29-07-2020, 12:37 PM
डिनर के बाद मिसेज रहेजा ने सबको सोने की जगह बताई. मामाजी और विजय को गेस्ट रूम में, मिस्टर एंड मिसेज मुख़र्जी को दुसरे गेस्ट रूम में. कीर्ति, दृष्टि, सुष्मिता और सुरभि इन चारों को कीर्ति के बेडरूम में क्योंकि उसमें काफी जगह थी क्योंकि कीर्ति अपनी कई फ्रेंड्स के साथ उसमे पार्टी करती रहती थी. इसके अलावा मिस्टर और मिसेज रहेजा अपने ही बेडरूम में सोने वाले थे.
“ये बुजुर्ग लोग बुढ़ापे में भी अलग नहीं सो सकते क्या.” सुरभि ने सुष्मिता के कान में कहा और दोनों जोर जोर से हसने लगी. जाहिर था दोनों को शराब का असर हो गया था. विजय ने आँख दिखा कर उसे चुप करने की कोशिश की पर सुरभि पर उसका कोई असर नहीं हुआ. वे सभी लोग अपने अपने रूम्स की तरफ जो की फर्स्ट फ्लोर पर थे चल पडे. दृष्टि, कीर्ति, सुष्मिता और सुरभि अपने रूम में आ गए सुरभि उस रूम को देख कर इम्प्रेस हो गयी जिसमें सभी तरह के आधुनिक गैजेट लगे हुए थे अटैच बाथरूम भी बेहद शानदार था.
कीर्ति और दृष्टि ने डबल बेड पर जगह बना ली सुष्मिता और सुरभि ने एक एक काउच पर जगह ले ली. सुरभि को अपनी साड़ी चेंज करनी थी. मिसेज रहेजा उसको अपना गाउन देने वाली थी पर शायद वो भूल गयी थी. उधर मामाजी और विजय अनमने मन से अपने रूम में गए. मामा ने रूम में जाते वक़्त भी दृष्टि को आँख मार कर इशारा किया था पर पता नहीं दृष्टि कुछ करेगी या नहीं. रूम पर पहुच कर उसने एक वाइन की बोतल अपनी जेब से निकाली. विजय को पहले ही काफी नशा था पर मामा ने उसे जबरदस्ती एक घूँट और मारने पर मजबूर कर दिया. नीट घूँट ने विजय के अन्दर हाहाकार मचा दिया और उसका पहले से नशे में चूर सर घूमने लगा. वो धीरे से बिस्तर पर लेटा और एक मिनट के अन्दर उसके खर्राटे से कमरा गूंजने लगा. मामा उसको देख कर मुस्कुराया क्योंकि अगर दृष्टि के साथ चांस मिलता है तो उसमे विजय का सोना बहुत जरूरी था.
मुखर्जी काफी देर में बाथरूम से निकल कर बेड पर आया तो मिसेज मुखर्जी ने पुछा
“इतनी देर कैसे लगा दी..”
“अरे वो whatsapp भी चेक कर रहा था सुबह से कोई मेसेज नहीं देखे थे.”
“वो तो बाहर आ कर भी देख सकते थे.
“अरे अन्दर एक मेसेज आ गया था, उसे चेक करते करते दुसरे भी चेक करने लगा बस.”
जबकि असलियत ये थी की वो अपनी बहु की पेंटी नाक से लगाये उसके साथ किये डांस को याद करते हुए मुठ मार कर आया था. अब इस उम्र में कोई काम जल्दी नहीं होता इसलिए उसे देर लगी थी.
उधर कीर्ति के रूम में इण्टरकॉम की घंटी बजी उसने उठाया और सुरभि को आवाज लगायी
“सुरभि दी ..मम्मी आपसे बात करना चाहती है.” सुरभि खुश हो गयी शायद मिसेज रहेजा को याद आ गया था की मुझे कपडे देने है.
“हेल्लो हाँ मैडम .. ओह पर मुझे ..रूम ... ओह अच्छा ठीक है ओके.” उसने फ़ोन रख दिया.
“क्या हुआ ?” कीर्ति ने पुछा
“मैडम ने अपने रूम में बुलाया है.”
“ओके इधर से लेफ्ट अगला रूम छोड़ कर उसके बाद वाला बेडरूम उनका है.” कीर्ति बोली
“ओके “ बोल कर सुरभि ने सुष्मिता की तरफ देखा जो की नशे की खुमारी में सो चुकी थी उसका घाघरा इसकी जांघ पर काफी ऊपर उठ चुका था बस एक इंच और ..और उसकी चूत के दर्शन हो जाते . मुस्कराती हुई वो बाहर निकल गयी. रहेजा कपल के बेडरूम के बाहर उसने नॉक किया तो अन्दर से मिसेज रहेजा की आवाज आई
“कम इन दरवाजा खुला है.” सुरभि ने पुश करके दरवाजा खोला और उस शानदार बेडरूम में दाखिल हो गयी. बेडरूम में काफी डिम लाइट जल रही थी पर एक किंग साइज़ बेड पर मिसेज रहेजा लिहाफ ओढे लेती थी. सुरभि को यह देख कर आश्चर्य हुआ की मिस्टर रहेजा बेड से अलग एक शानदार काउच पर सो रहा था उसने भी एक लिहाफ ओड़ा हुआ था जो की उसके पेट को कवर किये हुए था उसकी छाती से ऊपर का भाग बाहर था जिससे ये पता चल रहा था की उसने कोई टॉप वस्त्र नहीं पहना है उसकी छाती पर काफी घने बाल थे पर वो गहरी नींद में सो रहा था. शायद आज दिन भर की थकान ने उसे निढाल कर दिया था. मिसेज रहेजा के बेड के ऊपर एक लैंप जल रहा था जिस की रौशनी में वो डायरी में कुछ लिख रही थी.
“सुरभि गेट अन्दर से बंद कर दो प्लीज.” सुन कर सुरभि को अजीब लगा पर वो बिना कुछ बोले दरवाजा बंद करके उनके पास आ गयी. साइड टेबल पर एक गाउन पड़ा था. मिसेज रहेजा बोली
“सुरभि ये गाउन पहन लो और अपनी साड़ी और पेटीकोट बाथरूम में हैंग कर दो. सुरभि ने देखा की वहां सिर्फ एक गाउन था और कोई अंडर गारमेंट्स नहीं थे. पर उसकी हिम्मत नहीं थी की वो उनसे कुछ पूछ सके. उसने गाउन लिया और अटैच्ड बाथरूम में चली गयी.
“ये बुजुर्ग लोग बुढ़ापे में भी अलग नहीं सो सकते क्या.” सुरभि ने सुष्मिता के कान में कहा और दोनों जोर जोर से हसने लगी. जाहिर था दोनों को शराब का असर हो गया था. विजय ने आँख दिखा कर उसे चुप करने की कोशिश की पर सुरभि पर उसका कोई असर नहीं हुआ. वे सभी लोग अपने अपने रूम्स की तरफ जो की फर्स्ट फ्लोर पर थे चल पडे. दृष्टि, कीर्ति, सुष्मिता और सुरभि अपने रूम में आ गए सुरभि उस रूम को देख कर इम्प्रेस हो गयी जिसमें सभी तरह के आधुनिक गैजेट लगे हुए थे अटैच बाथरूम भी बेहद शानदार था.
कीर्ति और दृष्टि ने डबल बेड पर जगह बना ली सुष्मिता और सुरभि ने एक एक काउच पर जगह ले ली. सुरभि को अपनी साड़ी चेंज करनी थी. मिसेज रहेजा उसको अपना गाउन देने वाली थी पर शायद वो भूल गयी थी. उधर मामाजी और विजय अनमने मन से अपने रूम में गए. मामा ने रूम में जाते वक़्त भी दृष्टि को आँख मार कर इशारा किया था पर पता नहीं दृष्टि कुछ करेगी या नहीं. रूम पर पहुच कर उसने एक वाइन की बोतल अपनी जेब से निकाली. विजय को पहले ही काफी नशा था पर मामा ने उसे जबरदस्ती एक घूँट और मारने पर मजबूर कर दिया. नीट घूँट ने विजय के अन्दर हाहाकार मचा दिया और उसका पहले से नशे में चूर सर घूमने लगा. वो धीरे से बिस्तर पर लेटा और एक मिनट के अन्दर उसके खर्राटे से कमरा गूंजने लगा. मामा उसको देख कर मुस्कुराया क्योंकि अगर दृष्टि के साथ चांस मिलता है तो उसमे विजय का सोना बहुत जरूरी था.
मुखर्जी काफी देर में बाथरूम से निकल कर बेड पर आया तो मिसेज मुखर्जी ने पुछा
“इतनी देर कैसे लगा दी..”
“अरे वो whatsapp भी चेक कर रहा था सुबह से कोई मेसेज नहीं देखे थे.”
“वो तो बाहर आ कर भी देख सकते थे.
“अरे अन्दर एक मेसेज आ गया था, उसे चेक करते करते दुसरे भी चेक करने लगा बस.”
जबकि असलियत ये थी की वो अपनी बहु की पेंटी नाक से लगाये उसके साथ किये डांस को याद करते हुए मुठ मार कर आया था. अब इस उम्र में कोई काम जल्दी नहीं होता इसलिए उसे देर लगी थी.
उधर कीर्ति के रूम में इण्टरकॉम की घंटी बजी उसने उठाया और सुरभि को आवाज लगायी
“सुरभि दी ..मम्मी आपसे बात करना चाहती है.” सुरभि खुश हो गयी शायद मिसेज रहेजा को याद आ गया था की मुझे कपडे देने है.
“हेल्लो हाँ मैडम .. ओह पर मुझे ..रूम ... ओह अच्छा ठीक है ओके.” उसने फ़ोन रख दिया.
“क्या हुआ ?” कीर्ति ने पुछा
“मैडम ने अपने रूम में बुलाया है.”
“ओके इधर से लेफ्ट अगला रूम छोड़ कर उसके बाद वाला बेडरूम उनका है.” कीर्ति बोली
“ओके “ बोल कर सुरभि ने सुष्मिता की तरफ देखा जो की नशे की खुमारी में सो चुकी थी उसका घाघरा इसकी जांघ पर काफी ऊपर उठ चुका था बस एक इंच और ..और उसकी चूत के दर्शन हो जाते . मुस्कराती हुई वो बाहर निकल गयी. रहेजा कपल के बेडरूम के बाहर उसने नॉक किया तो अन्दर से मिसेज रहेजा की आवाज आई
“कम इन दरवाजा खुला है.” सुरभि ने पुश करके दरवाजा खोला और उस शानदार बेडरूम में दाखिल हो गयी. बेडरूम में काफी डिम लाइट जल रही थी पर एक किंग साइज़ बेड पर मिसेज रहेजा लिहाफ ओढे लेती थी. सुरभि को यह देख कर आश्चर्य हुआ की मिस्टर रहेजा बेड से अलग एक शानदार काउच पर सो रहा था उसने भी एक लिहाफ ओड़ा हुआ था जो की उसके पेट को कवर किये हुए था उसकी छाती से ऊपर का भाग बाहर था जिससे ये पता चल रहा था की उसने कोई टॉप वस्त्र नहीं पहना है उसकी छाती पर काफी घने बाल थे पर वो गहरी नींद में सो रहा था. शायद आज दिन भर की थकान ने उसे निढाल कर दिया था. मिसेज रहेजा के बेड के ऊपर एक लैंप जल रहा था जिस की रौशनी में वो डायरी में कुछ लिख रही थी.
“सुरभि गेट अन्दर से बंद कर दो प्लीज.” सुन कर सुरभि को अजीब लगा पर वो बिना कुछ बोले दरवाजा बंद करके उनके पास आ गयी. साइड टेबल पर एक गाउन पड़ा था. मिसेज रहेजा बोली
“सुरभि ये गाउन पहन लो और अपनी साड़ी और पेटीकोट बाथरूम में हैंग कर दो. सुरभि ने देखा की वहां सिर्फ एक गाउन था और कोई अंडर गारमेंट्स नहीं थे. पर उसकी हिम्मत नहीं थी की वो उनसे कुछ पूछ सके. उसने गाउन लिया और अटैच्ड बाथरूम में चली गयी.