29-07-2020, 06:51 PM
“अरे विजय वैसे सही बोलूं तो सुरभि को इतनी शानदार ड्रेस की जरूरत ही नहीं है वो तो सिंपल सी ड्रेस में भी सेक्स मतलब बहुत सुन्दर दिखती है.” विजय को बड़ा अजीब लग रहा था की उसका बॉस उसकी बीवी की तारीफ किये जा रहा है पर वो उसकी हाँ में हाँ मिलाने के अलावा कर भी क्या सकता था. उधर अपने पति की मौजूदगी में जिस तरह से रहेजा ने उसकी चूत तक अपनी ऊँगली पहुंचा दी उससे सुरभि को डर तो लगा था पर न जाने क्यों उसको डर से ज्यादा उत्तेजना हो रही थी उसको साफ़ महसूस हो रहा था की रहेजा की वो छोटी छोटी हरकते उसकी चूत में धीरे धीरे पानी भर रही थी. रहेजा का हाथ उसकी पीठ से होते हुए उसके नंगे पेट को सहला रहा था. सुरभि को अब ये भी लग रहा था की जब विजय की मौजूदगी में ये हाल है अगर वो सिर्फ रहेजा के साथ आई होती तो अब तक उसकी एक बार तो चुदाई हो ही चुकी होती. इतना सोचने भर से ही उसके रोम रोम में करंट दौड़ने लगा. उसे लगने लगा की वो रहेजा का हाथ पकड़ कर अपनी चूत पर रख दे ताकि उसकी चूत में उठ रही लहर को वो शांत कर सके. तभी रहेजा ने उसकी कमर पर रखा हाथ हटा लिया जिससे सुरभि को लगा की शायद उनकी मंजिल आ गयी है. पर नहीं सीधे हाथ से अपने मोबाइल को देखते हुए रहेजा के उलटे हाथ ने सुरभि के सीधे हाथ की कलाई को थाम लिया और अपनी ओर खींचने लगा.
सुरभि फिर डर गयी की कहीं विजय ने देख लिया तो. उसने दम लगा कर रोकने की कोशिश की पर रहेजा नहीं माना. सुरभि को लगा की इस खींचा खींची में कही विजय को पता न चल जाए इसलिए उसने हारकर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया. वो जानती थी की रहेजा क्या चाहता है वो अपनी पेंट के ऊपर से अपने लंड की शान्ति चाहता था. लेकिन जब उसका हाथ उसकी पेंट के ऊपर पहुंचा तो उसके मुह से सिसकारी निकल गयी क्योंकि रहेजा ने अपनी ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल रखा था. नंगे लंड पर उसके कोमल हाथ पड़ते ही उसके मुह से सिसकारी निकल गयी. सिसकारी सुनते ही विजय घूमता इससे पहले ही रहेजा ने उससे पूछ लिया.
“क्या हुआ सुरभि?” सुन कर विजय रियर व्यू मिरर में ही देखना लगा की क्या हुआ. रहेजा के चेहरे पर चिंता के भाव देख कर विजय को सब नार्मल लगा.
“कुछ नहीं सर वो मेरी पायल है उसका लॉक कभी कभी चुभ जाता है.” सुरभि ने शानदार एक्टिंग की पर हाथ में पकडे रहेजा के लौड़े को नहीं छोड़ा. रहेजा तो उसकी इस अदा पर और मस्त हो गया.
“ओह तो सुनार को बोल कर ठीक क्यों नहीं करवाती.
“हाँ करवा लुंगी.” सुरभि बोली अपनी ख़ुद की बेशर्मी पर ही उसको शर्म आ रही थी उसका चेहरा अगर विजय देख सकता तो बता सकता था की कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है पर वो बेचारा तो सिर्फ शातिर रहेजा का चेहरा देख सकता था जिससे उसको कुछ भी पता चलने वाला नहीं था.
सुरभि का हाथ रहेजा के लंड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करके सहलाने लगा. रहेजा ने अपने लंड और उसके हाथ को अपने मोबाइल से ढक रखा था. लेकिन तभी उसका मोबाइल बज गया और सुरभि ने घबरा कर अपना हाथ खींच लिया. लेकिन रहेजा पक्का खिलाड़ी था उसने मोबाइल की रिंग बजते रहने दी पहले अपने उलटे हाथ से अपने लंड को पेंट के अन्दर किया फिर धीरे से अपनी ज़िप बंद की उसके बाद बड़े इत्मीनान से मोबाइल उठाया. जैसे ही उसकी मोबाइल पर बात ख़तम हुई विजय ने गाडी साइड में रोक दी.
abhi garma garam aur tayyar hai...................
सुरभि फिर डर गयी की कहीं विजय ने देख लिया तो. उसने दम लगा कर रोकने की कोशिश की पर रहेजा नहीं माना. सुरभि को लगा की इस खींचा खींची में कही विजय को पता न चल जाए इसलिए उसने हारकर अपने हाथ को ढीला छोड़ दिया. वो जानती थी की रहेजा क्या चाहता है वो अपनी पेंट के ऊपर से अपने लंड की शान्ति चाहता था. लेकिन जब उसका हाथ उसकी पेंट के ऊपर पहुंचा तो उसके मुह से सिसकारी निकल गयी क्योंकि रहेजा ने अपनी ज़िप खोलकर लंड बाहर निकाल रखा था. नंगे लंड पर उसके कोमल हाथ पड़ते ही उसके मुह से सिसकारी निकल गयी. सिसकारी सुनते ही विजय घूमता इससे पहले ही रहेजा ने उससे पूछ लिया.
“क्या हुआ सुरभि?” सुन कर विजय रियर व्यू मिरर में ही देखना लगा की क्या हुआ. रहेजा के चेहरे पर चिंता के भाव देख कर विजय को सब नार्मल लगा.
“कुछ नहीं सर वो मेरी पायल है उसका लॉक कभी कभी चुभ जाता है.” सुरभि ने शानदार एक्टिंग की पर हाथ में पकडे रहेजा के लौड़े को नहीं छोड़ा. रहेजा तो उसकी इस अदा पर और मस्त हो गया.
“ओह तो सुनार को बोल कर ठीक क्यों नहीं करवाती.
“हाँ करवा लुंगी.” सुरभि बोली अपनी ख़ुद की बेशर्मी पर ही उसको शर्म आ रही थी उसका चेहरा अगर विजय देख सकता तो बता सकता था की कुछ न कुछ गड़बड़ जरूर है पर वो बेचारा तो सिर्फ शातिर रहेजा का चेहरा देख सकता था जिससे उसको कुछ भी पता चलने वाला नहीं था.
सुरभि का हाथ रहेजा के लंड को धीरे धीरे ऊपर नीचे करके सहलाने लगा. रहेजा ने अपने लंड और उसके हाथ को अपने मोबाइल से ढक रखा था. लेकिन तभी उसका मोबाइल बज गया और सुरभि ने घबरा कर अपना हाथ खींच लिया. लेकिन रहेजा पक्का खिलाड़ी था उसने मोबाइल की रिंग बजते रहने दी पहले अपने उलटे हाथ से अपने लंड को पेंट के अन्दर किया फिर धीरे से अपनी ज़िप बंद की उसके बाद बड़े इत्मीनान से मोबाइल उठाया. जैसे ही उसकी मोबाइल पर बात ख़तम हुई विजय ने गाडी साइड में रोक दी.
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