05-08-2020, 02:38 PM
चिट्ठी देख कर वो एकदम से सिटपिटा गए, कुछ कह नहीं पाए, मेरा चेहरा देखने लगे। शायद थाह ले रहे थे कि मैं उसे पढ़ चुकी हूँ या नहीं। उम्मीद कर रहे थे कि अंग्रेजी में होने के कारण मैंने छोड़ दिया होगा। मैं तरह-तरह के मनोभावों से गुजर रही थी। इतना सीधा-सादा सज्जन और विनम्र दिखने वाला मेरा पति यह कैसी हरकत कर रहा है? शादी के दस साल बाद! क्या करूँ? अगर किसी औरत के साथ चक्कर का मामला रहता तो हरगिज माफ नहीं करती। पर यहाँ मामला दूसरा था। दूसरी औरत तो थी मगर अपने पति के साथ। और इनका खुद का भी मामला अजीब था।
रात को मैंने इन्हें हाथ तक नहीं लगाने दिया, ये भी खिंचे रहे। मैं चाह रही थी कि ये मुझसे बोलें! बताएँ, क्या बात है। मैं बीवी हूँ, मेरे प्रति जवाबदेही बनती है। मैं ज्यादा देर तक मन में क्षोभ दबा नहीं सकती, तो अगले दिन गुस्सा फूट पड़ा। ये बस सुनते रहे।
रात को मैंने इन्हें हाथ तक नहीं लगाने दिया, ये भी खिंचे रहे। मैं चाह रही थी कि ये मुझसे बोलें! बताएँ, क्या बात है। मैं बीवी हूँ, मेरे प्रति जवाबदेही बनती है। मैं ज्यादा देर तक मन में क्षोभ दबा नहीं सकती, तो अगले दिन गुस्सा फूट पड़ा। ये बस सुनते रहे।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
