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Incest मेरी बहन-मेरी पत्नी
#4
उसके अगले दिन कुछ कुछ सामान्य सा लगने लगा | अमृता ने अभी तक किसी से मेरी शिकायत नहीं करी थी इस लिए अब डर कुछ कम हो गया था |उस रात मेरे दिल में फिर से अपनी छोटी बहन के बूब्स देखने कि इच्छा होने लगी |पिछले दो सालो में केवल एक ही दिन ऐसा गया था जब मै अमृता के बूब्स देखे बिना सो गया था | इसलिए मुझे उसके बूब्स देखकर सोते समय मुठ मारने कि इतनी आदत पड चुकी थी कि मुझे आज नींद ही नहीं आ रही थी | एक बार फिर से मेरा दिल अमृता के बूब्स को देखने के लिएय बेचैन हो गया था और मै रोज कि तरह अमृता के सोने का इन्तजार करने लगा था |लेकिन मैंने सोच रखा था कि इस बार मैं कोई गलती नहीं करूँगा |
रात के लगभग एक बजे जब मुझे लगा कि अब अमृता सो चुकी है तो मैंने फिर से उसके बूब्स को बाहर निकालें कि कोशिश करी | मगर जैसे ही मैंने अमृता के बूब्स को हाथ लगाया अमृता जाग गयी और बोली भईया क्या कर रहे हो? एक बार फिर से मुझे अमृता ने रंगे हाथ पकड़ लिया था | मै एक दम से सक-पका गया और कोई उत्तर देते न बना | मै कुछ न बोल सका और अपना हाथ अमृता के बूब्स पर से हटाने लगा |तभी अमृता ने मेरा हाथ पकड़ लिया और वापिस अपने बूब्स पर रख दिया | इस बार अमृता बहुत शांत दिख रही थी | मुझे कुछ समझ में ना आ रहा था कि अब क्या होने वाला है ? कमरे में पूरा सन्नाटा छा चूका था कि तभी अमृता ने सन्नाटा तोड़ते हुए बहुत प्यार से कहा -
"भईया मुझे पता है आप क्या करने वाले थे ? आप मेरे बूब्स के साथ हमेशा कि तरह खेलना चाहते हो न ?"
उसकी ये बात सुन कर मै सन्न रह गया | मुझसे कोई बोल न बन पड़ा और मै हैरानी से अमृता को देखने लगा| अमृता फिर बोली- भईया आपको क्या लगता है आप जो रोज रात को मेरे बूब्स के साथ खेलते हो या मेरे हाथ में अपना वो (अमृता ने लंड न खेते हुए "वो" कहा था ) दे कर जो करते हो, मुझे उसका पता नहीं है?
भईया लड़की चाहे कोई भी हो इतनी गहरी नींद कभी नहीं सोती है कि कोई उसके बूब्स दबाये और उससे पता नहीं चल सके |मै हैरानी से अमृता कि बाते सुन रहा था और शर्म से पानी पानी हो रहा था | लेकिन जब अमृता ने ये सब बाते कही तो मै पूछ ही बैठा कि जब उसे ये सब पता था तो उसने आज तक मेरा विरोध क्यों नहीं किया? मेरी बात सुनकर अमृता मुस्कुराई और बोली भईया जैसे आपको ये सब अच्छा लगता है मुझे भी तो अच्छा लगता था | वरना आप ही सोचो जिस नजर से आप मेरे बूब्स देखते थे , क्या मुझे नहीं पता था कि आपकी निगाह कहा पड रही है ? ये सब कहते कहते अमृता मुस्कुरा रही थी और मेरे हाथ से धीरे धीरे अपने बूब्स को दबा भी रही थी |
अमृता कि बाते सुन कर मेरे होश उड़ रहे थे मगर साथ ही साथ उत्तेजना से मेरा लंड भी खड़ा होता जा रहा था | लेकिन तभी मेरे दिमाग में परसों रात वाली बात याद आ गयी जब मेरी अत्यधिक उत्तेजना के कारण अमृता कि नींद खुल गयी थी| मेरे पूछने पर अमृता ने बताया कि सच तो ये है इस उस रात वो भी डर गयी थी क्योकि अभी तक मै उसके साथ सभ्यता से पेश आता रहा था और उस रात मै अचानक पागलो के जैसे उससे प्यार कर रहा था | अमृता ने बताया कि उसे डर इस बात से लग रहा था कि कही मै उसका रेप न कर दूँ |
बाद में अमृता ने कहा कि भईया हम दोनों भाई बहन है इसलिए हम दोनों के बीच में पति पत्नी वाला सम्बन्ध तो कभी बन नहीं सकता , मगर हाँ हम दोनों एक दुसरे कि जरूरते तो पूरी कर ही सकते है |
सच कहता हूँ दोस्तों शायद आप इस बात का विश्वास करे या नहीं मगर मेरी ख़ुशी का ठिकाना नहीं था | न ही मै खुद इस बात पर विश्वास कर पा रहा था कि मेरी छोटी बहन (जो मेरी सगी बहन है ) मेरी शारीरिक जरूरते पूरी करने कि बात कर रही थी | मेरा लंड ये सोच सोच कर मचल रहा था कि अब उसे अमृता अपने हाथ से सहलाया करेगी और मै ये सोच सोच कर पागल हुए जा रहा था कि पिछले दो सालो सो जिन बूब्स के लिए मै पागल था और छुप छुप का उन्हें देखता था , अब उन्ही बूब्स को मै बेझिझक हो कर मै छू सकूँगा, दबा सकूँगा और चूस सकूँगा |और जब जब मेरे दिमाग में ये बात आती कि ये सब मै किसी और लड़की के साथ नहीं बल्कि अपनी सगी बहन अमृता के साथ करूँगा...................मेरी उत्तेजन और भी बढ जाती |और अपनी इसी उत्तेजना मे मै एक बार फिर से पागलो कि तरह अपनी बहन पर टूट पड़ा | अब मै परसों से भी जयादा जोर से अपनी बहन के बूब्स दबाने लगा, परसों से भी जयादा जोर से उसके होंठ पीने लगा और बिना किसी डर या शर्म के उसका हाथ पकड़ कर पजामे के ऊपर ही अपने लंड पर रगड़ने लगा |
उस पल का एहसास तो सिर्फ महसूस किया जा सकता है, शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता है | यूँ तो उसके बाद से हर रात हम दोनों भाई बहन प्यार करते हुए बिताते है मगर पता नहीं क्यों उस पहली रात में जो बात थी वो कुछ अलग ही थी | ये भी सच है कि उस पहली रात में अपनी अत्याधिक उत्तेजना के कारण मै कुछ ही पालो में झड गया था और अमृता मेरे नंगे लंड को अपने हाथ में ले कर सहला पाती इससे पहले ही मै पजामे में ही झड गया था और अमृता बहुत जोर जोर से हंसने लगी थी मगर फिर भी उस रात कि बात ही कुछ और थी |यूँ तो हम दोनों भाई- बहन ने ये तय किया था कि हम दोनों के बीच कभी पति पत्नी वाले सम्बन्ध नहीं बनेगे और हम दोनों एक दुसरे कि जरुरतो का ख्याल अपनी मर्यादा में रहते हुए ही करेंगे , मगर जब एक मर्यादा टूट ही चुकी थी तो भला दूसरी मर्यादा कितने दिन तक रहती ?
समय मिलने पर मै आपको बताऊंगा कि किस तरह हम दोनों भाई बहन के बीच में वो सब भी हो गया जो एक पति और पत्नी के बीच होता है |
हो सकता है कि आपमें से कुछ लोगों को ये घटना एक कहानी भर लगे - सिर्फ एक सेक्सी कहानी मगर ये मेरी जिंदगी कि सच्चाई है और सबसे हसीन सच्चाई |
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जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: मेरी बहन-मेरी पत्नी - by neerathemall - 05-08-2020, 02:46 PM



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