29-07-2020, 06:49 PM
कीर्ति के पास उसकी कई सहेलियों के अलावा उसकी मम्मी भी खड़ी थी और वो अपने साथ सुरभि और सुष्मिता को भी ले आई थी. दृष्टि के वहां आते ही कीर्ति चिल्लाई
“अरे कहा मर गयी थी ऐन वरमाला के मौके पर.”
“कहीं सुहागरात की अरेंजमेंट तो नहीं कर रही थी.” एक सहेली बोली तो सब जोर जोर से हँसे. उन सभी लेडीज को वरमाला के लिए कीर्ति के साथ ही जाना था.
सुरभि सुष्मिता भी स्पेशल गेस्ट की तरह ट्रीट हो रहे थे. कीर्ति की जब वरमाला हो रही थी तो लड़के वालों की तरफ से आये लड़के खूब हंसी ठिठोली कर रहे थे और सुरभि और सुष्मिता भी उनकी अश्लील फब्तियों का निशाना बन रहे थे. विनोद उनका विडियो बड़े नजदीक से ले रहा था. फोटो सेशन के वक़्त विजय के साथ दूल्हा दुल्हन के स्टेज पर फोटो खिचवाते वक़्त सुरभि को मौका मिला गया विजय से थोड़ी बात करने का.
“विजय इसके बाद खाना खा कर घर चलते है.”
“मुझे तो मुश्किल लग रहा है. बॉस ने कहा था सारा काम निपटा कर सुबह जाना.”
“तो एक बार उनसे पूछ लेना की मुझे घर छोड़ आने के लिए.”
“ठीक है चलो डिनर करते है फिर पूछता हूँ.”
डिनर करने के बाद एक जगह मिस्टर और मिसेज रहेजा को साथ में देख कर विजय और सुरभि उनसे पूछने उनके पास गये. जब मिसेज रहेजा ने सुना तो काफी नाराज हुई और बोली
“अरे सुरभि तुम्हे क्या करना है घर जा कर अभी रात को फेरों के वक़्त सब लोग सो जाते है उस वक़्त घर के ख़ास लोग ही रहते हैं साथ में, तुम और सुष्मिता मेरे साथ रहोगी. विजय तो रहेजा का राईट हैण्ड है ही. इसलिए तुम लोग कल ही जाओगे बस. तभी उसे दृष्टि ने बताया की कीर्ति के फेरों के वक़्त पहने जाने वाली ड्रेस तो डिज़ाइनर के पास से आई ही नहीं.
“क्या कीर्ति सो रही थी क्या अब तक. वो तो दोपहर तक आने वाली थी न. अब तक तो वो बुटिक बंद भी हो गया होगा ओह गॉड.. उस डिज़ाइनर साले की हिम्मत कैसे हुई.. वो ख़ुद डिलीवर नहीं कर सकता था.”
मिसेज रहेजा का चेहरा तमतमा उठा था. लग रहा था किसी भी वक़्त उसके मुह से माँ बहन की गालियों निकलने लगेगी. उसने तुरंत उस डिज़ाइनर को कॉल किया तो उसने बताया की ड्रेस तो रेडी था पर कोई लेने नहीं आया और उसे भी urgently देश से बाहर जाना पड़ा. पर उसने बताया की उसके शोरूम में एक लड़का है वो उसको कॉल कर देगा पर ड्रेस और उसके साथ के मैचिंग ओर्नामेंट्स उनको ख़ुद ही देख कर लाने होंगे.
“ओह गॉड मैं अभी यहाँ का अरेंजमेंट देखूंगी की....... सुनिए आप जा कर ले आईये वो ड्रेस.” मिसेज रहेजा ने अपने पति रहेजा से कहा क्योंकि उसके और कीर्ति के अलावा वो ही जानता था उस डिज़ाइनर का घर और उस ड्रेस के बारे में.
“लेकिन डार्लिंग मैं ड्रेस तो ले आऊंगा पर वो मैचिंग चीजों का और बाकी यू नो.” मिसेज रहेजा समझ गयी और तुरंत बोली
“तुम सुरभि को ले जाओ, ये मैचिंग सेलेक्ट करके ले आएगी.” सुरभि एकदम से अपना नाम सुन कर घबरा गयी पर इस वक़्त मिसेज रहेजा का मूड देख कर कोई कुछ नहीं बोला. विजय लेकिन बेचैन हो गया ये सोच कर की सुरभि रहेजा के साथ जाएगी.
“हम्म ठीक है ऑडी की चाभी दो.. और विजय तुम भी चलो तुम ऑडी चला लेना मैंने थोडा ड्रिंक कर लिया है इसलिए.”
“ओके सर.” विजय ने राहत की सांस लेते हुए ख़ुशी से चाभी ले ली. मिसेज रहेजा को भी थोडा आश्चर्य हुआ. उसने तो रहेजा को सुरभि के साथ एक लास्ट चांस मारने का मौका दिया था पर उसने ख़ुद ही विजय को अपने साथ ले जा कर अपने पैरों पर ख़ुद ही कुल्हाड़ी मार ली. शायद अभी उसको भी बेटी की शादी का ज्यादा टेंशन था. मिसेज रहेजा सुरभि की ओर देख कर फिर बोली
“अभी फेरे में काफी टाइम है, तुम देखना की ड्रेस के साथ ओर्नामेंट्स अच्छी तरह मैच हो जाए मैं रहेजा के whatsapp पर अभी कीर्ति से ले कर उस ड्रेस के पिक्स भेज दूंगी इससे तुम्हे आसानी हो जायेगी.” सुरभि ने सर हिलाया. उसे समझ में नहीं आ रहा था की वो इस शादी में इतनी इम्पोर्टेन्ट कैसे हो गयी. पर उसे इस बात की तसल्ली थी की विजय इस बार साथ है नहीं तो इतनी अच्छी ड्रेस में भी रहेजा उसे चोदे बिना नहीं रहता इतना उसे विश्वास था. वैसे अब उसे रहेजा से चुदने में कोई ऐतराज नहीं था उसे तो बस अपनी इस ड्रेस के खराब होने का डर था. विजय ऑडी ले कर आया तो रहेजा तुरंत एक बॉस की ही तरह पीछे जा कर बैठ गया. सुरभि असमंजस सी स्तिथि में थी की विजय ने उसके लिए आगे का दरवाजा खोल दिया. सुरभि अपने पति विजय की बगल में बैठने ही वाली थी की रहेजा बोला
“अरे सुरभि तुम भी यही आ जाओ पीछे क्योंकि अभी whatsapp पर ड्रेस की पिक्स आएँगी तो तुम देख लेना.” विजय बेचारा गहरी सांस ले कर रह गया और ख़ुद ही बोला
“हाँ सुरभि बॉस ठीक कह रहे है तुम पीछे ही बैठ जाओ. कह कर विजय ने आगे का दरवाजा बंद कर किया और सुरभि पीछे रहेजा की बगल में जा कर बैठ गयी. विजय ने रियर मिरर में देखा तो उसे केवल रहेजा नजर आ रहा था सुरभि उसके मिरर की रेंज से बाहर थी और विजय चाह कर भी मिरर की सेटिंग अपने बॉस के सामने सेट नहीं कर सकता था. नाभि से नीचे बंधी हुई सेक्सी साड़ी बेक लेस ब्लाउज जिसमे उसकी पूरी पीठ नंगी और आगे से दूधिया चुचियों का इतरा कर हिलना सुरभि को वैसे ही सेक्सी बना रहा था और अब वो केवल रहेजा से एक फीट की दूरी पर बैठी थी. रहेजा ने न तो उसके पास खिसकने की कोशिश की न ही उसे अपने पास बुलाया. उसने बस विजय को बता दिया की कहाँ चलना है. विजय ने सुना और गाडी बड़ा दी उसे वहाँ पहुचने में कम से कम आधा घंट लगना था.
“अरे कहा मर गयी थी ऐन वरमाला के मौके पर.”
“कहीं सुहागरात की अरेंजमेंट तो नहीं कर रही थी.” एक सहेली बोली तो सब जोर जोर से हँसे. उन सभी लेडीज को वरमाला के लिए कीर्ति के साथ ही जाना था.
सुरभि सुष्मिता भी स्पेशल गेस्ट की तरह ट्रीट हो रहे थे. कीर्ति की जब वरमाला हो रही थी तो लड़के वालों की तरफ से आये लड़के खूब हंसी ठिठोली कर रहे थे और सुरभि और सुष्मिता भी उनकी अश्लील फब्तियों का निशाना बन रहे थे. विनोद उनका विडियो बड़े नजदीक से ले रहा था. फोटो सेशन के वक़्त विजय के साथ दूल्हा दुल्हन के स्टेज पर फोटो खिचवाते वक़्त सुरभि को मौका मिला गया विजय से थोड़ी बात करने का.
“विजय इसके बाद खाना खा कर घर चलते है.”
“मुझे तो मुश्किल लग रहा है. बॉस ने कहा था सारा काम निपटा कर सुबह जाना.”
“तो एक बार उनसे पूछ लेना की मुझे घर छोड़ आने के लिए.”
“ठीक है चलो डिनर करते है फिर पूछता हूँ.”
डिनर करने के बाद एक जगह मिस्टर और मिसेज रहेजा को साथ में देख कर विजय और सुरभि उनसे पूछने उनके पास गये. जब मिसेज रहेजा ने सुना तो काफी नाराज हुई और बोली
“अरे सुरभि तुम्हे क्या करना है घर जा कर अभी रात को फेरों के वक़्त सब लोग सो जाते है उस वक़्त घर के ख़ास लोग ही रहते हैं साथ में, तुम और सुष्मिता मेरे साथ रहोगी. विजय तो रहेजा का राईट हैण्ड है ही. इसलिए तुम लोग कल ही जाओगे बस. तभी उसे दृष्टि ने बताया की कीर्ति के फेरों के वक़्त पहने जाने वाली ड्रेस तो डिज़ाइनर के पास से आई ही नहीं.
“क्या कीर्ति सो रही थी क्या अब तक. वो तो दोपहर तक आने वाली थी न. अब तक तो वो बुटिक बंद भी हो गया होगा ओह गॉड.. उस डिज़ाइनर साले की हिम्मत कैसे हुई.. वो ख़ुद डिलीवर नहीं कर सकता था.”
मिसेज रहेजा का चेहरा तमतमा उठा था. लग रहा था किसी भी वक़्त उसके मुह से माँ बहन की गालियों निकलने लगेगी. उसने तुरंत उस डिज़ाइनर को कॉल किया तो उसने बताया की ड्रेस तो रेडी था पर कोई लेने नहीं आया और उसे भी urgently देश से बाहर जाना पड़ा. पर उसने बताया की उसके शोरूम में एक लड़का है वो उसको कॉल कर देगा पर ड्रेस और उसके साथ के मैचिंग ओर्नामेंट्स उनको ख़ुद ही देख कर लाने होंगे.
“ओह गॉड मैं अभी यहाँ का अरेंजमेंट देखूंगी की....... सुनिए आप जा कर ले आईये वो ड्रेस.” मिसेज रहेजा ने अपने पति रहेजा से कहा क्योंकि उसके और कीर्ति के अलावा वो ही जानता था उस डिज़ाइनर का घर और उस ड्रेस के बारे में.
“लेकिन डार्लिंग मैं ड्रेस तो ले आऊंगा पर वो मैचिंग चीजों का और बाकी यू नो.” मिसेज रहेजा समझ गयी और तुरंत बोली
“तुम सुरभि को ले जाओ, ये मैचिंग सेलेक्ट करके ले आएगी.” सुरभि एकदम से अपना नाम सुन कर घबरा गयी पर इस वक़्त मिसेज रहेजा का मूड देख कर कोई कुछ नहीं बोला. विजय लेकिन बेचैन हो गया ये सोच कर की सुरभि रहेजा के साथ जाएगी.
“हम्म ठीक है ऑडी की चाभी दो.. और विजय तुम भी चलो तुम ऑडी चला लेना मैंने थोडा ड्रिंक कर लिया है इसलिए.”
“ओके सर.” विजय ने राहत की सांस लेते हुए ख़ुशी से चाभी ले ली. मिसेज रहेजा को भी थोडा आश्चर्य हुआ. उसने तो रहेजा को सुरभि के साथ एक लास्ट चांस मारने का मौका दिया था पर उसने ख़ुद ही विजय को अपने साथ ले जा कर अपने पैरों पर ख़ुद ही कुल्हाड़ी मार ली. शायद अभी उसको भी बेटी की शादी का ज्यादा टेंशन था. मिसेज रहेजा सुरभि की ओर देख कर फिर बोली
“अभी फेरे में काफी टाइम है, तुम देखना की ड्रेस के साथ ओर्नामेंट्स अच्छी तरह मैच हो जाए मैं रहेजा के whatsapp पर अभी कीर्ति से ले कर उस ड्रेस के पिक्स भेज दूंगी इससे तुम्हे आसानी हो जायेगी.” सुरभि ने सर हिलाया. उसे समझ में नहीं आ रहा था की वो इस शादी में इतनी इम्पोर्टेन्ट कैसे हो गयी. पर उसे इस बात की तसल्ली थी की विजय इस बार साथ है नहीं तो इतनी अच्छी ड्रेस में भी रहेजा उसे चोदे बिना नहीं रहता इतना उसे विश्वास था. वैसे अब उसे रहेजा से चुदने में कोई ऐतराज नहीं था उसे तो बस अपनी इस ड्रेस के खराब होने का डर था. विजय ऑडी ले कर आया तो रहेजा तुरंत एक बॉस की ही तरह पीछे जा कर बैठ गया. सुरभि असमंजस सी स्तिथि में थी की विजय ने उसके लिए आगे का दरवाजा खोल दिया. सुरभि अपने पति विजय की बगल में बैठने ही वाली थी की रहेजा बोला
“अरे सुरभि तुम भी यही आ जाओ पीछे क्योंकि अभी whatsapp पर ड्रेस की पिक्स आएँगी तो तुम देख लेना.” विजय बेचारा गहरी सांस ले कर रह गया और ख़ुद ही बोला
“हाँ सुरभि बॉस ठीक कह रहे है तुम पीछे ही बैठ जाओ. कह कर विजय ने आगे का दरवाजा बंद कर किया और सुरभि पीछे रहेजा की बगल में जा कर बैठ गयी. विजय ने रियर मिरर में देखा तो उसे केवल रहेजा नजर आ रहा था सुरभि उसके मिरर की रेंज से बाहर थी और विजय चाह कर भी मिरर की सेटिंग अपने बॉस के सामने सेट नहीं कर सकता था. नाभि से नीचे बंधी हुई सेक्सी साड़ी बेक लेस ब्लाउज जिसमे उसकी पूरी पीठ नंगी और आगे से दूधिया चुचियों का इतरा कर हिलना सुरभि को वैसे ही सेक्सी बना रहा था और अब वो केवल रहेजा से एक फीट की दूरी पर बैठी थी. रहेजा ने न तो उसके पास खिसकने की कोशिश की न ही उसे अपने पास बुलाया. उसने बस विजय को बता दिया की कहाँ चलना है. विजय ने सुना और गाडी बड़ा दी उसे वहाँ पहुचने में कम से कम आधा घंट लगना था.