29-07-2020, 01:06 PM
सबसे नीरस रात अगर किसी की गुजरी थी तो विजय के अलावा मिस्टर मुख़र्जी थे. वो सिर्फ अपनी बहु की पेंटी अपनी जेब में रख कर एक बार उसके नाम की मुठ मार कर ही खुश थे. डाइनिंग हाल में उनको आनंद आ गया जब उन्होंने देखा की उनकी बहु सुष्मिता एक टाइट सी टी शर्ट जो की उनको उसके नाभि दर्शन करवा रही थी और उससे भी ज्यादा टाइट शोर्ट में जिसमे उसका ऊपर का बटन कभी भी टूट सकता था पहेन कर आई थी. कीर्ति की पास जो था उसने दे दिया था. वाकई उसकी चाल उसमे गजब की लग रही थी. रहेजा ने भी अपने लंड को हल्का सा सहला ही दिया जब सुष्मिता अपनी गांड को लचकाती हुई उसके सामने से गुजरी. उसके मुकाबले सुरभि टाइट टी शर्ट और कैपरी में काफी सेक्सी होते हुए भी डिसेंट लग रही थी. कीर्ति और दृष्टि भी टी शर्ट और शॉर्ट्स में ही थी हालाँकि इन सेक्सी बहुओं के सामने उनका यंग यौवन फीका पड़ रहा था. मिसेज रहेजा जो हमेशा की तरह शानदार साड़ी में शानदार लग रही थी बोली
“कीर्ति तुम दृष्टि, सुष्मिता और सुरभि के साथ सैलून चले जाना और १२ बजे से पहले आ जाना हल्दी और जो भी रस्मे हैं वो आफ्टरनून में होंगी. लंच के बाद सैलून का स्टाफ यही आएगा तुम चारों मेहँदी वगेरह लगवा लेना और वो लोग तुम सबको यहीं रेडी करेंगे.”
“सबने सर हिलाया.” सुरभि और सुष्मिता को तो ये सोच कर ख़ुशी हो रही थी की कीर्ति के साथ साथ उनको भी फ़ोकट में एक फाइव स्टार सैलून की सेवाएँ मिल जाएँगी.
उधर मामाजी को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था की उसने इस नकचड़ी बंगालन को रगड़ रगड़ कर चोद दिया था. वो बड़ी ही गहरी नजरों से सुष्मिता को ताड़े जा रहा था. सुष्मिता की जब उससे आँखें मिली तो उसने आँखें शर्म से झुका ली. वो अपने आप को कोस रही थी की कैसे वो इस कुत्ते के झांसे में आ गयी कैसे उसने बड़े आराम से उससे चुदवा लिया था. जब उसे उस मोबाइल क्लिप का ध्यान आया तो वो सिहर उठी. ‘अगर वो क्लिप उसके मम्मी पापा के हाथ लग गयी तो? ये लोग तो फिर भी फॉरवर्ड हैं पर उसका पति, वो तो बहुत ही नैरो माइंडेड है. अगर ये मामा उसे ब्लैक मेल करेगा तो वो क्या करेगी.’ सुरभि सर झुका कर चिंतित अवस्था में नाश्ता करने लगी.
तभी रूम में हलचल सी मच गयी. कीर्ति की मामी यानि मामा की वाइफ अपने बेटे के साथ वहां आ गयी थी. वे लोग रहेजा फॅमिली के स्तर के नहीं थे पर चूँकि लड़की के मामा थे उनको बुलाना जरूरी था मिसेज रहेजा अपने भाई को तो पसंद करती थी पर उनकी पत्नी और उनके बेटे को बिलकुल नहीं इस पर उसने देखा की उनका बेटा धर्मेश अपने दोस्त विनोद को भी साथ ले कर आया था. धर्मेश अपने बाप यानी कीर्ति के मामा से भी लम्पट गिरी में दो कदम आगे था और विनोद बिलकुल उसी की परछाई था. एक बार किसी रिश्तेदार की डेथ पर मिसेज रहेजा को गाँव जाना पड़ा तो उन दोनों ने वहां गलती से मिसेज रहेजा को पूरा नंगा देख लिया था. और मिसेज रहेजा ने उनको उसे देखते हुए देख लिया था. इस बात का धर्मेश ने तो कभी जिक्र नहीं किया था पर विनोद मिसेज रहेजा से फ़्लर्ट करने का कोई मौका नहीं चुकता था. आज दो सालों बाद भी विनोद ने आते ही मिसेज रहेजा को देखा और अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुरा कर उसे बेचैनी से करवट बदलने पर मजबूर कर दिया.
मिसेज रहेजा ने गहरी सांस लेते हुए सोचा
“अब इनको तो झेलना ही पड़ेगा इस शादी में.” सुरभि ने देखा की धर्मेश और विनोद दोनों मुष्टंडे टाइप के लड़के थे उनके चेहरे पर गजब का कॉन्फिडेंस दिख रहा था हालाँकि वो सोच रहे थे की वो लोग काफी महंगे कपडे पहन कर आये है. पर वहां बैठा कोई भी इंसान बता सकता था की वो किसी छोट शहर, कसबे या गाँव से आये थे. बहरहाल उन्होंने ने बारी बारी से सबको नमस्ते या पैर छु कर अभिवादन किया और तुरंत नाश्ते पर टूट पडे. मामी आदतानुसार मिसेज रहेजा से कई प्रकार की शिकायते करने लगी. और दोनों लम्पट दोस्तों ने जो की आमने सामने बैठे हुए थे एक अजीब सा इशारा किया जिसे समझकर दोनों जोर से ठहाका लगा कर हंस पडे. सभी उनकी ओर देख रहे थे. कीर्ति ने पूछा
“क्या हुआ धर्मेश क्यूँ खी खी हो रही है.”
“अरे कुछ नहीं कीर्ति ये अपन यारों की बात है ... लड़कियों वाली नहीं है.” और दोनों फिर से ठहाका मारकर हसने लगे.
“ठीक है तुम लोग जल्दी से नाश्ता कर लो. सुनो..” मिसेज रहेजा ने कार्नर में खड़े एक नौकर को बुलाया और कहा, “ ये लोग नाश्ता कर ले तो इनका सामान होटल में पंहुचा देना इनका रूम इनकी पसंद से ही देना और वहां बोल देना कोई प्रॉब्लम नहीं हो ओके.” नौकर ने सर हिलाया.
“अरे मुझे भी होटल जाना होगा क्या.” मामी शिकायती स्वर में बोली.
“अरे नहीं भाभी आप यही रहोगी, ये तो लड़के है वहाँ एन्जॉय करेंगे और प्रोग्राम तो वेन्यू पर ही होगा वहां तो सभी मौजूद रहेंगे न.”
“ओह फिर ठीक है.” बाकी सबने नाश्ता कर लिया था. मिसेज रहेजा बोली
“कीर्ति , दृष्टि तुम सुरभि और सुष्मिता के साथ निकल जाओ ओके? ड्राईवर श्याम को मालूम है जगह वो छोड़ देगा.” सभी ने सर हिलाया और डाइनिंग रूम से बाहर की ओर चल पडे. रहेजा, मुख़र्जी, मामाजी के साथ अब धर्मेश और विनोद भी चार मटकती ही गांड, थिरकती हुई गांड देख कर ये फैसला करने की कोशिश कर रहे थे की कौन सी गांड ज्यादा मतवाली है. रहेजा ने सुरभि को पहला नंबर दिया, मुखर्जी और मामाजी ने सुष्मिता को. धर्मेश और विनोद तो अभी decide ही नहीं कर पाए थे. एक बात जो दोनों ने इशारे में की थी और वो जिस पर दोनों ने ठहाका लगाया था, वो जरूर दोनों के दिमाग में कन्फर्म हो चुकी थी की ...इस शादी में मजा बहुत आने वाला है.
“कीर्ति तुम दृष्टि, सुष्मिता और सुरभि के साथ सैलून चले जाना और १२ बजे से पहले आ जाना हल्दी और जो भी रस्मे हैं वो आफ्टरनून में होंगी. लंच के बाद सैलून का स्टाफ यही आएगा तुम चारों मेहँदी वगेरह लगवा लेना और वो लोग तुम सबको यहीं रेडी करेंगे.”
“सबने सर हिलाया.” सुरभि और सुष्मिता को तो ये सोच कर ख़ुशी हो रही थी की कीर्ति के साथ साथ उनको भी फ़ोकट में एक फाइव स्टार सैलून की सेवाएँ मिल जाएँगी.
उधर मामाजी को अभी भी यकीन नहीं हो रहा था की उसने इस नकचड़ी बंगालन को रगड़ रगड़ कर चोद दिया था. वो बड़ी ही गहरी नजरों से सुष्मिता को ताड़े जा रहा था. सुष्मिता की जब उससे आँखें मिली तो उसने आँखें शर्म से झुका ली. वो अपने आप को कोस रही थी की कैसे वो इस कुत्ते के झांसे में आ गयी कैसे उसने बड़े आराम से उससे चुदवा लिया था. जब उसे उस मोबाइल क्लिप का ध्यान आया तो वो सिहर उठी. ‘अगर वो क्लिप उसके मम्मी पापा के हाथ लग गयी तो? ये लोग तो फिर भी फॉरवर्ड हैं पर उसका पति, वो तो बहुत ही नैरो माइंडेड है. अगर ये मामा उसे ब्लैक मेल करेगा तो वो क्या करेगी.’ सुरभि सर झुका कर चिंतित अवस्था में नाश्ता करने लगी.
तभी रूम में हलचल सी मच गयी. कीर्ति की मामी यानि मामा की वाइफ अपने बेटे के साथ वहां आ गयी थी. वे लोग रहेजा फॅमिली के स्तर के नहीं थे पर चूँकि लड़की के मामा थे उनको बुलाना जरूरी था मिसेज रहेजा अपने भाई को तो पसंद करती थी पर उनकी पत्नी और उनके बेटे को बिलकुल नहीं इस पर उसने देखा की उनका बेटा धर्मेश अपने दोस्त विनोद को भी साथ ले कर आया था. धर्मेश अपने बाप यानी कीर्ति के मामा से भी लम्पट गिरी में दो कदम आगे था और विनोद बिलकुल उसी की परछाई था. एक बार किसी रिश्तेदार की डेथ पर मिसेज रहेजा को गाँव जाना पड़ा तो उन दोनों ने वहां गलती से मिसेज रहेजा को पूरा नंगा देख लिया था. और मिसेज रहेजा ने उनको उसे देखते हुए देख लिया था. इस बात का धर्मेश ने तो कभी जिक्र नहीं किया था पर विनोद मिसेज रहेजा से फ़्लर्ट करने का कोई मौका नहीं चुकता था. आज दो सालों बाद भी विनोद ने आते ही मिसेज रहेजा को देखा और अर्थपूर्ण ढंग से मुस्कुरा कर उसे बेचैनी से करवट बदलने पर मजबूर कर दिया.
मिसेज रहेजा ने गहरी सांस लेते हुए सोचा
“अब इनको तो झेलना ही पड़ेगा इस शादी में.” सुरभि ने देखा की धर्मेश और विनोद दोनों मुष्टंडे टाइप के लड़के थे उनके चेहरे पर गजब का कॉन्फिडेंस दिख रहा था हालाँकि वो सोच रहे थे की वो लोग काफी महंगे कपडे पहन कर आये है. पर वहां बैठा कोई भी इंसान बता सकता था की वो किसी छोट शहर, कसबे या गाँव से आये थे. बहरहाल उन्होंने ने बारी बारी से सबको नमस्ते या पैर छु कर अभिवादन किया और तुरंत नाश्ते पर टूट पडे. मामी आदतानुसार मिसेज रहेजा से कई प्रकार की शिकायते करने लगी. और दोनों लम्पट दोस्तों ने जो की आमने सामने बैठे हुए थे एक अजीब सा इशारा किया जिसे समझकर दोनों जोर से ठहाका लगा कर हंस पडे. सभी उनकी ओर देख रहे थे. कीर्ति ने पूछा
“क्या हुआ धर्मेश क्यूँ खी खी हो रही है.”
“अरे कुछ नहीं कीर्ति ये अपन यारों की बात है ... लड़कियों वाली नहीं है.” और दोनों फिर से ठहाका मारकर हसने लगे.
“ठीक है तुम लोग जल्दी से नाश्ता कर लो. सुनो..” मिसेज रहेजा ने कार्नर में खड़े एक नौकर को बुलाया और कहा, “ ये लोग नाश्ता कर ले तो इनका सामान होटल में पंहुचा देना इनका रूम इनकी पसंद से ही देना और वहां बोल देना कोई प्रॉब्लम नहीं हो ओके.” नौकर ने सर हिलाया.
“अरे मुझे भी होटल जाना होगा क्या.” मामी शिकायती स्वर में बोली.
“अरे नहीं भाभी आप यही रहोगी, ये तो लड़के है वहाँ एन्जॉय करेंगे और प्रोग्राम तो वेन्यू पर ही होगा वहां तो सभी मौजूद रहेंगे न.”
“ओह फिर ठीक है.” बाकी सबने नाश्ता कर लिया था. मिसेज रहेजा बोली
“कीर्ति , दृष्टि तुम सुरभि और सुष्मिता के साथ निकल जाओ ओके? ड्राईवर श्याम को मालूम है जगह वो छोड़ देगा.” सभी ने सर हिलाया और डाइनिंग रूम से बाहर की ओर चल पडे. रहेजा, मुख़र्जी, मामाजी के साथ अब धर्मेश और विनोद भी चार मटकती ही गांड, थिरकती हुई गांड देख कर ये फैसला करने की कोशिश कर रहे थे की कौन सी गांड ज्यादा मतवाली है. रहेजा ने सुरभि को पहला नंबर दिया, मुखर्जी और मामाजी ने सुष्मिता को. धर्मेश और विनोद तो अभी decide ही नहीं कर पाए थे. एक बात जो दोनों ने इशारे में की थी और वो जिस पर दोनों ने ठहाका लगाया था, वो जरूर दोनों के दिमाग में कन्फर्म हो चुकी थी की ...इस शादी में मजा बहुत आने वाला है.