06-03-2019, 01:15 AM
दीदी ने कुछ नही कहा बिल्कुल सीधा खड़े रहे मैं दीदी के बालो को हटा कर गर्दन पर किस कर रहा था ओर एक हाथ से अपने लंड को दीदी के गांड के होल के उपर ही रग़ड रहा था दीदी बोली की राहुल तेरे इरादे ठीक नही हैं आज तो मेने कहा की क्या हुआ दीदी तो बोली अपने लंड को यहा से हटा तुझे पहले भी बोला है की ये गिफ्ट मैं तुझे तेरे बर्थ-डे पर दूँगी मेने कहा दीदी आप भी ना मैं तो उपर ही रग़ड रहा हूँ अंदर थोड़े ना डाल रहा हूँ आप चुप रहो प्लीज ओर फिर से स्टार्ट हो गया मैं दीदी की पीठ पर हाथ फेरता ओर किस करता रहा दीदी फिर से गर्म हो चुकी थी दीदी की पीठ को सहलाने मैं मुझे बहुत मज़ा आ रहा था जब मैं दीदी के बालो को साइड मैं करके अपनी जीभ दीदी की पीठ पर उपर से नीचे फेरता तो दीदी मचल उठती ओर फिर मैं दीदी को पास ही बनी एक खिड़की के पास ले गया ओर उन्हें दीवार के कॉर्नर को पकड़ कर घोड़ी बनने को बोला दीदी भी आराम से घोड़ी बन गई.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.