29-07-2020, 06:31 PM
“पर मैं कैमरे के सामने...”
“अरे नहीं मैं आपके ऊपर ये सिल्के का पर्दा दाल दूंगा उसके बाद आप अपने कपडे उतारना. एक्चुअली बिस्तर के बगल में दर्शक जब सारे कपडे पडे हुए देखता है तब उसका दिमाग बिना कुछ दिखाए ही सब कुछ देख लेता है.”
विनोद मुस्कुराया तो सुष्मिता भी शर्मा कर मुस्कुरा दी. धर्मेश ये सोच कर मुस्कुराया की अगर सुष्मिता इतनी एक्साइट न होती तो वो इस बात के लिए राजी ना होती और अगर दर्शकों के लिए वो कपडे बाहर दिखाने थे तो चादर के अन्दर वो दुसरे कपडे पहन कर भी शूट कर सकते थे. पर ये उन दोनों की सोची समझी स्क्रिप्ट थी और इसी के सफल होने पर उनकी क्लाइमेक्स में चुदाई पक्की होती थी. सुष्मिता के मानते ही विनोद ने उनके ऊपर सिल्क का पर्दा डाल दिया. पर्दा उन दोनों के कन्धों से नीचे से शुरू हो कर उनके घुटनों पर ख़तम हो रहा था. विनोद के कहे मुताबिक़ उसके एक्शन बोलने पर दोनों वापस से वोही किस करने लगे एक दुसरे पर हाथ फिराने लगे. विनोद ने कस कर उसके बूब्स को दबाया तो सुष्मिता आह कर उठी और साथ ही उसे यह एहसास भी हो गया की उसके अटके हुए निप्पल्स अब पूरी तरह टी शर्ट के बाहर थे क्योंकि धर्मेश के हाथ अब उसके निप्पल्स से खेल रहे थे उसने भी उत्तेजना में अपने नाख़ून उसकी पीठ में गडा दिए. विनोद ने कट कर दिया और उनको कपडे उतारने के लिए बोला.
धर्मेश ने उसकी टी शर्ट और स्कर्ट उतारने में मदद की और बड़ी फुर्ती से अपनी फ्रेंची उतार कर विनोद को दे दी सुष्मिता थोड़ी देर पहले सोच भी नहीं सकती थी कि वो धर्मेश के साथ पूरी तरह मादर्जात नंगी लेट जायेगी. पर ऐसा हो चुका था और धर्मेश के नंगे लंड को वो अपनी जांघ के आस पास मस्ती करते हुए महसूस कर पा रही थी. उसे लग रहा था की उसके ससुर बाहर बैठे हुए सब कुछ सुन रहे होंगे पर उसे इस बात का कोई डर नहीं था. क्योंकि उन्होंने जिस तरह से अपने से आधी उम्र की सुरभि को चोदा था इससे उसकी हिम्मत भी काफी बड गयी थी. वैसे भी वो सिर्फ नंगी हुई थी चुदवा थोड़ी रही थी. ऐसा सोच कर उसने अपने को सांत्वना दी. और देखा की पिछले शूट की तरह ही इस शूट में भी विनोद बिस्तर के पास धीरे धीरे गिरते हुए कपड़ो को शूट कर रहा था. नंगे होने के बाद सुष्मिता ने परदे को गर्दन तक करने की कोशिश की तो वो नीचे से धर्मेश की गांड तक ऊपर आ गया. विनोद आया और उसने परदे को खिसका कर नीचे विनोद की आधी पीठ तक कर दिया जिससे अब सुष्मिता के आधे नंगे कंधे और उसके विनोद की छाती से कुचले हुए बूब्स भी काफी हद तक नजर आ रहे थी.
“आप चिंता मत करो अगर ये पर्दा थोडा नीचे भी खिसक गया तो भी मेरी शूट नीचे नहीं जाएगी मैं आपको आपके बूब्स के ऊपर से फेस तक ही शूट करूँगा. अब आप लोग ऐसी एक्टिंग कीजिये की बिलकुल वाइल्ड फकिंग कर रहे हो कभी धर्मेश ऊपर तो कभी आप ऊपर और रुकना नहीं करते जाना. ओके एक्शन ...!!!!”
उसके एक्शन बोलते ही धर्मेश ने चार्ज ले लिया और सुष्मिता के होठों को चूमने लगा उसका एक हाथ सुष्मिता की कठोर चुचियों के साथ व्यस्त हो गया और दूसरा उसकी गांड के नीचे जा कर उसे दबाने लगा सुष्मिता सिर्फ उसके सर पर हाथ फिर रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था की ये एक शूटिंग है या उसे असलियत में सेक्स करना है. जिस प्रकार वो दोनों नंगे थे और उसकी चूत पर जो धर्मेश के सख्त लंड की दस्तक का असर हो रहा था वो उसे पूरी तरह से आश्वस्त कर रहा था की ये कोई शूट नहीं ये तो एक सेक्स है चुदाई है फक्किंग है. फिर भी उसे कोई ऐतराज नहीं था. कल तक जिस लड़के को उसने देखा भी नहीं था आज वो वो सब करने वाला है जो सिर्फ उसके अपने पति का अधिकार है. और वो बेशर्मों की तरह उसके नीचे नंगी पड़ी है जबकि बाहर उसके ससुर बैठे हुए है. उसे ध्यान आया की कैसे कल रात को भी उसने एक अनजान व्यक्ति को अपना शरीर सौंप दिया था. लेकिन अगर उसे ये बात पता चल जाती की कल जिस व्यक्ति से उसने चुदवाया था आज उसके ही बेटे के लंड के सामने उसने अपनी चूत परोस दी है तो शायद वो कभी राजी ना होती पर अब तो उसकी चूत धर्मेश के लंड के स्पर्श से पनियाने लगी थी और उसकी गांड ख़ुद बा ख़ुद नीचे से उछल कर उसके लंड से मिलने की कोशिश कर रही थी.
“हाँ अब चुदाई की एक्शन करो.” विनोद बोला तो धर्मेश चुदाई की तरह धक्के मारने लगा उसे लग रहा था की अगर अभी वो सुष्मिता की चूत में लंड घुसायेगा तो शायद वो उसे रोक देगी.
“हाँ धर्मेश बिलकुल सही. सुष तुम भी अपनी गांड चलाओ और चेहरे पर एक्सप्रेशन चुदाई के लाओ हाँ ऐसे गुड चेहरे पर ऐसे मादक भाव लाओ जैसे आपका बॉयफ्रेंड आपकी मस्त चुदाई कर रहा है.” विनोद मस्ती में ऐसे शब्द यूज़ कर रहा था जो की नोर्मली किसी हाउस वाइफ के सामने यूज़ करने पर जूते पड़ जाए, पर सुष्मिता तो ऐसे शब्द सुन कर और एक्साइट हो रही थी. धर्मेश का लंड भी पूरी तरह से कड़क हो चुका था और सुष्मिता की चूत भी रसीली हो गयी थी. तभी धर्मेश को अपने लंड पर सुष्मिता का हाथ महसूस हुआ तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा वो उसके इधर उधर फिसलते लंड को अपनी चूत के मुहाने पर सेट करना चाह रही थी. धर्मेश ने अपने झटकों को एक सेकंड के लिए रोका और जैसे ही उसके लंड को चूत का द्वार मिला उसने सधे हुए शॉट में पूरा लंड अन्दर डाल दिया. एक ही प्रहार में उसका मोटा मुसल सुष्मिता की चूत को चीरता हुआ उसके गर्भाशय तक पहुच गया
“आअह्ह्ह्ह .” सुष्मिता के मुह से मादक कराह निकल गयी... वो इतनी देर से सिर्फ चेहरे पर नकली एक्सप्रेशन ला रही थी लेकिन जब लंड असलियत में उसकी चूत में घुसा तो विनोद को वो एक्सप्रेशन मिल गये जो वो चाहता था. साथ ही उसे साफ़ पता चल गया की धर्मेश ने चूत फतह कर ली है पर फिर भी वो अनजान बना रहा और बोला.
“अरे नहीं मैं आपके ऊपर ये सिल्के का पर्दा दाल दूंगा उसके बाद आप अपने कपडे उतारना. एक्चुअली बिस्तर के बगल में दर्शक जब सारे कपडे पडे हुए देखता है तब उसका दिमाग बिना कुछ दिखाए ही सब कुछ देख लेता है.”
विनोद मुस्कुराया तो सुष्मिता भी शर्मा कर मुस्कुरा दी. धर्मेश ये सोच कर मुस्कुराया की अगर सुष्मिता इतनी एक्साइट न होती तो वो इस बात के लिए राजी ना होती और अगर दर्शकों के लिए वो कपडे बाहर दिखाने थे तो चादर के अन्दर वो दुसरे कपडे पहन कर भी शूट कर सकते थे. पर ये उन दोनों की सोची समझी स्क्रिप्ट थी और इसी के सफल होने पर उनकी क्लाइमेक्स में चुदाई पक्की होती थी. सुष्मिता के मानते ही विनोद ने उनके ऊपर सिल्क का पर्दा डाल दिया. पर्दा उन दोनों के कन्धों से नीचे से शुरू हो कर उनके घुटनों पर ख़तम हो रहा था. विनोद के कहे मुताबिक़ उसके एक्शन बोलने पर दोनों वापस से वोही किस करने लगे एक दुसरे पर हाथ फिराने लगे. विनोद ने कस कर उसके बूब्स को दबाया तो सुष्मिता आह कर उठी और साथ ही उसे यह एहसास भी हो गया की उसके अटके हुए निप्पल्स अब पूरी तरह टी शर्ट के बाहर थे क्योंकि धर्मेश के हाथ अब उसके निप्पल्स से खेल रहे थे उसने भी उत्तेजना में अपने नाख़ून उसकी पीठ में गडा दिए. विनोद ने कट कर दिया और उनको कपडे उतारने के लिए बोला.
धर्मेश ने उसकी टी शर्ट और स्कर्ट उतारने में मदद की और बड़ी फुर्ती से अपनी फ्रेंची उतार कर विनोद को दे दी सुष्मिता थोड़ी देर पहले सोच भी नहीं सकती थी कि वो धर्मेश के साथ पूरी तरह मादर्जात नंगी लेट जायेगी. पर ऐसा हो चुका था और धर्मेश के नंगे लंड को वो अपनी जांघ के आस पास मस्ती करते हुए महसूस कर पा रही थी. उसे लग रहा था की उसके ससुर बाहर बैठे हुए सब कुछ सुन रहे होंगे पर उसे इस बात का कोई डर नहीं था. क्योंकि उन्होंने जिस तरह से अपने से आधी उम्र की सुरभि को चोदा था इससे उसकी हिम्मत भी काफी बड गयी थी. वैसे भी वो सिर्फ नंगी हुई थी चुदवा थोड़ी रही थी. ऐसा सोच कर उसने अपने को सांत्वना दी. और देखा की पिछले शूट की तरह ही इस शूट में भी विनोद बिस्तर के पास धीरे धीरे गिरते हुए कपड़ो को शूट कर रहा था. नंगे होने के बाद सुष्मिता ने परदे को गर्दन तक करने की कोशिश की तो वो नीचे से धर्मेश की गांड तक ऊपर आ गया. विनोद आया और उसने परदे को खिसका कर नीचे विनोद की आधी पीठ तक कर दिया जिससे अब सुष्मिता के आधे नंगे कंधे और उसके विनोद की छाती से कुचले हुए बूब्स भी काफी हद तक नजर आ रहे थी.
“आप चिंता मत करो अगर ये पर्दा थोडा नीचे भी खिसक गया तो भी मेरी शूट नीचे नहीं जाएगी मैं आपको आपके बूब्स के ऊपर से फेस तक ही शूट करूँगा. अब आप लोग ऐसी एक्टिंग कीजिये की बिलकुल वाइल्ड फकिंग कर रहे हो कभी धर्मेश ऊपर तो कभी आप ऊपर और रुकना नहीं करते जाना. ओके एक्शन ...!!!!”
उसके एक्शन बोलते ही धर्मेश ने चार्ज ले लिया और सुष्मिता के होठों को चूमने लगा उसका एक हाथ सुष्मिता की कठोर चुचियों के साथ व्यस्त हो गया और दूसरा उसकी गांड के नीचे जा कर उसे दबाने लगा सुष्मिता सिर्फ उसके सर पर हाथ फिर रही थी उसे समझ नहीं आ रहा था की ये एक शूटिंग है या उसे असलियत में सेक्स करना है. जिस प्रकार वो दोनों नंगे थे और उसकी चूत पर जो धर्मेश के सख्त लंड की दस्तक का असर हो रहा था वो उसे पूरी तरह से आश्वस्त कर रहा था की ये कोई शूट नहीं ये तो एक सेक्स है चुदाई है फक्किंग है. फिर भी उसे कोई ऐतराज नहीं था. कल तक जिस लड़के को उसने देखा भी नहीं था आज वो वो सब करने वाला है जो सिर्फ उसके अपने पति का अधिकार है. और वो बेशर्मों की तरह उसके नीचे नंगी पड़ी है जबकि बाहर उसके ससुर बैठे हुए है. उसे ध्यान आया की कैसे कल रात को भी उसने एक अनजान व्यक्ति को अपना शरीर सौंप दिया था. लेकिन अगर उसे ये बात पता चल जाती की कल जिस व्यक्ति से उसने चुदवाया था आज उसके ही बेटे के लंड के सामने उसने अपनी चूत परोस दी है तो शायद वो कभी राजी ना होती पर अब तो उसकी चूत धर्मेश के लंड के स्पर्श से पनियाने लगी थी और उसकी गांड ख़ुद बा ख़ुद नीचे से उछल कर उसके लंड से मिलने की कोशिश कर रही थी.
“हाँ अब चुदाई की एक्शन करो.” विनोद बोला तो धर्मेश चुदाई की तरह धक्के मारने लगा उसे लग रहा था की अगर अभी वो सुष्मिता की चूत में लंड घुसायेगा तो शायद वो उसे रोक देगी.
“हाँ धर्मेश बिलकुल सही. सुष तुम भी अपनी गांड चलाओ और चेहरे पर एक्सप्रेशन चुदाई के लाओ हाँ ऐसे गुड चेहरे पर ऐसे मादक भाव लाओ जैसे आपका बॉयफ्रेंड आपकी मस्त चुदाई कर रहा है.” विनोद मस्ती में ऐसे शब्द यूज़ कर रहा था जो की नोर्मली किसी हाउस वाइफ के सामने यूज़ करने पर जूते पड़ जाए, पर सुष्मिता तो ऐसे शब्द सुन कर और एक्साइट हो रही थी. धर्मेश का लंड भी पूरी तरह से कड़क हो चुका था और सुष्मिता की चूत भी रसीली हो गयी थी. तभी धर्मेश को अपने लंड पर सुष्मिता का हाथ महसूस हुआ तो उसकी ख़ुशी का ठिकाना न रहा वो उसके इधर उधर फिसलते लंड को अपनी चूत के मुहाने पर सेट करना चाह रही थी. धर्मेश ने अपने झटकों को एक सेकंड के लिए रोका और जैसे ही उसके लंड को चूत का द्वार मिला उसने सधे हुए शॉट में पूरा लंड अन्दर डाल दिया. एक ही प्रहार में उसका मोटा मुसल सुष्मिता की चूत को चीरता हुआ उसके गर्भाशय तक पहुच गया
“आअह्ह्ह्ह .” सुष्मिता के मुह से मादक कराह निकल गयी... वो इतनी देर से सिर्फ चेहरे पर नकली एक्सप्रेशन ला रही थी लेकिन जब लंड असलियत में उसकी चूत में घुसा तो विनोद को वो एक्सप्रेशन मिल गये जो वो चाहता था. साथ ही उसे साफ़ पता चल गया की धर्मेश ने चूत फतह कर ली है पर फिर भी वो अनजान बना रहा और बोला.