05-03-2019, 06:23 PM
हेलौ दोस्तों, मेरा नाम पूजा है । मै 26 साल की लडकी हू । मै UP की रहने वाली हू । मेरी अभी तक शादी नही हुयी है । मैने पढाई पूरी कर ली है । मै अब घर पे ही रहती हू । मेरे पापा दुबई मे नौकरी करते है, मॉ टीचर है । मेरी एक दीदी भी है, जिनकी अब शादी हो चुकी है ।
मै अपने जिंदगी की दास्ताँ बताने जा रही हू।
मेरा परिचय
मेरा नाम पूजा है । मै 26 साल की हू । मेरा कद 5 फीट 10 ई्ंच है । मेरा वजन 47 किलो है। मेरा फिगर 34B 30 34 है। , यानि की मैं एक गदरायी -बदन वाली मस्त लौंडिया हु , जिसके आगे -पीछे बचचे से लेके बुड़्हे लोग तक घूमते रहते हैं . मेरे केश के बाल कंधे तक आते हैं & मेरा रंग गोरा है . कुल मिला के कह सकते हैं की मैं एक मॉडल सी दिखती हु .
मेरा बचपन
मैं एक छोटे से गांव में पैदा हुई. बचपन मेरा बहुत खुसी ख़ुशी बीता जवानी की दहलीज पे कदम रखते ही मेरा बदन का विकास होनेए लगा . कॉलेज टाइम मैं ही मेरी चूचियां B-कप्स की हो गईi थी . सौभाग्यवश , मेरे दोनों निप्पल्स भी ज्यादा बडे हैं , जिनपे मुझे बहुत गर्व है . मेरी चूत का भी विकास बहुत अछि तरह से हुआ . मेरी बुर की फांकें एकदम सटी हुई थी , और मेरी क्लीट काफी बड़ी थी . मेने काफी बार ये नोटिस किआ था कि - जब मैं अपनी टांगें फैलाती थी , तो मेरी बुर की दोनों फांकें एकदम सटी हुई होती थी , जबकि मेरी दीदी और कजिन की बुर की फांकें अलग -अलग दिखती थी .
बचपन मैं मेरी पक्की सहेली मेरी दीदी ही थी . माँ का भी व्यहवार हम लोगो से दोस्ताना ही था परंतु दीदी मेरे एकदम करीब रहती . हम दोनों साथ साथ ही सोते , खाते पीते , कॉलेज जाते ..,वगेरा वगेरा . डैड तो साल मैं 1 या 2 बार ही घर आ पाते , वो भी कुछ दिनों के लिए . मेरी माँ बहुत धार्मिक महिला थी , उन्होंने हम दोनों बेटियों को बहुत प्यार से पाला . हम दोनों बहनों को उन्हूने गर्ल्स कॉलेज & कॉलेज मैं पढ़ाया .
जब मैं थोड़ी बड़ी हुई , तो सही उम्र आने पे दीदी ने मुझे पैड्स यूज़ करना , फ़िंगेरिंग करना etc सिखाया . दीदी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था परंतु वो काफी हॉट थी & हर रात को वो 3-4 बार फ़िंगेरिंग किया ही करती थी . वो हमारी एक कजिन & अपनी एक सहेली से लेस्बियन भी किया करती थी . जब भी वो कजिन / उनकी सहेली घर आती , मुझे दूसरे रूम मे सोना पड़ता & वो सब रात भर लेस्बियन करके अपनी हवस शांत करती . माँ को ये सब पता चल गया परंतु उन्होंने किसी से कुछ भी नही कहा . BA मे दीदी के फेल होने के बाद माँ ने दीदी की शादी एक इंजीनियर से करदी . अब दीदी , जीजा & अपने बच्चों के साथ विदेश मे सेटल्ड है .
दीदी की शादी के बाद मेने एक गर्ल्स कॉलेज से BA किया & पूरा ध्यान स्टडीज मे लगाया , जिसकी वजह से मेरा एडमिशन देलही मे एक बहुत बढ़िया कॉलेज मे MA मे हो गया .
मेरे कॉलेज के दिंन
मैं डेल्ही आकर बहुत खुश थी . एक तो इतना बढ़िया कॉलेज था & उसपर से डेल्ही का ओपन - अत्मोस्फेर . हॉस्टल आल्लोट हो गया . मेरी रूममेट साक्षी नाम की एक लड़की बानी . वो भी UP के ही एक छोटे से शहर की थी , और बहुत खूबसूरत थी , मेरे से भी ज्यादा सुन्दर थी वो & उसका बदन मेरे से भी ज्यादा गदराया हुआ था . कुछ ही दिनों मैं हम दोनों बहुत ही पक्की सहेलियां बन गयी . कॉलेज स्टार्ट हो गए थे & हम दोनों ने अपना पूरा ध्यान अपनी स्टडीज मे लगा दिया था .
कुछ महीने बाद साक्षी की भाभी हॉस्टल मे साक्षी से मिलने आयी . साक्षी ने मेरे परिचय अपनी भाभी से करवाया , भाभी का नाम नीलू था , भाभी तोह साक्षी से भी ज्यादा बला की खूबसूरत थी . मैं तोह भाभी को देखती रह गयी . फिर मैं भाभी को नमस्ते की & डेली के कामो मे व्यस्त हो गयी . शाम को भाभी के साथ चाय हुए , हमने ताश खेलने का प्लान बनाया . मुझे ताश खेलना नही आता था , इसलिए मैं मना करने लगी परंतु थोड़ी ही देर मैं भाभी और साक्षी के बार बार कहने पे मैं मान गयी .
भाभी और साक्षी ने मुझे थोड़ा थोड़ा ताश खेलना सिखाया , फिर मैं उनके साथ खेलने लगी . खेलते खेलते भाभी ने हम लोगो से " स्ट्रिप पोकर " खेलने को कहा ? मुझे नही मालूम था , इसमें क्या होता है , तोह साक्षी ने बताया कि - इसमें जो हारता है , उसको एक एक करके कपड़े उतारने पड़ती है . मैं मना करने लगी , क्योंकि मुझे ठीक से ये गेम खेलना नही आता था , तो साक्षी & भाभी ने मुझे जिद्द करके मना लिया . पता नही क्या कारन था , कि मैं भाभी कि बातुंन मे आ गयी . मुझे साक्षी के सामने नंगी होने मे को i प्रॉब्लम नही थी , क्योंकि मे उसके सामने कई बार कपड़े बदलते हुए नंगी हो जाती थी & उसको भी मेरे सामने नंगी होने मे कोई प्रॉब्लम नहीं थी .
धीरे धीरे गेम शुरू हुआ . मुझे गेम ठीक से आता नही था , सो मे १स्त राउंड मे हारी . मुझे अपनी समीज उतारनी पड़ी . मुझे भाभी से शर्म आ रही थी . 2nd राउंड मे शाक्षी ने मेरी हेल्प क़ी, भाभी ने उसको मेरी हेल्प करने दी . इस बार साक्षी जान भूझकर हारी . हारते ही वो अपनी समीज उतार के फेंक दी . नेक्स्ट राउंड मे फिर साक्षी ने मेरी हेल्प क़ी & वो जान बूझकर हारी . इस बार उसने अपनी शलवार उतार के साइड मे रख दिया . अब साक्षी सिर्फ ब्रा और पैंटीज़ मे थी & मैं टॉपलेस थी . नेक्स्ट राउंड्स मे साक्षी ने मेरी हेल्प नही क़ी और मैं क्रमसः नंगी होती चली गयी . कुछ ही राउंड्स के गेम मे, मैं पूरी नंगी हो चुकी थी और साक्षी सिर्फ ब्रा & पैंटीज मे थी , और भाभी क़ी बॉडी से एक भी कपड़ा नही उतर था , यानि वो एक भी राउंड नही हारी थी .
मै अपने जिंदगी की दास्ताँ बताने जा रही हू।
मेरा परिचय
मेरा नाम पूजा है । मै 26 साल की हू । मेरा कद 5 फीट 10 ई्ंच है । मेरा वजन 47 किलो है। मेरा फिगर 34B 30 34 है। , यानि की मैं एक गदरायी -बदन वाली मस्त लौंडिया हु , जिसके आगे -पीछे बचचे से लेके बुड़्हे लोग तक घूमते रहते हैं . मेरे केश के बाल कंधे तक आते हैं & मेरा रंग गोरा है . कुल मिला के कह सकते हैं की मैं एक मॉडल सी दिखती हु .
मेरा बचपन
मैं एक छोटे से गांव में पैदा हुई. बचपन मेरा बहुत खुसी ख़ुशी बीता जवानी की दहलीज पे कदम रखते ही मेरा बदन का विकास होनेए लगा . कॉलेज टाइम मैं ही मेरी चूचियां B-कप्स की हो गईi थी . सौभाग्यवश , मेरे दोनों निप्पल्स भी ज्यादा बडे हैं , जिनपे मुझे बहुत गर्व है . मेरी चूत का भी विकास बहुत अछि तरह से हुआ . मेरी बुर की फांकें एकदम सटी हुई थी , और मेरी क्लीट काफी बड़ी थी . मेने काफी बार ये नोटिस किआ था कि - जब मैं अपनी टांगें फैलाती थी , तो मेरी बुर की दोनों फांकें एकदम सटी हुई होती थी , जबकि मेरी दीदी और कजिन की बुर की फांकें अलग -अलग दिखती थी .
बचपन मैं मेरी पक्की सहेली मेरी दीदी ही थी . माँ का भी व्यहवार हम लोगो से दोस्ताना ही था परंतु दीदी मेरे एकदम करीब रहती . हम दोनों साथ साथ ही सोते , खाते पीते , कॉलेज जाते ..,वगेरा वगेरा . डैड तो साल मैं 1 या 2 बार ही घर आ पाते , वो भी कुछ दिनों के लिए . मेरी माँ बहुत धार्मिक महिला थी , उन्होंने हम दोनों बेटियों को बहुत प्यार से पाला . हम दोनों बहनों को उन्हूने गर्ल्स कॉलेज & कॉलेज मैं पढ़ाया .
जब मैं थोड़ी बड़ी हुई , तो सही उम्र आने पे दीदी ने मुझे पैड्स यूज़ करना , फ़िंगेरिंग करना etc सिखाया . दीदी का कोई बॉयफ्रेंड नहीं था परंतु वो काफी हॉट थी & हर रात को वो 3-4 बार फ़िंगेरिंग किया ही करती थी . वो हमारी एक कजिन & अपनी एक सहेली से लेस्बियन भी किया करती थी . जब भी वो कजिन / उनकी सहेली घर आती , मुझे दूसरे रूम मे सोना पड़ता & वो सब रात भर लेस्बियन करके अपनी हवस शांत करती . माँ को ये सब पता चल गया परंतु उन्होंने किसी से कुछ भी नही कहा . BA मे दीदी के फेल होने के बाद माँ ने दीदी की शादी एक इंजीनियर से करदी . अब दीदी , जीजा & अपने बच्चों के साथ विदेश मे सेटल्ड है .
दीदी की शादी के बाद मेने एक गर्ल्स कॉलेज से BA किया & पूरा ध्यान स्टडीज मे लगाया , जिसकी वजह से मेरा एडमिशन देलही मे एक बहुत बढ़िया कॉलेज मे MA मे हो गया .
मेरे कॉलेज के दिंन
मैं डेल्ही आकर बहुत खुश थी . एक तो इतना बढ़िया कॉलेज था & उसपर से डेल्ही का ओपन - अत्मोस्फेर . हॉस्टल आल्लोट हो गया . मेरी रूममेट साक्षी नाम की एक लड़की बानी . वो भी UP के ही एक छोटे से शहर की थी , और बहुत खूबसूरत थी , मेरे से भी ज्यादा सुन्दर थी वो & उसका बदन मेरे से भी ज्यादा गदराया हुआ था . कुछ ही दिनों मैं हम दोनों बहुत ही पक्की सहेलियां बन गयी . कॉलेज स्टार्ट हो गए थे & हम दोनों ने अपना पूरा ध्यान अपनी स्टडीज मे लगा दिया था .
कुछ महीने बाद साक्षी की भाभी हॉस्टल मे साक्षी से मिलने आयी . साक्षी ने मेरे परिचय अपनी भाभी से करवाया , भाभी का नाम नीलू था , भाभी तोह साक्षी से भी ज्यादा बला की खूबसूरत थी . मैं तोह भाभी को देखती रह गयी . फिर मैं भाभी को नमस्ते की & डेली के कामो मे व्यस्त हो गयी . शाम को भाभी के साथ चाय हुए , हमने ताश खेलने का प्लान बनाया . मुझे ताश खेलना नही आता था , इसलिए मैं मना करने लगी परंतु थोड़ी ही देर मैं भाभी और साक्षी के बार बार कहने पे मैं मान गयी .
भाभी और साक्षी ने मुझे थोड़ा थोड़ा ताश खेलना सिखाया , फिर मैं उनके साथ खेलने लगी . खेलते खेलते भाभी ने हम लोगो से " स्ट्रिप पोकर " खेलने को कहा ? मुझे नही मालूम था , इसमें क्या होता है , तोह साक्षी ने बताया कि - इसमें जो हारता है , उसको एक एक करके कपड़े उतारने पड़ती है . मैं मना करने लगी , क्योंकि मुझे ठीक से ये गेम खेलना नही आता था , तो साक्षी & भाभी ने मुझे जिद्द करके मना लिया . पता नही क्या कारन था , कि मैं भाभी कि बातुंन मे आ गयी . मुझे साक्षी के सामने नंगी होने मे को i प्रॉब्लम नही थी , क्योंकि मे उसके सामने कई बार कपड़े बदलते हुए नंगी हो जाती थी & उसको भी मेरे सामने नंगी होने मे कोई प्रॉब्लम नहीं थी .
धीरे धीरे गेम शुरू हुआ . मुझे गेम ठीक से आता नही था , सो मे १स्त राउंड मे हारी . मुझे अपनी समीज उतारनी पड़ी . मुझे भाभी से शर्म आ रही थी . 2nd राउंड मे शाक्षी ने मेरी हेल्प क़ी, भाभी ने उसको मेरी हेल्प करने दी . इस बार साक्षी जान भूझकर हारी . हारते ही वो अपनी समीज उतार के फेंक दी . नेक्स्ट राउंड मे फिर साक्षी ने मेरी हेल्प क़ी & वो जान बूझकर हारी . इस बार उसने अपनी शलवार उतार के साइड मे रख दिया . अब साक्षी सिर्फ ब्रा और पैंटीज़ मे थी & मैं टॉपलेस थी . नेक्स्ट राउंड्स मे साक्षी ने मेरी हेल्प नही क़ी और मैं क्रमसः नंगी होती चली गयी . कुछ ही राउंड्स के गेम मे, मैं पूरी नंगी हो चुकी थी और साक्षी सिर्फ ब्रा & पैंटीज मे थी , और भाभी क़ी बॉडी से एक भी कपड़ा नही उतर था , यानि वो एक भी राउंड नही हारी थी .