29-07-2020, 07:04 PM
“अरे सुरभि सुबह से शाम हो गयी काम काम काम में इतना बिजी था की टाइम ही नहीं मिला.”
“पर वो विज... विज... विजय ......”
“अरे उस गांडू को फ़ोन लगा और बोल की ड्रेस को अभी आयरन करना बाकी है और ज्वेलरी सेलेक्ट करने में पन्द्रह बीस मिनट लगेंगे.... लेकिन रुक पहले मैं फ़ोन लगता हूँ.” कहकर उसने मिसेज रहेजा को फ़ोन लगाया.
“हेल्लो हनी हम लोग यहाँ पहुच गये है विजय नीचे खड़ा है. ओके” बस इतना कह कर रहेजा ने फ़ोन कट कर दिया. सुरभि को कुछ समझ नहीं आया. वो विजय को फ़ोन लगाने लगी पर रहेजा ने उसे रोक दिया और प्रशांत को बोला.
“तेरे रूम से रोड पर खड़ी ऑडी दिख रही है क्या.” प्रशांत ने सर हिलाया और अपने रूम की खिड़की पर जा कर बोला
“हाँ साब दिख रही है.....अब आगे जा रही है साब.” रहेजा मुस्कुराया और सुरभि को बोला अब लगा फ़ोन उसे. सुरभि ने लगाया
“हेल्लो जी वो अभी ड्रेस को आयरन होने में और मैचिंग ज्वेलरी सेलेक्ट करने में अभी टाइम लगेगा.” सुरभि घबराई हुई थी पर फिर भी उसने बड़ी सफाई से झूठ बोल दिया.
“कोई बात नहीं मुझे रहेजा मैडम का फ़ोन आया था एअरपोर्ट पर कुछ सामान आया है उसे ले कर आता हूँ मुझे करीब आधा घंटा लग जाएगा रहेजा साब को बता देना अगर उन्हें इंतज़ार करना पड़ा तो नाराज होंगे.”
“ठीक है मैं बता दूंगी.” सुरभि ने शांति की सांस लेते हुए कहा फ़ोन बंद करके उसने रहेजा को वो बताया जो उसे पहले से ही मालूम था. वो बोला
“चलो ठीक है......सुन प्रशांत तेरे पास साड़ी टांगने का हेंगर है न.... इधर ले आ.” प्रशांत जल्दी से ले आया.
“सुरभि जल्दी से ये साड़ी निकल कर इससे दे दो.” सुरभि की आँखें फट गयी, वो प्रशांत की तरफ देखते हुए बोली
“पर इसके सामने..”
“सुन सुरभि अब एक बात ध्यान से सुन ले मुझे रिपीट करने की आदत नहीं है. मेरा टाइम वेस्ट दुबारा मत करना. समझी. कम ऑन क्विक गेट रिड ऑफ़ दिस साड़ी.”
सुरभि रहेजा की लाल होती आँखों से घबरा गयी और जल्दी से उसने अपनी साड़ी अपने पेटीकोट से निकाल दी और फिर अपनी पूरी साड़ी अलग कर दी. प्रशांत की तो चांदी हो गयी उसने आगे बढकर उससे साड़ी ले ली और उसे किसी एक्सपर्ट की तरह तह कर के उसने हेंगर पर लगा कर टांग दिया. सुरभि की उबलती चूचियां पीछे से पूरी नंगी पीठ नाभि के ६ इंच और चूत से कुछ ही ऊपर बंधा उसका काला पेटीकोट एक ऐसा नजारा था की किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा कर दे. वह तो दो जिन्दा मर्द थे और दोनों के लंड अपने अपने कपड़ो में खड़े हो गये थे. रहेजा ने अपना कोट उतार कर उसे दिया और एक एक कपडा उतार कर प्रशांत को देता गया और प्रशांत भाग भाग कर सभी कपडे बड़े ध्यान से वार्डरोब में लगाता गया रहेजा एक ठरकी अमीर बुड्ढा था उसे किसी की परवाह नहीं थी उसे इस बात की भी परवाह नहीं थी की उस कमरे में पूरा नंगा होने वाला वो पहला आदमी था जब उसने अपना अंडरवियर भी उतार कर प्रशांत की तरफ उछाल दिया. उसका सॉलिड लंड देख कर सुरभि ने नजरें नीचे कर ली.
नंगा हो कर रहेजा कोने में पड़ी आराम कुर्सी पर बैठ गया और प्रशांत को बोला
“अब मेमसाब के दोनों कपडे भी ले ले.” ये सुरभि को इशारा था उसके ब्लाउज और पेटीकोट उतारने का. ब्रा और पेंटी उसने पहनी ही नहीं थी. प्रशांत तब तक अपनी और सुरभि की हैसियत समझ चुका था उसने आगे बड कर सुरभि के ब्लाउज की एकमात्र डोरी जो की उस की पीठ पर बंधी थी उसे खोल दिया ब्लाउज एकदम ढीला हो गया जिसे उतार कर सुरभि ने बिना पीछे घुमे प्रशांत को पकड़ा दिया. सुरभि को अब ये पता चल चुका था की आज उसकी नंग्नता का फ्री में भोग इस बंगाली प्रशांत को भी मिलेगा . इसलिए उसने बिना देर किये अपने पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया. ढीला होते ही पेटीकोट भरभरा कर उसके पैरों में गिर पड़ा और प्रशांत की आँखें उस मदमस्त चमकती गोरी गांड को देख कर चौंधिया गयी. उसे लगा की अगर उसने अपने लंड को एक बार अपनी मुठी में भरा तो साला पानी छोड़ देगा. सुरभि पीछे नहीं मुड़ना चाहती थी वो जानती थी की इसके पिछवाड़े का रसपान प्रशांत कर ही रहा है पर सामने उसके पति का बॉस था जो अपना लंड फैलाए उसका इन्तजार कर रहा था. उसने धीरे से एक एक करके अपने दोनों पैर आगे बढ़ाते हुए पेटीकोट को पीछे छोड़ दिया जिसे प्रशांत ने लपक कर उठा कर टांग दिया.
सुरभि जानती थी अब शराफत का ढोंग रचने से कोई फायदा नहीं है. समझदारी इसी में है की विजय के आने से पहले उसके बॉस को निपटा दिया जाए वरना उसके लिए ही मुसीबत हो जायेगी. सोच कर वो रहेजा के सामने आ कर घुटनों के बल बैठ गयी. रहेजा ने अपनी दोनों टांगों को खोल कर उसका स्वागत किया और वो आगे झुक कर उसके लंड को पकड़ कर उसे सहलाने लगी. वो जान चुकी थी की रहेजा बेसब्र हो रहा है इसलिए उसने देर ना करते हुए अपने होठों से उसके सुपाडे को पहले चूमा फिर धीरे धीरे उसे अपने मुह में भर लिया. और फिर वो उसके लंड को तन्मयता से चूसने लगी उसके शरीर पर सिर्फ ज्वेलरी थी और सेंडल थी. घुटनों के बल बैठी पीछे की ओर गांड किये हुए लंड चूसते हुए वो दो टके की रांड को भी वो मात कर रही थी. प्रशांत चाहता था की वो भी अपना लंड निकाल ले पर बड़े लोगों की बड़ी बातें कहीं साहेब नाराज हो गया तो. ये सोच कर वो मगन हो कर लाइव पोर्न शो देखने लगा. एक ऐसा शो जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी.
“अहह साली मस्त रांड है तू , कैसे उस चूतिये के पल्ले बंद गयी.. पर कोई बात नहीं अब तू मेरी रांड है जैसे चाहूँगा वैसे चोदुंगा तुझको. आह्ह्ह्ह बढ़िया चूसती है साली. अब रुक जा नहीं तो ऐसे ही खलास हो जाऊंगा. टाइम ज्यादा नहीं है और तुझे चोदना भी है. छोड़ साली मेरे लंड को हाँ ..चल कुतिया बन जा पीछे से चोदुंगा तुझे.” सुरभि ने लंड छोड़ दिया तो रहेजा ने उसे खड़ा किया और प्रशांत से बोला
“पर वो विज... विज... विजय ......”
“अरे उस गांडू को फ़ोन लगा और बोल की ड्रेस को अभी आयरन करना बाकी है और ज्वेलरी सेलेक्ट करने में पन्द्रह बीस मिनट लगेंगे.... लेकिन रुक पहले मैं फ़ोन लगता हूँ.” कहकर उसने मिसेज रहेजा को फ़ोन लगाया.
“हेल्लो हनी हम लोग यहाँ पहुच गये है विजय नीचे खड़ा है. ओके” बस इतना कह कर रहेजा ने फ़ोन कट कर दिया. सुरभि को कुछ समझ नहीं आया. वो विजय को फ़ोन लगाने लगी पर रहेजा ने उसे रोक दिया और प्रशांत को बोला.
“तेरे रूम से रोड पर खड़ी ऑडी दिख रही है क्या.” प्रशांत ने सर हिलाया और अपने रूम की खिड़की पर जा कर बोला
“हाँ साब दिख रही है.....अब आगे जा रही है साब.” रहेजा मुस्कुराया और सुरभि को बोला अब लगा फ़ोन उसे. सुरभि ने लगाया
“हेल्लो जी वो अभी ड्रेस को आयरन होने में और मैचिंग ज्वेलरी सेलेक्ट करने में अभी टाइम लगेगा.” सुरभि घबराई हुई थी पर फिर भी उसने बड़ी सफाई से झूठ बोल दिया.
“कोई बात नहीं मुझे रहेजा मैडम का फ़ोन आया था एअरपोर्ट पर कुछ सामान आया है उसे ले कर आता हूँ मुझे करीब आधा घंटा लग जाएगा रहेजा साब को बता देना अगर उन्हें इंतज़ार करना पड़ा तो नाराज होंगे.”
“ठीक है मैं बता दूंगी.” सुरभि ने शांति की सांस लेते हुए कहा फ़ोन बंद करके उसने रहेजा को वो बताया जो उसे पहले से ही मालूम था. वो बोला
“चलो ठीक है......सुन प्रशांत तेरे पास साड़ी टांगने का हेंगर है न.... इधर ले आ.” प्रशांत जल्दी से ले आया.
“सुरभि जल्दी से ये साड़ी निकल कर इससे दे दो.” सुरभि की आँखें फट गयी, वो प्रशांत की तरफ देखते हुए बोली
“पर इसके सामने..”
“सुन सुरभि अब एक बात ध्यान से सुन ले मुझे रिपीट करने की आदत नहीं है. मेरा टाइम वेस्ट दुबारा मत करना. समझी. कम ऑन क्विक गेट रिड ऑफ़ दिस साड़ी.”
सुरभि रहेजा की लाल होती आँखों से घबरा गयी और जल्दी से उसने अपनी साड़ी अपने पेटीकोट से निकाल दी और फिर अपनी पूरी साड़ी अलग कर दी. प्रशांत की तो चांदी हो गयी उसने आगे बढकर उससे साड़ी ले ली और उसे किसी एक्सपर्ट की तरह तह कर के उसने हेंगर पर लगा कर टांग दिया. सुरभि की उबलती चूचियां पीछे से पूरी नंगी पीठ नाभि के ६ इंच और चूत से कुछ ही ऊपर बंधा उसका काला पेटीकोट एक ऐसा नजारा था की किसी मुर्दे का भी लंड खड़ा कर दे. वह तो दो जिन्दा मर्द थे और दोनों के लंड अपने अपने कपड़ो में खड़े हो गये थे. रहेजा ने अपना कोट उतार कर उसे दिया और एक एक कपडा उतार कर प्रशांत को देता गया और प्रशांत भाग भाग कर सभी कपडे बड़े ध्यान से वार्डरोब में लगाता गया रहेजा एक ठरकी अमीर बुड्ढा था उसे किसी की परवाह नहीं थी उसे इस बात की भी परवाह नहीं थी की उस कमरे में पूरा नंगा होने वाला वो पहला आदमी था जब उसने अपना अंडरवियर भी उतार कर प्रशांत की तरफ उछाल दिया. उसका सॉलिड लंड देख कर सुरभि ने नजरें नीचे कर ली.
नंगा हो कर रहेजा कोने में पड़ी आराम कुर्सी पर बैठ गया और प्रशांत को बोला
“अब मेमसाब के दोनों कपडे भी ले ले.” ये सुरभि को इशारा था उसके ब्लाउज और पेटीकोट उतारने का. ब्रा और पेंटी उसने पहनी ही नहीं थी. प्रशांत तब तक अपनी और सुरभि की हैसियत समझ चुका था उसने आगे बड कर सुरभि के ब्लाउज की एकमात्र डोरी जो की उस की पीठ पर बंधी थी उसे खोल दिया ब्लाउज एकदम ढीला हो गया जिसे उतार कर सुरभि ने बिना पीछे घुमे प्रशांत को पकड़ा दिया. सुरभि को अब ये पता चल चुका था की आज उसकी नंग्नता का फ्री में भोग इस बंगाली प्रशांत को भी मिलेगा . इसलिए उसने बिना देर किये अपने पेटीकोट का नाडा भी खोल दिया. ढीला होते ही पेटीकोट भरभरा कर उसके पैरों में गिर पड़ा और प्रशांत की आँखें उस मदमस्त चमकती गोरी गांड को देख कर चौंधिया गयी. उसे लगा की अगर उसने अपने लंड को एक बार अपनी मुठी में भरा तो साला पानी छोड़ देगा. सुरभि पीछे नहीं मुड़ना चाहती थी वो जानती थी की इसके पिछवाड़े का रसपान प्रशांत कर ही रहा है पर सामने उसके पति का बॉस था जो अपना लंड फैलाए उसका इन्तजार कर रहा था. उसने धीरे से एक एक करके अपने दोनों पैर आगे बढ़ाते हुए पेटीकोट को पीछे छोड़ दिया जिसे प्रशांत ने लपक कर उठा कर टांग दिया.
सुरभि जानती थी अब शराफत का ढोंग रचने से कोई फायदा नहीं है. समझदारी इसी में है की विजय के आने से पहले उसके बॉस को निपटा दिया जाए वरना उसके लिए ही मुसीबत हो जायेगी. सोच कर वो रहेजा के सामने आ कर घुटनों के बल बैठ गयी. रहेजा ने अपनी दोनों टांगों को खोल कर उसका स्वागत किया और वो आगे झुक कर उसके लंड को पकड़ कर उसे सहलाने लगी. वो जान चुकी थी की रहेजा बेसब्र हो रहा है इसलिए उसने देर ना करते हुए अपने होठों से उसके सुपाडे को पहले चूमा फिर धीरे धीरे उसे अपने मुह में भर लिया. और फिर वो उसके लंड को तन्मयता से चूसने लगी उसके शरीर पर सिर्फ ज्वेलरी थी और सेंडल थी. घुटनों के बल बैठी पीछे की ओर गांड किये हुए लंड चूसते हुए वो दो टके की रांड को भी वो मात कर रही थी. प्रशांत चाहता था की वो भी अपना लंड निकाल ले पर बड़े लोगों की बड़ी बातें कहीं साहेब नाराज हो गया तो. ये सोच कर वो मगन हो कर लाइव पोर्न शो देखने लगा. एक ऐसा शो जिसकी उसने कभी कल्पना भी नहीं की थी.
“अहह साली मस्त रांड है तू , कैसे उस चूतिये के पल्ले बंद गयी.. पर कोई बात नहीं अब तू मेरी रांड है जैसे चाहूँगा वैसे चोदुंगा तुझको. आह्ह्ह्ह बढ़िया चूसती है साली. अब रुक जा नहीं तो ऐसे ही खलास हो जाऊंगा. टाइम ज्यादा नहीं है और तुझे चोदना भी है. छोड़ साली मेरे लंड को हाँ ..चल कुतिया बन जा पीछे से चोदुंगा तुझे.” सुरभि ने लंड छोड़ दिया तो रहेजा ने उसे खड़ा किया और प्रशांत से बोला