05-08-2020, 02:45 PM
(This post was last modified: 04-01-2022, 11:35 AM by neerathemall. Edited 1 time in total. Edited 1 time in total.)
लेकिन एक दिन (ये बात उस समय कि है जब मै लगभग 19 वर्ष का था और अमृता लगभग १7 वर्ष कि थी |)मै अपने दोस्तों के साथ वी सी आर पर एक बहुत ही सेक्सी फिल्म देख कर आया था और मौका न मिल पाने के कारन उस दिन मुठ नहीं मार सका था | इसलिए पूरा दिन परेशान रहा |मगर पूरा दिन मुझे मुठ मारने का मौका मिला ही नहीं और मुझे रात को बिना मुठ मरे ही सोना पड़ा |
उसी रात मेरे साथ वह हुआ जो शायद इस समाज की नजरो में गलत होगा मगर अब मेरी नजरो में गलत नहीं है | मुझे कामुकता के कारण नींद नहीं आ रही थी और मै करवटे बदल रहा था कि अचानक मेरी नजर मेरे बराबर में सोती हुई मेरी छोटी बहिन पर पड़ी | (यहाँ मै आपको बता दूँ की शुरू से ही हम दोनों भाई बहिन एक कमरे में सोते थे और हमारे मम्मी-पापा दुसरे कमरे में सोते थे |)नींद में बेफिक्र हो कर सो रही मेरी बहन बहुत-बहुत सुंदर लग रही थी | और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि नींद में सोती हुई मेरी बहिन के बूब्स बाहर आ रहे थे |पहले तो उसके बूब्स देखते ही मेरे अंदर हवस जाग उठी मगर दुसरे ही पल मेरे अंदर का भाई भी जाग गया और मैंने खुद पर कण्ट्रोल करते हुए अपनी करवट बदल ली |
मगर बहुत जयादा देर तक मेरे अंदर का भाई जागा न रह सका और मेरे अंदर का मर्द जाग गया | मै दिन भर से तो परेशां था ही, अब जयादा देर खुद पर कण्ट्रोल न कर सका और वापिस करवट बदल कर अपनी ही छोटी बहन के बूब्स देखने लगा | सच कहता हूँ उस समय मेरे अंदर मिले जुले विचार आ रहे थे | कभी तो मै अपनी ही बहन के बूब्स देख कर उत्तेजित हो रहा था और कभी खुद पर ग्लानी महसूस करता था |
मगर फिर भी उसके बूब्स देखने का मौका मै खोना नहीं चाहता था इसलिए उस रात मै जी भरकर अपनी बहिन के बूब्स देखता रहा मगर उसे छूने कि हिम्मत नहीं कर सका | लेकिन उसके गोरे-चिट्टे छोटे-छोटे बूब्स ने मेरे लैंड का हाल बुरा कर दिया था इसलिए मै लेटे-लेटे ही बिना पजामा खोले ही मुठ मारने लगा और अपनी बहन के बूब्स को निहारने लगा | इस तरह मैंने उस दिन पहली बार अपनी बहिन के नाम से मुठ मरी थी और वह भी उसके नंगे बूब्स को देखते हुए- उसी के सामने | सच कहता हूँ मुठ तो मै कई सालो से मार रहा था मगर उस दिन मुठ मारने से जो संतुष्टि मुझे मिली थी वो उस दिन से पहले कभी नहीं मिली थी |
बस उस दिन के बाद से ही मै अपनी बहन को ही उस नजर से देखने लगा था जिसे ये समाज तो सेक्स कहता है लेकिंन मै उससे प्यार कहूँगा | उस रात के बाद से मै जाग-जाग कर अपनी बहन के सो जाने का इन्तजार करने लगा | और साथ ही इन्तजार करता उसके सोते समय बूब्स के बहार निकल जाने का | कभी कभी तो मै पूरी पूरी रात जगता रह जाता मगर अमृता के बूब्स बहार ना निकलते और मै डर के कारण उसे छू नहीं सकता था | अब तो दिन रात मेरे ऊपर मेरी ही सगी बहन के प्यार का भूत स्वर हो चूका था | मै सेक्सी फिल्म देखता तो मुझे अमृता नजर आती और अमृता को देखता तो सेक्सी फिल्म कि हिरोइन नजर आती | ये सिलसिला लगभग एक साल तक चलता रहा और मै ऐसे ही अमृता के नाम कि मुठ मारने लगा मगर कुछ करने कि हिम्मत नहीं कर सका |बस रात रात भर जाग कर अपनी बहन के बूब्स बाहर आने का इन्तजार करता |
लेकिन दिन-ब-दिन मेरे अंदर अमृता को पाने कि चाहत बढती जा रही थी | अब मेरी नजर सिर्फ और सिर्फ अमृता के बूब्स पर ही रूकने लगी थी | मै जाने अनजाने में सबके सामने भी अमृता के बूब्स ही निहारता रहता था और इस बात के लिए एक-दो बार मेरे दोस्तों ने मजाक मजाक में टोक भी दिया था, मगर मैंने उन्हें नाराजगी जताते हुए इस बात के लिए डांट दिया था | लेकिन सच तो यही था कि अब मै अमृता के प्यार मे पागल हो चूका था और उसको पाने कि चाहत में अपनी सभी हदे पार करने लगा था |
इसलिए अब रात को जब अमृता के बूब्स बहार नहीं निकलते थे तो मे खुद अपने हाथ से उन्हें बहार निकालने लगा था | लेकिन बूब्स को बहार निकालते समय मै इस बात का विशेष ध्यान रखता था कि कही अमृता कि नींद न टूट जाये |
धीरे धीरे मेरी हिम्मत भी बढती जा रही थी और मै रोज ही अमृता के बूब्स निकल कर धीरे धीरे उन्हें सहलाने लगा , कभी कभी हलके से किस्स कर देता तो कभी कभी अपना लैंड ही उसके हाथ में दे देता |
ये सब सिलसिला भी लगभग एक-डेड़ साल तक चलता रहा और मेरी उम्र लगभग १९ वर्ष कि हो गयी थी और अमृता भी लगभग १७ वर्ष कि हो गयी थी | उम्र के साथ साथ अमृता के बूब्स भी भारी होते जा रहे थे और मुझे पहले से भी ज्यादा पागल करने लगे थे |मै अपनी ही सगी बहन के बूब्स के लिए पागल हुए जा रहा था और रोज रात को उसके बूब्स बहार निकालकर चूसता, सहलाता और उसके हाथ में अपना लंड रख कर अपनी सोती हुई बहन से मुठ मरवाता |
एक रात (जब मै १९ वर्ष का हो चूका था ) मेरा पागलपन कुछ ज्यादा ही बढ गया और मै रोज कि तरह अमृता के बूब्स से खेलने लगा| साथ ही साथ अपना लंड अमृता के हाथ में दे कर मुठ मरवा रहा था कि अचानक मै अपना कण्ट्रोल खो बैठा और उत्तेजना में बहुत जोर जोर से अमृता के बूब्स चूसने लगा | अपनी उत्तेजना में मै ये भूल गया कि मै अपनी ही छोटी बहन को सोते समय प्यार कर रहा हूँ और अपना लैंड उसके हाथ में दे कर जोर जोर से मुठ मरवाते हुए, बहुत जोर जोर से उसके बूब्स अपने हाथ से दबाते हुए मै उससे लिप्स टू लिप्स किस्स करने लगा (और ये सब बहुत जोर जोर से करने लगा था ) कि अचानक अमृता कि नींद खुल गयी | लेकिन जिस टाइम अमृता कि नींद खुली उस टाइम मेरे होठ उसके होठो को चूस रहे थे इसलिए वो चिल्ला तो न सकी मगर डर बहुत गयी | मेरे ऊपर उस समय जैसे शैतान सावार था | मै उस समाया अपनी चरम सीमा के समीप था | मैंने अमृता के जग जाने कि परवाह नहीं कि और पागलो कि तरह उससे किस्स करता रहा , जोर जोर से उसके बूब्स दबाता रहा और उसके हाथ में अपना लंड दे कर जोर जोर से मुठ मरवाता रहा |अमृता इतनी डर चुकी थी कि वो निष्क्रिय सी मेरे नीचे चुपचाप पड़ी रही | कभी कभी उसके चेहरे पर दर्द के भाव जरुर आ रहे थे मगर होठों पर मेरे होंठ होने के कारण वो कुछ बोल नहीं सकती थी | थोड़ी ही देर में (सिर्फ चंद ही मिनटों में )मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरा सारा वीर्य अमृता के हाथ में था | मगर जैसे ही मेरे लंड ने पानी छोड़ा और मेरा पागलपन खत्म हुआ - मेरे हाल ख़राब हो गया | मुझे होश आया तो विचार आया कि अब अमृता मम्मी-पापा को सब बता देगी और अब मेरी खैर नहीं | बस यही सोच कर मेरी हालत ख़राब हुए जा रही थी | लेकिन अमृता चुपचाप गुमसुम और सहमी से अपने बिस्तर पर पड़ी हुई थी |
यहाँ तक कि न तो अमृता ने अपना हाथ ही साफ किया था और न ही उसने अपने बूब्स अंदर करे थे , वो तो जैसे गुमसुम सी हो गयी थी और मै उससे कही जयादा डर रहा था कि अभी अमृता चीखेगी और मम्मी-पापा को सब बता देगी | मै एक दम से अमृता के हाथ-पैर जोड़ने लगा और उससे मानाने लगा कि वो मम्मी-पापा से कुछ न कहे | मै बार बार उससे माफ़ी मांग रहा था कि जो हुआ वो गलती से हो गया मगर अमृता कि कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी | वो बस चुप चाप सी उसी हालत में पड़ी हुई थी | अंत में मैंने ही उसके बूब्स को ढँक दिया और उसे सुलाने लगा | जब बहुत देर तक अमृता ने कोई शोर नहीं मचाया तो मेरे दिल को थोडा सा चैन मिला कि कम से कम आज रात तो वो मम्मी-पापा को कुछ कहने वाली नहीं है लेकिन सुबह कि सोच का मुझे चिंता हुए जा रही थी | थोड़ी देर के बाद अमृता के रोने कि आवाज आने लगी | तब मैंने बार बार उससे माफ़ी मांगी और उससे वादा लिया कि वो मम्मी को कुछ नहीं कहेगी |जब अमृता ने मुझे वादा किया कि वो किसी को कुछ नहीं कहेगी तब कही जा कर मेरी जान में जान आई |
उसी रात मेरे साथ वह हुआ जो शायद इस समाज की नजरो में गलत होगा मगर अब मेरी नजरो में गलत नहीं है | मुझे कामुकता के कारण नींद नहीं आ रही थी और मै करवटे बदल रहा था कि अचानक मेरी नजर मेरे बराबर में सोती हुई मेरी छोटी बहिन पर पड़ी | (यहाँ मै आपको बता दूँ की शुरू से ही हम दोनों भाई बहिन एक कमरे में सोते थे और हमारे मम्मी-पापा दुसरे कमरे में सोते थे |)नींद में बेफिक्र हो कर सो रही मेरी बहन बहुत-बहुत सुंदर लग रही थी | और सबसे बड़ी बात तो ये थी कि नींद में सोती हुई मेरी बहिन के बूब्स बाहर आ रहे थे |पहले तो उसके बूब्स देखते ही मेरे अंदर हवस जाग उठी मगर दुसरे ही पल मेरे अंदर का भाई भी जाग गया और मैंने खुद पर कण्ट्रोल करते हुए अपनी करवट बदल ली |
मगर बहुत जयादा देर तक मेरे अंदर का भाई जागा न रह सका और मेरे अंदर का मर्द जाग गया | मै दिन भर से तो परेशां था ही, अब जयादा देर खुद पर कण्ट्रोल न कर सका और वापिस करवट बदल कर अपनी ही छोटी बहन के बूब्स देखने लगा | सच कहता हूँ उस समय मेरे अंदर मिले जुले विचार आ रहे थे | कभी तो मै अपनी ही बहन के बूब्स देख कर उत्तेजित हो रहा था और कभी खुद पर ग्लानी महसूस करता था |
मगर फिर भी उसके बूब्स देखने का मौका मै खोना नहीं चाहता था इसलिए उस रात मै जी भरकर अपनी बहिन के बूब्स देखता रहा मगर उसे छूने कि हिम्मत नहीं कर सका | लेकिन उसके गोरे-चिट्टे छोटे-छोटे बूब्स ने मेरे लैंड का हाल बुरा कर दिया था इसलिए मै लेटे-लेटे ही बिना पजामा खोले ही मुठ मारने लगा और अपनी बहन के बूब्स को निहारने लगा | इस तरह मैंने उस दिन पहली बार अपनी बहिन के नाम से मुठ मरी थी और वह भी उसके नंगे बूब्स को देखते हुए- उसी के सामने | सच कहता हूँ मुठ तो मै कई सालो से मार रहा था मगर उस दिन मुठ मारने से जो संतुष्टि मुझे मिली थी वो उस दिन से पहले कभी नहीं मिली थी |
बस उस दिन के बाद से ही मै अपनी बहन को ही उस नजर से देखने लगा था जिसे ये समाज तो सेक्स कहता है लेकिंन मै उससे प्यार कहूँगा | उस रात के बाद से मै जाग-जाग कर अपनी बहन के सो जाने का इन्तजार करने लगा | और साथ ही इन्तजार करता उसके सोते समय बूब्स के बहार निकल जाने का | कभी कभी तो मै पूरी पूरी रात जगता रह जाता मगर अमृता के बूब्स बहार ना निकलते और मै डर के कारण उसे छू नहीं सकता था | अब तो दिन रात मेरे ऊपर मेरी ही सगी बहन के प्यार का भूत स्वर हो चूका था | मै सेक्सी फिल्म देखता तो मुझे अमृता नजर आती और अमृता को देखता तो सेक्सी फिल्म कि हिरोइन नजर आती | ये सिलसिला लगभग एक साल तक चलता रहा और मै ऐसे ही अमृता के नाम कि मुठ मारने लगा मगर कुछ करने कि हिम्मत नहीं कर सका |बस रात रात भर जाग कर अपनी बहन के बूब्स बाहर आने का इन्तजार करता |
लेकिन दिन-ब-दिन मेरे अंदर अमृता को पाने कि चाहत बढती जा रही थी | अब मेरी नजर सिर्फ और सिर्फ अमृता के बूब्स पर ही रूकने लगी थी | मै जाने अनजाने में सबके सामने भी अमृता के बूब्स ही निहारता रहता था और इस बात के लिए एक-दो बार मेरे दोस्तों ने मजाक मजाक में टोक भी दिया था, मगर मैंने उन्हें नाराजगी जताते हुए इस बात के लिए डांट दिया था | लेकिन सच तो यही था कि अब मै अमृता के प्यार मे पागल हो चूका था और उसको पाने कि चाहत में अपनी सभी हदे पार करने लगा था |
इसलिए अब रात को जब अमृता के बूब्स बहार नहीं निकलते थे तो मे खुद अपने हाथ से उन्हें बहार निकालने लगा था | लेकिन बूब्स को बहार निकालते समय मै इस बात का विशेष ध्यान रखता था कि कही अमृता कि नींद न टूट जाये |
धीरे धीरे मेरी हिम्मत भी बढती जा रही थी और मै रोज ही अमृता के बूब्स निकल कर धीरे धीरे उन्हें सहलाने लगा , कभी कभी हलके से किस्स कर देता तो कभी कभी अपना लैंड ही उसके हाथ में दे देता |
ये सब सिलसिला भी लगभग एक-डेड़ साल तक चलता रहा और मेरी उम्र लगभग १९ वर्ष कि हो गयी थी और अमृता भी लगभग १७ वर्ष कि हो गयी थी | उम्र के साथ साथ अमृता के बूब्स भी भारी होते जा रहे थे और मुझे पहले से भी ज्यादा पागल करने लगे थे |मै अपनी ही सगी बहन के बूब्स के लिए पागल हुए जा रहा था और रोज रात को उसके बूब्स बहार निकालकर चूसता, सहलाता और उसके हाथ में अपना लंड रख कर अपनी सोती हुई बहन से मुठ मरवाता |
एक रात (जब मै १९ वर्ष का हो चूका था ) मेरा पागलपन कुछ ज्यादा ही बढ गया और मै रोज कि तरह अमृता के बूब्स से खेलने लगा| साथ ही साथ अपना लंड अमृता के हाथ में दे कर मुठ मरवा रहा था कि अचानक मै अपना कण्ट्रोल खो बैठा और उत्तेजना में बहुत जोर जोर से अमृता के बूब्स चूसने लगा | अपनी उत्तेजना में मै ये भूल गया कि मै अपनी ही छोटी बहन को सोते समय प्यार कर रहा हूँ और अपना लैंड उसके हाथ में दे कर जोर जोर से मुठ मरवाते हुए, बहुत जोर जोर से उसके बूब्स अपने हाथ से दबाते हुए मै उससे लिप्स टू लिप्स किस्स करने लगा (और ये सब बहुत जोर जोर से करने लगा था ) कि अचानक अमृता कि नींद खुल गयी | लेकिन जिस टाइम अमृता कि नींद खुली उस टाइम मेरे होठ उसके होठो को चूस रहे थे इसलिए वो चिल्ला तो न सकी मगर डर बहुत गयी | मेरे ऊपर उस समय जैसे शैतान सावार था | मै उस समाया अपनी चरम सीमा के समीप था | मैंने अमृता के जग जाने कि परवाह नहीं कि और पागलो कि तरह उससे किस्स करता रहा , जोर जोर से उसके बूब्स दबाता रहा और उसके हाथ में अपना लंड दे कर जोर जोर से मुठ मरवाता रहा |अमृता इतनी डर चुकी थी कि वो निष्क्रिय सी मेरे नीचे चुपचाप पड़ी रही | कभी कभी उसके चेहरे पर दर्द के भाव जरुर आ रहे थे मगर होठों पर मेरे होंठ होने के कारण वो कुछ बोल नहीं सकती थी | थोड़ी ही देर में (सिर्फ चंद ही मिनटों में )मेरे लंड ने पानी छोड़ दिया और मेरा सारा वीर्य अमृता के हाथ में था | मगर जैसे ही मेरे लंड ने पानी छोड़ा और मेरा पागलपन खत्म हुआ - मेरे हाल ख़राब हो गया | मुझे होश आया तो विचार आया कि अब अमृता मम्मी-पापा को सब बता देगी और अब मेरी खैर नहीं | बस यही सोच कर मेरी हालत ख़राब हुए जा रही थी | लेकिन अमृता चुपचाप गुमसुम और सहमी से अपने बिस्तर पर पड़ी हुई थी |
यहाँ तक कि न तो अमृता ने अपना हाथ ही साफ किया था और न ही उसने अपने बूब्स अंदर करे थे , वो तो जैसे गुमसुम सी हो गयी थी और मै उससे कही जयादा डर रहा था कि अभी अमृता चीखेगी और मम्मी-पापा को सब बता देगी | मै एक दम से अमृता के हाथ-पैर जोड़ने लगा और उससे मानाने लगा कि वो मम्मी-पापा से कुछ न कहे | मै बार बार उससे माफ़ी मांग रहा था कि जो हुआ वो गलती से हो गया मगर अमृता कि कोई प्रतिक्रिया नहीं मिल रही थी | वो बस चुप चाप सी उसी हालत में पड़ी हुई थी | अंत में मैंने ही उसके बूब्स को ढँक दिया और उसे सुलाने लगा | जब बहुत देर तक अमृता ने कोई शोर नहीं मचाया तो मेरे दिल को थोडा सा चैन मिला कि कम से कम आज रात तो वो मम्मी-पापा को कुछ कहने वाली नहीं है लेकिन सुबह कि सोच का मुझे चिंता हुए जा रही थी | थोड़ी देर के बाद अमृता के रोने कि आवाज आने लगी | तब मैंने बार बार उससे माफ़ी मांगी और उससे वादा लिया कि वो मम्मी को कुछ नहीं कहेगी |जब अमृता ने मुझे वादा किया कि वो किसी को कुछ नहीं कहेगी तब कही जा कर मेरी जान में जान आई |
यूं तो अमृता ने मुझे वादा किया था कि वो किसी से कुछ नहीं कहेगी मगर सच तो ये है कि फिर भी मेरी गांड फट रही थी | मगर अगला पूरा दिन शांति से गुजर गया ,हाँ इतना जरुर था कि पूरे दिन मैं अमृता का विशेष ख्याल रख रहा था |अगली रात मैंने पूरी शांति के साथ गुजारी और बिना मुठ मरे या बिना अमृता के बूब्स देखे ही मै सो गया | ये पिछले दो सालो में पहली ऐसी रात थी की मै बिना अमृता के बूब्स चूसे या बिना उसके हाथ में अपना लंड रखे सो रहा था |![[Image: 85542989_031_0d6f.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_031_0d6f.jpg)
![[Image: 85542989_027_8755.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_027_8755.jpg)
![[Image: 85542989_042_ed51.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_042_ed51.jpg)
![[Image: 85542989_051_41d0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_051_41d0.jpg)
![[Image: 85542989_050_8088.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_050_8088.jpg)
![[Image: 85542989_079_ab28.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_079_ab28.jpg)
![[Image: 85542989_074_924c.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_074_924c.jpg)
![[Image: 85542989_031_0d6f.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_031_0d6f.jpg)
![[Image: 85542989_027_8755.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_027_8755.jpg)
![[Image: 85542989_042_ed51.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_042_ed51.jpg)
![[Image: 85542989_051_41d0.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_051_41d0.jpg)
![[Image: 85542989_050_8088.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_050_8088.jpg)
![[Image: 85542989_079_ab28.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_079_ab28.jpg)
![[Image: 85542989_074_924c.jpg]](https://cdni.pornpics.com/1280/7/85/85542989/85542989_074_924c.jpg)
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.


![[+]](https://xossipy.com/themes/sharepoint/collapse_collapsed.png)