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Incest मेरी बहन-मेरी पत्नी
#16
आखिरकार अमृता उठ कर बैठ गयी और बहुत ज्यादा अनुरोध करते हुए बोली-
"भईया , बस अब और बर्दाश्त नहीं होता अब इसे डाल दो (और ये लहते हुए उसने मेरा लंड पकड़ लिया ) मुझे भी लग रहा था कि अब मई भी बहुत ज्यादा देर तक रुका नहीं रह सकता |अगर और ज्यादा इन्तजार करूँगा तो शायद मै भी बिना चूत मारे ही झड जाऊँगा इसलिए मै अमृता को किस्स करते हुए उसकी टांग फैलाकर (अपने पसंदीदा पोज़ में ) उसके ऊपर चढ़ गया और अपना लैंड उसकी चूत में डालकर मजे लेने लगा | हमेशा कि तरह मै अमृता के ऊपर चढ़ा हुआ उसकी चूत मार रहा था और साथ साथ उसके होंठ पीते हुए, अपने दाए (राईट हैण्ड से ) उसकी चूचियां दबा रहा था |
लेकिन जितना लम्बा समय मैंने उस दिन अमृता के बदन के साथ खेलने में लगाया था वो आज तक का सबसे लम्बा समय था | यूँ तो मै बहुत ज्यादा देर तक उसकी चूत का मजा नहीं ले सका और जल्दी ही झड गया (क्योकि अमृता बहुत देर तक मेरा लंड पी चुकी थी, इसलिए मेरा आधा काम तो पहले ही हो चूका था | थोड़ी देर अमृता की चूत का मजा लेने के बाद मै झड गया और हमेशा की तरह मैंने अपने लंड का पानी उसकी चूत में ही छोड़ दिया |

वैसे तो मैंने उस दिन अमृता के साथ पूरा दिन मजे लिए और वो सब किया जो मै मम्मी की मजुदगी में नहीं कर सकता था | मैंने उस दिन अमृता के जिस्म का जितना मजा लूटा उतना तो इन दो सालों में भी नहीं लूटा था लेकिन एक बात की कमी रह गयी थी-
मैंने सोचा था की मै आज किसी नए अंदाज में उसकी चूत मारूंगा मगर जोश में आ कर रोज की तरह अमृता को नीचे डाल कर उसपे चढ़ गया| और जैसे ही मै उसकी चूत में झड गया , मैंने उसे कहा-

उफ्फ्फ्फफ्फ्फ़ यार मैंने तो सोचा था आज कुछ नया ट्राई करूंगा मगर फिर वैसे ही चढ़ गया मै तेरे पे |
अमृता ने मेरे बालों में हाथ फेरते हुए ऐसे प्यार से कहा जैसे कोई किसी बच्चे को बहलाते हुए कहता है-
तो क्या हुआ दुबारा कर लेना, मै कौनसा कही जा रही हूँ, यही तो हूँ- आपके पास, आपकी बाहों में | जब दिल करे दुबारा ले लेना |

मैंने अमृता से कहा मै अभी एक ट्रिप और लूँगा उसकी, इसलिए वो कपडे नहीं पहने और मेरे बराबर में लेटी रहे- सोये नहीं |

वैसे तो जब भी हमें दूसरी ट्रिप लेनी होती है हम लोग पहली ट्रिप के बाद कपडे पहन कर ही सोते है और दुबारा मन करने पर दुबारा कपडे उतर कर प्यार करते है (ताकि कोई रिस्क न रहे) मगर आज तो घर पर हम दोनों अकेले थे, इसलिए मैंने अमृता को कपडे नहीं पहनने दिए ये सोच कर कि मै थोड़ी देर में नए अंदाज में दूसरी ट्रिप लूँगा | मगर बातें करते करते कब हम दोनों की आँख लग गयी., पता ही नहीं चला | जब मै सुबह उठा तो दस बजने वाले थे |और मेरी बहन मेरे बिस्तर पर बिलकुल नंगी सो रही थी | उसकी टंगे भी खुली हुई थी , जिसके कारण उसकी चूत साफ़ दिखाई दे रही थी | मैंने आज तक अमृता को रात के अँधेरे ये सिर्फ कम रोशनी में ही नंगा देखा था मगर आज दिन की रोशनी में उसके नंगे बदन को निहारने का मौका मिला था | मेरे दिन की शुरुआत बहुत अच्छी थी- सुबह सुबह ही अमृता मेरे बिस्तर पे नंगी थी और वो भी टाँगे खोलकर |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरी बहन-मेरी पत्नी - by neerathemall - 05-08-2020, 02:50 PM



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