05-08-2020, 04:57 PM
मधु ने दो इंच वाली सैंडल अपने पैरों मैं डाला और कमर मटकाती चलने लगी और दरवाज़े से बाहर जाने से पहले बोली ज़रा बिस्तर ठीक कर दीजेए और एक नई चादर बिछा दीजेए और कमरे को थोड़ा वेवस्तित कर दीजेए जी ।
वो मुस्कुराती कमरे से बाहर चली गईं और उसके पायल की आवाज़ सुनते मे उठ के पुरानी चादर और तक़किये के कवर को हटा के एक साफ सुथरी बेडशीट लगा के जमीन पे पड़े उसके और अपने कपड़ों को वाशिंग मशीन मैं डाल दिया और नहाने चला गया ।
नहाते नहाते मधु ने आवाज़ लगाई जल्दी बाहर आईये कितने देर नहाने मे लगा रहे है ,मैं जल्दी ही टावेल से खुद को पोछता बाहर आया और टॉवल लपेट के पूछा बताओ क्या बात हैं ।
मधु बोली देखिये एक घंटा होने को है वसंत आया नहीं ।
मैं मधु की बेबस आंखों मैं देखता रहा उसकी गालो की लाली आग उगल रही थी , उसके चुचियो की दरार के आस पास पसिने की बूंदे चमक रही थी उसके कमरबन्द के घुघरू स्वत ही बज रहे थे और होटो मे एक अजीब सा सूखापन उभर रहा था ।
एक अजीब अनजान इंतज़ार की रेखाएं उसके ललाट पे बन आयी थी और और वो दोनों हाथों को कमर पे रख के खड़ी मेरे बोलने का इंतज़ार कर रही थी ।
मैं बोला मधु वो आ जायेगा ज़रूर दुकान मैं ग्राहक होंगे और उसे कहा पता है कि उसकी मधु भाभी उसके लौड़े को तरस रही है ,सब्र रखो वो आएगा मेरी जान और इस बिस्तर पे ही तुझे चोदेगा मेरे सामने रंडी की तरह और तुम चीखोगी अहह वसंत चोदो ज़ोर से अपनी मधु भाभी को ,देखो तेरे भइया तेरे लड़ का वीर्य मेरी चुत से चाटने को मचल रहे है ,भर दो मेरी प्यासी चुत अपने तगड़े लड़ के अमृत से ।
मधु मेरी बातें सुन के बोली चलिए जमीन पे बैठ जाइए जल्दी ,मैं फ़ौरन बैठ गया और वो साड़ी उठा के मेरे कंधे पे सैंडल को रखते बोली मैं नहीं चाहती वसंत की जगह आप से गीली हो जाऊं ,जल्दी से चाट के साफ किजेए और अति उतेजित बातें मत किजेए की मे फिर से आपके बेकार लड़ की और आकर्षित हो जाऊं।
मैं सरपट उसकी गीली चुत पे जीभ लगा के चाटने लाग और वो दबा के मेरे होटो पे चुत रगड़ने लगी ।
वो हद से ज़्यादा गीली थी जिसकी वजह से मुझे चाटने मे असीम आनंद आने लगा और वो सिसकियों भर्ती बोलने लगी अच्छी तरह चाटिए सब पी लिजेए उफ्फ्फ न जाने वसंत कब आएगा कि जीभ की जगह लौड़े से सुख ले पाऊँगी ।
वो ख़ुद ही अपने बदन को आग बनाती जा रही थी और जल्द ही उसके हाथ से साड़ी छूट गयी और मैं उसके अंदर समा गया और कुत्ते की तरह चुत चाट चाट कर मज़ा लेने और देने लगा ।
एक पतली धार सी पानी बही और वो बोली उफ्फ्फ मॉफ किजेए रोक नहीं पाई और बड़बड़ाती बोली हे भगवान कैसे हालत हो गई कि मुठ की जगह मुत निकल गई और ये उसको भी चाट रहे है, मै बोला मधु मुतेंगी क्या पी जाऊंगा वो गुस्से से बोली लिजेए पीजिये अब आप जो भी गंदा घिनोना कहेंगे सब करूँगी क्योंकि मै समझ चुकी हूं आप बहुत घेनोने है और तेज़ धार मेरे मुँह पे चुत दबा के मधु मूतने लगी और मे गटकने लगा ।
उसकी मुत पी के चुत सूखा कर दिया और वो टांग उतारने लागि और बोली आप इतने गंदे है जिसकी कोई सीमा नही हैं और आप गन्दी फिल्मे देख कर ऐसे हो गए कि आज खुद आपकी सती सावित्री अर्धनि पराये मर्द के इंतज़ार में तड़प रही हैं ।
मैं मधु को देखता अपने जीभ से अपने होटो को चाटने लाग और बोला जाओ चाय तोह बना दो वो बोली क्यों गरम नमकीन मुत पी के भी मन नहीं भरा क्या।
मैं बोला मीठा पीने का मन कर रहा है वो आंखे सिकुड़ते चली गयी और मे पैंट शर्ट पहन के हॉल मैं बैठ गया और घड़ी पे नज़र पड़ी तोह देखा आठ बजने को हैं ,मैं मधु को आवाज़ लगता पूछा क्या मंगा दु तुम दोनों के लिए डिनर मे ,वो बोली नॉन वेज ही आर्डर किजेए और चाय टेबल पे रखते बोली वो मेरे मांस को नोचेंगा तोह मांस ही परोसोगी तभी तोह ठीक से रात भर कर पायेगा ।
मधु एकदम बेबाक बातें करती हस्ती बगल मैं बैठ कर बोली सुनिए जो भी हो आपकी बीवी हु अगर कभी ताना या कोसा कोसी आपने की तोह बहुत खराब होगा क्योंकि आज जो भी होगा बस आपके वजह से और आपके लिए ।
चाय की चुस्की लेते बोला टेंशन न लो जान तुम मेरी जान हो और हज़ारो लौड़े ले के भी मेरी जान ही रहोगी ।
एक दमदार मुका मधु ने मेरे बाह पे मार कर बोली रंडी नहीं हूं मे जो हज़ारो लौड़े लेती फिरूँ आपकी बीवी हु ।
दोनों हँसते हुए चाय का आनंद लेते रहे और मधु ने मटन और राइस आर्डर कर दिया ।
वो मुस्कुराती कमरे से बाहर चली गईं और उसके पायल की आवाज़ सुनते मे उठ के पुरानी चादर और तक़किये के कवर को हटा के एक साफ सुथरी बेडशीट लगा के जमीन पे पड़े उसके और अपने कपड़ों को वाशिंग मशीन मैं डाल दिया और नहाने चला गया ।
नहाते नहाते मधु ने आवाज़ लगाई जल्दी बाहर आईये कितने देर नहाने मे लगा रहे है ,मैं जल्दी ही टावेल से खुद को पोछता बाहर आया और टॉवल लपेट के पूछा बताओ क्या बात हैं ।
मधु बोली देखिये एक घंटा होने को है वसंत आया नहीं ।
मैं मधु की बेबस आंखों मैं देखता रहा उसकी गालो की लाली आग उगल रही थी , उसके चुचियो की दरार के आस पास पसिने की बूंदे चमक रही थी उसके कमरबन्द के घुघरू स्वत ही बज रहे थे और होटो मे एक अजीब सा सूखापन उभर रहा था ।
एक अजीब अनजान इंतज़ार की रेखाएं उसके ललाट पे बन आयी थी और और वो दोनों हाथों को कमर पे रख के खड़ी मेरे बोलने का इंतज़ार कर रही थी ।
मैं बोला मधु वो आ जायेगा ज़रूर दुकान मैं ग्राहक होंगे और उसे कहा पता है कि उसकी मधु भाभी उसके लौड़े को तरस रही है ,सब्र रखो वो आएगा मेरी जान और इस बिस्तर पे ही तुझे चोदेगा मेरे सामने रंडी की तरह और तुम चीखोगी अहह वसंत चोदो ज़ोर से अपनी मधु भाभी को ,देखो तेरे भइया तेरे लड़ का वीर्य मेरी चुत से चाटने को मचल रहे है ,भर दो मेरी प्यासी चुत अपने तगड़े लड़ के अमृत से ।
मधु मेरी बातें सुन के बोली चलिए जमीन पे बैठ जाइए जल्दी ,मैं फ़ौरन बैठ गया और वो साड़ी उठा के मेरे कंधे पे सैंडल को रखते बोली मैं नहीं चाहती वसंत की जगह आप से गीली हो जाऊं ,जल्दी से चाट के साफ किजेए और अति उतेजित बातें मत किजेए की मे फिर से आपके बेकार लड़ की और आकर्षित हो जाऊं।
मैं सरपट उसकी गीली चुत पे जीभ लगा के चाटने लाग और वो दबा के मेरे होटो पे चुत रगड़ने लगी ।
वो हद से ज़्यादा गीली थी जिसकी वजह से मुझे चाटने मे असीम आनंद आने लगा और वो सिसकियों भर्ती बोलने लगी अच्छी तरह चाटिए सब पी लिजेए उफ्फ्फ न जाने वसंत कब आएगा कि जीभ की जगह लौड़े से सुख ले पाऊँगी ।
वो ख़ुद ही अपने बदन को आग बनाती जा रही थी और जल्द ही उसके हाथ से साड़ी छूट गयी और मैं उसके अंदर समा गया और कुत्ते की तरह चुत चाट चाट कर मज़ा लेने और देने लगा ।
एक पतली धार सी पानी बही और वो बोली उफ्फ्फ मॉफ किजेए रोक नहीं पाई और बड़बड़ाती बोली हे भगवान कैसे हालत हो गई कि मुठ की जगह मुत निकल गई और ये उसको भी चाट रहे है, मै बोला मधु मुतेंगी क्या पी जाऊंगा वो गुस्से से बोली लिजेए पीजिये अब आप जो भी गंदा घिनोना कहेंगे सब करूँगी क्योंकि मै समझ चुकी हूं आप बहुत घेनोने है और तेज़ धार मेरे मुँह पे चुत दबा के मधु मूतने लगी और मे गटकने लगा ।
उसकी मुत पी के चुत सूखा कर दिया और वो टांग उतारने लागि और बोली आप इतने गंदे है जिसकी कोई सीमा नही हैं और आप गन्दी फिल्मे देख कर ऐसे हो गए कि आज खुद आपकी सती सावित्री अर्धनि पराये मर्द के इंतज़ार में तड़प रही हैं ।
मैं मधु को देखता अपने जीभ से अपने होटो को चाटने लाग और बोला जाओ चाय तोह बना दो वो बोली क्यों गरम नमकीन मुत पी के भी मन नहीं भरा क्या।
मैं बोला मीठा पीने का मन कर रहा है वो आंखे सिकुड़ते चली गयी और मे पैंट शर्ट पहन के हॉल मैं बैठ गया और घड़ी पे नज़र पड़ी तोह देखा आठ बजने को हैं ,मैं मधु को आवाज़ लगता पूछा क्या मंगा दु तुम दोनों के लिए डिनर मे ,वो बोली नॉन वेज ही आर्डर किजेए और चाय टेबल पे रखते बोली वो मेरे मांस को नोचेंगा तोह मांस ही परोसोगी तभी तोह ठीक से रात भर कर पायेगा ।
मधु एकदम बेबाक बातें करती हस्ती बगल मैं बैठ कर बोली सुनिए जो भी हो आपकी बीवी हु अगर कभी ताना या कोसा कोसी आपने की तोह बहुत खराब होगा क्योंकि आज जो भी होगा बस आपके वजह से और आपके लिए ।
चाय की चुस्की लेते बोला टेंशन न लो जान तुम मेरी जान हो और हज़ारो लौड़े ले के भी मेरी जान ही रहोगी ।
एक दमदार मुका मधु ने मेरे बाह पे मार कर बोली रंडी नहीं हूं मे जो हज़ारो लौड़े लेती फिरूँ आपकी बीवी हु ।
दोनों हँसते हुए चाय का आनंद लेते रहे और मधु ने मटन और राइस आर्डर कर दिया ।