06-08-2020, 12:50 PM
1955 में उन्होंने इमरान नाम से नए चरित्र को जन्म दिया और प्रसिद्ध इमरान सीरिज की शुरुआत हुयी. इस सीरिज की पहली पुस्तक थी - खौफनाक इमारत जो अगस्त 1955 में कराची और नवम्बर 1955 में भारत में प्रकाशित हुयी.
विश्व विख्यात महान जासूसी लेखिका अगाथा क्रिस्टी ने कहा था - "मुझे उर्दू का ज्ञान नहीं है परन्तु मुझे उपमहाद्वीप के जासूसी उपन्यासों की जानकारी है - और इब्ने सफी ही एकमात्र ओरिजनल लेखक हैं."
अक्टूबर 1957 में उन्होंने कराची में असरार प्रकाशन नाम से स्वयं की संस्था की शुरुआत की और पाकिस्तान में जासूसी दुनिया के प्रथम अंक 'ठंडी आग' का प्रकाशन हुआ. भारत में इसी माह इसका प्रकाशन हुसैनी जी के नकहत प्रकाशन द्वारा किया गया.
उर्दू साथित्य में 'जासूसी दुनिया' और 'इमरान सीरिज' जैसे नगीने देने वाले सफी जी की मृत्यु उनकी जमम दिवस के ही दिन जुलाई 26, 1980 को लम्बी बीमारी के पश्चात हो गयी.
इब्ने सफी द्वारा लिखित इमरान सीरिज के उपन्यास 'बेबाकों की तलाश' पर आधारित 'धमाका' नामक फिल्म दिसम्बर 1974 में प्रदर्शित हुयी थी. यह उनके द्ववारा लिखी गयी एकमात्र फिल्म थी. इसमें इब्ने सफी ने अपनी आवाज़ दी थी.
विश्व विख्यात महान जासूसी लेखिका अगाथा क्रिस्टी ने कहा था - "मुझे उर्दू का ज्ञान नहीं है परन्तु मुझे उपमहाद्वीप के जासूसी उपन्यासों की जानकारी है - और इब्ने सफी ही एकमात्र ओरिजनल लेखक हैं."
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
