06-03-2019, 01:15 AM
मैं नीचे बेठा ओर पीछे से दीदी की चूत मैं जीभ फेरने लगा दीदी आआहह राहुल्ल्ल्ल बस कर मेरे भाई अब अपने लंड को दीदी की चूत मैं डालो ये बहुत तड़प रही है प्लीज सीधा खड़ा हो ज़ा ओर एक झटके मैं लंड को चूत की गहराई मैं उतार दे ओर मैं सीधा खड़ा हुआ ओर लंड के टॉप को दीदी की चूत पर उपर से नीचे ओर नीचे से उपर करने लगा मेरे ऐसा करने से दीदी की चूत का वो ही हिस्सा खुलता जहा से लंड का टॉप गुज़रता दीदी हमम्म्म करते हुये बोली अब खेलता रहेगा बहन की चूत से या अंदर भी डालेगा.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.