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Incest छाया दीदी ने बारिश में चुदा लिया
#16
तभी मेरे दिमाग में एक प्लान आया।
मैंने दीदी से कहा- दीदी एक रास्ता है जिससे वो सुमित को कुछ नहीं बतायेगा।
दीदी ने कहा- क्या रास्ता है?
मैंने कहा- दीदी, उसने मुझे आपके बारे में इसलिये बताया था क्यूंकि आप दोनों ने उससे आपकी चुदाई करने से मना कर दिया था। तो अगर आप उसको 1-2 बार उसको मजे दिला दो तो उसका गुस्सा खत्म हो जायेगा।

दीदी फिर से सोच में पड़ गयी और मना करने ही वाली थी कि मैंने दीदी से फिर बोला- दीदी सिर्फ 1-2 बार की ही तो बात है।
तो दीदी ने मजबूरी में सेक्स के लिए हां कर दिया।

फिर मैंने जल्दी से दीदी को पीछे से पकड़ लिया। पर दीदी ने मेरे हाथों को हटा दिया और मुझसे दूर हो गयी और कहा- रमेश ये सब ठीक नहीं है। हम दोनों भाई बहन हैं।
तो मैंने कहा- दीदी कुछ नहीं होगा। इससे हम दोनों के बीच और नज़दीकियां आ जायेगी।
पर दीदी मान नहीं रही थी और कहने लगी- मुझे कुछ ठीक नहीं लग रहा है।

अब मुझे गुस्सा आ गया और मैंने दीदी को कहा- दीदी, आप अब चाहे कुछ भी कह लो, अब तो मैं आपकी चूत मार कर ही रहूँगा। अब आप बोलो पापा को मैं सब बता दूँगा तो आपके और सुमित के लिए बिल्कुल भी अच्छा नहीं होगा। इसलिए सीधे सीधे मेरी बात मानो। इसी में आपकी भलाई है।

दीदी समझ गयी और खुद ही मेरी तरफ मुड़ गयी। मैं बहुत खुश हो गया। फिर मैंने दीदी को ज़ोर से गले लगाया। दीदी के स्तन मेरी छाती से लग रहे थे। मेरा लौड़ा तो उसी वक्त खड़ा हो गया।
फिर मैंने दीदी की गर्दन पर चुम्मा किया और धीरे धीरे गालों और फिर होंठों तक किस्स करता रहा। वो फीलिंग ऐसी थी कि मैं आपको बता नहीं सकता। मैं तो मानो स्वर्ग में पहुँच गया था।

दीदी अभी भी पूरे मन से मेरा साथ नहीं दे रही थी। पर होंठों पर चुम्बन करने से दीदी मदहोश होने लगी इसलिए मैंने दीदी को 10 मिनट तक चुम्बन किया।

अब मैंने दीदी को अपनी गोद में उठाया और दीदी को उनके चूतड़ों से पकड़ कर अपने बेडरूम में ले गया और दीदी को वहाँ लिटा दिया।
मैंने जल्दी से अपने सारे कपड़े खोल दिए और मेरा 8 इंच का लौड़ा दीदी के सामने आ गया।

दीदी मेरे लण्ड को देख कर शर्मा गयी।
मैंने दीदी से पूछा- दीदी, क्या सुमित का भी इतना बड़ा है?
दीदी ने कहा- हाँ … पर सुनील का थोड़ा छोटा है।

यह सुन कर मुझे पता चल गया कि अब दीदी मेरे साथ घुल-मिल रही हैं। अब मैंने दीदी को खड़े होने को कहा। फिर मैंने दीदी की कमीज़ उतार दी और दीदी के स्तन ब्रा छुपने की कोशिश कर रहे थे।
फिर मैंने दीदी की ब्रा भी खोल दी और दीदी के स्तन मेरे सामने आ गए। दीदी के स्तन ज्यादा बड़े नहीं थे। पर मेरा लौड़ा उनको देख कर सलामी मारने लगा।

मैंने दीदी से पूछा- दीदी आपके स्तन ज्यादा बड़े नहीं हैं। ऐसा क्यूँ?
दीदी ने शर्माते हुए कहा- सुमित और सुनील सिर्फ सिर्फ मेरी चूत पर ही ध्यान देते हैं। स्तनों से उनको ज्यादा लगाव नहीं है।
मैंने कहा- दीदी आप चिन्ता मत करो, मैं आपके स्तनों को पहाड़ जितने बड़े बना दूंगा।

अब मैंने दीदी को लिटा दिया और दीदी के स्तनी को हाथों से ज़ोर ज़ोर से मरोड़ने लगा और चूचियों को ज़ोर ज़ोर से पीने लगा। मैं इतना मदहोश हो गया था कि मैं पागलों की तरह दीदी के स्तनों से खेल रहा था। इससे दीदी को बहुत दर्द हो रहा था और दीदी आ … आ … करने लगी। निशा दीदी की ये आवाज़ सुन कर मुझे और मज़ा आने लगा।

दीदी को भी मजा आ रहा था पर साथ में दर्द भी हो रहा था। दीदी कहने लगी- रमेश ये तुम क्या कर रहे हो! आ … अयि … थोड़ा धीरे करो। आ … आह … मुझे बहुत दर्द हो रहा है। आ … आह …
तब मैं दीदी के स्तनों से हट गया।

मैंने देखा दीदी रो रही है और दीदी के स्तन लाल हो गए हैं।

दीदी ने अपने स्तनों को पकड़ा और रोते हुए बोली- तुम जानवर हो क्या? तुम्हें पता भी है मुझे कितना दर्द हो रहा है?
मैंने कहा- मुझे माफ़ कर दो दीदी। वो मैं आपको देख कर पागल सा हो गया था। अब मैं आराम से करूँगा।
दीदी ने कहा- नहीं स्तनों में बहुत दर्द हो रहा है। अब कुछ और कर लो।

फिर क्या था दोस्तो … मैंने झट से अपने लौड़े को अपने हाथ में पकड़ा और दीदी के मुँह के सामने रख दिया।
दीदी ने एक झलक मुझे देखा और मैंने इशारा करते हुए कहा कि इसे चूसो।

फिर दीदी से जैसे ही मेरा लण्ड अपने हाथ में पकड़ा और अपने होंठों पर रखा तो मेरी आआह … निकल गयी। दीदी ने अब सारा लण्ड अपने मुंह डाल दिया और अंदर बाहर करके चूसने लगी।
मैंने दीदी से कहा- दीदी, क्या चूस रही हो आप! आ … आह … और तेज़ चूसो ना!

तो दीदी ने और स्पीड बढ़ा दी।

15 मिनट लगातार चूसाते हुए मैं इतना मग्न हो गया था कि मैंने दीदी के मुँह में ही अपना वीर्य छोड़ दिया। दीदी ने झट से मेरा लण्ड अपने मुंह से निकाल दिया और वीर्य को अपने मुंह से थूक कर निकाल दिया।
निशा दीदी ने गुस्से से कहा- ये क्या कर दिया रमेश तूने? आधा वीर्य मैंने पी लिया। ये अच्छा नहीं हुआ।
मैंने कहा- दीदी, माफ़ कर दो, मैं चुसाने में मस्त हो गया था। मुझे याद ही नहीं रहा कि मुझे बाहर झड़ना चाहिए था।

निशा दीदी ने कहा- अब क्या होगा अगर मैं गर्भवती बन गयी तो?
मैंने कहा- दीदी आप फ़िक्र मत करो, उससे आप को कुछ नहीं होगा।
दीदी ने कहा- ठीक है पर अब नीचे करती बार ध्यान रखना।
मैंने कहा- ठीक है ध्यान रखूँगा।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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RE: छाया दीदी ने बारिश में चुदा लिया - by neerathemall - 04-08-2020, 01:19 PM



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