29-07-2020, 12:33 PM
मामा ने दृष्टि को ऐसे बाँहों में भर लिया जैसे कोई बाज अपने शिकार को भरता है. दृष्टि कोई सीधी साधी बच्ची नहीं थी वो कीर्ति की बेस्ट फ्रेंड थी और बहुत सारी मस्ती वो लोग एक साथ और अपने कॉलेज के कई दोस्तों के साथ कर चुकें थे. ये पार्टी तो उन्हें बड़ी धार्मिक लग रही थी क्योंकि बहुत से सीक्रेट रेव पार्टियों में वो लोग शिरकत कर चुके थे और सेक्स का मजा कई बार ले चुके थे. मामा के लंड का दबाव दृष्टि अपनी चूत पर महसूस कर रही थी. उसने अपनी डांस ड्रेस चेंज कर ली थी और अब वो कीर्ति के एक इवनिंग गाउन में थी. मामा तो शाम से ड्रिंक ले रहा था पर था वो पूरा टंकी इसलिए अभी भी पुरे होश ओ हवास में था.
“बेबी फिगर तो मस्त है तेरी बिलकुल मेरी कीर्ति के जैसी.”
“मामाजी हम दोनों साथ में ही जिम जाती है.” दृष्टि गर्व से बोली.
“हम्म तभी... और क्या क्या करती हो साथ में.. बॉय फ्रेंड के साथ मस्ती भी करती होंगी.”
“अरे मामाजी वो सब तो नार्मल है आजकल.” दृष्टि उसे चिडाते हुए बोली. मामाजी ने उसकी गांड पर हाथ रख कर दबाते हुए कहा
“अच्छा तो एब्नार्मल में क्या क्या करती हो.” कहते हुए उन्होंने आँख मारी.
“अरे मामाजी आप तो बड़े नॉटी हो रहे हो. मामीजी को कहा छोड़ दिया है आपने.”
“अरे वो कल सुबह आएगी फिर तो मेरे ऊपर कैमरा लग जाएगा .. ऐसा करना आज तुम मेरे पास सोने आ जाना बातें करेंगे.” मामाजी ने फिर से उसकी गांड दबाई. दृष्टि जानती थी की ये मामा कीर्ति के साथ भी ऐसे ही करता है और उसे भी इससे कोई परहेज नहीं था.
“पता नहीं मामाजी कीर्ति आने नहीं देगी मुझे”
“अरे उसे भी ले आना या मुहे बुला लेना अपने रूम में. मामा ने अपने खड़े लंड का दबाब उसकी चूत पर देते हुए कहा. तभी मामाजी के कंधे पर किसी ने हाथ रखा वो विजय था मामाजी ने अनमने मन से दृष्टि को छोड़ा और इधर उधर देखने लगा. विजय फ्री हुआ था क्योंकि रहेजा ने आकर सुरभि को पकड़ा था उधर कीर्ति अब मिसेज मुखेर्जी के साथ नाच रही थी जबकि मिस्टर मुखर्जी ने अपनी बहु को बाँहों में ले लिया था. मामाजी के लिए अब कोई नहीं उनकी अपनी बहन मिसेज रहेजा बची थी. मामाजी ने मुस्कुरा कर उसे ही अपनी बाँहों में लिया और फिर से सब लोग एक दुसरे रोमांटिक गाने पर नाचने लगे. रहेजा ने सुरभि को बाँहों में भरते ही उसके पुरे शरीर पर सेक्सी अंदाज़ में बाहें फिराने लगा. सुरभि के शरीर पर एकदम से चीटियाँ रेंगने लगी. जबकि सुष्मिता के लिए ये पहला मौका था जब उसके ससुर ने उसको अपनी बाँहों में भरा था वो अभी भी अपनी डांस वाली ड्रेस घाघरा चोली में थी और इस बात से बहुत सकुचाई हुई थी की उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मुखर्जी भी ये जानता था और वो पेंटी अभी भी उसकी जेब में थी ये बात सुष्मिता को पता नहीं थी.
“खूब भालो नाची तुम सुशी..” सुष्मिता को सभी घर के लोग सुशी बुलाते थे.
“थैंक्स बाबा..” सुष्मिता अभी भी उनकी बाँहों में शर्मा रही थी.
मुखर्जी ने उसे थोडा और कस कर अपने नजदीक किया, क्योंकि वो जानते थे की ऐसा मौका शायद ही उन्हें दुबारा मिले.
“क्या बेटी आज शर्माना छोड़ो आज की पार्टी की थीम में इसकी कोई जगह नहीं है.”
“हाँ बाबा वो तो फिर भी आज जो भी हुआ..”
“अरे बेटी जो भी हुआ मैंने बहुत एन्जॉय किया. बहुत नाइस और सेक्सी डांस था तुम्हारा.” मुखर्जी ने उसे और खोलने के लिए कहा.
“थैंक्स बाबा अच्छा हुआ ये आज नहीं थे नहीं तो मैं ये डांस नहीं कर पाती.”
“हाँ वो तो है .. बेटा हमारा थोडा नैरो माइंडेड है पर हम लोग नहीं है न ?”
“हाँ बाबा आप और मम्मा तो बहुत स्वीट है.”
मुखेर्जी ने अपना हाथ लहंगे के बंधे नादे के पास उसकी नंगी कमर पर फिराना शुरू किया
“बेटी तुम्हारा आज का डांस देख कर सब लोग जल रहे थे की मुखेर्जी का बहु कितना सेक्सी और सुन्दर है तुमने हमे बहुत प्राउड फील कराया आज. वेल डन .” कह कर उन्होंने सुह्मिता के माथे को चूम लिया और बड़ी ही चालाकी से अपना हाथ उसकी गांड के ऊपर खिसका दिया.
उधर सुरभि भी रहेजा की बाँहों में आते ही उसकी हरकतों से बड़ी असहज महसूस कर रही थी. उसके रोंगटे खडे हो गए थे और रहेजा उसकी बिना ब्लाउज की नंगी पीठ और बाँहों को सहला रहा था.
“सुरभि डार्लिंग आज तुमने पार्टी में आ कर दिल खुश कर दिया. होप की कीर्ति की शादी के बाद भी तुम आती रहोगी.”
“हाँ सर क्यों नहीं.”
“बेबी फिगर तो मस्त है तेरी बिलकुल मेरी कीर्ति के जैसी.”
“मामाजी हम दोनों साथ में ही जिम जाती है.” दृष्टि गर्व से बोली.
“हम्म तभी... और क्या क्या करती हो साथ में.. बॉय फ्रेंड के साथ मस्ती भी करती होंगी.”
“अरे मामाजी वो सब तो नार्मल है आजकल.” दृष्टि उसे चिडाते हुए बोली. मामाजी ने उसकी गांड पर हाथ रख कर दबाते हुए कहा
“अच्छा तो एब्नार्मल में क्या क्या करती हो.” कहते हुए उन्होंने आँख मारी.
“अरे मामाजी आप तो बड़े नॉटी हो रहे हो. मामीजी को कहा छोड़ दिया है आपने.”
“अरे वो कल सुबह आएगी फिर तो मेरे ऊपर कैमरा लग जाएगा .. ऐसा करना आज तुम मेरे पास सोने आ जाना बातें करेंगे.” मामाजी ने फिर से उसकी गांड दबाई. दृष्टि जानती थी की ये मामा कीर्ति के साथ भी ऐसे ही करता है और उसे भी इससे कोई परहेज नहीं था.
“पता नहीं मामाजी कीर्ति आने नहीं देगी मुझे”
“अरे उसे भी ले आना या मुहे बुला लेना अपने रूम में. मामा ने अपने खड़े लंड का दबाब उसकी चूत पर देते हुए कहा. तभी मामाजी के कंधे पर किसी ने हाथ रखा वो विजय था मामाजी ने अनमने मन से दृष्टि को छोड़ा और इधर उधर देखने लगा. विजय फ्री हुआ था क्योंकि रहेजा ने आकर सुरभि को पकड़ा था उधर कीर्ति अब मिसेज मुखेर्जी के साथ नाच रही थी जबकि मिस्टर मुखर्जी ने अपनी बहु को बाँहों में ले लिया था. मामाजी के लिए अब कोई नहीं उनकी अपनी बहन मिसेज रहेजा बची थी. मामाजी ने मुस्कुरा कर उसे ही अपनी बाँहों में लिया और फिर से सब लोग एक दुसरे रोमांटिक गाने पर नाचने लगे. रहेजा ने सुरभि को बाँहों में भरते ही उसके पुरे शरीर पर सेक्सी अंदाज़ में बाहें फिराने लगा. सुरभि के शरीर पर एकदम से चीटियाँ रेंगने लगी. जबकि सुष्मिता के लिए ये पहला मौका था जब उसके ससुर ने उसको अपनी बाँहों में भरा था वो अभी भी अपनी डांस वाली ड्रेस घाघरा चोली में थी और इस बात से बहुत सकुचाई हुई थी की उसने पेंटी नहीं पहनी हुई थी. मुखर्जी भी ये जानता था और वो पेंटी अभी भी उसकी जेब में थी ये बात सुष्मिता को पता नहीं थी.
“खूब भालो नाची तुम सुशी..” सुष्मिता को सभी घर के लोग सुशी बुलाते थे.
“थैंक्स बाबा..” सुष्मिता अभी भी उनकी बाँहों में शर्मा रही थी.
मुखर्जी ने उसे थोडा और कस कर अपने नजदीक किया, क्योंकि वो जानते थे की ऐसा मौका शायद ही उन्हें दुबारा मिले.
“क्या बेटी आज शर्माना छोड़ो आज की पार्टी की थीम में इसकी कोई जगह नहीं है.”
“हाँ बाबा वो तो फिर भी आज जो भी हुआ..”
“अरे बेटी जो भी हुआ मैंने बहुत एन्जॉय किया. बहुत नाइस और सेक्सी डांस था तुम्हारा.” मुखर्जी ने उसे और खोलने के लिए कहा.
“थैंक्स बाबा अच्छा हुआ ये आज नहीं थे नहीं तो मैं ये डांस नहीं कर पाती.”
“हाँ वो तो है .. बेटा हमारा थोडा नैरो माइंडेड है पर हम लोग नहीं है न ?”
“हाँ बाबा आप और मम्मा तो बहुत स्वीट है.”
मुखेर्जी ने अपना हाथ लहंगे के बंधे नादे के पास उसकी नंगी कमर पर फिराना शुरू किया
“बेटी तुम्हारा आज का डांस देख कर सब लोग जल रहे थे की मुखेर्जी का बहु कितना सेक्सी और सुन्दर है तुमने हमे बहुत प्राउड फील कराया आज. वेल डन .” कह कर उन्होंने सुह्मिता के माथे को चूम लिया और बड़ी ही चालाकी से अपना हाथ उसकी गांड के ऊपर खिसका दिया.
उधर सुरभि भी रहेजा की बाँहों में आते ही उसकी हरकतों से बड़ी असहज महसूस कर रही थी. उसके रोंगटे खडे हो गए थे और रहेजा उसकी बिना ब्लाउज की नंगी पीठ और बाँहों को सहला रहा था.
“सुरभि डार्लिंग आज तुमने पार्टी में आ कर दिल खुश कर दिया. होप की कीर्ति की शादी के बाद भी तुम आती रहोगी.”
“हाँ सर क्यों नहीं.”