05-08-2020, 02:51 PM
जब मै ज्यादा देर तक अमृता को किस्स करता रहा तो अमृता को लगा कि मै उसकी चूत मारना चाहता हूँ इसलिए उसने अपनी दोनों टंगे फैला कर अपने पैर मेरी कमर पे लगा दिए ताकि उसकी चूत पूरी तरह खुल जाए और मेरा लंड आराम से अंदर जा सके | उसे शायद लगा कि मै रात वाली दूसरी ट्रिप अब पूरी करना चाहता हूँ या अपने दिन की शुरुआत उसकी चूत मार कर करना चाहता हूँ|
मगर मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था |मै उसे उसी पुराने अंदाज में चोदना नहीं चाहता था |मुझे तो अब कुछ नया करना था |इस पोज में तो मै उसकी रोज लेता था फिर भला मम्मी के जाने और हमारे हनीमून का अर्थ ही क्या रह जाता अगर हमें वही सब करना था जो हम रोज करते है?
इसलिए मैंने उसकी चूत में अपना लंड नहीं डाला और उसे जगा कर उसके बराबर में लेट गया |
जब अमृता ने देखा कि दस से ज्यादा बज चुके है, वो तुरंत उठ गयी और बोली की जल्दी से कमरा संभाल लो क्योकि थोड़ी देर में कामवाली आने वाली है |अमृता उठी और उठ कर सबसे पहले अपनी ब्रा और पेंटी उठा कर पहने लगी मगर मैंने उसके हाथ से ब्रा और पेंटी छीन ली |मैंने उसे कहा की आज वो सारा काम नंगी ही करे और मैं उसे देखूंगा |मगर अमृता ने ये कह कर मना कर दिया कि उसे ये सब करने में शर्म आती है |मेरे बहुत कहने पर भी अमृता नहीं मानी तो मैंने कहा कि वो अगर चाहे तो एक तोलिया लपेट ले मगर मै उसे कपडे नहीं पहनने दूंगा |अमृता ने एक तोलिया लपेटा (और मैंने भी तोलिया लपेट लिया ) और वो कमरा सँभालने लगी -बीयर की खली बोतले और हमारे उतरे हुए कपडे बिखरी हुई चादर आदि सब उठाकर कमरा साफ़ करने लगी (ताकि कमरे को देखकर कोई हमारी रात की कहानी ना पकड़ ले) |
मुझे लगता था की अमृता नंगी ज्यादा सेक्सी लगेगी मगर तोलिया लपेट कर तो वो कयामत ढा रही थी | तोलिये में तो वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी |उसके उभरे हुए बूब्स के कारण तोलिया भी फूल कर खड़ा हो रहा था |मेरे लंड का तो हाल बुरा होने लगा था और मैंने बेकाबू होते हुए उसके पकड़ा ही लिया | मैंने उसे पीछे से पकड़ कर दिवार के सहारे लगा दिया और गाली देते हुए बोला-
"बहनचोद..........तूने मेरा जीना मुश्किल कर दिया है |साली तुझे नंगा रखूं तो मुश्किल, कपडे से ढक दूँ तो मुश्किल |बहन की लोडी क्या करके मानेगी ? इतना तो कोई अपनी बीबी को भी नहीं रगड़ता होगा जितना मैंने तुझे रगडा है, फिर भी दिल नहीं भरता |"
जोश में होश खोते हुए मैंने उसका तोलिया उठाया और -अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया |खुद मुझे ये होश नहीं था की मै अपनी बहन को क्या अनाप-शनाप बक रहा था |मै तो उसे तोलिये में देख कर पागल सा हो गया था |
अमृता ने मुझे धक्का सा देते हुए पीछे धकेला और पलट कर दिवार के सहारे खड़ी हो गयी (मेरी तरफ मुह करके )| मै दुबारा उसकी तरफ लपका और उससे चिपक गया |मुझे अपनी बाहों में लेती हुई बोली-
"भईया, क्या आप चाहते हो आपका दिल मुझसे भर जाए? आज तो आपने ये बात कह दी मगर आज के बाद ये बात कभी मत कहना | मै आपके बिना अब जी नहीं सकती हूँ | रही बात बीबी की तरह रगड़ने की तो आप जितना चाहो मुझे उतना रगड़ लेना, जैसे चाहो मुझे वैसे रगड़ लेना, मै उफ़ तक नहीं करुँगी ...............मगर मुझे कभी छोड़ना नहीं |"
ये कहते हुए वो भी मुझे पागलो की तरह लिप्स तो लिप्स करने लगी |
मगर मेरा ऐसा कोई इरादा नहीं था |मै उसे उसी पुराने अंदाज में चोदना नहीं चाहता था |मुझे तो अब कुछ नया करना था |इस पोज में तो मै उसकी रोज लेता था फिर भला मम्मी के जाने और हमारे हनीमून का अर्थ ही क्या रह जाता अगर हमें वही सब करना था जो हम रोज करते है?
इसलिए मैंने उसकी चूत में अपना लंड नहीं डाला और उसे जगा कर उसके बराबर में लेट गया |
जब अमृता ने देखा कि दस से ज्यादा बज चुके है, वो तुरंत उठ गयी और बोली की जल्दी से कमरा संभाल लो क्योकि थोड़ी देर में कामवाली आने वाली है |अमृता उठी और उठ कर सबसे पहले अपनी ब्रा और पेंटी उठा कर पहने लगी मगर मैंने उसके हाथ से ब्रा और पेंटी छीन ली |मैंने उसे कहा की आज वो सारा काम नंगी ही करे और मैं उसे देखूंगा |मगर अमृता ने ये कह कर मना कर दिया कि उसे ये सब करने में शर्म आती है |मेरे बहुत कहने पर भी अमृता नहीं मानी तो मैंने कहा कि वो अगर चाहे तो एक तोलिया लपेट ले मगर मै उसे कपडे नहीं पहनने दूंगा |अमृता ने एक तोलिया लपेटा (और मैंने भी तोलिया लपेट लिया ) और वो कमरा सँभालने लगी -बीयर की खली बोतले और हमारे उतरे हुए कपडे बिखरी हुई चादर आदि सब उठाकर कमरा साफ़ करने लगी (ताकि कमरे को देखकर कोई हमारी रात की कहानी ना पकड़ ले) |
मुझे लगता था की अमृता नंगी ज्यादा सेक्सी लगेगी मगर तोलिया लपेट कर तो वो कयामत ढा रही थी | तोलिये में तो वो पहले से भी ज्यादा सेक्सी लगने लगी |उसके उभरे हुए बूब्स के कारण तोलिया भी फूल कर खड़ा हो रहा था |मेरे लंड का तो हाल बुरा होने लगा था और मैंने बेकाबू होते हुए उसके पकड़ा ही लिया | मैंने उसे पीछे से पकड़ कर दिवार के सहारे लगा दिया और गाली देते हुए बोला-
"बहनचोद..........तूने मेरा जीना मुश्किल कर दिया है |साली तुझे नंगा रखूं तो मुश्किल, कपडे से ढक दूँ तो मुश्किल |बहन की लोडी क्या करके मानेगी ? इतना तो कोई अपनी बीबी को भी नहीं रगड़ता होगा जितना मैंने तुझे रगडा है, फिर भी दिल नहीं भरता |"
जोश में होश खोते हुए मैंने उसका तोलिया उठाया और -अपना लंड उसकी गांड के ऊपर रगड़ना शुरू कर दिया |खुद मुझे ये होश नहीं था की मै अपनी बहन को क्या अनाप-शनाप बक रहा था |मै तो उसे तोलिये में देख कर पागल सा हो गया था |
अमृता ने मुझे धक्का सा देते हुए पीछे धकेला और पलट कर दिवार के सहारे खड़ी हो गयी (मेरी तरफ मुह करके )| मै दुबारा उसकी तरफ लपका और उससे चिपक गया |मुझे अपनी बाहों में लेती हुई बोली-
"भईया, क्या आप चाहते हो आपका दिल मुझसे भर जाए? आज तो आपने ये बात कह दी मगर आज के बाद ये बात कभी मत कहना | मै आपके बिना अब जी नहीं सकती हूँ | रही बात बीबी की तरह रगड़ने की तो आप जितना चाहो मुझे उतना रगड़ लेना, जैसे चाहो मुझे वैसे रगड़ लेना, मै उफ़ तक नहीं करुँगी ...............मगर मुझे कभी छोड़ना नहीं |"
ये कहते हुए वो भी मुझे पागलो की तरह लिप्स तो लिप्स करने लगी |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.