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Romance लला… फिर खेलन आइयो होरी
#4
मंडप में होली 

[Image: Teej-0e28dd0a4f542b5f21ee7bdeb010ccac.jpg]
पकड़ा धकड़ी में उसका आँचल थोड़ा सा हटा तो ढेर सारा गुलाल मेरे हाथों से उसकी चोली के बीच, (आज चोली लहंगा पहन रखा था उसने). 
कुछ वो मुस्कुराई कुछ गुस्से से उसने आँखें तरेरी और झुक के आँचल हटा के चोली में घुसा गुलाल झाड़ने लगी.





मेरी आँखें अब चिपक गईं, चोली से झांकते उसके गदराए, गुदाज, किशोर, गोरे-गोरे उभार, 


[Image: bra-20.jpg]

पलाश सी मेरी देह दहक उठी. मेरी चोरी पकड़ी गई. मुझे देखते देख वो बोली,



“दुष्ट...” और आंचल ठीक कर लिया.





उसके हाथ में ना सिर्फ गुलाल था बल्कि सूखे रंग भी...बहाना बना के मैं उन्हें उठाने लगा.


लाल हरे रंग मैंने अपने हाथ में लगा लिए लेकिन जब तक मैं उठता, झुक के उसने अपने रंग समेट लिए और हाथ में लगा के सीधे मेरे चेहरे पे.

[Image: st-1.jpg]




उधर भैया के साथ भी होली शुरू हो गई थी. उनकी एक सलहज ने पानी के बहाने गाढ़ा लाल रंग उनके ऊपर फेंक दिया था और वो भी उससे रंग छीन के गालों पे...



बाकी सालियाँ भी मैदान में आ गईं. उस धमा चौकड़ी में किसी को हमारा ध्यान देने की फुरसत नहीं थी.


[Image: Holi-party-2014-Photos-Hyderabad-Holi-20...Photos.jpg]

उसके चेहरे की शरारत भरी मुस्कान से मेरी हिम्मत और बढ़ गई. 


लाल हरी मेरी उंगलियाँ अब खुल के उसके गालों से बातें कर रही थीं, छू रही थीं, मसल रही थीं. 

पहली बार मैंने इस तरह किसी लड़की को छुआ था. उन्चासो पवन एक साथ मेरी देह में चल रहे थे. और अब जब आँचल हटा तो मेरी ढीठ दीठ...चोली से छलकते जोबन पे गुलाल लगा रही थी. 

लेकिन अब वो मुझसे भी ज्यादा ढीठ हो गई थी. कस-कस के रंग लगाते वो एकदम पास...


उसके रूप कलश...मुझे तो जैसे मूठ मार दी हो. मेरी बेकाबू...और गाल से सरक के वो चोली के... पहले तो ऊपर और फिर झाँकते गोरे गुदाज जोबन पे...

[Image: pitars-holi-celebrations-hyderabad1.jpg]

वो ठिठक के दूर हो गई.

मैं समझ गया ये ज्यादा हो गया. अब लगा कि वो गुस्सा हो गई है. 

झुक के उसने बचा खुचा सारा रंग उठाया और एक साथ मेरे चेहरे पे हँस के पोत दिया. 


और मेरे सवाल के जवाब में उसने कहा, 





“मैं तैयार हूँ, तुम हो, बोलो.”

[Image: VCUegAD.jpg]



मेरे हाथ में सिर्फ बचा हुआ गुलाल था. वो मैंने, जैसे उसने डाला था, उसकी मांग में डाल दिया.




[Image: Hori-6288442713-506f0f3ecb-z.jpg]



भैया बाहर निकलने वाले थे.


“डाल तो दिया है, निभाना पड़ेगा...वैसे मेरा नाम उर्मी है.” 



हँस के वो बोली. 





"और आपका नाम मैं जानती हूँ ये तो आपको गाना सुन के हीं पता चल गया होगा. "


वो अपनी सहेलियों के साथ मुड़ के घर के अंदर चल दी.




अगले दिन विदाई के पहले भी रंगों की बौछार हो गई.







[Image: 4.md.jpg]
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RE: लला… फिर खेलन आइयो होरी - by komaalrani - 05-03-2019, 09:56 AM



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