04-08-2020, 11:49 PM
मधु चरम सुख के बेहद करीब आ गई जब मैंने उंगली खीच ली और होटो को चुसते हुए उसके दोनों हाथों को सर के ऊपर पकड़ लिया वो झड़ने को बेताब हो गई और पूरे ताक़त से मेरे इस कर्म का विरोद करने लगी और मैं होटो को चूसना छोर के उसकी और देखने लगा वो कामुकता की आग मैं जल रही थी और चिलाती हुई बोली छोड़िये न मुझे झड़ने दीजेए ,मैं बोला नहीं झड़ने दूंगा तुझे ऐसे ही तड़पते रहो वो और उतेजित गुस्से से बोली क्यों ऐसा करते है ।
मैं बोल बैठा अगर तू झड़ना चाहती है तो बोल वसंत से चुदवा के आएगी न ,चुत मे उसके लंड का पानी लेगी न, अपने प्यासे चुत मैं और घर आ के खुद बोलेगी न चुदवा आयी लिजेए साफ किजेए ।
ओ इतनी नसे मैं थी कि बोली हा कल ही जाउंगी और उसकी रंडी बन के चुदवा आउंगी देखना आप, घर ले के आऊंगी सामने वो मुझे चोदेगा और आप उसका लड़ चूस के खड़ा किजेएगा ।
वो गुस्से से बोली अभी बुला लू देखना है आपको ,मुझे नंबर दिया है बोला है जब बुलाओगी घर आजाउँगा मधु भाभी।
मैं बोला कॉल करो मधु वो सच मे वसंत को कॉल लगा दी और बोली घर आ सकते हो अभी, वसंत बोला जी भाभी आ जाता हूँ कोई खास काम, वो बोली हा मन नहीं लग रहा है अकेले मैं, वो हँसते बोला बस अभी आया भाभी ।
वो गुस्सा करती बोली लिजेए आ रहा हैं वसंत खुद चल के जाइये दरवाज़े पे अन्दर बुला के अपने सामने ही मेरे नंगे बदन पे लेटा दीजेए और क्या कर सकते है आप,वैसे भी आज तक कभी आपके चोदने से झड़ी नहीं फिर भी कभी शिकायत नहीं की लेकिन आपको ये पसंद नहीं ,आप तोह ये चाहते हैं कि मैं एक रण्डी बन जाऊं तोह वहीं सही वैसे भी अब जो भी होगा उसके ज़िमेदार आप होंगे सिर्फ आप ।
मधु इतना बोल के बाथरूम चली गयी और वापस आते ही अपने बालों को संवारने लगी , वो नंगी आईने के सामने बैठ के आपने हुस्न को मेक अप से खूबसरती के परे ले जाने लगी ।
वो सुर्ख़ लाल लिपस्टिक लगती बोली देखिये गा इस होटो से उसके लौड़े को चुसुंगी और वो स्टोन की नथुनी पहनते बोली आप बस देखते जाईये कैसे वसंत का खड़ा होगा मुझे देखते ।
मधु की गंदी बातें मेरे लौड़े और बदन मैं आग की तरह फैलने लगा लेकिन मै खुद को सम्हालता बस चुपचाप देखता रहा कि मधु किस हद तक मुझे ले जाएंगी।
वो उठ के सुर्ख़ लाल ब्लाउज जिसमें बाजु नहीं थी और बस एक पतली डोर ऊपर और एक नीचे बांधने वाली थी बिना ब्रा के अपने चुचियों पे रखती बोली आईये डोर लगा दीजेए ना, मैं उतेजित मुद्रा मैं उसके डोरी को कस के बंधा और बोला ये तोह वही ब्लाउज है जिसे पहन के तुम बोली अब नहीं पहनूँगी इसमें सब दिखता हैं ,वो पलट के बोली आज दिखाना हैं ना इसलिये तोह पहन रही हूँ।
मधु हल्का मुस्कुराते बोली पैंटी क्या पहनूँगी वैसे भी वसंत उतारने के लिए मेहनत करेगा बस पेटीकोट और साड़ी ही पहन लेती हूँ ।
वो दिल खोल के मुझे जलाती बेशर्म की तरह खुल के सजती सवर्ती साड़ी पहन के बोली सुनिए न दोनों हाथों में चुड़िया डाल लेतीं हु वैसे भी आपसे तोह कभी बिस्तर पे चुड़िया टूटी नहीं लेकिन वसंत मर्द है चुड़िया टूटेंगी न,वो मुझे दिखा दिखा के हाथों मैं चुड़िया पहनें लगी और साड़ी को नाभि के नीचे कर के पतली घुघरू वाली कमरबन्द पहनते बोली ये घुघरू बजेंगे जब वो आपकी बीवी को सहलायेगा ।
मेरी हालत पस्त होने लगीं ,ऐसा प्रतीत होने लगा कि मैं बस मधु की बेबाक बातों से झड़ जाऊंगा ।
वो भारी पायल अलमारी से निकालती पैरों मैं डाल कर जमीन मैं पटक कर बोली जब वो झटके से चोदेगा तोह पायल के घुघरू बज उठेगें और आप आवाज़ से समझ जाएंगे कितनी तेज़ वो आपकी अर्धांगनी को चोदे जा रहा हैं।
मधु की बातें एक दम पागल करने वाली हो चुकी थी और वो आंखों मै काजल लगाती बोली सुनिए जी कैसी लग रही हूं।
मैं आति उतेजित हो चुका था और करीब जाने के लिए बढ़ा की वो बोली रुक जाईये ये जिस्म अभी आपकी बीवी का नहीं वसंत की रखेल का है , ये सुनते ही मेरा लड़ झड़ने लगा, वो हँसते हुए बोली छी किस नामर्द की बीवी बनी हुईं थी मैं ।
मैं खुद के लौड़े को हिला हिला कर सारा पानी बहा दिया और जमीन पे बैठ गया और पसीने से भीग गया ।
मधु बोली छि आपने मेरे बेडरूम को गंदा कैसे कर दिया चलिए चाट के साफ किजेए जल्दी वसंत आता होगा ये देख के क्या सोचेगा ।
मैं मानो मधु के कुत्ते जैसा बन गया और जीभ से अपने वीर्य को जमीन से चाट के चट कर गया ।
वो सिंदूर से अपनी माँग को सजाती बोली देखिये लग रही हूँ न सेक्सी गृहणी ।
मैं निहारता बोला बस मधु अब और नहीं ।
वो बोली देखिये आपने मुझे विवश किया अब इसका परिणाम देखना और सहना पड़ेगा ।
आज आपके सर की कसम खा के कहती हूँ वसंत से संभोग करूँगी और उसके लड़ को आपके मुँह मैं दूँगी जितना गंदा आपने मुझे तड़पाते बोला सब करूँगी चाहे जो हो ।
मधु अपने काख को सेंट से सहलाते बोली वसंत ने जब मेरी काख को सुंघा था तोह बोला था बहुत चिकनी और रसीली है मधु भाभी, देखिये उसके लिए ही सेंट लगा रही हूँ ।
मधु हवस की आग मै जलती आज बेशर्म हो चुकी थी और मै मजबूर बेबस से बस उसकी गंदी बेबाक बेशर्म बातों को सुन के खुद जलील होने लगा ।
मैं बोल बैठा अगर तू झड़ना चाहती है तो बोल वसंत से चुदवा के आएगी न ,चुत मे उसके लंड का पानी लेगी न, अपने प्यासे चुत मैं और घर आ के खुद बोलेगी न चुदवा आयी लिजेए साफ किजेए ।
ओ इतनी नसे मैं थी कि बोली हा कल ही जाउंगी और उसकी रंडी बन के चुदवा आउंगी देखना आप, घर ले के आऊंगी सामने वो मुझे चोदेगा और आप उसका लड़ चूस के खड़ा किजेएगा ।
वो गुस्से से बोली अभी बुला लू देखना है आपको ,मुझे नंबर दिया है बोला है जब बुलाओगी घर आजाउँगा मधु भाभी।
मैं बोला कॉल करो मधु वो सच मे वसंत को कॉल लगा दी और बोली घर आ सकते हो अभी, वसंत बोला जी भाभी आ जाता हूँ कोई खास काम, वो बोली हा मन नहीं लग रहा है अकेले मैं, वो हँसते बोला बस अभी आया भाभी ।
वो गुस्सा करती बोली लिजेए आ रहा हैं वसंत खुद चल के जाइये दरवाज़े पे अन्दर बुला के अपने सामने ही मेरे नंगे बदन पे लेटा दीजेए और क्या कर सकते है आप,वैसे भी आज तक कभी आपके चोदने से झड़ी नहीं फिर भी कभी शिकायत नहीं की लेकिन आपको ये पसंद नहीं ,आप तोह ये चाहते हैं कि मैं एक रण्डी बन जाऊं तोह वहीं सही वैसे भी अब जो भी होगा उसके ज़िमेदार आप होंगे सिर्फ आप ।
मधु इतना बोल के बाथरूम चली गयी और वापस आते ही अपने बालों को संवारने लगी , वो नंगी आईने के सामने बैठ के आपने हुस्न को मेक अप से खूबसरती के परे ले जाने लगी ।
वो सुर्ख़ लाल लिपस्टिक लगती बोली देखिये गा इस होटो से उसके लौड़े को चुसुंगी और वो स्टोन की नथुनी पहनते बोली आप बस देखते जाईये कैसे वसंत का खड़ा होगा मुझे देखते ।
मधु की गंदी बातें मेरे लौड़े और बदन मैं आग की तरह फैलने लगा लेकिन मै खुद को सम्हालता बस चुपचाप देखता रहा कि मधु किस हद तक मुझे ले जाएंगी।
वो उठ के सुर्ख़ लाल ब्लाउज जिसमें बाजु नहीं थी और बस एक पतली डोर ऊपर और एक नीचे बांधने वाली थी बिना ब्रा के अपने चुचियों पे रखती बोली आईये डोर लगा दीजेए ना, मैं उतेजित मुद्रा मैं उसके डोरी को कस के बंधा और बोला ये तोह वही ब्लाउज है जिसे पहन के तुम बोली अब नहीं पहनूँगी इसमें सब दिखता हैं ,वो पलट के बोली आज दिखाना हैं ना इसलिये तोह पहन रही हूँ।
मधु हल्का मुस्कुराते बोली पैंटी क्या पहनूँगी वैसे भी वसंत उतारने के लिए मेहनत करेगा बस पेटीकोट और साड़ी ही पहन लेती हूँ ।
वो दिल खोल के मुझे जलाती बेशर्म की तरह खुल के सजती सवर्ती साड़ी पहन के बोली सुनिए न दोनों हाथों में चुड़िया डाल लेतीं हु वैसे भी आपसे तोह कभी बिस्तर पे चुड़िया टूटी नहीं लेकिन वसंत मर्द है चुड़िया टूटेंगी न,वो मुझे दिखा दिखा के हाथों मैं चुड़िया पहनें लगी और साड़ी को नाभि के नीचे कर के पतली घुघरू वाली कमरबन्द पहनते बोली ये घुघरू बजेंगे जब वो आपकी बीवी को सहलायेगा ।
मेरी हालत पस्त होने लगीं ,ऐसा प्रतीत होने लगा कि मैं बस मधु की बेबाक बातों से झड़ जाऊंगा ।
वो भारी पायल अलमारी से निकालती पैरों मैं डाल कर जमीन मैं पटक कर बोली जब वो झटके से चोदेगा तोह पायल के घुघरू बज उठेगें और आप आवाज़ से समझ जाएंगे कितनी तेज़ वो आपकी अर्धांगनी को चोदे जा रहा हैं।
मधु की बातें एक दम पागल करने वाली हो चुकी थी और वो आंखों मै काजल लगाती बोली सुनिए जी कैसी लग रही हूं।
मैं आति उतेजित हो चुका था और करीब जाने के लिए बढ़ा की वो बोली रुक जाईये ये जिस्म अभी आपकी बीवी का नहीं वसंत की रखेल का है , ये सुनते ही मेरा लड़ झड़ने लगा, वो हँसते हुए बोली छी किस नामर्द की बीवी बनी हुईं थी मैं ।
मैं खुद के लौड़े को हिला हिला कर सारा पानी बहा दिया और जमीन पे बैठ गया और पसीने से भीग गया ।
मधु बोली छि आपने मेरे बेडरूम को गंदा कैसे कर दिया चलिए चाट के साफ किजेए जल्दी वसंत आता होगा ये देख के क्या सोचेगा ।
मैं मानो मधु के कुत्ते जैसा बन गया और जीभ से अपने वीर्य को जमीन से चाट के चट कर गया ।
वो सिंदूर से अपनी माँग को सजाती बोली देखिये लग रही हूँ न सेक्सी गृहणी ।
मैं निहारता बोला बस मधु अब और नहीं ।
वो बोली देखिये आपने मुझे विवश किया अब इसका परिणाम देखना और सहना पड़ेगा ।
आज आपके सर की कसम खा के कहती हूँ वसंत से संभोग करूँगी और उसके लड़ को आपके मुँह मैं दूँगी जितना गंदा आपने मुझे तड़पाते बोला सब करूँगी चाहे जो हो ।
मधु अपने काख को सेंट से सहलाते बोली वसंत ने जब मेरी काख को सुंघा था तोह बोला था बहुत चिकनी और रसीली है मधु भाभी, देखिये उसके लिए ही सेंट लगा रही हूँ ।
मधु हवस की आग मै जलती आज बेशर्म हो चुकी थी और मै मजबूर बेबस से बस उसकी गंदी बेबाक बेशर्म बातों को सुन के खुद जलील होने लगा ।