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पुरानी हिन्दी की मशहूर कहनियाँ
मेरी बीवी राशि बोली- इस पूरे सीन के दौरान दो तीन घंटे मैंने खुद कितनी बार हस्तमैथुन किया तुम नहीं जानते! फिर उसके बाद भी घर आकर मूली से खुद को शांत करने की कोशिश कर चुकी हूँ. मगर जानेमन … अब तुम और कुछ मत सोचो … बस मुझे मसल कर रख दो. एक बात की ख़ुशी है मुझे कि आशा भाभी के मुकाबले मैं ज्यादा बड़ा, ज्यादा मोटा और ज्यादा काला लंड चूसती भी हूँ और अपनी चूत और गांड में लेती भी हूँ. लेकिन आशा भाभी की चूचियां मेरी चूचियों से बड़ी हैं, तुम इन पर कम ध्यान देते हो!
राशि एक ही साँस में बोल गई. सारी दास्तान सुनाकर राशि ने एक लम्बी-गहरी साँस ली.

मैंने राशि की गांड पर जोर से एक तमाचा मारा और उसकी गांड पर चिकौटी काटकर बोला- मेरी रसमलाई, आज से मिशन चूचे शुरू! दस दिन में तेरे चूचे डबल न कर दूं तो नाम बदल देना! चाहे ग्याहरवें दिन तेरी आशा भाभी से चूचों का कम्पिटीशन कर लेना, मैं और तेरे भैया रिजल्ट दे देंगे!
इतना बोलकर मैंने उसकी गांड सहलाते हुए उसके चूचों को अपने होंठों से मसलना शुरू किया और राशि भी मेरा लंड एक हाथ से सहला रही थी. साथ ही वह दूसरे हाथ से मेरी गांड सहला रही थी.
करीब एक घंटा मैं उसके चूचों को मसलता रहा और जब मैंने उनको छोड़कर उसके होंठों को किस किया तो उसने मुझे धक्का दिया और उकडू बैठकर मेरा लंड मुंह में ले लिया. लंड चूसते-चूसते राशि को बीच-बीच में टट्टे चूसने और चूतड़ चाटने का भी शौक है.

मर्दों के जिस्म में बहुत सारी ऐसी जगह होती हैं जिनको चूसने और चाटने के लिए औरतें ललायित रहती हैं. मगर इसके लिए उनको गर्म करना बहुत जरूरी होती है. जब तक औरत गर्म नहीं होती तब तक वह खुल नहीं पाती. मगर एक बार जब वह खुल जाती है तो उनके अंदर सेक्स की ऐसी ज्वाला भड़क जाती है जो मर्दों से कई गुना ज्यादा आग फेंकती है.
मेरी पत्नी राशि के साथ भी मेरे संबंध कुछ ऐसे ही थे. हम दोनों एक दूसरे के जिस्म को पागलपन की हद तक भोगते रहते हैं. मुझे भी अच्छा लगता है क्योंकि यहीं से भेद खुलता है कि औरतों को क्या पसंद है और क्या नहीं.

कई बार देखा जाता है कि मर्द अपना वीर्य निकालते ही एक तरफ गिरकर सो जाते हैं. ऐसे में औरत के अरमान दबे के दबे रह जाते हैं. धीरे-धीरे वह इसकी आदी होने लगती है और वहीं से मर्द और औरत के जिस्मानी रिश्तों में मिठास कम होता चला जाता है जो वक्त के साथ बिल्कुल ही खत्म हो जाता है.
मुझे राशि पर गर्व होता था कि वह खुले दिल से अपनी मन की इच्छाओं को पूरी करती है. अगर उसको मेरी गांड चाटने का दिल भी करता था तो मैं कभी पीछे नहीं हटता था. हालांकि कुछ लोगों को यह बेहूदा लगे मगर सबकी अपनी-अपनी पसंद होती है. अगर हम अपने सामने वाले की पसंद को पहचान जाते हैं तो उसको संतुष्ट करने में सफल हो पाते हैं. किंतु यदि अपने ही संतोष में संतुष्ट रहते हैं तो फिर सामने वाले की इच्छाओं के साथ यह बेईमानी हो जाती है. इसलिए राशि मेरे लंड को चूसते हुए मेरे जिस्म के हर उस हिस्से को चाटती और चूसती रहती थी जहां उसका दिल करता था.

मैं भी उसकी इन हरकतों को मजा लेता था. कई जगह पर तो गुदगुदी हो जाती है मगर एक फ्रेशनेस की फीलिंग भी आती है. राशि मेरे टट्टों को हाथ में लेकर सहला देती तो कभी मेरे चूतड़ों की दरार में अपनी उंगली फिरा देती थी. मेरी गांड के बालों को अपनी चूंटी से खींच देती तो मुझे हल्का सा मीठा दर्द हो जाता था.
वो बीच-बीच में मुझे घुमा कर कभी मेरे चूतड़ चाटती, कभी लंड चूसती और कभी टट्टे. राशि ये खेल कभी-कभी तो डेढ़ घंटे तक करती थी और आज तो वो पूरी उफान पर थी, इसलिए मैं भी उसके बाल पकड़ कर उसका सर हिला-हिला कर उसका साथ दे रहा था.

बहुत देर तक लंड चूसने के बाद उसने सोफे पर बैठ कर अपनी टाँगें फैलाईं और कहा- आजा मेरे लंड राजा, इस चूत को चाट-चाट कर मुलायम कर और फिर इसमें जलती आग को बुझा दे!
मैंने भी राशि के चूत के दाने को चूसना शुरू किया और उसकी सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज उठा. आज राशि जल्द ही झड़ गयी और फिर मेरे लंड को पकड़ कर बोली- अब बस कर, मैं आग से तपी जा रही हूँ, अब चाटने से काम नहीं चलेगा, अपना मोटा-काला लंड इस चूत में घुसा दे.
इतना बोलकर उसने लंड को थोड़ा-सा चूस कर गीला किया और खुद कुतिया बन कर अपनी गांड और चूत मेरे लंड के सामने रख दी.

मैंने पूरे जोर से अपना लंड उसकी तपती चूत में घुसाया और दे घपाघप, दे घपाघप चोदने लगा! फच-फच … फच-फच … की आवाजों से और राशि की सिसकारियों से पूरा कमरा गूँज रहा था. पता नहीं कितनी देर राशि गांड हिला-हिला कर मज़े लेती रही और मैं उसको चोदता रहा, पर जब हम दोनों झड़े तब हम दोनों पसीने से तर-ब-तर थे और राशि की आँखों में मदहोशी थी. उसके चेहरे के भाव देखकर मुझे खुशी हो रही थी.

वह ऐसे लग रही थी जैसे अभी पैग लगाकर आई हो. होश में थी मगर फिर भी बेहोशी की हालत में रहकर चुदाई के बाद के अहसास का मजा ले रही थी.
लम्बी चुदाई के बाद मेरे अंदर का जोश भी ठंडा पड़ गया था. जिस तरह दूध में उफान आकर वह पतीले से बाहर आ जाता है वैसे ही वीर्य निकलने के बाद धीरे-धीरे शरीर की ऊर्जा कम होने लगती है.

मैं भी थक गया था इसलिए हम दोनों नंगे ही सो गए!

रात के करीब दो बजे नींद खुली तो राशि मुझ से चिपक कर सो रही थी, उसके मस्त गोरे चूचे और गोल-गोल गांड को देख कर लंड फिर खड़ा हो गया.
मैंने धीरे से उसकी गांड को अपनी हथेलियों में लेकर हाथों में भरने की कोशिश की और धीरे से उसके नर्म चूतड़ों को दबाने लगा. बहुत गुदाज गांड है मेरी राशि की. मैं उसकी गांड को अपने हाथों में लेकर उसका मजा ले रहा था. काफी देर तक उसकी गांड को दबाने के बाद मैंने उसकी गांड की दरार को अपने दोनों हाथों अलग करके देखा तो उसकी गांड का छेद सिकुड़ा हुआ था. धीरे उसकी गांड के छेद पर उंगलियाँ फिराईं और हल्के से उसकी गांड के छेद की गोलाई के आस-पास हल्के से मसाज दी. नींद में भी उसकी गांड जवाब दे रही थी और मेरी उंगलियों की मसाज से अपना सिकुड़ा हुआ मुंह फैला देती थी.

राशि की कमर पर चुम्बन किया और फिर उसकी गर्दन पर अपने होंठों को रख कर उसके बालों की खुशबू लेते हुए उसकी गांड के छेद पर लंड लगाकर उसको पीछे से बांहों में भर लिया. मेरा लंड तो कह रहा था कि घुसा दे अंदर मगर राशि अभी नींद में थी. अगर इस वक्त मैं लंड घुसाता तो उसकी नींद भंग हो जाती. मैंने हल्के से अपने लंड को उसकी गांड की दरार पर ऊपर नीचे फिराना शुरू किया. अब मेरे अंदर की गर्मी बढ़ने लगी थी.
मैंने बिना कुछ सोचे उसकी चूचियां दबाना शुरू किया और उसके होंठों को चूमना शुरू किया! नींद खुलते ही राशि मुझ पर चढ़ कर बैठ गयी और अपने बालों को समेटकर, चूत मेरे मुंह पर लगा कर खुद लंड चूसने लगी 69 पोजीशन बना कर. यहाँ मैं उसकी चूत को चाट रहा था और वहां राशि लंड को भूखी कुतिया की तरह चूस रही थी.

जल्दी ही राशि ने पानी छोड़ दिया और फिर उसने लंड अपनी चूत में घुसा कर उस पर कूदने लगी, उसकी उछलती चूचियों और सिसकारी मारती आँखों को देख-देख कर लंड में और उत्तेजना आ रही थी और राशि मेरे तीन बार झड़ने तक खुद को चुदवाती रही और फिर हम दोबारा वहीं नंगे सो गए.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी  हम अकेले हैं.



thanks
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