05-08-2020, 02:50 PM
उन तीन या चार घंटों में, (जब तक रात होती और हम दोनों बिस्तर पर जाते ) मैंने अमृता के साथ सारे मजे लिए- कभी तो मै उसे सोफे पर लेटा कर किस्स करता, कभी नीचे जमीन पर ही लेटाकर उसपे चढ़ जाता, कभी खड़े-खड़े ही बाहों में ले कर चूसने लगता तो कभी उसकी स्कर्ट उठा कर उसके कुल्ल्हे सहलाने लगता |
अमृता भी पूरे मूड में थी- कभी तो वो मेरा लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगती, कभी किस्स करने लग जाती , कभी लिप्स टू लिप्स करती तो कभी लंड पेंट में से बहार निकल कर दो-तीन चुसके मार लेती और वापिस अंदर कर देती |
इस तरह पूरी शाम हम दोनों भाई बहन ने मस्ती करते हुए गुजारी मगर दोनों ने इस बात का पूरा-पूरा ख़याल रखा कि न तो हम दोनों में से कोई झड सके और न ही सुरूर ख़तम हो सके |इसलिए हम दोनों एक दुसरे के साथ बातें भी करते रहते और बीच बीच में उतेजित हो कर प्रेम भी करने लगते |
रात का टाइम हुआ तो अमृता रसोई में खाना बनाने गयी | रसोई में अमृता को काम करता देख कर मेरा दिल बार बार कर रहा था कि काश मेरी अमृता से ही शादी हो सकती होती और अमृता जीवन भर मेरे लिए ऐसे ही खाना बनती और मै उसे ऐसे ही निहारता रहता |
मैंने अमृता से अपने दिल की बात कही जिसे सुनकर उसका भी मन मेरी तरह अशांत हो गया और माहोल कुछ ग़मगीन सा होने लगा | माहोल को बदलने के लिए मैंने अमृता से कहा-
अमृता आज तक मैंने तुझे सिर्फ अपने ही कमरे में प्यार किया है, आज मै तुझे यही रसोई में ही प्यार कर लूँ? मगर अमृता ने उसके लिए भी मन कर दिया और कहा कल कर लेना (शादी की बात से अमृता का मूड अभी भी ख़राब हो रहा था) |
मैंने कहा -अच्छा चूत मत दे मगर मजा तो ले लेने दे- ये कहते हुए मै अमृता को पीछे से बाहों में भर कर उसके बूब्स दबाने लगा |और इस तरह मै अमृता का मूड बदलने की कोशिश करने लगा |अमृता भी मेरा सहयोग करने लगी और पीछे मुड़कर बीच बीच में किस्स देने लगी | मै भी खाना बनती हुई अमृता को कभी तो किस्स करने लगता, कभी उसकी चुचिया दबाने लगता तो कभी उसकी गांड से अपना लंड रगड़ने लगता |इस तरह मैंने अमृता के साथ रसोई में वो मजा ले लिया जो एक पति अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ लेता है |खाना बनाने के बाद अमृता ने अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया और मैंने उसे अपने हाथों से |
रात हो चुकी थी अब समय बिस्तर पर जाने का था | अमृता ने कहा कि वो सोने से पहले अडल्ट फिल्म देखना चाहती है मेरे साथ इसलिए मैंने फिल्म चला दी और मै बीयर कि बोतल लेकर उसके बराबर में लेट गया |
मैंने अमृता से कहा कि उसने जो ब्रा और पेंटी खरीदीं है वो उन्हें पहन ले और फिर मेरे साथ बैठ कर फिल्म देखे |मगर अमृता ने हँसते हुए कहा-
“भईया आप मेरे बदन पे अब कोई कपडा छोड़ोगे भी ये फिल्म देखने के बाद ? जितना समय मुझे कपडे बदलने में लगेगा उतने समय से पहले तो आप मेरे बदन से सारे कपडे उतर कर शुरू हो जाओगे |”
मुझे भी अमृता की बात सही लगी और मै जानता था कि पूरे दिन बरदाश्त करने के बाद मै अब और बरदाश्त नहीं कर सकूँगा | मुझे भी पता था कि बीयर पीने के बाद और अडल्ट फिल्म देखने के साथ साथ मै अमृता के बदन पर एक भी कपडा बरदाश्त नहीं कर सकूँगा और चाहे चूत मारने में जल्दबाजी करूँ या न करूँ मगर उसे नंगा करने के लिए तो उतावला ही रहूँगा | और हुआ भी ठीक ऐसा ही |
अभी मैंने फिल्म लगायी ही थी मुश्किल से दो-तीन मिनट हुए थे कि मैंने अमृता को नंगा करना शुरू कर दिया था | अमृता भी जानती थी कि इस समय मुझे रोकना बेकार होगा इसलिए वो भी चुप-चाप मेरा सहयोग कर रही थी | मै बीयर पीता जा रहा था और एक एक करके उसके कपडे नोचता जा रहा था |उधर अमृता भी मेरे कपडे उतरती जा रही थी |कुछ ही पलों में हम दोनों भाई बहन बिस्तर पर हमेशा की तरह नंगे थे | अमृता का नंगा बदन मुझे हमेशा बेसुध कर देता है | उसकी खुली हुई गोल-गोल चूचियां, गोल-गोल चुचियों पे हलके से ब्राउन रंग के निप्पल,गोरा-गोरा बदन, चूत पर थोड़े-थोड़े बाल सब कुछ पागल बना देता है | सबसे बड़ी बात ये है कि अमृता को पता है कि मुझे उसकी चूत पर बाल अच्छे लगते है, इसलिए वो कभी भी उन्हें साफ़ नहीं करती है बस कैंची से काटती रहती है |मुझे ना तो बहुत ज्यादा बालों वाली चूत पसंद है और न ही चिकनी चूत | मुझे बस ऐसी ही चूत पसंद है जैसी मेरी बहन अमृता की है |
अमृता भी पूरे मूड में थी- कभी तो वो मेरा लंड पेंट के ऊपर से ही सहलाने लगती, कभी किस्स करने लग जाती , कभी लिप्स टू लिप्स करती तो कभी लंड पेंट में से बहार निकल कर दो-तीन चुसके मार लेती और वापिस अंदर कर देती |
इस तरह पूरी शाम हम दोनों भाई बहन ने मस्ती करते हुए गुजारी मगर दोनों ने इस बात का पूरा-पूरा ख़याल रखा कि न तो हम दोनों में से कोई झड सके और न ही सुरूर ख़तम हो सके |इसलिए हम दोनों एक दुसरे के साथ बातें भी करते रहते और बीच बीच में उतेजित हो कर प्रेम भी करने लगते |
रात का टाइम हुआ तो अमृता रसोई में खाना बनाने गयी | रसोई में अमृता को काम करता देख कर मेरा दिल बार बार कर रहा था कि काश मेरी अमृता से ही शादी हो सकती होती और अमृता जीवन भर मेरे लिए ऐसे ही खाना बनती और मै उसे ऐसे ही निहारता रहता |
मैंने अमृता से अपने दिल की बात कही जिसे सुनकर उसका भी मन मेरी तरह अशांत हो गया और माहोल कुछ ग़मगीन सा होने लगा | माहोल को बदलने के लिए मैंने अमृता से कहा-
अमृता आज तक मैंने तुझे सिर्फ अपने ही कमरे में प्यार किया है, आज मै तुझे यही रसोई में ही प्यार कर लूँ? मगर अमृता ने उसके लिए भी मन कर दिया और कहा कल कर लेना (शादी की बात से अमृता का मूड अभी भी ख़राब हो रहा था) |
मैंने कहा -अच्छा चूत मत दे मगर मजा तो ले लेने दे- ये कहते हुए मै अमृता को पीछे से बाहों में भर कर उसके बूब्स दबाने लगा |और इस तरह मै अमृता का मूड बदलने की कोशिश करने लगा |अमृता भी मेरा सहयोग करने लगी और पीछे मुड़कर बीच बीच में किस्स देने लगी | मै भी खाना बनती हुई अमृता को कभी तो किस्स करने लगता, कभी उसकी चुचिया दबाने लगता तो कभी उसकी गांड से अपना लंड रगड़ने लगता |इस तरह मैंने अमृता के साथ रसोई में वो मजा ले लिया जो एक पति अपनी नयी नवेली दुल्हन के साथ लेता है |खाना बनाने के बाद अमृता ने अपने हाथों से मुझे खाना खिलाया और मैंने उसे अपने हाथों से |
रात हो चुकी थी अब समय बिस्तर पर जाने का था | अमृता ने कहा कि वो सोने से पहले अडल्ट फिल्म देखना चाहती है मेरे साथ इसलिए मैंने फिल्म चला दी और मै बीयर कि बोतल लेकर उसके बराबर में लेट गया |
मैंने अमृता से कहा कि उसने जो ब्रा और पेंटी खरीदीं है वो उन्हें पहन ले और फिर मेरे साथ बैठ कर फिल्म देखे |मगर अमृता ने हँसते हुए कहा-
“भईया आप मेरे बदन पे अब कोई कपडा छोड़ोगे भी ये फिल्म देखने के बाद ? जितना समय मुझे कपडे बदलने में लगेगा उतने समय से पहले तो आप मेरे बदन से सारे कपडे उतर कर शुरू हो जाओगे |”
मुझे भी अमृता की बात सही लगी और मै जानता था कि पूरे दिन बरदाश्त करने के बाद मै अब और बरदाश्त नहीं कर सकूँगा | मुझे भी पता था कि बीयर पीने के बाद और अडल्ट फिल्म देखने के साथ साथ मै अमृता के बदन पर एक भी कपडा बरदाश्त नहीं कर सकूँगा और चाहे चूत मारने में जल्दबाजी करूँ या न करूँ मगर उसे नंगा करने के लिए तो उतावला ही रहूँगा | और हुआ भी ठीक ऐसा ही |
अभी मैंने फिल्म लगायी ही थी मुश्किल से दो-तीन मिनट हुए थे कि मैंने अमृता को नंगा करना शुरू कर दिया था | अमृता भी जानती थी कि इस समय मुझे रोकना बेकार होगा इसलिए वो भी चुप-चाप मेरा सहयोग कर रही थी | मै बीयर पीता जा रहा था और एक एक करके उसके कपडे नोचता जा रहा था |उधर अमृता भी मेरे कपडे उतरती जा रही थी |कुछ ही पलों में हम दोनों भाई बहन बिस्तर पर हमेशा की तरह नंगे थे | अमृता का नंगा बदन मुझे हमेशा बेसुध कर देता है | उसकी खुली हुई गोल-गोल चूचियां, गोल-गोल चुचियों पे हलके से ब्राउन रंग के निप्पल,गोरा-गोरा बदन, चूत पर थोड़े-थोड़े बाल सब कुछ पागल बना देता है | सबसे बड़ी बात ये है कि अमृता को पता है कि मुझे उसकी चूत पर बाल अच्छे लगते है, इसलिए वो कभी भी उन्हें साफ़ नहीं करती है बस कैंची से काटती रहती है |मुझे ना तो बहुत ज्यादा बालों वाली चूत पसंद है और न ही चिकनी चूत | मुझे बस ऐसी ही चूत पसंद है जैसी मेरी बहन अमृता की है |
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.