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Incest बरसात में बहन की चुदाई
#3
फिर में धीरे से नमिता के पीछे चला गया और उसको मैंने पीछे से उसकी कमर में हाथ डालकर उठा लिया और अब इस काम की वजह से मेरा लंड उसकी गांड से एकदम सट गया था। तभी नमिता तुरंत मुझे झटकाते हुए अलग हो गई और कहने लगी कि यह आप क्या कर रहे हो भैया? मैंने उसको बोला कि नमिता आज तुम गजब की लग रही हो, में तुम्हें प्यार करना चाहता हूँ, क्योंकि में तुम्हें बचपन से चाहता हूँ और तुमसे प्यार करना चाहता हूँ। तभी नमिता मेरे मुहं से पूरी बात को सुनकर एकदम चकित हो गई वो मुझसे कहने लगी कि भैया क्या आपको शरम नहीं आती अपनी बहन के बारे में यह सब सोचते हुए? मैंने उसको कहा कि मेरी रानी जब तुम्हें मेरा लंड देखने में और मेरे सामने आधे बदन नहाने में शरम नहीं आ रही, तो मुझे कैसे आएगी? और यह बात उसको बोलकर मैंने उसके चेहरे को पकड़कर अपने होंठ उसके होंठो से सटा दिए और ज़ोर से उसके होंठो को चूसने लगा और अपने एक हाथ से उसके कूल्हों को दबाने लगा और दूसरी तरफ से मैंने अपने एक हाथ से उसकी कमर को कसकर पकड़ लिया। अब मैंने नमिता को ज़ोर से कसकर पकड़ा और वो लगातार मुझसे छूटने की कोशिश कर रही थी, लेकिन मेरी मजबूत पकड़ से वो छूट ना सकी और में बस तीन मिनट तक उसके होंठो को चूसता रहा और उसकी गांड को दबाता रहा।


दोस्तों क्या बड़े ही मस्त कूल्हे थे उसके? मज़ा आ गया और अब मुझे तो असली जन्नत जैसा महसूस होने लगा था। फिर मैंने कुछ देर बाद देखा कि अब कुछ-कुछ नमिता भी कमज़ोर पड़ती जा रही थी, क्योंकि मैंने उसको बड़ी ज़ोर से पकड़ा था। दोस्तों पानी अभी भी पूरी रफ़्तार में बरस रहा था, उसी समय मैंने नमिता के होंठो को छोड़कर में उसके बूब्स को उसकी कमीज के ऊपर से ही दबाने और चूसने लगा। अब में पूरे जोश में आता जा रहा था, मैंने नमिता की कमीज को उठाकर और अपना एक हाथ उसकी समीज में डालकर उसकी ब्रा में अपना एक हाथ डाल दिया और में उसको सहलाने लगा। अब नमिता सिर्फ़ मुझे “छोड़ दो भैया यह सब बहुत गलत है, बस यही बोले जा रही थी, लेकिन अब में उसकी वो सभी बातें कहाँ सुनने वाला था? अब में तो अपनी धुन में ही था और उसकी गांड और बूब्स को दबाए जा रहा था, में उसकी सलवार को नीचे से पकड़कर अपने हाथों से खींचने लगा और फिर मैंने उसकी सलवार को नीचे से ज़ोर से खीचकर उतार दिया। अब उसके गोरे गदराए हुए नंगे पैरों को देखकर मुझे और भी जोश आ गया, में उसके पैरों को चूमता हुआ उसके पैरों पर पड़ने वाली बूँदो को चूस रहा था और अपनी जीभ से उसकी चिकने पैरों को और उसकी पेंटी के ऊपर से उसकी चूत को चूम रहा था।



फिर में पांच मिनट तक उसके पैरों को चूमता रहा और अब नमिता को भी मज़ा आने लगा था। अब वो सिर्फ़ अपनी आँखों को बंद किए थी, मैंने तुरंत उसकी समीज भी ऊपर से खींचकर निकाल दी और उसको जमीन पर लेटा दिया। दोस्तों हमारी छत के चारों तरफ से दीवार होने की वजह से हमे कोई भी आसपास के लोग नहीं देख सकते थे। अब मेरी प्यारी बहन नमिता मेरे सामने ब्रा-पेंटी में थी, में उसके गोरे बदन को देखकर पागल हो गया था, क्योंकि एक तो उसका वो गोरा और चिकना बदन और उसके ऊपर से पानी का पड़ना, में क्या बताऊँ दोस्तों उसका वो गजब का जिस्म क्या मस्त लग रहा था? फिर मैंने पहले उसके गोरे मुलायम पेट को चूमा और चूमते हुए में उसके बूब्स की तरफ बढ़ गया। फिर मैंने अपने एक हाथ से नमिता के बूब्स को दबाना शुरू किया और नमिता के होंठो को चूसने लगा। अब नमिता थोड़ी जोश में आ गई और उसके मुहं से सीईईईईईइ ऊईईईईईइ की आवाज आ रही थी। फिर मैंने नमिता की ब्रा को ऊपर से खोलकर दोनों बूब्स को आज़ाद कर दिया। अब उसकी वो टाईट ब्रा के खुलते ही उसके प्यारे और मस्त बूब्स आज़ाद हो गए।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: बरसात में बहन की चुदाई - by neerathemall - 06-03-2019, 01:52 AM



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