Thread Rating:
  • 14 Vote(s) - 2.71 Average
  • 1
  • 2
  • 3
  • 4
  • 5
Adultery बर्बादी को निमंत्रण
अपडेट - 15


समीर: डरो मत ! मैं जानता हूँ मेरी स्लेव इस सब से आसानी से गुजर सकती है। इसलिए इनमे से तुम्हारे काम का कुछ नहीं। ये तो मेरी उन स्लेव के लिए है जो तुम्हारी तरह मेरी अपनी नहीं है। अच्छा एक काम करो। बाहर एक सूटकेस है सोफे के पीछे उसे लेकर घर चली जाना। आज के बाद तुम वही पहनोगी जो मैं कहुंगा और वही खाओगी जिसके लिए तुम्हे मेरी इजाज़त होगी। अगर उसके अलावा कुछ किया तो ध्यान रखना तुम्हे उसकी पनिशमेंट मिलेगी। और पनिशमेंट ऐसी होगी जिसके बारे में तुम कभी सोच भी नहीं सकती। 


चंचल एक टक समीर को देखती रह जाती है। लेकिन समीर बस मुस्कुराता हुआ चंचल को देखता रहता है। चंचल धीरे धीरे उस कमरे से बाहर निकल जाती है और समीर का बताया हुआ सूटकेस उठा कर घर निकल जाती है।



अब आगे.....


चंचल ड्राइवर के साथ अपने घर को निकल जाती है। चंचल घर पहुँचती है मगर सारे रास्ते बड़ी बैचैन रहती है। उसे बार - बार अपने अंदर एक अजीब सी बैचैनी महसूस हो रही थी। उसके ललाट पर पसीना था जिसकी वजह से उसकी गर्दन पर उसके बाल चिपके पड़े थे। जब चंचल अपने घर पहुँचती है तो समीर का दिया हुआ सूटकेस उठाकर सीधे अपने कमरे की और जाने लगती है। 

[Image: 5c7e2e3e228ab.jpg] 


सरिता भी चंचल को इस तरह से पसीने में देख लेती है। लेकिन सरिता इस बात को सीरियस ना लेकर के नार्मल समझ कर टाल देती है।

[Image: 5c7e305726008.jpg] 


 चंचल जैसे ही अपने कमरे में पहुंचती है। दरवाजा बंद करके बाथरूम में चली जाती है। चंचल अपना मुंह धोती है। और नहाने की तैयारी करती है। इस वक़्त चंचल के पसीने सुख चुके थे। चंचल अपनी ड्रॉर से कपड़े निकल रही थी कि कोई सरिता चंचल के लिए कॉफी लेकर दरवाजा नॉक करती है। चंचल जल्दी से दरवाजा खोलती है। 

सरिता: दीदी मुझे आपसे कुछ बात करनी थी।

चंचल: क्यों नही आओ ना । अंदर आ जाओ। 

सरिता चंचल के रूम में आजाती है। चंचल अपने रूम कर दरवाजा बंद करके अपने बैड पर बैठ जाती है। और साथ ही सरिता भी बैड पर बैठ जाती है। 

चंचल: आज क्या बात है? तुमने कॉफ़ी बनाई है? नौकरानी कहाँ है?


सरिता : दीदी कॉफ़ी तो उसने ही बनाई है मैं तो बस आपके लिए लेकर आई हूँ। मुझे आपसे बात भी तो करनी थी।

चंचल: (मुस्कुराते हुए) अच्छा । कहो क्या बात करनी है। (कॉफ़ी की चुस्की लेते हुए)

सरिता: वो दीदी...... (घर्रर्रर्रर्रर्रर्रर, घर्रर्रर्रर्रर्ररर, घर्रर्रर्रर्रर, घर्रर्रर्रर्ररर)

 चंचल का मोबाइल वाइब्रेट होता है। जैसे ही चंचल का मोबाइल वाइब्रेट होता है चंचल एक लंबी सी सिसकारी के साथ कांपने लगती है। चंचल की जाँघे ऐसे कांप रही थी जैसे वाइब्रेशन मोड पर चली गयी हो। चंचल की आंखें बंद हो गयी थी। 



सरिता: (चंचल के पैरों को हिलाते हुए) दीदी ? दीदी? आप ठीक तो है ना। बाप रे आपके पैर तो बुरी तरह से तप रहे है।

चंचल: (कांपती आवाज में) हम्म हाँ.... नहीं वो मैं.... मैं.... मैं ठीक हूँ।

सरिता : दीदी डॉक्टर को बुला लेती हूं। मुझे नहीं लगता आप ठीक है। मुझे लगता है आपको बुखार है।

चंचल: नहीं वो सरिता बुखार नहीं है। ये तो नॉर्मली ऐसा ही होता है। चलो मेयो बाद में बात करती हूं फिलहाल मुझे नहाने जाना है।

सरिता: जी ठीक है। फिर में बाद में बात करती हूँ।

सरिता चंचल के रूम से बाहर निकल जाती है लेकिन चंचल एक अजीब सी सोच में डूब जाती है। चंचल जब खड़ी होती है तो देखती है कि वो जहां बैठी थी वहां बैड शीट पूरी तरह से गीली हो चुकी है। चंचल की साड़ी भी पीछे से पूरी गीली है। मतलब फ़ोन के वाइब्रेशन से जो चंचल के बैड में वाइब्रेशन हुआ उस से चंचल अभी अभी झड़ गयी थी। चंचल को यकीन नहीं हो रहा था कि ऐसा भी कुछ उसके साथ हो सकता है। 

चंचल जब फ़ोन देखती है तो सुरेश का कॉल था। चंचल सुरेश को कॉल लगाती है। 2- 3 बेल् बजने के बाद सुरेश तुरन्त कॉल अटेंड करता है।

सुरेश: हेलो चंचल! 

चंचल: हेलो सुरेश। कैसे हो?

सुरेश: आई एम गुड जान। तुम कैसी हो? और सरिता कैसी है?

चंचल: नॉट गुड। आई मिस यू अलॉट। बाकी सब बढ़िया है।


सुरेश: मिस यू टू यार। बस दस पन्द्रह दिन की बात और है फिर लौट रहा हूँ। 

चंचल: तुम्हारा इंतजार रहेगा। 

सुरेश: अच्छा चलो मेरे आफिस जाने का वक़्त हो गया है। मैं तुम्हे बाद में कॉल करता हूँ।

चंचल: ओके जान


फ़ोन कट जाता है....

चंचल एक मिनेट तक फ़ोन को देखती रहती है फिर उठ कर नहाने के लिए बाथरूम में चली जाती है। चंचल करीब आधे घण्टे बाद नहा कर बाहर निकलती है।

चंचल एक नाइटी पहन लेती है। नाइटी के नीचे कुछ भी नहीं पहनती। इस वक़्त चंचल की चुंचिया एक दम कड़क तने हुए थी। और चूत भी हल्की हल्की बारिश कर रही थी। दरअसल ये सब चंचल के साथ समीर के दिये हुए APHRODISIAC  का कमाल था। ये किसी भी ठंडी ठण्डी से औरत में भी सेक्स के प्रति तलब बढ़ा देता है। इसकी ज्यादा मात्रा एक तरफ जान ले सकती है तो दूसरी और सेक्स की इच्छा को प्रबल कर देती है।
 
चंचल अपने रूम का दरवाजा खोलने ही वाली थी कि चंचल का फ़ोन बजने लगता है। चंचल जैसे ही बैड की और जाती है और अपने फोन को देखती है तो पाती है कि समीर का कॉल है।

चंचल फ़ोन अटेंड करती है।

समीर: हेsssलो sssss चंचल

चंचल: हेलो समीर.... 

समीर: वीडियो कॉल करो अभी! 

चंचल: अभी??? लेकिन..... (फ़ोन कट)

चंचल कुछ सोचती है लेकिन फिर तुरंत समीर को वीडियो कॉल करती है।


समीर: वाह क्या बात है! यू आर लुकिंग सो गोर्जीयस।

चंचल शरमा जाती है

समीर : अच्छा सुनो काल तुम्हे क्या ड्रेस पहननी है वो तुम्हे कल बात दूंगा। और हाँ एक बात और तुम काल मेरी बताई हुई ड्रेस के सिवा कुछ नहीं पहनोगी वरना पनिशमेंट.... समझी


चंचल: हम्म
 फ़ोन कट...

अब चंचल की हालत में पहले से सुधार था। चंचल नीचे हाल में जाति है और सरिता के साथ मिलकर खाना खाने लगती है।

सरिता: दीदी आपसे बहुत ज़रूरी बात करनी है!

चंचल: हाँ तुम कुछ बोल भी रही थी। बताओ ना क्या बात है?

सरिता: दीदी ये जो अपनी पड़ोसन आंटी है ना आपको लेकर बहुत गलत ओर गन्दी बातें करती है। हमारी नौकरानी बात रही थी कि वो आंटी बोल रही थी कि " ये जो इस घर की बड़ी बहू है ना चंचल जब तक नौकरी पर नहीं जाती थी और इसकी सात्ज और पति यहां थे तब तक बहुत संस्कारी बनती थी। इसके संस्कारों को लेकर इसकी सास कई बार हमें बहुत कुछ सुना देती थी। लेकिन अभी देखो इसके संस्कार। अजीब से कपड़े पहन ने लगी है। मुझे तो लगता है इसका किसी के साथ चक्कर भी है...."

चंचल: व्हाट???? इस बुढ़िया की इतनी हिम्मत, मेरे कैरेक्टर पर उंगली उठा रही है। उसने इतना भी नहीं सोचा कि उसकी भी एक बेटी है।

सरिता: दीदी शांत हो जाओ। अगर हमने कुछ उनको बोला तो हम ही गक्त लगेंगे। और वैसे भी उसकी बेटी की अभी उम्र ही क्या है आठवीं या नवीं मैं पढ़ रही है।  बच्ची है अभी तो...

चंचल: बच्ची माय फूट.... आजकल उसकी उम्र की लड़कियां बच्चे निकालती घूमती है।
सरिता: (पूरी तरह से शॉक्ड) दीदी आप क्या बोल रही है। आपको मालूम भी है। 

चंचल: ( अपनी कही बात का एहसास करते हुए) आई डोंट नॉ। 

सरिता: है है है है लेकिन जो भी बोल मस्त था। दीदी आपका गुस्सा मैंने आज पहली बार देखा।

सरिता को हंसता देख कर चंचल भी हसने लगती है।

चंचल: अभी तूने गुस्सा देखा कहाँ है सरिता अभी तो तुम देखोगी की चंचल से उस आंटी ने उलझ कर गलती कर दी।

सरिता: क्या करने का इरादा है दीदी?

चंचल : कुछ नहीं बस.... ऐसे ही.... चलो फिलहाल तो सोते है।

चंचल उठ कर अपने कमरे में चली जाती है और सरिता अपने कमरे में...

चंचल: हेलो समीर....

समीर: क्या बात है मेरी स्लेव मुझे अब नाम से बुलाएगी?

चंचल: सॉरी......  मास्टर  मुझे आपकी मदद चाहिए। चंचल समीर को कुछ बताती है।

समीर: ठीक है मैं देख लूंगा लेकिन तुम्हे मेरी मदद करनी होगी। 

चंचल: ठीक है । डन....
समीर: कल मिलते है बाय...

बर्बादी को निमंत्रण
https://xossipy.com/thread-1515.html

[b]द मैजिक मिरर (THE MAGIC MIRROR) {A Tale of Tilism}[/b]
https://xossipy.com/thread-2651.html

Hawas ka ghulam
https://xossipy.com/thread-33284-post-27...pid2738750
[+] 1 user Likes Rocksanna999's post
Like Reply


Messages In This Thread
RE: बर्बादी को निमंत्रण - by Rocksanna999 - 05-03-2019, 01:48 PM



Users browsing this thread: 41 Guest(s)