05-08-2020, 02:48 PM
(This post was last modified: 04-01-2022, 12:21 PM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
अमृता-लाओ मेरे हाथ में दो अपना लंड तो मै बताती हूँ क्या हुआ? इतनी देर से तडपा रहे हो | बार बार कह रही हूँ घर जा कर कर लेना जो करना है, मानते ही नहीं |लाओ निकालो, मै बताती हूँ क्या हुआ?
मै तो पहले ही से बेकाबू हो रहा था और अब तो खुद अमृता मेरा लंड चलती कार में अपने हाथ में ले कर सहलाने वाली थी| मैंने मौका खोना उचित नहीं समझा और तुरंत अपनी पेंट की चेन खोल कर अपना लंड बहन निकल लिया |
अमृता ने अपने आप मेरा लंड अपने हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया और मै उसकी चूत सहलाने लगा (पेंटी के ऊपर से ही ) और पहले से भी धीरे धीरे कार चलने लगा
मेरी मदहोशी बढती जा रही थी |मजा इस बात से नहीं था कि कोई लड़की मेरा लंड सहला रही है, बल्कि मुझे तो ये सोच-सोच कर नशा हो रहा था कि मेरी बहन मेरा लंड अपने हाथ में लेकर बैठी हुई है और मै उसकी चूत से खेल रहा हूँ और वो भी -चलती कार में |
मैंने उससे लंड को मुह में लेकर चूसने को कहा मगर अमृता ने मना कर दिया | लेकिन मै उस दिन पूरे मूड में आ चूका था |इसलिए मैंने भी ये जिद्द पकड़ ली थी कि आज तो मै अमृता से कार में ही लंड चुसवाकर ही रहूँगा, चाहे वो एक या दो चुसके ही ले |लेकिन अमृता ने ये सब करने से साफ़-साफ़ और सख्त शब्दों में मना कर दिया था | वो इस बात पर अड़ी हुई थी कि वो जो भी करेगी अब घर जा कर ही करेगी |लेकिन मै अपनी जिद्द पर कायम था कि चाहे दो बार ही सही वो मेरा लंड कार के अंदर ही चूसे |
मैंने गुस्से में आ कर कार सड़क के किनारे ही रोक दी और गुस्से में बोला-
“नहीं जा रहा मै घर |मै तब तक घर नहीं जाऊंगा जब तक तू मुह में ले कर नहीं चूसेगी |चाहे एक या दो बार चूस ले, मगर जब तक तू चूसेगी नहीं मै अब घर नहीं जाऊँगा, तुने जाना है तो तू चली जा |”
अमृता मेरा गुस्सा और मेरी जिद्द जानती थी |उसने मुझे समझाने कि बहुत कोशिश करी मगर उस समय मेरे ऊपर जिद्द सवार थी |आखिरकार अमृता ने हार मानी और ये शर्त रखी कि इसके बाद मै अमृता के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं करूँगा और सिर्फ दो बार वो मेरा लंड चूसेगी |मै सहमत हो गया और मैंने वादा किया कि इसके बाद मै अमृता को सड़क पर हाथ नहीं लगाऊँगा |उसके बाद अमृता ने चलती कार में मेरा लंड पहले तो थोड़ी देर तक अपने हाथ से सहलाकर खड़ा किया और उसके बाद मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया |
उसने कहा तो ये था कि वो सिर्फ दो बार चूसेगी मगर एक बार मुह में लेकर बहुत देर तक उसने मेरा लंड चूसा, क्योकि वो जानती थी कि मुझे उससे लंड चुस्वाना बहुत पसंद है |
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मै तो पहले ही से बेकाबू हो रहा था और अब तो खुद अमृता मेरा लंड चलती कार में अपने हाथ में ले कर सहलाने वाली थी| मैंने मौका खोना उचित नहीं समझा और तुरंत अपनी पेंट की चेन खोल कर अपना लंड बहन निकल लिया |
अमृता ने अपने आप मेरा लंड अपने हाथ में ले कर सहलाना शुरू कर दिया और मै उसकी चूत सहलाने लगा (पेंटी के ऊपर से ही ) और पहले से भी धीरे धीरे कार चलने लगा
मेरी मदहोशी बढती जा रही थी |मजा इस बात से नहीं था कि कोई लड़की मेरा लंड सहला रही है, बल्कि मुझे तो ये सोच-सोच कर नशा हो रहा था कि मेरी बहन मेरा लंड अपने हाथ में लेकर बैठी हुई है और मै उसकी चूत से खेल रहा हूँ और वो भी -चलती कार में |
मैंने उससे लंड को मुह में लेकर चूसने को कहा मगर अमृता ने मना कर दिया | लेकिन मै उस दिन पूरे मूड में आ चूका था |इसलिए मैंने भी ये जिद्द पकड़ ली थी कि आज तो मै अमृता से कार में ही लंड चुसवाकर ही रहूँगा, चाहे वो एक या दो चुसके ही ले |लेकिन अमृता ने ये सब करने से साफ़-साफ़ और सख्त शब्दों में मना कर दिया था | वो इस बात पर अड़ी हुई थी कि वो जो भी करेगी अब घर जा कर ही करेगी |लेकिन मै अपनी जिद्द पर कायम था कि चाहे दो बार ही सही वो मेरा लंड कार के अंदर ही चूसे |
मैंने गुस्से में आ कर कार सड़क के किनारे ही रोक दी और गुस्से में बोला-
“नहीं जा रहा मै घर |मै तब तक घर नहीं जाऊंगा जब तक तू मुह में ले कर नहीं चूसेगी |चाहे एक या दो बार चूस ले, मगर जब तक तू चूसेगी नहीं मै अब घर नहीं जाऊँगा, तुने जाना है तो तू चली जा |”
अमृता मेरा गुस्सा और मेरी जिद्द जानती थी |उसने मुझे समझाने कि बहुत कोशिश करी मगर उस समय मेरे ऊपर जिद्द सवार थी |आखिरकार अमृता ने हार मानी और ये शर्त रखी कि इसके बाद मै अमृता के साथ कोई छेड़-छाड़ नहीं करूँगा और सिर्फ दो बार वो मेरा लंड चूसेगी |मै सहमत हो गया और मैंने वादा किया कि इसके बाद मै अमृता को सड़क पर हाथ नहीं लगाऊँगा |उसके बाद अमृता ने चलती कार में मेरा लंड पहले तो थोड़ी देर तक अपने हाथ से सहलाकर खड़ा किया और उसके बाद मुह में लेकर चूसना शुरू कर दिया |
उसने कहा तो ये था कि वो सिर्फ दो बार चूसेगी मगर एक बार मुह में लेकर बहुत देर तक उसने मेरा लंड चूसा, क्योकि वो जानती थी कि मुझे उससे लंड चुस्वाना बहुत पसंद है |
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.