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Adultery पत्नी एक्सचेंज
#2
जिस दिन मैंने अपने पति की जेब से वो कागज पकड़ा, मेरी आँखों के आगे अंधेरा छा गया। कम्यूटर का छपा कागज था। कोई ईमेल संदेश का प्रिंट।

“अरे! यह क्या है?” मैंने अपने लापरवाह पति की कमीज धोने के लिए उसकी जेब खाली करते समय उसे देखा। किसी मिस्टर विनय को संबोधित थी। कुछ संदिग्ध-सी लग रही थी, इसलिए पढ़ने लगी। अंग्रेजी मैं ज्यादा नहीं जानती फिर भी पढ़ते हुए उसमें से जो कुछ का आइडिया मिल रहा था वह किसी पहाड़ टूटकर गिरने से कम नहीं था। कितनी भयानक बात! आने दो शाम को! मैं न रो पाई, न कुछ स्पष्ट रूप से सोच पाई कि शाम को आएँगे तो क्या पूछूँगी।

मैं इतनी गुस्से में थी कि शाम को जब वे आए तो उनसे कुछ नहीं बोली सिवाय इसके कि, “ये लीजिए, आपकी कमीज में थी।”










[Image: images?q=tbn:ANd9GcQXYh_MviOG6_v49qZWDS9...4JVuROqZ&s]
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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Messages In This Thread
RE: पत्नी एक्सचेंज - by neerathemall - 05-08-2020, 02:38 PM
REमेरी सहेली - by neerathemall - 21-08-2020, 02:25 PM



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