05-03-2019, 06:24 PM
भाभी मेरे से बोली - चूँकि हम दोनों मिल के भी मेरे को एक भी राउंड नही हरा पाए थे , सो तुम दोनों को मेरी "स्लेव " बनके रात भर रहना पड़ेगा . मैं मना करने वाली थी , कि साक्षी ने भाभी को " हाँ " करदी . मैं आँखों से शाक्षी को मना करने लगी , तो वो बोली - डर गई ? आखिर मैं ये बात कैसे एक्सेप्ट कर सकती थी ? मैं भी भाभी को ' हाँ ' करदी . भाभी हम दोनों को बोली कि हम दोनों को उनकी हर बात सुबह तक माननी पड़ेगी , अगर ये हमे मंजूर हो , तो वो गेम आगे बढ़ाएंगी , नहीं तोह कार से वापस चली जाएँगी . हम दोनों भाभी की मॉर्निंग तक स्लेव बनने रहने को " एक्सेप्ट " कर लिया.
भाभी हम दोनों को " शार्ट स्कर्ट & टॉप " पहनने को बोली . मैं ब्लू ब्रा , ब्लू पैंटीज़ & ब्लू जीन्स टॉप & जीन्स स्कर्ट पहनी , जो मेरी घुटनोंओ तक की थी . साक्षी ने भी वैसे ही कपड़े पहने . भाभी बाथरूम गयी & नहा के अपनी साड़ी चेंज करके ब्लू सलवार समीज मे बहार निकली. फिर वो बहार जाने को रेडी हुई & हम तीनो नीचे उतरे , और कार से रेस्टोरेंट की तरफ निकल पडे .
हम तीनो एक अच्छे से रेस्टोरेंट पहुचे , वह हम तीनो ने भर पेट खाना खाया .फिर भाभी ने आइसक्रीम का आर्डर किया . इसी बीच, खाना खाने के बाद मुझे जोरो की पेशाब लगी . मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ी हुई , तो भाभी ने पूछा - क्या हुआ ? मैं बोली - सुसु लगी है , जोरो की ! भाभी बोली - चलो पूजा ! तुमको सुसु करा दूँ मैं अब , नही तोह तुम यहॉ चेयर पे ही सुसु कर दोगी ! भाभी इतनी जोर के बोली की रेस्टोरेंट के सभी लोग हमारी तरफ देखने लगे . भाभी बगल मे खाना खा रही महिला से बोली - बेचारी , इस लड़की को किडनी मे पथरी ( stones ) हो गयी है . ये ब्लैडर कण्ट्रोल नही कर पाती है . इसको जल्दी ले जाती हूँ , नही तोह ये यही सुसु करने लगेगी . मैं तोह शर्म से पानी -पानी हो गयी थी , इतने लोगो के बीच मेँ खड़े होके, भाभी की बातों को सुंन के . इधर साक्षी भाभी की चाल समझ गयी थी & वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी .
भाभी ने मेरे हाथ पकडे & मुझे लेके बाथरूम मेँ घुस गयी . इत्तफाक से बाथरूम मेँ बस हम दोनों ही थे . भाभी ने मेरे से मेरी चड्डी मांगी . मैं मना करने लगी , तोह भाभी ने क्रोध भरी ऑंखें दिखाई . मैं धीरे धीरे अपनी चड्डी उतारते हुए भाभी को देदी . मुझे बहुत शर्म आ रही थी & मुझे उससे ज्यादा उतनी ही जोरो से पेशाब भी लगी थी .
मैं बाथरूम के स्टाल्स की तरफ जाने लगी , तो भाभी ने मुझे रोक दिया & मुझे बोली - देखो पूजा ! अगर पेशाब करना है , तोह यही स्टाल के बहार करलो , अंदर स्टाल्स मेँ नही करने को मिलेगा . मैं भाभी से रिक्वेस्ट करने लगी - भाभी जाने दो न ! बहुत जोर की मूत लगी है ! प्लीज !...... परंतु भाभी नही मानी . वो बोली - अगर पेशाब करना है - तो यही बहार करना पड़ेगा , नही तोह चलो , अब तुमको हॉस्टल ले चलती हूँ ?
मुझे इतने जोरो की पेशाब लगी थी , की मैं झुंझुला उठी , और भाभी की आँखों मैं देखते हुए अपनी स्कर्ट अपने दोनों हाथों से पकड़ी , और भाभी की आंखों मेँ देखते हुए अपनी चड्डी को धीरे धीरे नीचे सरकाया . मेरी बुर अब मेरी झांटों के पीछे छुपी हुई एकदम भाभी की नज़रो के सामने थी , भाभी मंद मंद मुस्कुरा रही थी . मैं भी भाभी की आँखों मेँ देखते हुए , थोड़ी मुस्कुराई , और अपनी आंखें बंद कर ली .
मेरी चड्डी अब मेरे घुटनोंओ पे थी. मैं अब अपनी स्कर्ट को अपने दोनों हाथों से कमर तक उठाये हुए , आँख बंद किये हुए , मैं इंडियन स्टाइल मेँ नीचे बैठते चली गयी . आह ! धीरे धीरे मेरी बुर भाभी के सामने आती गयी . जब मैं पूरा नीचे इंडियन स्टाइल मेँ बैठ गयी , तो मेरी बुर की दोनों फांकी खुल के भाभी के सामने थी . भाभी मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरी बुर & मेरे चेहरा को देख रही थी . मेने एक गहरी सांस ली और अपना मूत्र -द्धार खोल दिया . मूत्र -द्धार खुलते ही , पेशाब बहार निकलने लगा और ऑंखें बंद रखते हुए ही मैं पेशाब करने लगी . मुझे ऐसा लगा की मैं बस स्वर्ग मैं ही पहुच गयी हूँ . मुझे इस तरह पेशाब करते हुए बहुत ही मज़ा आ रहा था. मुझे इस कंडीशन मेँ पेशाब करते हुए " निर्वाण " मिल चूका था . मैं हवा मेँ तैर रही थी .
इधर मैं स्वर्ग मेँ थी , उधर बाथरूम का दरवाजा खुला , और 3 औरतें बाथरूम मेँ दाखिल हुई . मुझे इस तरह स्टाल्स के बहार ही पेशाब करते हुए देख के वो तीनो आश्चर्यचकित रह गयी . भाभी ने तीनो को धीमे से बताया - बेचारी की किंडनी मेँ प्रॉब्लम है ! सुसु मेँ बहुत दिक्कत होती है , बेचारी को , सुसु के बाद इसको बहुत आराम मिलता है . तीनो औरतों ने मेरे से हमदर्दी जताई . इधर धीरे धीरे मेरे पेशाब ख़तम होने लगा . धीरे धीरे मेँ स्वर्ग से धरती पे आने लगी . अपने सामने उन् तीनो औरोतों को देख के मेँ पत्थर -की तरह वही बैठी रह गयी . मुझे समझ ही नही आ रहा था की मेँ करू क्या ?
मेरी बुर से अभी भी हल्का हल्का पेशाब निकल रह था . धीरे धीरे पेहसाब पूरा ख़तम हो गया . मैं अभी भी अपनी स्कर्ट कमर तक किये हुए इंडियन स्टाइल मेँ अपनी झांटों भरी बुर खोल के भाभी और उन् तीनो औरतो के सामने बैठी हुई थी.
2 मिनट्स तक जब मैं इसी तरह बैठी रही , तो भाभी आगे बढ़ी , और मेरी चड्डी निकलने लगी ,. मेने भी एक एक पावँ उठा के भाभी को अपनी चड्डी उतारने मैं मदद की . भाभी ने मेरी चड्डी उतार के मेरी ही चड्डी से मेरी बुर को साफ़ किया , और मुझे खड़ा किया . फिर उन्होंने मेरी स्कर्ट नीचे की . फिर मुझे बाथरूम के बहार लेके जाने लगी . मैं एकदम मशीन की तरह हो गयी थी , मेरा दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था . भाभी जैसा मेरे से करवा रही थी , मैं वैसा ही कर रही थी . भाभी के साथ मैं आ के टेबल पे साक्षी के साथ बैठ गयी . मेरा दिमाग सुंन पड़ चूका था .
तभी वेटर आइसक्रीम का आर्डर लेके आ गया . जब वो आइसक्रीम टेबल पे रख चूका था , तो भाभी ने उसकी प्लेट मेँ मेरी पेशाब से भीगी नीली चड्डी डाल दी & उसको बहार फेंकने को कहा . वेटर मेरी गन्दी चड्डी , मुझे और भाभी को देखता ही रह गया , फिर मेरी चड्डी सबको दिखाते हुए लेके चला गया . मैं तोह शर्म के दलदल मेँ पूरी डूब चुकी थी . मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे . मेने अपना चेहरा पूरा टेबल के नीचे तक झुका लिया था . साक्षी ने मेरी झंगहूँ पे हाथ रखके मुझे दिलासा दिया , धीरे धीरे मैं खुद पे कण्ट्रोल पाने लगी . थोड़ी देर मेँ, मैं काफी हद्द तक नार्मल हो चुकी थी . तब तक आइसक्रीम भी ख़तम हो गयी थी …
( …… क्रमशः )
भाभी हम दोनों को " शार्ट स्कर्ट & टॉप " पहनने को बोली . मैं ब्लू ब्रा , ब्लू पैंटीज़ & ब्लू जीन्स टॉप & जीन्स स्कर्ट पहनी , जो मेरी घुटनोंओ तक की थी . साक्षी ने भी वैसे ही कपड़े पहने . भाभी बाथरूम गयी & नहा के अपनी साड़ी चेंज करके ब्लू सलवार समीज मे बहार निकली. फिर वो बहार जाने को रेडी हुई & हम तीनो नीचे उतरे , और कार से रेस्टोरेंट की तरफ निकल पडे .
हम तीनो एक अच्छे से रेस्टोरेंट पहुचे , वह हम तीनो ने भर पेट खाना खाया .फिर भाभी ने आइसक्रीम का आर्डर किया . इसी बीच, खाना खाने के बाद मुझे जोरो की पेशाब लगी . मैं बाथरूम जाने के लिए खड़ी हुई , तो भाभी ने पूछा - क्या हुआ ? मैं बोली - सुसु लगी है , जोरो की ! भाभी बोली - चलो पूजा ! तुमको सुसु करा दूँ मैं अब , नही तोह तुम यहॉ चेयर पे ही सुसु कर दोगी ! भाभी इतनी जोर के बोली की रेस्टोरेंट के सभी लोग हमारी तरफ देखने लगे . भाभी बगल मे खाना खा रही महिला से बोली - बेचारी , इस लड़की को किडनी मे पथरी ( stones ) हो गयी है . ये ब्लैडर कण्ट्रोल नही कर पाती है . इसको जल्दी ले जाती हूँ , नही तोह ये यही सुसु करने लगेगी . मैं तोह शर्म से पानी -पानी हो गयी थी , इतने लोगो के बीच मेँ खड़े होके, भाभी की बातों को सुंन के . इधर साक्षी भाभी की चाल समझ गयी थी & वो मंद मंद मुस्कुरा रही थी .
भाभी ने मेरे हाथ पकडे & मुझे लेके बाथरूम मेँ घुस गयी . इत्तफाक से बाथरूम मेँ बस हम दोनों ही थे . भाभी ने मेरे से मेरी चड्डी मांगी . मैं मना करने लगी , तोह भाभी ने क्रोध भरी ऑंखें दिखाई . मैं धीरे धीरे अपनी चड्डी उतारते हुए भाभी को देदी . मुझे बहुत शर्म आ रही थी & मुझे उससे ज्यादा उतनी ही जोरो से पेशाब भी लगी थी .
मैं बाथरूम के स्टाल्स की तरफ जाने लगी , तो भाभी ने मुझे रोक दिया & मुझे बोली - देखो पूजा ! अगर पेशाब करना है , तोह यही स्टाल के बहार करलो , अंदर स्टाल्स मेँ नही करने को मिलेगा . मैं भाभी से रिक्वेस्ट करने लगी - भाभी जाने दो न ! बहुत जोर की मूत लगी है ! प्लीज !...... परंतु भाभी नही मानी . वो बोली - अगर पेशाब करना है - तो यही बहार करना पड़ेगा , नही तोह चलो , अब तुमको हॉस्टल ले चलती हूँ ?
मुझे इतने जोरो की पेशाब लगी थी , की मैं झुंझुला उठी , और भाभी की आँखों मैं देखते हुए अपनी स्कर्ट अपने दोनों हाथों से पकड़ी , और भाभी की आंखों मेँ देखते हुए अपनी चड्डी को धीरे धीरे नीचे सरकाया . मेरी बुर अब मेरी झांटों के पीछे छुपी हुई एकदम भाभी की नज़रो के सामने थी , भाभी मंद मंद मुस्कुरा रही थी . मैं भी भाभी की आँखों मेँ देखते हुए , थोड़ी मुस्कुराई , और अपनी आंखें बंद कर ली .
मेरी चड्डी अब मेरे घुटनोंओ पे थी. मैं अब अपनी स्कर्ट को अपने दोनों हाथों से कमर तक उठाये हुए , आँख बंद किये हुए , मैं इंडियन स्टाइल मेँ नीचे बैठते चली गयी . आह ! धीरे धीरे मेरी बुर भाभी के सामने आती गयी . जब मैं पूरा नीचे इंडियन स्टाइल मेँ बैठ गयी , तो मेरी बुर की दोनों फांकी खुल के भाभी के सामने थी . भाभी मंद मंद मुस्कुराते हुए मेरी बुर & मेरे चेहरा को देख रही थी . मेने एक गहरी सांस ली और अपना मूत्र -द्धार खोल दिया . मूत्र -द्धार खुलते ही , पेशाब बहार निकलने लगा और ऑंखें बंद रखते हुए ही मैं पेशाब करने लगी . मुझे ऐसा लगा की मैं बस स्वर्ग मैं ही पहुच गयी हूँ . मुझे इस तरह पेशाब करते हुए बहुत ही मज़ा आ रहा था. मुझे इस कंडीशन मेँ पेशाब करते हुए " निर्वाण " मिल चूका था . मैं हवा मेँ तैर रही थी .
इधर मैं स्वर्ग मेँ थी , उधर बाथरूम का दरवाजा खुला , और 3 औरतें बाथरूम मेँ दाखिल हुई . मुझे इस तरह स्टाल्स के बहार ही पेशाब करते हुए देख के वो तीनो आश्चर्यचकित रह गयी . भाभी ने तीनो को धीमे से बताया - बेचारी की किंडनी मेँ प्रॉब्लम है ! सुसु मेँ बहुत दिक्कत होती है , बेचारी को , सुसु के बाद इसको बहुत आराम मिलता है . तीनो औरतों ने मेरे से हमदर्दी जताई . इधर धीरे धीरे मेरे पेशाब ख़तम होने लगा . धीरे धीरे मेँ स्वर्ग से धरती पे आने लगी . अपने सामने उन् तीनो औरोतों को देख के मेँ पत्थर -की तरह वही बैठी रह गयी . मुझे समझ ही नही आ रहा था की मेँ करू क्या ?
मेरी बुर से अभी भी हल्का हल्का पेशाब निकल रह था . धीरे धीरे पेहसाब पूरा ख़तम हो गया . मैं अभी भी अपनी स्कर्ट कमर तक किये हुए इंडियन स्टाइल मेँ अपनी झांटों भरी बुर खोल के भाभी और उन् तीनो औरतो के सामने बैठी हुई थी.
2 मिनट्स तक जब मैं इसी तरह बैठी रही , तो भाभी आगे बढ़ी , और मेरी चड्डी निकलने लगी ,. मेने भी एक एक पावँ उठा के भाभी को अपनी चड्डी उतारने मैं मदद की . भाभी ने मेरी चड्डी उतार के मेरी ही चड्डी से मेरी बुर को साफ़ किया , और मुझे खड़ा किया . फिर उन्होंने मेरी स्कर्ट नीचे की . फिर मुझे बाथरूम के बहार लेके जाने लगी . मैं एकदम मशीन की तरह हो गयी थी , मेरा दिमाग ने काम करना ही बंद कर दिया था . भाभी जैसा मेरे से करवा रही थी , मैं वैसा ही कर रही थी . भाभी के साथ मैं आ के टेबल पे साक्षी के साथ बैठ गयी . मेरा दिमाग सुंन पड़ चूका था .
तभी वेटर आइसक्रीम का आर्डर लेके आ गया . जब वो आइसक्रीम टेबल पे रख चूका था , तो भाभी ने उसकी प्लेट मेँ मेरी पेशाब से भीगी नीली चड्डी डाल दी & उसको बहार फेंकने को कहा . वेटर मेरी गन्दी चड्डी , मुझे और भाभी को देखता ही रह गया , फिर मेरी चड्डी सबको दिखाते हुए लेके चला गया . मैं तोह शर्म के दलदल मेँ पूरी डूब चुकी थी . मेरी आँखों से आंसू बह रहे थे . मेने अपना चेहरा पूरा टेबल के नीचे तक झुका लिया था . साक्षी ने मेरी झंगहूँ पे हाथ रखके मुझे दिलासा दिया , धीरे धीरे मैं खुद पे कण्ट्रोल पाने लगी . थोड़ी देर मेँ, मैं काफी हद्द तक नार्मल हो चुकी थी . तब तक आइसक्रीम भी ख़तम हो गयी थी …
( …… क्रमशः )