06-08-2020, 12:50 PM
जासूसी दुनिया की वास्तविक शुरुआत भारत में ही मार्च 1952 में नकहत प्रकाशन, इलाहाबाद से श्री अब्बास हुसैनी द्वारा की गयी थी. जैसा की उपरोक्त वर्णित हैं की जासूसी दुनिया का प्रकाशन पाकिस्तान और भारत दोनों में ही अलग-अलग प्रकाशकों के द्वारा साथ-साथ किया जाता रहा था.
जासूसी दुनिया के करीब 250+ विविध अंक प्रकाशित हुए जिनमे इब्ने सफी की मूल जासूसी दुनिया के साथ इमरान सीरिस का भी प्रकाशन किया गया था. 1990 में हुसैनी जी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र इम्तियाज हैदर ने संपादक की भूमिका निभायी
नकहत प्रकाशन के द्वारा जासूसी दुनिया का प्रकाशन उर्दू से प्रारंभ किया गया था और मार्च 1952 में प्रकाशित प्रथम उपन्यास थी - दिलेर मुजरिम.
बदती लोकप्रियता को देखते हुए जासूसी दुनिया को जल्द ही हिंदी भाषा में भी प्रकाशित किया जाने लगा. दिसम्बर 1952 में प्रथम अंक - खून की बौछार का प्रकाशन हुआ.
जासूसी दुनिया के करीब 250+ विविध अंक प्रकाशित हुए जिनमे इब्ने सफी की मूल जासूसी दुनिया के साथ इमरान सीरिस का भी प्रकाशन किया गया था. 1990 में हुसैनी जी की मृत्यु के बाद उनके पुत्र इम्तियाज हैदर ने संपादक की भूमिका निभायी
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
