29-07-2020, 01:00 PM
सुबह जब विजय की नींद खुली तो वो हडबडा कर उठा. ‘अरे उसे तो सुरभि को घर ले कर जाना था ताकि वो फ्रेश हो कर अपने कपडे ला सके आज की शादी के लिए.’
“ओह गॉड सुरभि फिर नाराज हो जाएगी सुबह के ८ बज चुके है.” उसने देखा की उसकी बगल में मामाजी बड़ी आराम से सो रहे है. वो धीरे से उठा और रूम से बाहर आ गया. उसे पता था की सुरभि, सुष्मिता के साथ कीर्ति और दृष्टि के साथ सोई थी. पर लेडीज रूम होने के कारण वो अन्दर नहीं जा सकता था इसलिए उसने धीरे से कीर्ति के रूम को नॉक किया.
“कमाल है आज घर में शादी है और सब सो रहे है. हाँ काम करने के लिए हम जैसे मुलाजिम जो है. बड़े लोगों की बड़ी बातें.” उसने फिर से नॉक किया पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला. तभी उसके पीछे किसी ने हाथ रखा. उसने मुड कर देखा वो मिसेज रहेजा थी.
“क्या हुआ विजय लेडीज को क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो . बेचारी थक कर सोई है सब रात को.”
“वो वो वो .”
“अरे हकला क्यों रहे हो ठीक से बोलो.”
“वो मैडम मैं सुरभि को घर ले जाने के लिए बुला रहा था. मैं उसके मोबाइल पर तीन चार रिंग कर चुका हूँ पर वो उठा नहीं रही है.”
“अरे पर ये सुरभि के घर जाने की बात कहा से आ गयी.”
“वो मैडम सुरभि कोई कपडे नहीं लायी थी इसलिए.”
“तो क्या हुआ... ऐसा करो तुम घर जाओ और सुरभि के कपडे ले कर आ जाना.”
“पर मैडम सुरभि के कौन से कपडे लाने है वो तो वोही बता सकेगी न.”
“अरे तुम उससे फ़ोन पर बात कर लेना इनमे से कोई भी उठ गया तो मैं उसे बता दूंगी. पर सुरभि घर नहीं जायेगी. आज कीर्ति और दृष्टि के साथ सुरभि और सुष्मिता को भी रहना है उसे अच्छे से तैयार करने की जिम्मेदारी भी उसकी है और दिन में हल्दी वाले फंक्शन में भी ये दोनों लेडीज मुझे चाहिए.”
“ओह ठीक है मैडम मैं घर जा कर आता हूँ. अगर सुरभि उठ जाए तो उसे बोल दीजियेगा की मुझे कॉल कर ले.”
“हाँ ठीक है .. और सुनो तुम भी जल्दी आ जाना तुम्हे भी अपने सारे काम कोआर्डिनेट करने है.”
“यस मैडम sure .” विजय असमंजस सी स्थिति में वहां से अपनी गाडी में घर की ओर निकल गया. वो लोग कल ही आये थे पर उसे ऐसा लग रहा था की वो न जाने कितने दिनों से सुरभि से नहीं मिला था. उसे बार बार सुरभि की नाराजगी की फिकर हो रही थी. कैसे उसने सुरभि को
अजनबी लोगों के बीच अकेला छोड़ दिया था.
“उसे जब पता चलेगा की मैं अकेला घर आ गया हूँ तो और गुस्सा हो जाएगी , वो घर आ जाती तो रेस्ट कर लेती और फिर आराम से फ्रेश हो कर तैयार हो कर सीधे शाम को शादी में आती. पर अब उसे मिसेज रहेजा के अंडर में ही रहना पड़ेगा. अरे में उनका एम्प्लोयी हूँ सुरभि थोड़ी है. क्या करूँ एक बार और कॉल करके देखता हूँ.” विजय को सुरभि की बहुत चिंता हो रही थी इसलिए वो गाडी चलाते हुए ही एक बार और सुरभि के मोबाइल पर कॉल लगा देता है.
विजय का रिंग एक बार और देख कर सुरभि का चेहरा फिर सफ़ेद पड़ जाता है. पर तभी वो देखती है की मिसेज रहेजा सामने आती है और उसे फ़ोन उठाने का इशारा करती है.
“हेल्लो..”
“अरे सुरभि कहा हो तुम मैं तुम्हे कब से ढूँढ रहा था.”
“अच्छा आप कहाँ हो.?” सुरभि ने पुछा
“अरे सुरभि आई ऍम सॉरी, वो मिसेज रहेजा ने मुझे जबरदस्ती घर भेज दिया मैं हमारे कपडे लेने घर जा रहा हूँ.
“ओह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह .” सुरभि कराही
“क्या हुआ?”
“कुछ नहीं अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह.” फिर से उसके मुह से आह निकल पड़ी
“सुरभि क्या हुआ ठीक तो हो.”
“म्मम्म हां अआप आःह्ह घर पहुच कर फ़ोन करना अह्ह्ह्ह मेरे पैर में दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह.”
“वो तो होगा ही न कितना डांस किया था तुमने कल.. कोई लोशन लगा लेना ठीक हो जायेगा मैं घर पहुच कर कॉल करता हूँ.”
“ओके..अह्ह्ह्हह्ह.” सुरभि ने कॉल जल्दी से बंद किया क्योंकि वो मिस्टर एंड मिसेज रहेजा के बेड पर नंगी पड़ी हुई थी और रहेजा पीछे से उसकी चूत को चाट रहा था. बीचबीच में वो अपनी ऊँगली से उसकी वर्जिन गांड में घुसने की भी कोशिश कर रहा था जिससे उसके मुह से मादक कराह निकल रही थी.
“ओह गॉड सुरभि फिर नाराज हो जाएगी सुबह के ८ बज चुके है.” उसने देखा की उसकी बगल में मामाजी बड़ी आराम से सो रहे है. वो धीरे से उठा और रूम से बाहर आ गया. उसे पता था की सुरभि, सुष्मिता के साथ कीर्ति और दृष्टि के साथ सोई थी. पर लेडीज रूम होने के कारण वो अन्दर नहीं जा सकता था इसलिए उसने धीरे से कीर्ति के रूम को नॉक किया.
“कमाल है आज घर में शादी है और सब सो रहे है. हाँ काम करने के लिए हम जैसे मुलाजिम जो है. बड़े लोगों की बड़ी बातें.” उसने फिर से नॉक किया पर किसी ने दरवाजा नहीं खोला. तभी उसके पीछे किसी ने हाथ रखा. उसने मुड कर देखा वो मिसेज रहेजा थी.
“क्या हुआ विजय लेडीज को क्यों डिस्टर्ब कर रहे हो . बेचारी थक कर सोई है सब रात को.”
“वो वो वो .”
“अरे हकला क्यों रहे हो ठीक से बोलो.”
“वो मैडम मैं सुरभि को घर ले जाने के लिए बुला रहा था. मैं उसके मोबाइल पर तीन चार रिंग कर चुका हूँ पर वो उठा नहीं रही है.”
“अरे पर ये सुरभि के घर जाने की बात कहा से आ गयी.”
“वो मैडम सुरभि कोई कपडे नहीं लायी थी इसलिए.”
“तो क्या हुआ... ऐसा करो तुम घर जाओ और सुरभि के कपडे ले कर आ जाना.”
“पर मैडम सुरभि के कौन से कपडे लाने है वो तो वोही बता सकेगी न.”
“अरे तुम उससे फ़ोन पर बात कर लेना इनमे से कोई भी उठ गया तो मैं उसे बता दूंगी. पर सुरभि घर नहीं जायेगी. आज कीर्ति और दृष्टि के साथ सुरभि और सुष्मिता को भी रहना है उसे अच्छे से तैयार करने की जिम्मेदारी भी उसकी है और दिन में हल्दी वाले फंक्शन में भी ये दोनों लेडीज मुझे चाहिए.”
“ओह ठीक है मैडम मैं घर जा कर आता हूँ. अगर सुरभि उठ जाए तो उसे बोल दीजियेगा की मुझे कॉल कर ले.”
“हाँ ठीक है .. और सुनो तुम भी जल्दी आ जाना तुम्हे भी अपने सारे काम कोआर्डिनेट करने है.”
“यस मैडम sure .” विजय असमंजस सी स्थिति में वहां से अपनी गाडी में घर की ओर निकल गया. वो लोग कल ही आये थे पर उसे ऐसा लग रहा था की वो न जाने कितने दिनों से सुरभि से नहीं मिला था. उसे बार बार सुरभि की नाराजगी की फिकर हो रही थी. कैसे उसने सुरभि को
अजनबी लोगों के बीच अकेला छोड़ दिया था.
“उसे जब पता चलेगा की मैं अकेला घर आ गया हूँ तो और गुस्सा हो जाएगी , वो घर आ जाती तो रेस्ट कर लेती और फिर आराम से फ्रेश हो कर तैयार हो कर सीधे शाम को शादी में आती. पर अब उसे मिसेज रहेजा के अंडर में ही रहना पड़ेगा. अरे में उनका एम्प्लोयी हूँ सुरभि थोड़ी है. क्या करूँ एक बार और कॉल करके देखता हूँ.” विजय को सुरभि की बहुत चिंता हो रही थी इसलिए वो गाडी चलाते हुए ही एक बार और सुरभि के मोबाइल पर कॉल लगा देता है.
विजय का रिंग एक बार और देख कर सुरभि का चेहरा फिर सफ़ेद पड़ जाता है. पर तभी वो देखती है की मिसेज रहेजा सामने आती है और उसे फ़ोन उठाने का इशारा करती है.
“हेल्लो..”
“अरे सुरभि कहा हो तुम मैं तुम्हे कब से ढूँढ रहा था.”
“अच्छा आप कहाँ हो.?” सुरभि ने पुछा
“अरे सुरभि आई ऍम सॉरी, वो मिसेज रहेजा ने मुझे जबरदस्ती घर भेज दिया मैं हमारे कपडे लेने घर जा रहा हूँ.
“ओह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह .” सुरभि कराही
“क्या हुआ?”
“कुछ नहीं अह्ह्हह्ह्ह्हह्ह.” फिर से उसके मुह से आह निकल पड़ी
“सुरभि क्या हुआ ठीक तो हो.”
“म्मम्म हां अआप आःह्ह घर पहुच कर फ़ोन करना अह्ह्ह्ह मेरे पैर में दर्द हो रहा है अह्ह्ह्ह.”
“वो तो होगा ही न कितना डांस किया था तुमने कल.. कोई लोशन लगा लेना ठीक हो जायेगा मैं घर पहुच कर कॉल करता हूँ.”
“ओके..अह्ह्ह्हह्ह.” सुरभि ने कॉल जल्दी से बंद किया क्योंकि वो मिस्टर एंड मिसेज रहेजा के बेड पर नंगी पड़ी हुई थी और रहेजा पीछे से उसकी चूत को चाट रहा था. बीचबीच में वो अपनी ऊँगली से उसकी वर्जिन गांड में घुसने की भी कोशिश कर रहा था जिससे उसके मुह से मादक कराह निकल रही थी.