29-07-2020, 01:20 PM
“हाँ मैंने भी और तुम्हारी भांजी कीर्ति ने भी और तुम्हारी उन दोनों रांडों ने भी.” रांडों का नाम सुनते ही मामाजी और एक्साइट हो गया और दनादन उसको चोदने लगा. विजय भी उनकी चुदाई और बातें सुनकर काफी एक्साइट हो गया था और अपना लंड पेंट के ऊपर से ही मसलने लगा. दृष्टि ने अपनी दोनों टांगें उठा कर मामा की पीठ के पीछे लॉक कर ली थे इससे उसे मामा का लंड पूरी तरह से अन्दर लेने का मजा मिला रहा था. मामा के तो इस शादी में वारे न्यारे हो गये थे वो दनादन दृष्टि को चोद रहा था और सोच रहा था की उस सुष्मिता की एक बार और मिल जाती तो मजा आ जाता. उनकी चुदाई पूरी होते ही मामा का फ़ोन बजने लगा, फ़ोन पर बात करते ही मामा ने जल्दी से कपडे पहने और दृष्टि को बोला
“तुम रुको मैं थोड़ी देर में आता हूँ. दरवाजा बंद रखना जब मैं आऊंगा तो पहले तुम्हे कॉल करूँगा.”
विजय उसकी जल्दबाजी देख कर बाहर के हॉल में मौजूद टॉयलेट में घुस गया. मामा जल्दी से बाहर निकल गया और दरवाजा फिर से आटोमेटिक लॉक हो गया. विजय का लंड फुफकारे मार रहा था कमरे में दृष्टि नंगी पड़ी थी. साला इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा’ ये सोच कर विजय बाहर आया और मुस्कुराते हुए कमरे में दाखिल हुआ. दृष्टि टिश्यू पेपर से अपनी चूत साफ़ कर रही थी. विजय को देखते ही उसकी चीख निकल गयी. विजय अपने मोबाइल से उसका नंगा विडियो बनाते हुए आगे बड़ा
“भैया ये आप क्या कर रहे है.”
“इस प्यारी सी लड़की की जो अभी अभी अपने पापा की उम्र की आदमी से चुद कर हटी है उसकी विडियो बना रहा हूँ. हा हा हा.” विजय ने विडियो बंद कर उसके एक दो स्नेप खींचे और फ़ोन जेब में रख लिया.
“भैया प्लीज आप चले जाओ, अंकल आ जायेंगे अभी.”
“तो क्या करेगा वो अंकल”, विजय को अपने पर विश्वास नहीं हो रहा था की वो कितने कमीनेपन पर उतर आया था.
“वैसे मैंने सुना था की वो आने से पहले कॉल करेगा और ये दरवाजा जब तक अन्दर से नहीं खोलोगी, नहीं खुलेगा. वैसे तुम्हारा सब कुछ खुला है बाकि मुझे ही कपडे उतारने है हा हा हा. विजय देखते ही देखते नंगा हो गया और बिस्तर पर कूद कर दृष्टि को चूमने लगा. दस मिनट के अंतराल पर उस पर दूसरा मर्द चढ़ गया था. किसी रंडी से कम वो बिलकुल ना थी. जब उसने देखा की उसके विरोध करने का कोई मतलब नहीं है तो उसने ख़ुद ही आगे बड कर विजय के होठों को जोर से चूसना शुरू कर दिया. दृष्टि अभी थोड़ी देर पहले ही चुदी थी लिहाजा उसके शरीर में उस वक़्त उतनी उत्तेजना नहीं थी इसलिए उसने अपनी हरकतों से विजय को इतना उत्तेजित कर दिया की अपने लंड प्रवेश करके विजय कुल जमा पांच धक्के ही मार पाया और उसका वीर्य दृष्टि की चूत में टपकने लगा और वो अपना मुह उसके दोनों बूब्स के बीच घुसा कर हांफने लगा. दृष्टि ने उसके बालों पर हाथ फिराते हुए बड़े प्यार से उसे जलील करना शुरू किया.
“भैया अगर सुरभि भाभी के साथ आप ऐसे ही सेक्स करते हो तो संभल जाओ. उनकी सेक्स अपील मुझ से कहीं ज्यादा है और अगर उन्हें मामाजी जैसा rowdy गंवार मिल गया न तो उनसे चुदने के बाद आपके पास भी नहीं आएँगी वो.” विजय शर्मसार हो चुका था फिर भी बोला
“वो मैं काफी देर से तुम्हारी चुदाई देख रहा था इसलिए ज्यादा एक्साइट हो गया था.”
“आई अंडरस्टैंड, पर मैंने जो कहा बिलकुल सच है. आपने तो सुन ही लिया होगा की कल सुष भाभी को अंकल ने मस्त रगडा था. और आपकी बीवी के बारे में भी मामा के यही ख्याल है.”
“मेरे रहते वो ऐसा नहीं कर सकता.”
“हाँ वो तो मैं जानती हूँ, पर कभी न कभी तो सुरभि भाभी को पता चलेगा न की उन्हें वो मजा नहीं मिल रहा जिसकी वो हकदार है. हो सकता है उन्हें पता चल भी चुका हो. अगर वो ख़ुद दुसरे के पास जाना चाहे तो.” दृष्टि ने उसे फिर टीज किया पर इस बार उसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी क्योंकि विजय ने उसकी चूची को मुह में भर रखा था उस पर जोर से दांत गडा दिए.
“आओउच क्या कर रहे हो भैया जानवर हो क्या?”
“सॉरी ऐसे ही गुस्सा आ गया था.” विजय ने उसके होठों को चूमते हुए कहा.
“पर मैं जानता हूँ सुरभि को, वो बिलकुल ऐसी नहीं है.”
“मैं जानती हूँ पर क्या जो सुरभि का स्टेज डांस था वो आपने इससे पहले कभी सोचा था.”
“न न नहीं.” विजय के माथे पर कल डांस प्रोग्राम को याद करके पसीना आ गया.
“एक्सक्ट्ली , जब उन्हें खुला वातावरण मिलेगा उनके अन्दर की सेक्सी भूखी औरत जरूर बाहर आएगी. आई गारंटी.” दृष्टी ने उसे फिर चेता दिया, इस बार विजय सोच में पड़ गया. वो धीरे से उठा और अपने कपडे पहनने लगा. उसने दृष्टि से पुछा
“ये बताओ कल रात सुरभि को मिसेज रहेजा ने अपने रूम में क्यों बुलाया था.”
“मुझे क्या पता, आप मिसेज रहेजा या ख़ुद सुरभि भाभी से ही पूछ लेना.” दृष्टि ने उसे आँख मारी. वो अभी भी बेशर्मों की तरह बिस्तर पर नंगी पड़ी थी.
doston comments karte rehna..
story sahi ja rahi hai ya bhatak gayi hai bataa dena....
waiting for your comments......
“तुम रुको मैं थोड़ी देर में आता हूँ. दरवाजा बंद रखना जब मैं आऊंगा तो पहले तुम्हे कॉल करूँगा.”
विजय उसकी जल्दबाजी देख कर बाहर के हॉल में मौजूद टॉयलेट में घुस गया. मामा जल्दी से बाहर निकल गया और दरवाजा फिर से आटोमेटिक लॉक हो गया. विजय का लंड फुफकारे मार रहा था कमरे में दृष्टि नंगी पड़ी थी. साला इससे अच्छा मौका नहीं मिलेगा’ ये सोच कर विजय बाहर आया और मुस्कुराते हुए कमरे में दाखिल हुआ. दृष्टि टिश्यू पेपर से अपनी चूत साफ़ कर रही थी. विजय को देखते ही उसकी चीख निकल गयी. विजय अपने मोबाइल से उसका नंगा विडियो बनाते हुए आगे बड़ा
“भैया ये आप क्या कर रहे है.”
“इस प्यारी सी लड़की की जो अभी अभी अपने पापा की उम्र की आदमी से चुद कर हटी है उसकी विडियो बना रहा हूँ. हा हा हा.” विजय ने विडियो बंद कर उसके एक दो स्नेप खींचे और फ़ोन जेब में रख लिया.
“भैया प्लीज आप चले जाओ, अंकल आ जायेंगे अभी.”
“तो क्या करेगा वो अंकल”, विजय को अपने पर विश्वास नहीं हो रहा था की वो कितने कमीनेपन पर उतर आया था.
“वैसे मैंने सुना था की वो आने से पहले कॉल करेगा और ये दरवाजा जब तक अन्दर से नहीं खोलोगी, नहीं खुलेगा. वैसे तुम्हारा सब कुछ खुला है बाकि मुझे ही कपडे उतारने है हा हा हा. विजय देखते ही देखते नंगा हो गया और बिस्तर पर कूद कर दृष्टि को चूमने लगा. दस मिनट के अंतराल पर उस पर दूसरा मर्द चढ़ गया था. किसी रंडी से कम वो बिलकुल ना थी. जब उसने देखा की उसके विरोध करने का कोई मतलब नहीं है तो उसने ख़ुद ही आगे बड कर विजय के होठों को जोर से चूसना शुरू कर दिया. दृष्टि अभी थोड़ी देर पहले ही चुदी थी लिहाजा उसके शरीर में उस वक़्त उतनी उत्तेजना नहीं थी इसलिए उसने अपनी हरकतों से विजय को इतना उत्तेजित कर दिया की अपने लंड प्रवेश करके विजय कुल जमा पांच धक्के ही मार पाया और उसका वीर्य दृष्टि की चूत में टपकने लगा और वो अपना मुह उसके दोनों बूब्स के बीच घुसा कर हांफने लगा. दृष्टि ने उसके बालों पर हाथ फिराते हुए बड़े प्यार से उसे जलील करना शुरू किया.
“भैया अगर सुरभि भाभी के साथ आप ऐसे ही सेक्स करते हो तो संभल जाओ. उनकी सेक्स अपील मुझ से कहीं ज्यादा है और अगर उन्हें मामाजी जैसा rowdy गंवार मिल गया न तो उनसे चुदने के बाद आपके पास भी नहीं आएँगी वो.” विजय शर्मसार हो चुका था फिर भी बोला
“वो मैं काफी देर से तुम्हारी चुदाई देख रहा था इसलिए ज्यादा एक्साइट हो गया था.”
“आई अंडरस्टैंड, पर मैंने जो कहा बिलकुल सच है. आपने तो सुन ही लिया होगा की कल सुष भाभी को अंकल ने मस्त रगडा था. और आपकी बीवी के बारे में भी मामा के यही ख्याल है.”
“मेरे रहते वो ऐसा नहीं कर सकता.”
“हाँ वो तो मैं जानती हूँ, पर कभी न कभी तो सुरभि भाभी को पता चलेगा न की उन्हें वो मजा नहीं मिल रहा जिसकी वो हकदार है. हो सकता है उन्हें पता चल भी चुका हो. अगर वो ख़ुद दुसरे के पास जाना चाहे तो.” दृष्टि ने उसे फिर टीज किया पर इस बार उसकी कीमत उसे चुकानी पड़ी क्योंकि विजय ने उसकी चूची को मुह में भर रखा था उस पर जोर से दांत गडा दिए.
“आओउच क्या कर रहे हो भैया जानवर हो क्या?”
“सॉरी ऐसे ही गुस्सा आ गया था.” विजय ने उसके होठों को चूमते हुए कहा.
“पर मैं जानता हूँ सुरभि को, वो बिलकुल ऐसी नहीं है.”
“मैं जानती हूँ पर क्या जो सुरभि का स्टेज डांस था वो आपने इससे पहले कभी सोचा था.”
“न न नहीं.” विजय के माथे पर कल डांस प्रोग्राम को याद करके पसीना आ गया.
“एक्सक्ट्ली , जब उन्हें खुला वातावरण मिलेगा उनके अन्दर की सेक्सी भूखी औरत जरूर बाहर आएगी. आई गारंटी.” दृष्टी ने उसे फिर चेता दिया, इस बार विजय सोच में पड़ गया. वो धीरे से उठा और अपने कपडे पहनने लगा. उसने दृष्टि से पुछा
“ये बताओ कल रात सुरभि को मिसेज रहेजा ने अपने रूम में क्यों बुलाया था.”
“मुझे क्या पता, आप मिसेज रहेजा या ख़ुद सुरभि भाभी से ही पूछ लेना.” दृष्टि ने उसे आँख मारी. वो अभी भी बेशर्मों की तरह बिस्तर पर नंगी पड़ी थी.
doston comments karte rehna..
story sahi ja rahi hai ya bhatak gayi hai bataa dena....
waiting for your comments......