29-07-2020, 12:27 PM
साले रहेजा और मेरे जैसे बूढों का भी खड़ा कर दिया. हे हे हे. देख साला रहेजा को देख उसका मन तो ये कर रहा है की वहीँ स्टेज पर ही साली को आई मीन सॉरी मतलब आज रहेजा कुछ भी कर सकता है हे हे हे .” मुख़र्जी बोल रहा था और आसपास सभी उसकी बात सुन कर जोर जोर से हंस रहे थे. किसी को परवाह नहीं थी की विजय को कैसा लग रहा है. सभी ने देखा था विजय कैसे स्टेज पर चढ़ चढ़ कर दूसरों की बीवियों के ब्लाउज में नोट ठूंस रहा था.
“अरे रहेजा साहब नंगी करो साली को चोद डालो.” पीछे से आवाज आई तो सभी हँसे लगे . विजय ने गुस्से में पीछे देखा तो चुप रह गया ये तो सिक्युरिटी के आला अधिकारी कुलकर्णी थे. तभी एक और आवाज आई
“कुलकर्णी साहेब को चढ़ गयी है, लगता है.” सभी फिर जोर से हँसे. उधर रहेजा ने अपने कुर्ते की जेब से एक गड्डी और निकाली और दर्शकों को दिखाई ये आज की सबसे मोती गड्डी थी. उन्होंने अपनी मिसेज कानो में कुछ बोला और मिसेज रहेजा ने सुरभि के कानो में उसे दोहराया. सुरभि की आँखें फट गयी और वो न में सर हिलाने लगी. सभी मर्द इन्तजार में ताली बजाने लगे फिर एक ने बोलना शुरू किया
“पेंटी ... पेंटी ..” देखते ही देखते सभी मर्द और औरतें भी ताली बजाते हुए सुर में चिल्लाने लगे
“पेंटी पेंटी पेंटी पेंटी.” विजय असहाए सा अपनी बीवी का मान मर्दन होते हुए देख रहा था और सोच रहा था की कही इतनी बेईज्ज़ती के बाद सुरभि उससे रूठ कर न चली जाए या कही ख़ुदकुशी न कर ले ‘ ओह गॉड’ ये सोच कर उसके शरीर में झुरझुरी से दौड़ गयी. वो बेचारा क्या जानता है, की पिछले कुछ दिनों में उसकी इस भोली बीवी ने क्या क्या गुल खिलाये है.
रहेजा ने माइक हाथ में लेकर कहा
“अरे भाई नोटों की गड्डी का साइज़ तो देखो, सिर्फ पेंटी से काम नहीं चलेगा मुझे तो ब्लाउज भी चाहिए.”
तभी स्टेज पर दो और युवक आ गए ये दोनों वो ही थे जिनकी बीवियों के डांस के समय विजय ने उनके ब्लाउज में नोट ठूंसे थे और वो देखते रहे थे. ये बिलकुल जाहिर था की वो लोग विजय से हिसाब चुकता करने आये है. विजय ने जैसे ही उनको स्टेज पर चड़ते देखा वो टेंशन में आ गया. मुख़र्जी उसकी टेंशन कम करने के बजाय बडाये जा रहा था.
“विजय तूने इन दोनों की बीवियों के बोबे दबाये थे ना?”
“अरे नहीं अंकल मैंने तो बस उनको नोट दिए थे,”
“हा हा हा नोट दिए थे .. मैंने देखा था तूने कितने अन्दर तक हाथ घुसाया था. जब मैंने देखा था तो इन दोनों ने तो देखा ही होगा. हा हा हा. तेरे किये की सजा अब तेरी सेक्सी बीवी भुगतेगी लगता है.”
विजय क्या बोलता वो मुख़र्जी और दुसरे लोगों को उनके लंड मसलता हुआ देखता रहा अब तक लोगों ने काफी दारु पी ली थी और सब खुल कर बद्तमीजी पर आ चुके थे. विजय का लंड घबराहट के मारे बिलकुल मुरझा चुका था. वो चिंतित हो कर स्टेज की ओर देखने लगा.
दोनों युवकों को आता देख रहेजा ख़ुद ब ख़ुद थोडा पीछे हट गया और उनको सुरभि और मिसेज रहेजा के पास जाने दिया “छेदा में लबेदा” गाना लूप में चल रहा था इसलिए ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा था. दोनों युवक सुरभि के आगे पीछे नाचने लगे सुरभि उन दोनों को इतना करीब देख कर घबरा गयी और रुकने लगी पर मिसेज रहेजा ने उसे कान में कहा रुकना नहीं है पूरा रंडी नाच दिखाना है. सुन कर सुरभि ने नाचना जारी रखा और जैसे लोग बरात में एक दुसरे से मुकाबला करते हुए नाचते है वैसे ही सुरभि भी उन लोगो से कंधे से कंधे मिला कर नाचने लगी. लोग भी गाने के rythm के साथ ताली बजाने लगे और स्टेज पर मस्त डांस का खुशनुमा माहौल हो गया. वो दोनों सुरभि के आगे और पीछे लगभग चिपके हुए नाच रहे थे पर अभी तक उन्होंने और कोई बदतमीजी नहीं की थी सुरभि भी मस्त हो कर नाच रही थी उसका पल्लू नीचे गिरा तो उसने उसे कमर में कस लिया जिससे उसका हुस्न और कातिलाना हो गया क्योंकि उसका सेक्सी ब्लाउज केवल एक चौथाई बूब्स को ही कवर कर पा रहा था तीन चौथाई दूधिया चूंची उन दोनों के सामने आते ही उनकी लार टपकने लगी और उनके डांस में गजब की स्फूर्ति आ गयी. रहेजा और मिसेज रहेजा पीछे की ओर हट कर इस मदमस्त नज़ारे को देखने लगे. तभी उनमे से एक से रहा न गया और उसने सुरभि की गांड पकड़ कर अपनी और पुश कर लिया और बिलकुल चिपक कर नाचने लगा. दुसरे वाले को ये ज्यादा अच्छा न लगा पर वो पीछे ही मटकता रहा और पहले वाले को बोला
“यार विजय ने हमारी बीवियों के ब्लाउज में हाथ डाला था अब हमारी बारी है.” सुरभि को ये बात पता थी इसलिए वो शर्मा गयी चिपके हुए युवक ने सुरभि को छोड़ा और अपने पजामे में से कुछ नोट निकाले और सुरभि के ब्लाउज में डालने लगा. पीछे वाले युवक को लगा की सुरभि फ्री हो गयी है इसलिए उसने सुरभि को अपनी ओर घुमाना चाह. जैसे ही पहले युवक का हाथ सुरभि के ब्लाउज में घुसा ठीक उसी वक़्त दुसरे यूवक ने सूरभि को घुमा दिया जिससे तड़क की आवाज के साथ सुरभि के दो चार हुक जो किसी तरह उसके भारी बूब्स का बोझ झेल रहे थे वो आखिर टूट गए. पहले युवक के नोट उसके हाथ में ही रह गए और जब सुरभि पीछे की ओर घूमी तो उस युवक की आँखे फटी रह गयी जब उसकी हिलती हुई गोरी चूचियां तीखे भूरे तने हुए निप्पल्स के साथ उसकी आँखों के सामने थी ब्लाउज के दोनों पल्ले असहाय रूप से दोनों ओर झूल रहे थे. वो ही सीन रहेजा और उसकी मिसेज के सामने भी था पर ये दर्शकों का दुर्भाग्य था की इस वक़्त सुरभि की पीठ उनके सामने थी. हालाँकि ये सबको पता चल चुका था की सुरभि के ब्लाउज के साथ कुछ हो चुका है. मिसेज रहेजा तुरंत आगे आई और उन्होंने इस हादसे को भी एक इवेंट की तरह ट्रीट किया, गाने की धुन के साथ थिरकते हुए उन्होंने सुरभि के ब्लाउज को उसके शरीर से अलग कर दिया पर उसकी साड़ी के पल्लू से उसे कवर भी कर दिया अब सुरभि आदिवासी युवतियों की तरह बिना ब्लाउज के थी जिसमे से उसकी गोरी पीठ और नंगी बाहें मस्त नजर आ रही थी .
“अरे रहेजा साहब नंगी करो साली को चोद डालो.” पीछे से आवाज आई तो सभी हँसे लगे . विजय ने गुस्से में पीछे देखा तो चुप रह गया ये तो सिक्युरिटी के आला अधिकारी कुलकर्णी थे. तभी एक और आवाज आई
“कुलकर्णी साहेब को चढ़ गयी है, लगता है.” सभी फिर जोर से हँसे. उधर रहेजा ने अपने कुर्ते की जेब से एक गड्डी और निकाली और दर्शकों को दिखाई ये आज की सबसे मोती गड्डी थी. उन्होंने अपनी मिसेज कानो में कुछ बोला और मिसेज रहेजा ने सुरभि के कानो में उसे दोहराया. सुरभि की आँखें फट गयी और वो न में सर हिलाने लगी. सभी मर्द इन्तजार में ताली बजाने लगे फिर एक ने बोलना शुरू किया
“पेंटी ... पेंटी ..” देखते ही देखते सभी मर्द और औरतें भी ताली बजाते हुए सुर में चिल्लाने लगे
“पेंटी पेंटी पेंटी पेंटी.” विजय असहाए सा अपनी बीवी का मान मर्दन होते हुए देख रहा था और सोच रहा था की कही इतनी बेईज्ज़ती के बाद सुरभि उससे रूठ कर न चली जाए या कही ख़ुदकुशी न कर ले ‘ ओह गॉड’ ये सोच कर उसके शरीर में झुरझुरी से दौड़ गयी. वो बेचारा क्या जानता है, की पिछले कुछ दिनों में उसकी इस भोली बीवी ने क्या क्या गुल खिलाये है.
रहेजा ने माइक हाथ में लेकर कहा
“अरे भाई नोटों की गड्डी का साइज़ तो देखो, सिर्फ पेंटी से काम नहीं चलेगा मुझे तो ब्लाउज भी चाहिए.”
तभी स्टेज पर दो और युवक आ गए ये दोनों वो ही थे जिनकी बीवियों के डांस के समय विजय ने उनके ब्लाउज में नोट ठूंसे थे और वो देखते रहे थे. ये बिलकुल जाहिर था की वो लोग विजय से हिसाब चुकता करने आये है. विजय ने जैसे ही उनको स्टेज पर चड़ते देखा वो टेंशन में आ गया. मुख़र्जी उसकी टेंशन कम करने के बजाय बडाये जा रहा था.
“विजय तूने इन दोनों की बीवियों के बोबे दबाये थे ना?”
“अरे नहीं अंकल मैंने तो बस उनको नोट दिए थे,”
“हा हा हा नोट दिए थे .. मैंने देखा था तूने कितने अन्दर तक हाथ घुसाया था. जब मैंने देखा था तो इन दोनों ने तो देखा ही होगा. हा हा हा. तेरे किये की सजा अब तेरी सेक्सी बीवी भुगतेगी लगता है.”
विजय क्या बोलता वो मुख़र्जी और दुसरे लोगों को उनके लंड मसलता हुआ देखता रहा अब तक लोगों ने काफी दारु पी ली थी और सब खुल कर बद्तमीजी पर आ चुके थे. विजय का लंड घबराहट के मारे बिलकुल मुरझा चुका था. वो चिंतित हो कर स्टेज की ओर देखने लगा.
दोनों युवकों को आता देख रहेजा ख़ुद ब ख़ुद थोडा पीछे हट गया और उनको सुरभि और मिसेज रहेजा के पास जाने दिया “छेदा में लबेदा” गाना लूप में चल रहा था इसलिए ख़तम होने का नाम नहीं ले रहा था. दोनों युवक सुरभि के आगे पीछे नाचने लगे सुरभि उन दोनों को इतना करीब देख कर घबरा गयी और रुकने लगी पर मिसेज रहेजा ने उसे कान में कहा रुकना नहीं है पूरा रंडी नाच दिखाना है. सुन कर सुरभि ने नाचना जारी रखा और जैसे लोग बरात में एक दुसरे से मुकाबला करते हुए नाचते है वैसे ही सुरभि भी उन लोगो से कंधे से कंधे मिला कर नाचने लगी. लोग भी गाने के rythm के साथ ताली बजाने लगे और स्टेज पर मस्त डांस का खुशनुमा माहौल हो गया. वो दोनों सुरभि के आगे और पीछे लगभग चिपके हुए नाच रहे थे पर अभी तक उन्होंने और कोई बदतमीजी नहीं की थी सुरभि भी मस्त हो कर नाच रही थी उसका पल्लू नीचे गिरा तो उसने उसे कमर में कस लिया जिससे उसका हुस्न और कातिलाना हो गया क्योंकि उसका सेक्सी ब्लाउज केवल एक चौथाई बूब्स को ही कवर कर पा रहा था तीन चौथाई दूधिया चूंची उन दोनों के सामने आते ही उनकी लार टपकने लगी और उनके डांस में गजब की स्फूर्ति आ गयी. रहेजा और मिसेज रहेजा पीछे की ओर हट कर इस मदमस्त नज़ारे को देखने लगे. तभी उनमे से एक से रहा न गया और उसने सुरभि की गांड पकड़ कर अपनी और पुश कर लिया और बिलकुल चिपक कर नाचने लगा. दुसरे वाले को ये ज्यादा अच्छा न लगा पर वो पीछे ही मटकता रहा और पहले वाले को बोला
“यार विजय ने हमारी बीवियों के ब्लाउज में हाथ डाला था अब हमारी बारी है.” सुरभि को ये बात पता थी इसलिए वो शर्मा गयी चिपके हुए युवक ने सुरभि को छोड़ा और अपने पजामे में से कुछ नोट निकाले और सुरभि के ब्लाउज में डालने लगा. पीछे वाले युवक को लगा की सुरभि फ्री हो गयी है इसलिए उसने सुरभि को अपनी ओर घुमाना चाह. जैसे ही पहले युवक का हाथ सुरभि के ब्लाउज में घुसा ठीक उसी वक़्त दुसरे यूवक ने सूरभि को घुमा दिया जिससे तड़क की आवाज के साथ सुरभि के दो चार हुक जो किसी तरह उसके भारी बूब्स का बोझ झेल रहे थे वो आखिर टूट गए. पहले युवक के नोट उसके हाथ में ही रह गए और जब सुरभि पीछे की ओर घूमी तो उस युवक की आँखे फटी रह गयी जब उसकी हिलती हुई गोरी चूचियां तीखे भूरे तने हुए निप्पल्स के साथ उसकी आँखों के सामने थी ब्लाउज के दोनों पल्ले असहाय रूप से दोनों ओर झूल रहे थे. वो ही सीन रहेजा और उसकी मिसेज के सामने भी था पर ये दर्शकों का दुर्भाग्य था की इस वक़्त सुरभि की पीठ उनके सामने थी. हालाँकि ये सबको पता चल चुका था की सुरभि के ब्लाउज के साथ कुछ हो चुका है. मिसेज रहेजा तुरंत आगे आई और उन्होंने इस हादसे को भी एक इवेंट की तरह ट्रीट किया, गाने की धुन के साथ थिरकते हुए उन्होंने सुरभि के ब्लाउज को उसके शरीर से अलग कर दिया पर उसकी साड़ी के पल्लू से उसे कवर भी कर दिया अब सुरभि आदिवासी युवतियों की तरह बिना ब्लाउज के थी जिसमे से उसकी गोरी पीठ और नंगी बाहें मस्त नजर आ रही थी .