06-03-2019, 01:24 AM
(This post was last modified: 06-07-2022, 12:09 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
तो मैंने कहा कि दीदी आज मुझे मत रोको प्लीज़.. में कितने दिन से रुका हूँ आपको चोदे बिना मेरा लंड नहीं रह सकता। मुझे आज आपके जिस्म से पूरा मज़ा लेना है और फिर निप्पल को अपने दातों से काटने लगा।तो दीदी आहह उह्ह्ह राहुल मेरे भाई अह्ह्ह करते हुए बोली कि ओह भाई कर ले जो करना है.. तेरे लिए में सब दर्द सह लूँगी और मुझे जल्दी से नंगा कर दे आहह उह्ह्ह। दोस्तों मैंने दीदी के निप्पल को बहुत देर तक ज़ोर से सक किया और थोड़ा नीचे होकर दीदी के पेट पर अपनी नुकीली जीभ फेरने लगा और मेरे ऐसा करने से दीदी का पेट काँपने लगा और में दीदी की नाभि के आस पास अपनी जीभ घुमाता रहा।तो दीदी पूरी मस्ती में आ चुकी थी और मेरे बालों में हाथ फेरते हुए आअहह भाई आअहह कितना मज़ा देता है.. आअहह अब जल्दी से मुझे नंगी कर दे मुझसे और सहन नहीं होता और दीदी अब बहुत ज़ोर ज़ोर से अपने बूब्स को मसलने लगी। फिर में थोड़ा और नीचे हुआ और दीदी का लोवर उतारने लगा.. में जैसे जैसे दीदी का लोवर उतार रहा था वैसे वैसे में अपनी जीभ फेर रहा था और दीदी ने अपनी चूत को बिल्कुल साफ किया था।
में दीदी की चूत के ऊपर जीभ घुमाता रहा और जीभ घुमाते घुमाते मैंने दीदी के लोवर को उनके घुटनो तक कर दिया था.. तब दीदी ने खुद अपने पैरों से लोवर को उतार दिया। तो मैंने पूछा कि दीदी आपने पेंटी क्यों नहीं पहनी? तो वो बोली कि मुझे तेरा लंड अपनी चूत में लेने की बड़ी जल्दी है इसलिए और अगर में पेंटी पहन लेती तो तुम उसे उतारने में और भी टाईम खराब करते। तो मैंने दीदी के दोनों पैरों को खोल दिया और दीदी की चूत के होंठो पर अपनी उंगली फेरने लगा और बोला कि दीदी जीजू ने आपकी चूत को खोल दिया है देखो यह पहले से कितनी खुल गई है ना। तो दीदी बोली कि हाँ भाई तेरे जीजू का लंड तुझसे मोटा जो है और अब ज्यादा बातें मत कर जल्दी से चाट मेरी चूत को.. कितने दिन से तेरी बहन की चूत जीभ से चटवाने को तरस रही है और दीदी के इतना कहते ही मैंने जीभ को दीदी की चूत के होंठ पर लगा दिया और ऊपर से नीचे घुमाने लगा।तो दीदी मेरे बालों में हाथ घुमाते हुए बोली कि आअहह भैया आहह राहुल मेरे भाई हाँ मेरी चूत में जीभ डाल दे अपनी ऊओह मुझे और मत तडपा आअहह.. तेरी बहन की चूत की खुजली तो तेरी जीभ से ही ख़त्म होती है अह्ह्ह अब डाल दे और मैंने दीदी की चूत की पंखुड़ियों को अपनी उंगलियों से फैलाया और जीभ को चूत में डाल दिया और फिर दीदी पूरी तड़प उठी और आअहह ऊऊहह आअहह भाई आअहह और अंदर डाल आआहह बड़ा मज़ा आ रहा है.. तो में दीदी की चूत में अपनी जीभ हिलाने लगाऔर मैंने दीदी की चूत के फुदकते हुए दाने को अपने मुहं में ले लिया और एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा।
दीदी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और में जितनी देर में दीदी की चूत का पानी चाटता उनकी चूत और पानी छोड़ देती और दीदी अपने बूब्स को पूरे जोश से मसलते हुए अपनी गांड को उठाकर चूत को मेरे मुहं पर दबाने लगी थी। तो में भी चूत में उंगली डाल डालकर चूत चोद रहा था दीदी आअहह ऊऊहह किए जा रही थी और शायद दीदी अब झड़ने वाली थी.. लेकिन में दीदी की चूत को लगातार चाटता रहा और मेरी पूरी जीभ दीदी की चूत में थी और मेरे होंठ दीदी की चूत के होंठ से मिले थे। फिर दीदी ने मेरे सर पर हाथ रखा और आहह उईई भाई में झड़ने वाली हूँ आअहह उह्ह्ह कहते हुए मेरे मुहं को चूत पर दबाने लगी और में भी पूरी तेज़ी से दीदी की चूत को चूसता रहा और दीदी की चूत का पानी मुझे बहुत टेस्टी लगता है इसलिए में भी जल्दी में था कि दीदी कब झड़े।तभी दीदी आहह उह्ह्ह की जोरदार आवाज़ से साथ झड़ने लगी और अपनी गांड को उठाकर मेरे मुहं पर अपनी चूत को दबाने लगी और में दीदी की चूत का पानी पीता रहा और दीदी आअहह ऑश आहह करते हुए एकदम से ढीली पड़ गई और निढाल सी लेटी रही.. लेकिन में फिर भी दीदी की चूत का पानी चाटता रहा। फिर दीदी की चूत को मैंने चाट चाटकर पूरा साफ कर दिया और ऊपर होकर दीदी के पास लेट गया और दीदी से बोला कि कैसा लगा दीदी? तो वो कुछ नहीं बोली और में दीदी के बूब्स को फिर से चूसने लगा और दीदी का एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और ऊपर नीचे करने लगा।तो दीदी ने कहा कि भाई बस दो मिनट रुक जा में अभी सब करती हूँऔर मुझे भी तो तेरा वीर्य पीना है और मैंने उनका हाथ छोड़ दिया और बूब्स को धीरे धीरे मसलतेहुए सक करने लगा। फिर मैंने एक हाथ को आगे की तरफ बढ़ाकर दीदी की चूत पर रख दियाऔर सहलाने लगा और मैंने महसूस किया कि दीदी की चूत अंदर से एकदम गीली थी..तो मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा और दीदी के साथऐसे करने से वो फिर से गरम होने लगी। फिर वो कहने लगी कि अह्ह्ह आअहह भाई रुक भी जा ऊ ओह तू मेरी चूत में फिर से आग लगा रहा है.. चल अब मुझे तेरा लंड चूसना है
में दीदी की चूत के ऊपर जीभ घुमाता रहा और जीभ घुमाते घुमाते मैंने दीदी के लोवर को उनके घुटनो तक कर दिया था.. तब दीदी ने खुद अपने पैरों से लोवर को उतार दिया। तो मैंने पूछा कि दीदी आपने पेंटी क्यों नहीं पहनी? तो वो बोली कि मुझे तेरा लंड अपनी चूत में लेने की बड़ी जल्दी है इसलिए और अगर में पेंटी पहन लेती तो तुम उसे उतारने में और भी टाईम खराब करते। तो मैंने दीदी के दोनों पैरों को खोल दिया और दीदी की चूत के होंठो पर अपनी उंगली फेरने लगा और बोला कि दीदी जीजू ने आपकी चूत को खोल दिया है देखो यह पहले से कितनी खुल गई है ना। तो दीदी बोली कि हाँ भाई तेरे जीजू का लंड तुझसे मोटा जो है और अब ज्यादा बातें मत कर जल्दी से चाट मेरी चूत को.. कितने दिन से तेरी बहन की चूत जीभ से चटवाने को तरस रही है और दीदी के इतना कहते ही मैंने जीभ को दीदी की चूत के होंठ पर लगा दिया और ऊपर से नीचे घुमाने लगा।तो दीदी मेरे बालों में हाथ घुमाते हुए बोली कि आअहह भैया आहह राहुल मेरे भाई हाँ मेरी चूत में जीभ डाल दे अपनी ऊओह मुझे और मत तडपा आअहह.. तेरी बहन की चूत की खुजली तो तेरी जीभ से ही ख़त्म होती है अह्ह्ह अब डाल दे और मैंने दीदी की चूत की पंखुड़ियों को अपनी उंगलियों से फैलाया और जीभ को चूत में डाल दिया और फिर दीदी पूरी तड़प उठी और आअहह ऊऊहह आअहह भाई आअहह और अंदर डाल आआहह बड़ा मज़ा आ रहा है.. तो में दीदी की चूत में अपनी जीभ हिलाने लगाऔर मैंने दीदी की चूत के फुदकते हुए दाने को अपने मुहं में ले लिया और एक उंगली चूत में डालकर अंदर बाहर करने लगा।
दीदी की चूत पूरी गीली हो चुकी थी और में जितनी देर में दीदी की चूत का पानी चाटता उनकी चूत और पानी छोड़ देती और दीदी अपने बूब्स को पूरे जोश से मसलते हुए अपनी गांड को उठाकर चूत को मेरे मुहं पर दबाने लगी थी। तो में भी चूत में उंगली डाल डालकर चूत चोद रहा था दीदी आअहह ऊऊहह किए जा रही थी और शायद दीदी अब झड़ने वाली थी.. लेकिन में दीदी की चूत को लगातार चाटता रहा और मेरी पूरी जीभ दीदी की चूत में थी और मेरे होंठ दीदी की चूत के होंठ से मिले थे। फिर दीदी ने मेरे सर पर हाथ रखा और आहह उईई भाई में झड़ने वाली हूँ आअहह उह्ह्ह कहते हुए मेरे मुहं को चूत पर दबाने लगी और में भी पूरी तेज़ी से दीदी की चूत को चूसता रहा और दीदी की चूत का पानी मुझे बहुत टेस्टी लगता है इसलिए में भी जल्दी में था कि दीदी कब झड़े।तभी दीदी आहह उह्ह्ह की जोरदार आवाज़ से साथ झड़ने लगी और अपनी गांड को उठाकर मेरे मुहं पर अपनी चूत को दबाने लगी और में दीदी की चूत का पानी पीता रहा और दीदी आअहह ऑश आहह करते हुए एकदम से ढीली पड़ गई और निढाल सी लेटी रही.. लेकिन में फिर भी दीदी की चूत का पानी चाटता रहा। फिर दीदी की चूत को मैंने चाट चाटकर पूरा साफ कर दिया और ऊपर होकर दीदी के पास लेट गया और दीदी से बोला कि कैसा लगा दीदी? तो वो कुछ नहीं बोली और में दीदी के बूब्स को फिर से चूसने लगा और दीदी का एक हाथ पकड़ कर अपने लंड पर रख दिया और ऊपर नीचे करने लगा।तो दीदी ने कहा कि भाई बस दो मिनट रुक जा में अभी सब करती हूँऔर मुझे भी तो तेरा वीर्य पीना है और मैंने उनका हाथ छोड़ दिया और बूब्स को धीरे धीरे मसलतेहुए सक करने लगा। फिर मैंने एक हाथ को आगे की तरफ बढ़ाकर दीदी की चूत पर रख दियाऔर सहलाने लगा और मैंने महसूस किया कि दीदी की चूत अंदर से एकदम गीली थी..तो मैंने अपनी एक उंगली चूत में डाल दी और अंदर बाहर करने लगा और दीदी के साथऐसे करने से वो फिर से गरम होने लगी। फिर वो कहने लगी कि अह्ह्ह आअहह भाई रुक भी जा ऊ ओह तू मेरी चूत में फिर से आग लगा रहा है.. चल अब मुझे तेरा लंड चूसना है
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.