04-08-2020, 01:18 PM
मेरी दीदी का नाम निशा है और वो 27 साल की है। मेरी दीदी बहुत भोली है। अभी उसकी शादी हो गयी है।
ये कहानी 4 साल पहले की है जब मेरी बहन 23 साल की और मैं 20 साल का था। अब ज्यादा न बोलते हुए मैं कहानी शुरू करता हूं।
मुझे शुरू से ही चुदाई को शौक था पर कोई मिलती नहीं थी। और मुझे मेरी दीदी के साथ सेक्स की चाहत भी बहुत पहले से थी। हम दोनों शहर में रहते थे पढ़ाई के लिए। हमने एक रूम ले रखा था। मम्मी पापा गाँव में रहते थे।
हम दोनों एक ही कॉलेज में पढ़ते थे। दीदी फाइनल ईयर में और मैं फर्स्ट ईयर में। हम दोनों एक दूसरे से बहुत बातें करते थे और मस्ती करते थे। जब वो हंसती थी तो मन करता था कि उसके मुंह में तभी अपना लौड़ा डाल दूँ। मैं रोज़ रात को उसके नाम पर मुठ मारता था।
मैं दीदी को चोदने के लिए मरा जा रहा था।
एक दिन कुछ ऐसा हुआ जिससे मेरी दीदी सेक्स की कामना पूरी ही गयी।
निशा दीदी हमेशा रात को मुझसे यह कहकर घर से चली जाती थी कि उसे अपनी सहेली के साथ रात भर पढ़ाई करनी है। दरअसल वो अपनी किसी सहेली के घर नहीं जाती थी। वो अपने बॉयफ्रेंड के साथ उसके घर जाती थी और दीदी सेक्स करती थी उसके साथ।
यह बात मुझे मेरे दोस्त ने बताई। मेरा दोस्त मेरी निशा दीदी के बॉयफ्रेंड का भाई था। मेरे दोस्त का नाम सुनील था।
उसने मुझे ये बात इसलिए बताई क्यूंकि पहले वो भी मेरी दीदी से सेक्स करता था।
पर कुछ दिन पहले उसके भाई ने उससे कहा- मैं निशा से शादी करना चाहता हूँ इसलिए आज से तू निशा से दूर रहेगा।
यह सुन कर सुनील को बहुत बुरा लगा और जब सुनील ने कहा कि एक आखिरी बार मुझे मजे लेने दो तो उसके भाई ने उससे बहुत मारा।
ये सब सुनकर मुझे बहुत धक्का लगा। मैं सोचने लगा कि मेरी दीदी कितनी बड़ी रंडी है। यह सुनकर मैंने सुनील को तो कुछ नहीं कहा पर मुझे उसके भाई और निशा दीदी बहुत गुस्सा आ रहा था। मैं हमेशा से ही दीदी की सील तोड़ना चाहता था पर मुझसे पहले किसी और ने ही दीदी की सील तोड़ दी थी। मेरे दिल में मेरी दीदी के लिए ऐसी भावना है ये बात मेरे दोस्त भी जानते थे। मैं हमेशा से दीदी को चोदने की बातें उनसे करता रहता था।
तब मैंने और सुनील ने और मेरे बाकी दोस्तों ने एक प्लान बनाया कि जब भी अगली बार दीदी अपने बॉयफ्रेंड के घर जायेगी तब सुनील दीदी सेक्स की वीडियो बनायेगा और बाद में मैं दीदी को वो वीडियो दिखाऊंगा और उसे चुदाई के लिए ब्लैकमेल करूँगा।
उस दिन मैं घर गया और निशा दीदी से ज्यादा बात नहीं कि तो उसको कुछ शक़ हीने लगा।
दो दिन बाद रात को जब मैं घर आया तो दीदी कहीं जाने की तैयारी कर रही थी। मैंने दीदी से पूछ लिया- तुम कहाँ जा रही हो?
तो दीदी ने कहा- मैं अपनी सहेली सुमिता के घर पढ़ाई की लिए जा रही हूँ। तेरे लिए खाना बना लिया है, खा लेना।
इतना कहकर दीदी जल्दी में निकल गयी।
मैंने मेरे एक दोस्त को फ़ोन किया जो पास में ही रहता था। उसको मैंने दीदी का पीछा करने को कहा, तो वो दीदी के पीछे पीछे गया और उसने मुझे फ़ोन कर के बताया कि वो सुमित के साथ कार में बैठ कर चली गयी है। सुमित उसका बॉयफ्रेंड है।
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
