29-07-2020, 07:05 PM
“तेरे कमरे में बेड है न.” प्रशांत ने जल्दी से सर हिलाया और उनके आगे आगे अपने कमरे की ओर बड गया. रहेजा ने नंगी सुरभि को फूल की तरह गोद में उठाया और उस कमरे की तरफ बड गया. अन्दर प्रशांत अपने बिस्तर को ठीक कर रहा था. रहेजा बोला
“अरे ठीक मत कर अभी खराब ही होने वाला है.” कह कर उसने सुरभि को बिस्तर पर दाल दिया. उछलती हुई सुरभि और उसकी थरथराती हुई चूचियां एक देखने वाला सीन था. रहेजा का उसको कुतिया बना कर चोदने का प्लान था पर उससे पहले वो उसे असल में अपनी कुतिया बनाना चाहता था. वो प्रशांत से बोला
“क्यों बे तुझे शर्म नहीं आती यहाँ दो जने नंगे घूम रहे है और तू ये बनियान और निकर में घूम रहा है.” प्रशांत मुस्कुराया तो रहेजा बोला
“चल मेरी सुरभि रांड के पास आ वो उतारेगी तेरे कपडे.” प्रशांत तुरंत सुरभि के पास आ कर खड़ा हो गया. सुरभि अब पूरी तरह से मदमस्त हो चुकी थी उसे पता था की रहेजा की हर बात मानने में ही उसकी भलाई है. एक बार वो विजय को किसी बात के लिए मना कर सकती है पर रहेजा को नहीं , ऐसा प्रभाव हो गया था उस पर रहेजा का. वो बिस्तर पर घुटनों के बल खड़ी हो गयी और उसने प्रशांत की पहले बनियान उतार कर अलग फेंक दी फिर उसने उसके बरमूडा को एक झटके में घुटनों तक नीचे खींच दिया.
अन्दर से उसका काला भुजंग नाग सा लंड फडफडा कर बाहर निकल आया वो लंड रहेजा जैसा ही तगड़ा लग रहा था पर उसका रंग एकदम भुजंग काला था. उस पर हल्का सा गीलापन ये बता रहा था की लड़का भी काफी समय से उत्तेजित था. प्रशांत ने अपना निकर पैरों से निकाल कर फेंक दिया. अब उस कमरे में तीनो ही मादर जात नंगे थे. रहेजा बेड पर सुरभि के पीछे आया और पीछे से ही उसके बूब्स को मसल मसल कर दबाने लगा जिससे सुरभि मादकता से सी सी करने लगी. रहेजा उसकी गर्दन को चूमता हुआ उसके कानो को चुब्लाता हुआ उसकी चुचियों को मसलता रहा निप्पल्स से खेल कर उसे आनंद के सागर में डुबाता रहा.
“प्रशांत कैसी है हमारी सुरभि ?”
“मस्त है साहब मेंमसाहेब तो?”
“हाँ मस्त है पर तेरी किस्मत में इसे चोदना नहीं है.”
“वो तो है साहेब इनको ऐसे देख लिया इतना ही बहुत है साहेब.” अपने काले लंड को सहलाता हुआ बोला
“हाँ पर तेरा बिस्तर इस्तेमाल कर रहे है तो कुछ तो इनाम मिलना तुझे.. क्यों सुरभि डार्लिंग.” रहेजा उसकी चुचियों को जोर से दबाते हुए बोला
“आःह्ह हां ?”
“क्या हाँ?”
“इसको इनाम मिलना चाहिए.” सुरभि बोली ..उसपर सेक्स की खुमारी पूरी तरह चडी हुई थी.
“भाई प्रशांत मेरी सुरभि डार्लिंग लंड बहुत मस्त चूसती है ..डार्लिंग इस बेचारे के लंड को चूस कर इसे इनाम दे दो.” रहेजा बोला तो सुरभि ने उसकी ओर ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की “आर यु सीरियस ?” पर उसकी अब दोबारा रहेजा से कुछ पूछने की हिम्मत ना थी. रहेजा फिर बोला
“चल कुतिया बन जा पहले.” और उसको पीछे से प्रेशर दे कर आगे धकेला तो सुरभि ख़ुद बा ख़ुद कुतिया के पोज में खड़ी हो गयी.
“चल बे प्रशांत ज्यादा भाव ना खा डाल दे अपना ये काला लंड सुरभि के मुह में .” रहेजा जोर से बोला तो प्रशांत अपना काला नाग ले कर सुरभि के मुह के पास चला आया पर वो सुरभि को कुछ बोल नहीं पाया.
“सटाक “ सुरभि की गांड पर रहेजा का झनझनाता हुआ थप्पड़ क्या पड़ा उसका मुह ख़ुद बा ख़ुद खुल गया और प्रशांत ने तुरंत अपने लंड का सुपाडा उसके मुह में ठूंस दिया. सुरभि की गांड पर हाथ फिराते हुए जब रहेजा की उँगलियों ने उसकी चूत को छुआ तो उसके गीलेपन ने बता दिया की कुतिया पूरी तरह चुदने के लिए तैयार है. रहेजा की उँगलियों ने ऐसा करंट सुरभि में दौड़ाया की उसने प्रशांत की गांड पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए उसके आधे से ज्यादा लंड को अपने मुह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
बेचारे प्रशांत के लिए तो इतना बहुत था उत्तेजना में उसने सुरभि के सर को बालो से पकड़ लिया और उसका लंड झटके मार मार कर माल सुरभि के गले में उतारने लगा. सुरभि उसके लंड को मुह से निकालना चाहती थी पर निकाल नहीं पायी क्योंकि प्रशांत न केवल अपने लंड को उसके मुह में ठोक रहा था बल्कि उसके बालो को भी कस के तब तक पकड़ा रहा जब तक की उसके शरीर को उत्तेजना के झटके लगना बंद ना हो गये. इतना माल छोड़ा था उसने की सुरभि के होठों से निकल कर बाहर टपक रहा था. रहेजा को पता नहीं क्यों ये करवा कर बहुत मजा मिला उसे सुरभि को पूरी तरह गुलाम बना कर संतोष मिला और ये देख कर उसका लंड चुदाई के लिए तैयार हो गया. प्रशांत ने अपना लंड सुरभि के मुह से निकाला तो रहेजा बोला
“चल तेरा इनाम दे दिया ना सुरभि ने..अब खिड़की पर खड़ा हो जा और ऑडी आये तो बताना.” प्रशांत ने जल्दी से अपने कपडे पहने और खिड़की पर खड़ा हो गया. ऑडी का नाम सुनते ही सुरभि को विजय की चिंता हो गयी वो बोली
“सर जल्दी कर लो नहीं तो ये आ जायेंगे.”
रहेजा उसके ऊपर झुकता हुआ उसकी झूलती चुचियों से खेलता हुआ बोला
“बेबी आएगा तो देख लेगा की मैं कैसे उसकी बीवी की सेवा कर रहा हूँ.”
“सर प्लीज.”
“ओके ओके स्वीटी वैसे भी एक न एक दिन तुझे उसके सामने भी मुझसे चुदना ही है पर उसके लिए अभी टाइम नहीं आया है.” कह कर रहेजा ने अपने लंड को उसकी पुकारती चूत पर रखा और एक तगड़ा झटका मार कर पूरा लंड प्रवेश करा दिया.
“आह्ह्ह ....” और फिर उसने द्रुत गति से सुरभि को चोदना शुरू कर दिया
“आःह्ह ...अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह ह्म्म्मम्म आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह aaahhhhhh.” हर धक्के पर सुरभि बेशरम रंडी की तरह आवाज निकालने लगी सामने खड़ा प्रशांत बाहर सड़क की तरफ ना देख कर सुरभि के चेहरे की ओर ही देखने लगा और उसे इस तरह आह आह करते देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया उसने फिर से अपनी निकर घुटनों तक उतार दी और अपने लंड को सुरभि को देख कर सहलाने लगा. सुरभि की जब उससे निगाह मिली तो वो भी बेशर्मों की तरह मुस्कुरा दी और और जोर जोर से आह्ह्ह आह्ह्ह कर चिल्लाने लगी.
रहेजा उसको चोदते चोदते उसकी गांड पर एक और थप्पड़ मार कर बोला
“साली रंडी अब तो उसके लौड़े को देखना बंद कर. और तू भोसड़ी के नीचे ध्यान दे.” बोल कर जोर जोर से चोदने लगा थोड़ी देर और चोदने के बाद सुरभि और रहेजा का काम एक साथ तमाम हुआ जब लम्बी साँसे लेते हुए वो उसके ऊपर ढेर हो गया. थोड़ी देर ऐसे ही पडे रहने के बाद उन दोनों ने तैयार होना शुरू कर दिया था और विजय के वहां पहुचने से पहले ही वो दोनों शादी में वापस जाने के लिए तैयार थे.
Happy Christmas and Happy New year to all Friends...
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“अरे ठीक मत कर अभी खराब ही होने वाला है.” कह कर उसने सुरभि को बिस्तर पर दाल दिया. उछलती हुई सुरभि और उसकी थरथराती हुई चूचियां एक देखने वाला सीन था. रहेजा का उसको कुतिया बना कर चोदने का प्लान था पर उससे पहले वो उसे असल में अपनी कुतिया बनाना चाहता था. वो प्रशांत से बोला
“क्यों बे तुझे शर्म नहीं आती यहाँ दो जने नंगे घूम रहे है और तू ये बनियान और निकर में घूम रहा है.” प्रशांत मुस्कुराया तो रहेजा बोला
“चल मेरी सुरभि रांड के पास आ वो उतारेगी तेरे कपडे.” प्रशांत तुरंत सुरभि के पास आ कर खड़ा हो गया. सुरभि अब पूरी तरह से मदमस्त हो चुकी थी उसे पता था की रहेजा की हर बात मानने में ही उसकी भलाई है. एक बार वो विजय को किसी बात के लिए मना कर सकती है पर रहेजा को नहीं , ऐसा प्रभाव हो गया था उस पर रहेजा का. वो बिस्तर पर घुटनों के बल खड़ी हो गयी और उसने प्रशांत की पहले बनियान उतार कर अलग फेंक दी फिर उसने उसके बरमूडा को एक झटके में घुटनों तक नीचे खींच दिया.
अन्दर से उसका काला भुजंग नाग सा लंड फडफडा कर बाहर निकल आया वो लंड रहेजा जैसा ही तगड़ा लग रहा था पर उसका रंग एकदम भुजंग काला था. उस पर हल्का सा गीलापन ये बता रहा था की लड़का भी काफी समय से उत्तेजित था. प्रशांत ने अपना निकर पैरों से निकाल कर फेंक दिया. अब उस कमरे में तीनो ही मादर जात नंगे थे. रहेजा बेड पर सुरभि के पीछे आया और पीछे से ही उसके बूब्स को मसल मसल कर दबाने लगा जिससे सुरभि मादकता से सी सी करने लगी. रहेजा उसकी गर्दन को चूमता हुआ उसके कानो को चुब्लाता हुआ उसकी चुचियों को मसलता रहा निप्पल्स से खेल कर उसे आनंद के सागर में डुबाता रहा.
“प्रशांत कैसी है हमारी सुरभि ?”
“मस्त है साहब मेंमसाहेब तो?”
“हाँ मस्त है पर तेरी किस्मत में इसे चोदना नहीं है.”
“वो तो है साहेब इनको ऐसे देख लिया इतना ही बहुत है साहेब.” अपने काले लंड को सहलाता हुआ बोला
“हाँ पर तेरा बिस्तर इस्तेमाल कर रहे है तो कुछ तो इनाम मिलना तुझे.. क्यों सुरभि डार्लिंग.” रहेजा उसकी चुचियों को जोर से दबाते हुए बोला
“आःह्ह हां ?”
“क्या हाँ?”
“इसको इनाम मिलना चाहिए.” सुरभि बोली ..उसपर सेक्स की खुमारी पूरी तरह चडी हुई थी.
“भाई प्रशांत मेरी सुरभि डार्लिंग लंड बहुत मस्त चूसती है ..डार्लिंग इस बेचारे के लंड को चूस कर इसे इनाम दे दो.” रहेजा बोला तो सुरभि ने उसकी ओर ऐसे देखा मानो पूछ रही हो की “आर यु सीरियस ?” पर उसकी अब दोबारा रहेजा से कुछ पूछने की हिम्मत ना थी. रहेजा फिर बोला
“चल कुतिया बन जा पहले.” और उसको पीछे से प्रेशर दे कर आगे धकेला तो सुरभि ख़ुद बा ख़ुद कुतिया के पोज में खड़ी हो गयी.
“चल बे प्रशांत ज्यादा भाव ना खा डाल दे अपना ये काला लंड सुरभि के मुह में .” रहेजा जोर से बोला तो प्रशांत अपना काला नाग ले कर सुरभि के मुह के पास चला आया पर वो सुरभि को कुछ बोल नहीं पाया.
“सटाक “ सुरभि की गांड पर रहेजा का झनझनाता हुआ थप्पड़ क्या पड़ा उसका मुह ख़ुद बा ख़ुद खुल गया और प्रशांत ने तुरंत अपने लंड का सुपाडा उसके मुह में ठूंस दिया. सुरभि की गांड पर हाथ फिराते हुए जब रहेजा की उँगलियों ने उसकी चूत को छुआ तो उसके गीलेपन ने बता दिया की कुतिया पूरी तरह चुदने के लिए तैयार है. रहेजा की उँगलियों ने ऐसा करंट सुरभि में दौड़ाया की उसने प्रशांत की गांड पकड़ कर अपनी ओर खींचते हुए उसके आधे से ज्यादा लंड को अपने मुह में ले लिया और जोर जोर से चूसने लगी.
बेचारे प्रशांत के लिए तो इतना बहुत था उत्तेजना में उसने सुरभि के सर को बालो से पकड़ लिया और उसका लंड झटके मार मार कर माल सुरभि के गले में उतारने लगा. सुरभि उसके लंड को मुह से निकालना चाहती थी पर निकाल नहीं पायी क्योंकि प्रशांत न केवल अपने लंड को उसके मुह में ठोक रहा था बल्कि उसके बालो को भी कस के तब तक पकड़ा रहा जब तक की उसके शरीर को उत्तेजना के झटके लगना बंद ना हो गये. इतना माल छोड़ा था उसने की सुरभि के होठों से निकल कर बाहर टपक रहा था. रहेजा को पता नहीं क्यों ये करवा कर बहुत मजा मिला उसे सुरभि को पूरी तरह गुलाम बना कर संतोष मिला और ये देख कर उसका लंड चुदाई के लिए तैयार हो गया. प्रशांत ने अपना लंड सुरभि के मुह से निकाला तो रहेजा बोला
“चल तेरा इनाम दे दिया ना सुरभि ने..अब खिड़की पर खड़ा हो जा और ऑडी आये तो बताना.” प्रशांत ने जल्दी से अपने कपडे पहने और खिड़की पर खड़ा हो गया. ऑडी का नाम सुनते ही सुरभि को विजय की चिंता हो गयी वो बोली
“सर जल्दी कर लो नहीं तो ये आ जायेंगे.”
रहेजा उसके ऊपर झुकता हुआ उसकी झूलती चुचियों से खेलता हुआ बोला
“बेबी आएगा तो देख लेगा की मैं कैसे उसकी बीवी की सेवा कर रहा हूँ.”
“सर प्लीज.”
“ओके ओके स्वीटी वैसे भी एक न एक दिन तुझे उसके सामने भी मुझसे चुदना ही है पर उसके लिए अभी टाइम नहीं आया है.” कह कर रहेजा ने अपने लंड को उसकी पुकारती चूत पर रखा और एक तगड़ा झटका मार कर पूरा लंड प्रवेश करा दिया.
“आह्ह्ह ....” और फिर उसने द्रुत गति से सुरभि को चोदना शुरू कर दिया
“आःह्ह ...अह्ह्ह्हह ओह्ह्ह्हह ह्म्म्मम्म आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह aaahhhhhh.” हर धक्के पर सुरभि बेशरम रंडी की तरह आवाज निकालने लगी सामने खड़ा प्रशांत बाहर सड़क की तरफ ना देख कर सुरभि के चेहरे की ओर ही देखने लगा और उसे इस तरह आह आह करते देख उसका लंड फिर से खड़ा हो गया उसने फिर से अपनी निकर घुटनों तक उतार दी और अपने लंड को सुरभि को देख कर सहलाने लगा. सुरभि की जब उससे निगाह मिली तो वो भी बेशर्मों की तरह मुस्कुरा दी और और जोर जोर से आह्ह्ह आह्ह्ह कर चिल्लाने लगी.
रहेजा उसको चोदते चोदते उसकी गांड पर एक और थप्पड़ मार कर बोला
“साली रंडी अब तो उसके लौड़े को देखना बंद कर. और तू भोसड़ी के नीचे ध्यान दे.” बोल कर जोर जोर से चोदने लगा थोड़ी देर और चोदने के बाद सुरभि और रहेजा का काम एक साथ तमाम हुआ जब लम्बी साँसे लेते हुए वो उसके ऊपर ढेर हो गया. थोड़ी देर ऐसे ही पडे रहने के बाद उन दोनों ने तैयार होना शुरू कर दिया था और विजय के वहां पहुचने से पहले ही वो दोनों शादी में वापस जाने के लिए तैयार थे.
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