29-07-2020, 12:51 PM
दृष्टि ने एक बार उसकी देखा और गहरी सांस ले कर सुष्मिता के फैली टांगों के बीच घुटनों के बाल बैठ गयी और धीरे धीरे उसने उसकी गुलाबी चूत को चाटना शुरू किया. जैसे ही उसका पहला स्पर्श हुआ सुष्मिता की टांगों ने हलकी सी हरकत की . दृष्टि थोडा रुक गयी और मामा भी अलर्ट हो गया पर फिर जब वो फिर से स्थिर हो गयी तो दृष्टि ने फिर चाटना शुरू कर दिया सुष्मिता की जांघ पर पड़ा हाथ अपने आप दृष्टि के सर पर आ गया मानो कह रहा हो ‘ और चाटो ,,,, और चाटो .’
मामा ने फिर से विडियो लेना शुरू कर दिया. सुष्मिता नींद में ही आनंद के गोते लगाने लगी और अपनी गांड उठा कर दृष्टि की जीब को अपने अन्दर लेने की कोशिश करने लगी
“आह्ह्ह फक्क मी ...अह्ह्ह फ़क मी प्लीज ...... मामा ने बड़े क्लोज में उसकी ये बात रिकॉर्ड की और जब उसने देखा की वो पूरी तरह गरमा चुकी है उसने बाल पकड़ कर दृष्टि को वह से उठाया और ख़ुद सुष्मिता की टांगों के बीच आ गया. उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी.
अभी फोर प्ले का वक़्त नहीं था इसलिए मामा ने तुरंत अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत पर सटाया और फिर आगे की ओर झुक कर एक ही शॉट में अपना लंड घुसाने की कोशिश की. पर उसकी चूत तो दृष्टि से भी ज्यादा टाइट थी इस लिए उसका लंड थोडा ही अन्दर जा पाया और सुष्मिता की आँख खुल गयी. इससे पहले की वो कुछ रियेक्ट करती या चिल्लाती मामा ने अपने होठ से उसके होठों को सील कर दिया. लेकिन सुष्मिता को अब ज्ञात हो चुका था की उसकी चूत में घुसता हुआ लंड मामाजी का है. इस लिए वो अपने चेहरे को इधर उधर करना की चेष्टा करने लगी और हाथ पैर मारने लगी मामाजी का साइड में पड़ा मोबाइल दृष्टि ने उठा लिया और अभी थोड़ी देर पहले रिकॉर्ड किया गया विडियो ऑन करके दृष्टि सुष्मिता के पास बैठ गयी और उसने वो विडियो उसकी आँखों के सामने कर दिया. सुष्मिता ने देखा वीडियो में वो ‘फ़क मी फ़क मी बोल रही है’, वो अवाक सी विडियो को देख ही रही थी की मामाजी ने अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया. उन्होंने उसके होठों से अपने होठ भी हटा लिए थे इसलिए उसके मुह से एक कराह निकल पड़ी
“आःह...”
“दीदी आपकी हालत अंकल से देखि नहीं गयी इसलिए मैंने इन्हें बुलाया .”
सुष्मिता की हालत बहुत अजीब थी , चूत में लंड पूरा प्रवेश कर चुका था खलबली मच चुकी थी बस वो आदमी जो लंड घुसाए उसके ऊपर पड़ा था वो उसे पसंद नहीं था. पर उसकी चूत को तो वो लंड भा गया था इसलिए तो वो ऐसी फुदक रही थी की उसने सुष्मिता को भी मजबूर कर दिया की उसने एक बार अपनी गांड उसे और अन्दर लेने के लिए उठा ही दी. सुष्मिता ये भी असंमंजस में थी की ये दृष्टि कैसे बेशर्मी से उसके सामने खड़ी थी. पर उसके ख्यालों की श्रृंखला टूट गयी जब उसे लंड बाहर की तरफ जाता महसूस हुआ.
‘ओह माय गॉड कितना बड़ा है ये तो... अब इसे ये बाहर क्यों निकल रहे है.” वो सोच ही रही थी की फिर से
”आह्ह्ह्हह्ह “ उसके मुह से निकल गयी जब मामा ने पुरे जोर से एक ही बार में उसके गर्भाशय तक अपना लौड़ा ठूंस दिया. मामा को नीचे से उठती हुई गांड से ये आभास हो गया की अब उन्हें उसके विरोध का कोई खतरा नहीं है. फिर भी उन्होंने एहतियात बरतते हुए उसे प्यार से चोदना शुरू किया. उन्हें तब और मजा आने लगा जब उन्हें सुष्मिता उनकी ताल से ताल मिलाती हुई महसूस हुई.
उन्होंने फिर से उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और अपनी जीभ उसके मुह के अन्दर ठूंस दी. सुष्मिता को चुदाई में मजा आने लगा था पर मामाजी के एहतियात के कारण उसे चुदाई बहुत धीमी लग रही थी. उसने उत्तेजना में उनकी जीभ को अपने होठों से कस लिया और जोर जोर से चूसने लगी. उसकी ये वाइल्ड हरकत देखकर कर ख़ुद बा ख़ुद मामाजी की चुदाई की स्पीड बड गयी और वो द्रुत गति से उसे चोदने लगे. दृष्टि को उनकी चुदाई देख कर मजा आने लगा वो भी अपनी चूत पर ऊँगली फिराने लगी. चूँकि मामाजी दो बार पहले चुदाई कर चुके थे इसलिए उनका प्रोग्राम जल्दी ख़तम होने वाला नहीं था. दृष्टि सोच रही थी की इस लम्बी चुदाई की हकदार तो वो थी पर इसका मौका ख़ुद उसने अपने हाथों से इस रंडी के हवाले कर दिया था. सुष्मिता के एक बार ओर्गास्म हो चुका था पर मामा की स्पीड चुदाई से वो अपने दुसरे ओर्गास्म को पाने की तयारी कर रही थी. उसकी गांड उछल उछल कर मामाजी के लंड को लील रही थी. जो आदमी कुछ घंटे पहले उसको बिलकुल पसंद नहीं आ रहा था वो उससे बड़े मजे से चुदवा रही थी. मामाजी ने उसके कुर्ते को भी पूरा गर्दन तक चड़ा दिया था और बीच बीच में उसके टाइट बूब्स पर दांत गडा रहा था. वो अपनी किस्मत पर आज बहुत इतरा रहा था की उसे एक अविवाहित लड़की और एक जस्ट शादी शुदा युवती एक ही रात में चोदने को मिल गयी. वो हैरान इस बात से था की शादीशुदा होते हुए भी उसकी चूत द्रष्टि से ज्यादा टाइट और मजेदार थी.
“आह्ह्ह्ह सुष्मिता बहुत मजेदार है तुम्हारी चूत आनंद आ गया अह्ह्ह्हह क्या टाइट चूत है... अह्ह्ह्हह्ह्हह्ह्ह्हह ले ले आह्ह्ह्ह “ मामा अब अपने चरम पर पहुच रहा था, सुष्मिता भी एक ही बार में अपने दुसरे ओर्गास्म को प्राप्त करने वाली थी जो की उसके लिए पहला अनुभव था. इस चुदाई से उसकी मामा के प्रति सारी नफरत ख़तम हो चुकी थी और वो उससे फ्यूचर में भी चुदाई के प्लान सोचने लगी थी.
“आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह “ करते हुए मामाजी ने अपना द्रव्य उसकी योनी में छोड़ना शुरु कर दिया. सुष्मिता की बॉडी भी झटके लेने लगी इससे मामा को पता चल गया की वो भी झड रही है दोनों चुदाई पूरी होने के बाद काफी देर तक साँसे थमने का इन्तजार करते रही और नार्मल होने के बात ही उन लोगो का ध्यान दृष्टि की तरफ गया जिसने की अपनी ऊँगली से ही उस रात का अपना तीसरा ओर्गास्म प्राप्त कर लिया था.
मामा ने फिर से विडियो लेना शुरू कर दिया. सुष्मिता नींद में ही आनंद के गोते लगाने लगी और अपनी गांड उठा कर दृष्टि की जीब को अपने अन्दर लेने की कोशिश करने लगी
“आह्ह्ह फक्क मी ...अह्ह्ह फ़क मी प्लीज ...... मामा ने बड़े क्लोज में उसकी ये बात रिकॉर्ड की और जब उसने देखा की वो पूरी तरह गरमा चुकी है उसने बाल पकड़ कर दृष्टि को वह से उठाया और ख़ुद सुष्मिता की टांगों के बीच आ गया. उसकी चूत पूरी तरह से गीली थी.
अभी फोर प्ले का वक़्त नहीं था इसलिए मामा ने तुरंत अपने लंड का सुपाडा उसकी चूत पर सटाया और फिर आगे की ओर झुक कर एक ही शॉट में अपना लंड घुसाने की कोशिश की. पर उसकी चूत तो दृष्टि से भी ज्यादा टाइट थी इस लिए उसका लंड थोडा ही अन्दर जा पाया और सुष्मिता की आँख खुल गयी. इससे पहले की वो कुछ रियेक्ट करती या चिल्लाती मामा ने अपने होठ से उसके होठों को सील कर दिया. लेकिन सुष्मिता को अब ज्ञात हो चुका था की उसकी चूत में घुसता हुआ लंड मामाजी का है. इस लिए वो अपने चेहरे को इधर उधर करना की चेष्टा करने लगी और हाथ पैर मारने लगी मामाजी का साइड में पड़ा मोबाइल दृष्टि ने उठा लिया और अभी थोड़ी देर पहले रिकॉर्ड किया गया विडियो ऑन करके दृष्टि सुष्मिता के पास बैठ गयी और उसने वो विडियो उसकी आँखों के सामने कर दिया. सुष्मिता ने देखा वीडियो में वो ‘फ़क मी फ़क मी बोल रही है’, वो अवाक सी विडियो को देख ही रही थी की मामाजी ने अपना पूरा लंड उसकी चूत में पेल दिया. उन्होंने उसके होठों से अपने होठ भी हटा लिए थे इसलिए उसके मुह से एक कराह निकल पड़ी
“आःह...”
“दीदी आपकी हालत अंकल से देखि नहीं गयी इसलिए मैंने इन्हें बुलाया .”
सुष्मिता की हालत बहुत अजीब थी , चूत में लंड पूरा प्रवेश कर चुका था खलबली मच चुकी थी बस वो आदमी जो लंड घुसाए उसके ऊपर पड़ा था वो उसे पसंद नहीं था. पर उसकी चूत को तो वो लंड भा गया था इसलिए तो वो ऐसी फुदक रही थी की उसने सुष्मिता को भी मजबूर कर दिया की उसने एक बार अपनी गांड उसे और अन्दर लेने के लिए उठा ही दी. सुष्मिता ये भी असंमंजस में थी की ये दृष्टि कैसे बेशर्मी से उसके सामने खड़ी थी. पर उसके ख्यालों की श्रृंखला टूट गयी जब उसे लंड बाहर की तरफ जाता महसूस हुआ.
‘ओह माय गॉड कितना बड़ा है ये तो... अब इसे ये बाहर क्यों निकल रहे है.” वो सोच ही रही थी की फिर से
”आह्ह्ह्हह्ह “ उसके मुह से निकल गयी जब मामा ने पुरे जोर से एक ही बार में उसके गर्भाशय तक अपना लौड़ा ठूंस दिया. मामा को नीचे से उठती हुई गांड से ये आभास हो गया की अब उन्हें उसके विरोध का कोई खतरा नहीं है. फिर भी उन्होंने एहतियात बरतते हुए उसे प्यार से चोदना शुरू किया. उन्हें तब और मजा आने लगा जब उन्हें सुष्मिता उनकी ताल से ताल मिलाती हुई महसूस हुई.
उन्होंने फिर से उसके होठों पर अपने होठ रख दिए और अपनी जीभ उसके मुह के अन्दर ठूंस दी. सुष्मिता को चुदाई में मजा आने लगा था पर मामाजी के एहतियात के कारण उसे चुदाई बहुत धीमी लग रही थी. उसने उत्तेजना में उनकी जीभ को अपने होठों से कस लिया और जोर जोर से चूसने लगी. उसकी ये वाइल्ड हरकत देखकर कर ख़ुद बा ख़ुद मामाजी की चुदाई की स्पीड बड गयी और वो द्रुत गति से उसे चोदने लगे. दृष्टि को उनकी चुदाई देख कर मजा आने लगा वो भी अपनी चूत पर ऊँगली फिराने लगी. चूँकि मामाजी दो बार पहले चुदाई कर चुके थे इसलिए उनका प्रोग्राम जल्दी ख़तम होने वाला नहीं था. दृष्टि सोच रही थी की इस लम्बी चुदाई की हकदार तो वो थी पर इसका मौका ख़ुद उसने अपने हाथों से इस रंडी के हवाले कर दिया था. सुष्मिता के एक बार ओर्गास्म हो चुका था पर मामा की स्पीड चुदाई से वो अपने दुसरे ओर्गास्म को पाने की तयारी कर रही थी. उसकी गांड उछल उछल कर मामाजी के लंड को लील रही थी. जो आदमी कुछ घंटे पहले उसको बिलकुल पसंद नहीं आ रहा था वो उससे बड़े मजे से चुदवा रही थी. मामाजी ने उसके कुर्ते को भी पूरा गर्दन तक चड़ा दिया था और बीच बीच में उसके टाइट बूब्स पर दांत गडा रहा था. वो अपनी किस्मत पर आज बहुत इतरा रहा था की उसे एक अविवाहित लड़की और एक जस्ट शादी शुदा युवती एक ही रात में चोदने को मिल गयी. वो हैरान इस बात से था की शादीशुदा होते हुए भी उसकी चूत द्रष्टि से ज्यादा टाइट और मजेदार थी.
“आह्ह्ह्ह सुष्मिता बहुत मजेदार है तुम्हारी चूत आनंद आ गया अह्ह्ह्हह क्या टाइट चूत है... अह्ह्ह्हह्ह्हह्ह्ह्हह ले ले आह्ह्ह्ह “ मामा अब अपने चरम पर पहुच रहा था, सुष्मिता भी एक ही बार में अपने दुसरे ओर्गास्म को प्राप्त करने वाली थी जो की उसके लिए पहला अनुभव था. इस चुदाई से उसकी मामा के प्रति सारी नफरत ख़तम हो चुकी थी और वो उससे फ्यूचर में भी चुदाई के प्लान सोचने लगी थी.
“आःह्ह्ह अह्ह्ह्हह्ह “ करते हुए मामाजी ने अपना द्रव्य उसकी योनी में छोड़ना शुरु कर दिया. सुष्मिता की बॉडी भी झटके लेने लगी इससे मामा को पता चल गया की वो भी झड रही है दोनों चुदाई पूरी होने के बाद काफी देर तक साँसे थमने का इन्तजार करते रही और नार्मल होने के बात ही उन लोगो का ध्यान दृष्टि की तरफ गया जिसने की अपनी ऊँगली से ही उस रात का अपना तीसरा ओर्गास्म प्राप्त कर लिया था.