05-03-2019, 12:57 AM
कुछ के पल के बाद दरवाजा खुला और तुरंत ही बंद हो गया. शायद विनय जीजू यह चेक करने आए थे कि मैं सो रही हूँ या नहीं. उसके बाद दरवाजा दोबारा बंद हो गया तो मैं धीरे से चादर हटाकर देखा. कमरे में कोई भी नहीं था. मेरा दिल जोर से धड़क रहा था. मैंने जल्दी से अपनी सलवार को बांध लिया और आराम से मुंह खोलकर लेट गई.
मेरी आंखें तो बंद थीं लेकिन अभी भी वह चुदाई का सीन मेरी आंखों में यूं का यूं चल रहा था. मैं बहुत देर तक उन तीनों के बारे में ही सोचती रही. उसके बाद पता नहीं मुझे कब नींद आई.
इस तरह उस रात दीदी की घमासान चुदाई मैंने देखी। लेकिन सारी फिल्म मेरे अलावा किसी ने नहीं देखी. किसी को नहीं मालूम था कि मैंने भी उन तीनों की ये चुदाई देखी। लेकिन तब से मैं दीदी के घर जाने से हिचकने लगी। मगर अनन्त का दीदी के घर पर आना-जाना आज भी जारी है. अब मैं जवान हो चुकी हूँ और सब कुछ समझती हूँ कि अनन्त यहाँ पर क्या करने आता है.
मेरी आंखें तो बंद थीं लेकिन अभी भी वह चुदाई का सीन मेरी आंखों में यूं का यूं चल रहा था. मैं बहुत देर तक उन तीनों के बारे में ही सोचती रही. उसके बाद पता नहीं मुझे कब नींद आई.
इस तरह उस रात दीदी की घमासान चुदाई मैंने देखी। लेकिन सारी फिल्म मेरे अलावा किसी ने नहीं देखी. किसी को नहीं मालूम था कि मैंने भी उन तीनों की ये चुदाई देखी। लेकिन तब से मैं दीदी के घर जाने से हिचकने लगी। मगर अनन्त का दीदी के घर पर आना-जाना आज भी जारी है. अब मैं जवान हो चुकी हूँ और सब कुछ समझती हूँ कि अनन्त यहाँ पर क्या करने आता है.
जिंदगी की राहों में रंजो गम के मेले हैं.
भीड़ है क़यामत की फिर भी हम अकेले हैं.
