04-08-2020, 01:21 PM
मैंने कहा- दीदी माफ़ कर दो, वो गलती से हो गया। आप चिन्ता मत करो, मैं कल सुनील से दवाई मंगवा लूंगा। आप डरो मत!
तो दीदी मान गयी और चुप हो गयी।
मैंने तभी सुनील को मेसेज कर दिया दवाई लाने के लिए!
अब हम दोनों बिस्तर पर नंगे ही लेटे थे। दीदी ने अपनी चूत अपनी पैंटी से साफ़ की और लेट गयी।
तभी मैं उठ गया और सामने से तेल के बोतल उठा के लाया और दीदी से कहा- मैं आपकी मालिश कर देता हूँ।
मैंने दीदी की मालिश करते हुए कहा- दीदी, आपको यकीन नहीं होगा पर मैं आपको बहुत पहले से चोदना चाहता था और आज वो इच्छा पूरी हो गयी है। आज आपको चोद कर मेरा दीदी सेक्स का सपना पूरा हो गया।
इस पर दीदी ने कुछ नहीं कहा।
मैं दीदी की मालिश करता रहा; पहले स्तनों की और बाद में चूत की भी।
अब मैंने दीदी को उल्टा होकर घोड़ी बनने को कहा तो दीदी जल्दी ही मान गयी. क्यूंकि दीदी को पता था कि मेरा लौड़ा फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया है। फिर मैंने दीदी की चूत और गांड पर बहुत सारा तेल लगाया। फिर मैंने अपने लौड़े पर भी तेल लगाया।
अब मैंने तेल की बोतल को पास में रखा और अपने लौड़े को निशा दीदी की गांड पर रख दिया और अंदर डाल दिया। तेल की वज़ह से मेरा बादशाह दीदी की गांड की गुफ़ा में जल्दी ही चला गया। अब की बार मैंने दीदी की गांड आराम से मारी पर वीर्य गांड में ही डाला।
उस रात मैंने दीदी को 4 बार चोदा।
सुबह लगभग 11:30 बजे हमारा दरवाजा किसी ने खटखटाया।
तो दीदी मान गयी और चुप हो गयी।
मैंने तभी सुनील को मेसेज कर दिया दवाई लाने के लिए!
अब हम दोनों बिस्तर पर नंगे ही लेटे थे। दीदी ने अपनी चूत अपनी पैंटी से साफ़ की और लेट गयी।
तभी मैं उठ गया और सामने से तेल के बोतल उठा के लाया और दीदी से कहा- मैं आपकी मालिश कर देता हूँ।
मैंने दीदी की मालिश करते हुए कहा- दीदी, आपको यकीन नहीं होगा पर मैं आपको बहुत पहले से चोदना चाहता था और आज वो इच्छा पूरी हो गयी है। आज आपको चोद कर मेरा दीदी सेक्स का सपना पूरा हो गया।
इस पर दीदी ने कुछ नहीं कहा।
मैं दीदी की मालिश करता रहा; पहले स्तनों की और बाद में चूत की भी।
अब मैंने दीदी को उल्टा होकर घोड़ी बनने को कहा तो दीदी जल्दी ही मान गयी. क्यूंकि दीदी को पता था कि मेरा लौड़ा फिर से चुदाई के लिए तैयार हो गया है। फिर मैंने दीदी की चूत और गांड पर बहुत सारा तेल लगाया। फिर मैंने अपने लौड़े पर भी तेल लगाया।
अब मैंने तेल की बोतल को पास में रखा और अपने लौड़े को निशा दीदी की गांड पर रख दिया और अंदर डाल दिया। तेल की वज़ह से मेरा बादशाह दीदी की गांड की गुफ़ा में जल्दी ही चला गया। अब की बार मैंने दीदी की गांड आराम से मारी पर वीर्य गांड में ही डाला।
उस रात मैंने दीदी को 4 बार चोदा।
सुबह लगभग 11:30 बजे हमारा दरवाजा किसी ने खटखटाया।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
