसकी वजह से नमिता के मुँह से सिर्फ़ सिसकियाँ निकल रही थी। अब वो आह्ह्ह्ह ऊहहहह ऊऊईईईईई किए जा रही थी और में उसको ज़ोर-ज़ोर से उसके बूब्स को दबाते हुए उसकी चूत में अपने लंड को आगे पीछे किए जा रहा था। फिर मैंने करीब पांच मिनट तक लगातार चोदने के बाद मैंने देखा कि अब मुझे नमिता थोड़ी सी शांत नजर आ रही थी और वो अपनी दोनों आँखों को बंद करके आहह्ह्ह्ह ऊहह्ह्ह किए जा रही थी। फिर मैंने अपने लंड को उसकी चूत से बाहर निकाला और नमिता की कमर को पकड़कर उसको कुतिया वाले आसन में कर दिया। अब नमिता अपने घुटनों के बल मेरे सामने कुतिया बन गई थी, क्योंकि अब में नमिता को उसकी गांड की तरफ से चोदना चाहता था जिसकी वजह में अब उसकी रसभरी गांड का भी असली मजा ले सकूँ। फिर उसके बाद में नमिता रानी की चूत में अपना लंड घुसाकर उसको पूरी रफ़्तार में चोदने लगा था और उसको चोदते समय मेरा पूरा लंड उसकी चूत में जा रहा था और मेरे आंड उसकी गोरी-गोरी गांड से छू रहे थे। अब में उस समय बिल्कुल हैवान के जैसा महसूस कर रहा था, करीब 15 मिनट की चुदाई के बाद मैंने अपना रस नमिता की चूत में ही डाल दिया।
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.