29-07-2020, 01:15 PM
प्रोग्राम ख़तम होने के बाद रहेजा ने सबको निर्देश दिए को वो लोग लंच करके अपने अपने रूम में आराम करें , शाम ७ बजे तक रेडी हो कर नीचे आ जायें क्योंकि ७.३० बजे तक बरात आ जाएगी. विजय और अपने दुसरे मुलाजिमों को उसने दुसरे होटल में जहां बाराती ठहरे हुए थे उनका लंच का इंतजाम देखने के लिए भेज दिया. विजय को भेजने का उसका एक और मकसद था की अगर सुरभि के साथ कोई मौका मिल जाए तो कम से कम विजय की ओर से कोई अड़चन न हो. सुरभि, सुष्मिता और मिस्टर एंड इसेज मुखर्जी अपने रूम की तरफ बड चले क्योंकि उनका लंच रूम में ही सर्व होने वाला था. जब सुरभि अपने रूम का दरवाजा खोलने लगी तो सुष्मिता बोली
“सुरभि तुम अकेले रूम में क्या करोगी हमारे रूम पर ही आ जयो साथ में लंच करते है.” सुरभि कुछ बोलती इससे पहले ही मिस्टर मुखर्जी भी बोले
“हाँ यही ठीक रहेगा अगर विजय आ जायेगा तो अपने रूम में आ जाना, उसे कॉल करके बता दो.” सुरभि को भी यही ठीक लगा उसने विजय को कॉल करके बता दिया. विजय को भी रहत मिली की सुरभि अकेली बोर नहीं होगी. वे लोग रूम में आ गए और थोड़ी देर बाद वो अपना लंच ख़तम कर चुके थे. वो एक वीआईपी सुईट था जिसमे अन्दर दो बेडरूम और एक लिविंग रूम था. वो सुरभि वाले रूम की तरह ही था जिसमे एक ओर छोटा सा वाटर पूल भी था. लिविंग रूम में एक छोटा बार स्टोरेज भी था जिसमे कई तरह की महंगी शराब रखी हुई थी. वे लोग लंच ख़तम करके चुके ही थे की दरवाजे पर दस्तक हुई. खोला तो मिसेज रहेजा थी. वो मिसेज मुखर्जी को लेने आई थी उनकी हेल्प के लिए. वो सुरभि को देख कर बोली
“अरे तुम भी यहाँ हो अच्छा हुआ मैं अभी तुम्हारे पास ही आने वाली थी. वो उस रूम की चाभी मुझे दे दो कीर्ति का सामान नीचे वाले रूम में ले जा रही हूँ उसके बाद चाभी तुम्हे भिजवा दूंगी. सुरभि ने चाबी देते हुए सर हिलाया. मिस्टर मुखर्जी बोले
“अरे आराम से अभी तो सुरभि यहीं है न.”
“हाँ ओके भाईसाब.” बोल कर मिसेज रहेजा तेजी से मिसेज मुखर्जी को ले कर निकल गयी. सुष्मिता बोली
“आज उनकी बेटी की शादी है वे ऐसे ही बिजी रहने वाली है.” मुखर्जी थोड़ी देर में अन्दर जा कर चेंज करके आ गया उसने अब टी शर्ट और बरमूडा पहन लिया था आकर बोला
“सुष बेटी तुम भी चेंज कर लो और सुरभि को भी कुछ दे दो जिससे वो भी आराम कर ले.”
“हाँ बाबा पर मेरे तो कपडे आ गए है पर सुरभि के कपडे तो उसके रूम में है जिसकी चाभी आंटी ले गयी.”
“अरे बेटा तुम अपने पहन लो और सुरभि को वो सुबह तुमने पहने थे वो वाले दे दो कम से कम ये साड़ी पहन कर कैसे आराम करेगी.” मुखर्जी बड़ी चालाकी से सुरभि को वो सेक्सी शोर्ट पहनाना चाहता था जिसमे उसकी ख़ुद की बहु बम लग रही थी. सुरभि को भी सुष्मिता उस सेक्सी शोर्ट में बड़ी सेक्सी लग रही थी उसे बड़ी जलन भी हो रही थी जब लोग उसकी बजाय सुष्मिता की ओर ज्यादा तवज्जो दे रहे थे. अब जबकि मुखर्जी ने उसे उस शोर्ट को पहनने के लिए कहा तो उसने कोई ऐतराज नहीं किया थोड़ी देर में वो दोनों चेंज करके लिविंग रूम में आ गए जहाँ मुखेर्जी काउच पर अधलेटा सिगरेट पी रहा था. सुरभि की गांड पर वो सेक्सी शोर्ट और भी गजब ढा रहा था और वो टाइट टी शर्ट उसकी नाभि को कवर नहीं कर पा रही थी. आज सुरभि ने ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए उसके निप्पल्स एकदम साफ़ नजर आ रहे थे. मुख़र्जी ने जब देखा तो तुरंत उसके लंड ने हलचल मचा दी पर उसने ऐसे बिहेव किया जैसे कोई ख़ास बात नहीं थी.
“तुम लोगों को सोना है तो अन्दर सो जाओ.” हालाँकि वो बिलकुल नहीं चाहता था की वो दोनों इस वक़्त अन्दर जाएँ पर फिर भी उसने कहा
“अभी नींद नहीं आ रही बाबा थोड़ी देर बाद देखते है.” सुष्मिता ने स्कर्ट और टॉप पहना था जो वो अक्सर घर पर अपने बेडरूम में पहनती थी पर कल के बाद उसकी झिझक अपने सुसर से ख़तम हो गयी थी इसलिए उसने आज भी वो ही पहन लिया
वो लोग भी मुख़र्जी के पास वाले काउच पर बैठ गये और टीवी देखने लगे. मुख़र्जी सिगरेट का धुंआ उड़ा रहा था और बीच बीच में अपनी बहु और सुरभि की नंगी जांघो को ताड़ता जा रहा था.
तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और मुख़र्जी ने दरवाजा खोला तो धर्मेश और विनोद थे जिनको चाबी ले कर मिसेज रहेजा ने भेजा था. मुखेर्जी उनको जानता था इसलिए उसने दोनों को अन्दर बुला लिया. उन दोनों को देख कर सुष्मिता और सुरभि दोनों ही थोडा बैचैन हो उठे क्योंकि वो लोग इतनी सेक्सी ड्रेस में बैठे थे. एक पल के लिए धर्मेश और विनोद दोनों की उनको इतनी सेक्सी ड्रेस में देख कर लार टपकने लगी थी पर दोनों ही इस मामले में बहुत स्मार्ट थे इसलिए उन्होंने अपने आपको नार्मल करते हुए दोनों को विश किया और उनके सामने वाले काउच पर बैठ गए. धर्मेश ने उठ कर सुरभि को चाभी देते हुए कहा
“बुआजी ने चाबी दी है और कहा है किसी चीज की जरूरत हो तो आप मुझे बता दें.”
“नहीं और कुछ नहीं.. थैंक यू.”
“अंकल जी हमने नया ग्रुप यू tube पर डाला है में आपको sms करता हूँ सब्सक्राइब कर लेना.”
“अरे नया क्यों बना लेते हो बार बार.”
“अरे अंकल जी आप तो जानते है न हमारे विडियो थोड़े एडल्ट होते है तो हर तीन चार महीने में यू tube वाले हमारे ग्रुप को ब्लाक कर देते है तब तक हम दूसरा तैयार कर लेते हैं.”
“तुम लोग ख़ुद एडल्ट तो हो चुके हो ना जो अभी से एडल्ट फिल्मे बनाते हो.” सुरभि ने बोला तो सुष्मिता भी हंस पड़ी. पर धर्मेश और विनोद नाराज होने की बजाये खुश हो गए की उनको अब बात शुरू करने का मौका मिल गया था.
“अरे भाभी जी एडल्ट हुए तो हमें कई साल हो गए. पर आपको पता नहीं हम लोगों को इतना पैसा शादी के एल्बम बना कर नहीं मिलता उससे कई गुना हमारा इसका टर्नओवर है.” “टर्नओवर” तो उसने ऐसे बोला जैसे उसकी बहुत बड़ी स्टार्ट अप कंपनी हो.
“अच्छा मतलब क्या तुम वो मेरा मतलब है.. ब्लू फिल्म..बनाते हो.” सुरभि ने बहुत हिम्मत जुटते हुए कहा
“अरे नहीं बेटी इनकी फिल्में तो काफी अच्छी होती है बस थोड़ी सेक्सी होती है और केवल 5 से 10 मिनट की होती है.”
“अच्छा..” सुरभि ने चूँकि ऐसी कोई मूवी नहीं देखी थी इसलिए उसे विश्वास नहीं हुआ था. धर्मेश ने अपनी एक सेक्सी मूवी यू तुबे खोल कर चलाई ये उसकी स्टार्टिंग वाली मूवी थी जिसमे एक्सपोज़र तो कम था पर वो एक पति पत्नी के हनीमून रोमांस की स्टोरी थी.
“सुरभि तुम अकेले रूम में क्या करोगी हमारे रूम पर ही आ जयो साथ में लंच करते है.” सुरभि कुछ बोलती इससे पहले ही मिस्टर मुखर्जी भी बोले
“हाँ यही ठीक रहेगा अगर विजय आ जायेगा तो अपने रूम में आ जाना, उसे कॉल करके बता दो.” सुरभि को भी यही ठीक लगा उसने विजय को कॉल करके बता दिया. विजय को भी रहत मिली की सुरभि अकेली बोर नहीं होगी. वे लोग रूम में आ गए और थोड़ी देर बाद वो अपना लंच ख़तम कर चुके थे. वो एक वीआईपी सुईट था जिसमे अन्दर दो बेडरूम और एक लिविंग रूम था. वो सुरभि वाले रूम की तरह ही था जिसमे एक ओर छोटा सा वाटर पूल भी था. लिविंग रूम में एक छोटा बार स्टोरेज भी था जिसमे कई तरह की महंगी शराब रखी हुई थी. वे लोग लंच ख़तम करके चुके ही थे की दरवाजे पर दस्तक हुई. खोला तो मिसेज रहेजा थी. वो मिसेज मुखर्जी को लेने आई थी उनकी हेल्प के लिए. वो सुरभि को देख कर बोली
“अरे तुम भी यहाँ हो अच्छा हुआ मैं अभी तुम्हारे पास ही आने वाली थी. वो उस रूम की चाभी मुझे दे दो कीर्ति का सामान नीचे वाले रूम में ले जा रही हूँ उसके बाद चाभी तुम्हे भिजवा दूंगी. सुरभि ने चाबी देते हुए सर हिलाया. मिस्टर मुखर्जी बोले
“अरे आराम से अभी तो सुरभि यहीं है न.”
“हाँ ओके भाईसाब.” बोल कर मिसेज रहेजा तेजी से मिसेज मुखर्जी को ले कर निकल गयी. सुष्मिता बोली
“आज उनकी बेटी की शादी है वे ऐसे ही बिजी रहने वाली है.” मुखर्जी थोड़ी देर में अन्दर जा कर चेंज करके आ गया उसने अब टी शर्ट और बरमूडा पहन लिया था आकर बोला
“सुष बेटी तुम भी चेंज कर लो और सुरभि को भी कुछ दे दो जिससे वो भी आराम कर ले.”
“हाँ बाबा पर मेरे तो कपडे आ गए है पर सुरभि के कपडे तो उसके रूम में है जिसकी चाभी आंटी ले गयी.”
“अरे बेटा तुम अपने पहन लो और सुरभि को वो सुबह तुमने पहने थे वो वाले दे दो कम से कम ये साड़ी पहन कर कैसे आराम करेगी.” मुखर्जी बड़ी चालाकी से सुरभि को वो सेक्सी शोर्ट पहनाना चाहता था जिसमे उसकी ख़ुद की बहु बम लग रही थी. सुरभि को भी सुष्मिता उस सेक्सी शोर्ट में बड़ी सेक्सी लग रही थी उसे बड़ी जलन भी हो रही थी जब लोग उसकी बजाय सुष्मिता की ओर ज्यादा तवज्जो दे रहे थे. अब जबकि मुखर्जी ने उसे उस शोर्ट को पहनने के लिए कहा तो उसने कोई ऐतराज नहीं किया थोड़ी देर में वो दोनों चेंज करके लिविंग रूम में आ गए जहाँ मुखेर्जी काउच पर अधलेटा सिगरेट पी रहा था. सुरभि की गांड पर वो सेक्सी शोर्ट और भी गजब ढा रहा था और वो टाइट टी शर्ट उसकी नाभि को कवर नहीं कर पा रही थी. आज सुरभि ने ब्रा भी नहीं पहनी थी इसलिए उसके निप्पल्स एकदम साफ़ नजर आ रहे थे. मुख़र्जी ने जब देखा तो तुरंत उसके लंड ने हलचल मचा दी पर उसने ऐसे बिहेव किया जैसे कोई ख़ास बात नहीं थी.
“तुम लोगों को सोना है तो अन्दर सो जाओ.” हालाँकि वो बिलकुल नहीं चाहता था की वो दोनों इस वक़्त अन्दर जाएँ पर फिर भी उसने कहा
“अभी नींद नहीं आ रही बाबा थोड़ी देर बाद देखते है.” सुष्मिता ने स्कर्ट और टॉप पहना था जो वो अक्सर घर पर अपने बेडरूम में पहनती थी पर कल के बाद उसकी झिझक अपने सुसर से ख़तम हो गयी थी इसलिए उसने आज भी वो ही पहन लिया
वो लोग भी मुख़र्जी के पास वाले काउच पर बैठ गये और टीवी देखने लगे. मुख़र्जी सिगरेट का धुंआ उड़ा रहा था और बीच बीच में अपनी बहु और सुरभि की नंगी जांघो को ताड़ता जा रहा था.
तभी दरवाजे पर नॉक हुआ और मुख़र्जी ने दरवाजा खोला तो धर्मेश और विनोद थे जिनको चाबी ले कर मिसेज रहेजा ने भेजा था. मुखेर्जी उनको जानता था इसलिए उसने दोनों को अन्दर बुला लिया. उन दोनों को देख कर सुष्मिता और सुरभि दोनों ही थोडा बैचैन हो उठे क्योंकि वो लोग इतनी सेक्सी ड्रेस में बैठे थे. एक पल के लिए धर्मेश और विनोद दोनों की उनको इतनी सेक्सी ड्रेस में देख कर लार टपकने लगी थी पर दोनों ही इस मामले में बहुत स्मार्ट थे इसलिए उन्होंने अपने आपको नार्मल करते हुए दोनों को विश किया और उनके सामने वाले काउच पर बैठ गए. धर्मेश ने उठ कर सुरभि को चाभी देते हुए कहा
“बुआजी ने चाबी दी है और कहा है किसी चीज की जरूरत हो तो आप मुझे बता दें.”
“नहीं और कुछ नहीं.. थैंक यू.”
“अंकल जी हमने नया ग्रुप यू tube पर डाला है में आपको sms करता हूँ सब्सक्राइब कर लेना.”
“अरे नया क्यों बना लेते हो बार बार.”
“अरे अंकल जी आप तो जानते है न हमारे विडियो थोड़े एडल्ट होते है तो हर तीन चार महीने में यू tube वाले हमारे ग्रुप को ब्लाक कर देते है तब तक हम दूसरा तैयार कर लेते हैं.”
“तुम लोग ख़ुद एडल्ट तो हो चुके हो ना जो अभी से एडल्ट फिल्मे बनाते हो.” सुरभि ने बोला तो सुष्मिता भी हंस पड़ी. पर धर्मेश और विनोद नाराज होने की बजाये खुश हो गए की उनको अब बात शुरू करने का मौका मिल गया था.
“अरे भाभी जी एडल्ट हुए तो हमें कई साल हो गए. पर आपको पता नहीं हम लोगों को इतना पैसा शादी के एल्बम बना कर नहीं मिलता उससे कई गुना हमारा इसका टर्नओवर है.” “टर्नओवर” तो उसने ऐसे बोला जैसे उसकी बहुत बड़ी स्टार्ट अप कंपनी हो.
“अच्छा मतलब क्या तुम वो मेरा मतलब है.. ब्लू फिल्म..बनाते हो.” सुरभि ने बहुत हिम्मत जुटते हुए कहा
“अरे नहीं बेटी इनकी फिल्में तो काफी अच्छी होती है बस थोड़ी सेक्सी होती है और केवल 5 से 10 मिनट की होती है.”
“अच्छा..” सुरभि ने चूँकि ऐसी कोई मूवी नहीं देखी थी इसलिए उसे विश्वास नहीं हुआ था. धर्मेश ने अपनी एक सेक्सी मूवी यू तुबे खोल कर चलाई ये उसकी स्टार्टिंग वाली मूवी थी जिसमे एक्सपोज़र तो कम था पर वो एक पति पत्नी के हनीमून रोमांस की स्टोरी थी.