29-07-2020, 04:11 PM
जैसे ही मैं अंदर की ओर आयी अमित ने दिनु काका को रुकने का इशारा किया और रूम में आकर बोला
,-क्या हुआ तुम इसे काका को धक्का मारकर क्यो आ गयी
में,--तुम उसको अभी का अभी घर से बाहर निकालो
अमित ,-क्यो उसने तुम्हारी मोच निकाल दी और बिचारे बुड्ढे आदमी को धक्का मार दिया और अब बाहर निकाल ने को बोल रही हो उल्टा तुमको तो उसको थैंक्स बोलना चाहिए
में ,--तुम देख नही रहे थे कि उसका हाथ कहाँ था
अमित ,--कहाँ था हाथ से ही तो तुम्हारा दर्द ठीक किया है बिना हाथ लगाए कैसे होता वो कोई जादूगर थोडे ही है
मैं ,--तुम आदमी हो या घनचक्कर उसने हाथ कहाँ तक डाला था वो नही देखा
अमित ,--तुम पागल हो क्या उसने बोला था ना की पूरा दर्द मिटाने के लिए पूरे पैर की नस की बिठाना पड़ेगा अब मुझे क्या पता पैर की नस कहाँ तक होती है और साड़ी में कहां तक छुआ है
में,--ओफ्फो अब में कैसे बोलू ,उसका हाथ पैरों तक तो समझ मे आता है पर उसने ..मेरी ....उसको भी टच किया था
अमित ,--फिर वही बात उसने बोला ना कि पूरा दर्द मिटाने के लिए जो जरूरी था वही तो किया देखो तुम अब आराम से चल के आ गयी नही तो खड़ा भी नही हुआ जा रहा था
में धीरे से ,--उसने मेरी पेंटी के ऊपर चुत पर हाथ फिराया है
अमित ,--यार इतनी सी बात गलती से लग गया होगा इसमे इतना परेशानी वाली क्या बात हो गयी जो उसको धक्का देना पड़ा ।तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मेरे अलावा किसी ने तुम्हारी चुत को छुआ ही नही।
में ,--उसने गलती से नही जान बूझकर किया है
अमित ,--तो तुम उसको आराम से भी बोल सकती थी ऐसा बिहेव करना जरूरी था अभी दर्द से छटपटा रही थी डॉक्टर के पास जाते तो वो पेन किल्लर टेबलेट देता और फीस भी लेता और आने जाने और लाइन में लगना पड़ता तो कितनी परेशानी होती और फिर उसकी दवा से तुमको थॉडी देर के लिए राहत मिलती लेकिन मोच तो दवा से ठीक नही होती ना
में ,-और उसने तुम्हारी बीबी की चुत के ऊपर हाथ फिराया उसका कुछ नही
अमित ,--यार उसकी उम्र देखो तुमको बेटी बोल रहा था और तुम्हारे जैसी बला की सुंदरी की पहले मालिश नही की होगी तो अगर जानबूझकर छू लिया तो ऐसी क्या आफत आ गयी कि घर आये हुए आदमी के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाय
में ,--तुम आदमी हो कि क्या हो, वो तुम्हारी की चुत को छू लिया और तुम बोल रहे हों कि कोई आफत नही आई तो फिर आफत कब आएगी
अमित ,--आफत तब मानी जाती जब वो मेरी अनुपस्थिति में आया होता और तुम्हारे साथ जबरदस्ती कुछ किया होता ,उसको अपनी जान प्यारी नही है क्या जो मेरे होते तुम को कुछ करता
में ,--तो बाकी क्या रह गया
अमित ,--बाकी कुछ की छोड़ो में इतना बेवकूफ भी नही, तुम्हारा दर्द बहुत पहले चला गया था और तुम जानबूझ कर उसको उसी समय नही बोली कि अब दर्द नही है छोड़ दो , तुम खुद उसके हाथों से एन्जॉय कर रही थी और वो भी उम्र दराज है उसको भी समझ मे आ गया कि ये दर्द की आहें भर रही है या कामुक सिसकिया ले रही है।
में ,--ये तुम कैसे बोल सकते हो की दर्द बहूत पहले ठीक हो चुका था
अमित ,--में उसका सबूत भी दे सकता हूँ
में ,--क्या सबूत है तुम्हारे पास
अमित ,-- अगर सबूत दे दिया तो फिर उससे माफी मांग लोगी ना काका से
में सोच में पड़ गयी कि ये क्या सबूत देने की बोल रहा है कही मोबाइल में रिकॉर्ड तो नही किया कुछ लेकिन रिकॉर्डिंग से कैसे प्रूफ होगा
अमित फिर बोला,--क्या हुआ अब चुप क्यों हो अगर तुम्हारा ये ही रवैया रहा तो कोई घर आएगा क्या अपने दुबारा
में ,--ठीक है तुम प्रूफ दो अगर तुम सही हो तो में तुम जैसे कहोगे वैसे माफी मांगने को तैयार हूं
अमित ,--ओके अपने हाथ ऊपर करो
में फिर सोच में पड़ गयी की हाथ ऊपर करने से क्या होगा
अमित ,--ठीक है तुमको ऐसा ही व्यवहार करना है में काका के पैर पकड़कर माफी मांग लेता हूँ लेकिन आगे से मुझे भी सोचना पड़ेगा कि में तुम को जैसी समझता था वैसी तुम हो नही और वो मुड़ने लगा तो मैने उसका हाथ पकड़कर रोका और बोली ,--ठीक है ये लो कर दिये हाथ ऊपर
मेरे हाथ ऊपर करते ही वो मेरे कदमो में बैठ गया और साड़ी को पैरों से उठाकर अपने हाथ मेरी साड़ी में घुसाए और जब तक मे कुछ समझ पाती उसने मेरी पेंटी को नीचे खींच कर पैरों तक लाया और दोनों पैरों को एक एक करके उठाया और खड़ा होकर मेरे चेहरे के सामने पेंटी लहराकर बोला ,----ये रहा सबूत अगर इस पेंटी को निचोड़ लिया जाए तो इसमें से पानी निकल सकता है ,जब तक तुम को मज़ा आ रहा था तुम काका को कुछ नही बोली और जब झड़ गयी तो उनको धक्का मारकर आ गयी।
मुझे समझ मे नही आ रहा था कि में कैसे इस मामले को हैंडल करू हालांकि में झड़ी नही थी पर काका के पहले छुवन से ही मेरी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और जितना देर वो मालिस करते रहे मेरी चुत लगातार पानी छोड़ती रही थी
अमित ,--अब बोलो की ये तो दर्द की वजह से मूत निकल गया इसलिए भीग गयी फिर उसने पेंटी को उल्टा कर के चुत के सामने के हिस्से को नाक पर लगाकर सूंघने लगा और जैसे ही चाटने को हुआ मेने झपट कर पेंटी छीन ली
में ,--अब यार कोई पराया पुरुष इस तरह से छुयेगा तो ये तो होगा ही
अमित ,--रेखा मुझे अब ये बताओ कि तुम माफी मांग रही हो या में जाऊं
मैं, -ठीक है चलो में सॉरी बोल देती हुँ
अमित ,--अब खाली सॉरी से काम नही चलेगा
मै,---तो
अमित ,-- तुमको काका को खुश करना पड़ेगा
में ,--मतलब
अमित ,--मतलब जिस तरह का व्यवहार तुमने किया है उसके लिए तुमको कुछ इस प्रकार से माफी मांगनी पड़ेगी की काका को दुबारा बुलाने से दौड़कर आये
में ,-में समझी नही
अमित ,--सीधी सी बात है काका को अगर लगेगा कि तूने जितनी बड़ी गलती की है उस से ज्यादा तुम शर्मिंदा हो और साथ मे जिस चीज को छूने से उसको मज़ा आ रहा था उसका मज़ा तुमने खराब कर दिया और वो मज़ा उनको वापस मिल जाएगा इसलिए अब ऐसा कुछ करो कि वो पुरानी बातें भूलकर नई उम्मीद से यहां आने की सोचे
में ,--लेकिन ऐसा क्या कर सकती हूं में
अमित ,--तुम उसको बोलो की थोड़े हाथ की भी मसाज कर दे
में ,--तुम पागल हो क्या अगर उसने हाथ के साथ किसी और जगह पर छुआ तो
अमित ,--तो क्या हो जाएगा क्या मेंरे अलावा तुमको किसी ने छुआ नही क्या
में ,--मेने कब कहा नही छुआ पर इस से तुमको बुरा नही लगेगा
अमित ,--क्यों कल कमला मेरी मसाज कर रही थी तब तुमको बुरा लगा था क्या
में ,--पर वो औरत थी अब तुम मुझे किसी पुरुष को छूने की बोल रहे हो और कमला तुम्हारी मसाज कर रही थी तो तुम को अच्छा महसूस हो रहा था
अमित ,-पहली बात तो तुम गलत बोल रही हो कि सिर्फ मुझे ही अच्छा लग रहा था तुम भी मसाज देखकर पूरी गरम हो चुकी थी तभी तुम्हारी चुत पूरी तैयार थी और सिर्फ कुछ टाइम में चुद के झड़ गयी थी इसका मतलब तुम उस समय सोफे पर बैठकर जरूर अंगुली कर रही थी दूसरी बात जो तुम बोल रही हो कमला औरत थी और काका मर्द है तो में तुम को क्लियर कर देना चाहता हूँ कि मज़ा लेने का ठेका सिर्फ मर्द का ही नही औरत का भी होना चाहिए
अगर मर्द का हाथ तुमको लगने से पेंटी गीली हुई है तो इसका मतलब तुम्हे भी मज़ा आ रहा था इसलिए ये बेकार के तर्क देना बंद करो
मैं,--पर....
अमित ,--अब ये पर छोड़ो और चल के माफी मांग लो और उस बिचारे गरीब को थोड़ा सा मज़ा ले लेने दो।
फिर वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में ले जाने लगा तो में बोली तुम चलो में मुतकर आती हूँ
अमित ने सुना तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी और मेरे गाल पा किस करके बोला ,--I love You
,-क्या हुआ तुम इसे काका को धक्का मारकर क्यो आ गयी
में,--तुम उसको अभी का अभी घर से बाहर निकालो
अमित ,-क्यो उसने तुम्हारी मोच निकाल दी और बिचारे बुड्ढे आदमी को धक्का मार दिया और अब बाहर निकाल ने को बोल रही हो उल्टा तुमको तो उसको थैंक्स बोलना चाहिए
में ,--तुम देख नही रहे थे कि उसका हाथ कहाँ था
अमित ,--कहाँ था हाथ से ही तो तुम्हारा दर्द ठीक किया है बिना हाथ लगाए कैसे होता वो कोई जादूगर थोडे ही है
मैं ,--तुम आदमी हो या घनचक्कर उसने हाथ कहाँ तक डाला था वो नही देखा
अमित ,--तुम पागल हो क्या उसने बोला था ना की पूरा दर्द मिटाने के लिए पूरे पैर की नस की बिठाना पड़ेगा अब मुझे क्या पता पैर की नस कहाँ तक होती है और साड़ी में कहां तक छुआ है
में,--ओफ्फो अब में कैसे बोलू ,उसका हाथ पैरों तक तो समझ मे आता है पर उसने ..मेरी ....उसको भी टच किया था
अमित ,--फिर वही बात उसने बोला ना कि पूरा दर्द मिटाने के लिए जो जरूरी था वही तो किया देखो तुम अब आराम से चल के आ गयी नही तो खड़ा भी नही हुआ जा रहा था
में धीरे से ,--उसने मेरी पेंटी के ऊपर चुत पर हाथ फिराया है
अमित ,--यार इतनी सी बात गलती से लग गया होगा इसमे इतना परेशानी वाली क्या बात हो गयी जो उसको धक्का देना पड़ा ।तुम तो ऐसे बोल रही हो जैसे मेरे अलावा किसी ने तुम्हारी चुत को छुआ ही नही।
में ,--उसने गलती से नही जान बूझकर किया है
अमित ,--तो तुम उसको आराम से भी बोल सकती थी ऐसा बिहेव करना जरूरी था अभी दर्द से छटपटा रही थी डॉक्टर के पास जाते तो वो पेन किल्लर टेबलेट देता और फीस भी लेता और आने जाने और लाइन में लगना पड़ता तो कितनी परेशानी होती और फिर उसकी दवा से तुमको थॉडी देर के लिए राहत मिलती लेकिन मोच तो दवा से ठीक नही होती ना
में ,-और उसने तुम्हारी बीबी की चुत के ऊपर हाथ फिराया उसका कुछ नही
अमित ,--यार उसकी उम्र देखो तुमको बेटी बोल रहा था और तुम्हारे जैसी बला की सुंदरी की पहले मालिश नही की होगी तो अगर जानबूझकर छू लिया तो ऐसी क्या आफत आ गयी कि घर आये हुए आदमी के साथ इस तरह का व्यवहार किया जाय
में ,--तुम आदमी हो कि क्या हो, वो तुम्हारी की चुत को छू लिया और तुम बोल रहे हों कि कोई आफत नही आई तो फिर आफत कब आएगी
अमित ,--आफत तब मानी जाती जब वो मेरी अनुपस्थिति में आया होता और तुम्हारे साथ जबरदस्ती कुछ किया होता ,उसको अपनी जान प्यारी नही है क्या जो मेरे होते तुम को कुछ करता
में ,--तो बाकी क्या रह गया
अमित ,--बाकी कुछ की छोड़ो में इतना बेवकूफ भी नही, तुम्हारा दर्द बहुत पहले चला गया था और तुम जानबूझ कर उसको उसी समय नही बोली कि अब दर्द नही है छोड़ दो , तुम खुद उसके हाथों से एन्जॉय कर रही थी और वो भी उम्र दराज है उसको भी समझ मे आ गया कि ये दर्द की आहें भर रही है या कामुक सिसकिया ले रही है।
में ,--ये तुम कैसे बोल सकते हो की दर्द बहूत पहले ठीक हो चुका था
अमित ,--में उसका सबूत भी दे सकता हूँ
में ,--क्या सबूत है तुम्हारे पास
अमित ,-- अगर सबूत दे दिया तो फिर उससे माफी मांग लोगी ना काका से
में सोच में पड़ गयी कि ये क्या सबूत देने की बोल रहा है कही मोबाइल में रिकॉर्ड तो नही किया कुछ लेकिन रिकॉर्डिंग से कैसे प्रूफ होगा
अमित फिर बोला,--क्या हुआ अब चुप क्यों हो अगर तुम्हारा ये ही रवैया रहा तो कोई घर आएगा क्या अपने दुबारा
में ,--ठीक है तुम प्रूफ दो अगर तुम सही हो तो में तुम जैसे कहोगे वैसे माफी मांगने को तैयार हूं
अमित ,--ओके अपने हाथ ऊपर करो
में फिर सोच में पड़ गयी की हाथ ऊपर करने से क्या होगा
अमित ,--ठीक है तुमको ऐसा ही व्यवहार करना है में काका के पैर पकड़कर माफी मांग लेता हूँ लेकिन आगे से मुझे भी सोचना पड़ेगा कि में तुम को जैसी समझता था वैसी तुम हो नही और वो मुड़ने लगा तो मैने उसका हाथ पकड़कर रोका और बोली ,--ठीक है ये लो कर दिये हाथ ऊपर
मेरे हाथ ऊपर करते ही वो मेरे कदमो में बैठ गया और साड़ी को पैरों से उठाकर अपने हाथ मेरी साड़ी में घुसाए और जब तक मे कुछ समझ पाती उसने मेरी पेंटी को नीचे खींच कर पैरों तक लाया और दोनों पैरों को एक एक करके उठाया और खड़ा होकर मेरे चेहरे के सामने पेंटी लहराकर बोला ,----ये रहा सबूत अगर इस पेंटी को निचोड़ लिया जाए तो इसमें से पानी निकल सकता है ,जब तक तुम को मज़ा आ रहा था तुम काका को कुछ नही बोली और जब झड़ गयी तो उनको धक्का मारकर आ गयी।
मुझे समझ मे नही आ रहा था कि में कैसे इस मामले को हैंडल करू हालांकि में झड़ी नही थी पर काका के पहले छुवन से ही मेरी चुत ने पानी छोड़ना शुरू कर दिया था और जितना देर वो मालिस करते रहे मेरी चुत लगातार पानी छोड़ती रही थी
अमित ,--अब बोलो की ये तो दर्द की वजह से मूत निकल गया इसलिए भीग गयी फिर उसने पेंटी को उल्टा कर के चुत के सामने के हिस्से को नाक पर लगाकर सूंघने लगा और जैसे ही चाटने को हुआ मेने झपट कर पेंटी छीन ली
में ,--अब यार कोई पराया पुरुष इस तरह से छुयेगा तो ये तो होगा ही
अमित ,--रेखा मुझे अब ये बताओ कि तुम माफी मांग रही हो या में जाऊं
मैं, -ठीक है चलो में सॉरी बोल देती हुँ
अमित ,--अब खाली सॉरी से काम नही चलेगा
मै,---तो
अमित ,-- तुमको काका को खुश करना पड़ेगा
में ,--मतलब
अमित ,--मतलब जिस तरह का व्यवहार तुमने किया है उसके लिए तुमको कुछ इस प्रकार से माफी मांगनी पड़ेगी की काका को दुबारा बुलाने से दौड़कर आये
में ,-में समझी नही
अमित ,--सीधी सी बात है काका को अगर लगेगा कि तूने जितनी बड़ी गलती की है उस से ज्यादा तुम शर्मिंदा हो और साथ मे जिस चीज को छूने से उसको मज़ा आ रहा था उसका मज़ा तुमने खराब कर दिया और वो मज़ा उनको वापस मिल जाएगा इसलिए अब ऐसा कुछ करो कि वो पुरानी बातें भूलकर नई उम्मीद से यहां आने की सोचे
में ,--लेकिन ऐसा क्या कर सकती हूं में
अमित ,--तुम उसको बोलो की थोड़े हाथ की भी मसाज कर दे
में ,--तुम पागल हो क्या अगर उसने हाथ के साथ किसी और जगह पर छुआ तो
अमित ,--तो क्या हो जाएगा क्या मेंरे अलावा तुमको किसी ने छुआ नही क्या
में ,--मेने कब कहा नही छुआ पर इस से तुमको बुरा नही लगेगा
अमित ,--क्यों कल कमला मेरी मसाज कर रही थी तब तुमको बुरा लगा था क्या
में ,--पर वो औरत थी अब तुम मुझे किसी पुरुष को छूने की बोल रहे हो और कमला तुम्हारी मसाज कर रही थी तो तुम को अच्छा महसूस हो रहा था
अमित ,-पहली बात तो तुम गलत बोल रही हो कि सिर्फ मुझे ही अच्छा लग रहा था तुम भी मसाज देखकर पूरी गरम हो चुकी थी तभी तुम्हारी चुत पूरी तैयार थी और सिर्फ कुछ टाइम में चुद के झड़ गयी थी इसका मतलब तुम उस समय सोफे पर बैठकर जरूर अंगुली कर रही थी दूसरी बात जो तुम बोल रही हो कमला औरत थी और काका मर्द है तो में तुम को क्लियर कर देना चाहता हूँ कि मज़ा लेने का ठेका सिर्फ मर्द का ही नही औरत का भी होना चाहिए
अगर मर्द का हाथ तुमको लगने से पेंटी गीली हुई है तो इसका मतलब तुम्हे भी मज़ा आ रहा था इसलिए ये बेकार के तर्क देना बंद करो
मैं,--पर....
अमित ,--अब ये पर छोड़ो और चल के माफी मांग लो और उस बिचारे गरीब को थोड़ा सा मज़ा ले लेने दो।
फिर वो मेरा हाथ पकड़कर हॉल में ले जाने लगा तो में बोली तुम चलो में मुतकर आती हूँ
अमित ने सुना तो उसके चेहरे पर मुस्कान आ गयी और मेरे गाल पा किस करके बोला ,--I love You